रफा-दफा करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

रफा-दफा करना मुहावरे का अर्थ rafa dafa karna muhavare ka arth – खत्म करना ।

दोस्तो जब दो लोगो के बिच में झगड़ा हो जाता है तो वे इस झगड़े का फैसला करवाने के लिए पहले पंचायत बैठाते थे मगर आज के समय में कोर्ट में जाते है जहां पर एक उचित फैसला सुनाया जाता है और जो झगड़ा होता है उसे खत्म कर दिया जाता है । ठिक ऐसे ही बहुत कुछ ऐसा होता है जिसका फैसला करते हुए उसे खत्म किया जाता है ।

तो यह जो खत्म करना शब्द है उसके लिए ही रफा दफा करना शब्द का प्रयोग किया जाता है जैसे की इस बात को रफा दफा करो । मतलब इस बात को खत्म करो । तो इस तरह से रफा दफा करना मुहावरे का अर्थ खत्म करना होता है । यहां पर खत्म करने का मतलब मार देने से नही है यह ध्यान रखना है ।

रफा-दफा करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

रफा दफा करना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग ||  rafa dafa karna use of idioms in sentences in Hindi

1.        बहुत हो गया अब बस इतना ही इस बात को रफा दफा करो ।

2.        कब से देख रहा हूं तुम दोनो झगड़ा कर रही हो अब बस इसे रफा दफा करो ।

3.        इस झगड़े को रफा दफा करो ।

4.        सुरज की बाईक ने नंदकिशोर को टक्कर मार दी , जिसके कारण से नंदकिशोर ने सुरज पर कैस कर दिया मगर पुलिस ने रिश्वत लेकर मामले को रफा दफा किया ।

5.        कई वर्षों से सुरज और नंदकिशोर के बिच झगड़ा चल रहा था मगर वकिल ने अदालत के बाहर इस मामले को रफा दफा कर दिया ।

6.        सरपंच साहब ने गाव के लोगो की समस्या को रफा दफा किया ।

7.        कोविड 19 के कारण से लोगो के पास अन्न की कमी थी मगर सरकार ने अन्न देकर अन्न की कमी को रफा दफा किया ।

8.        पंकज गलती के कारण से उसे गाव के लोग बहुत कुछ सनाने लगे मगर अंत में पंकज ने जुर्माना भर कर मामले को रफा दफा किया ।

रफा दफा करना मुहावरे पर कहानी || rafa dafa karna story on idiom in Hindi

दोस्तो एक बार की बात है एक छोटा सा गाव था जो की शहर से काफी दूर था और शहर से दूर होने के कारण से वहां पर हमेशा विकाश की कमी रहा करती थी । मतलब जो लोगो को फायदा मिलना चाहिए था वह लोगो को मिल नही पाता था ।

मगर उस गाव में लोगो को इस बात से कुछ लेना देना नही था क्येकी उनके जीवन का सबसे बड़ी समस्या तो पानी की कमी ही थी । दरसल उस गाव में पानी जो था वह केवल नाममात्र ही रहता था जो की धनवान लोग अपने पास रखते थे इस कारण से गरीबो को पानी मिल नही पाता था और इसी कारण से लोग दूर दूर से पानी लेकर आते थे और इससे लोग को बहुत कष्टो का सामना करना पड़ता था ।

मगर कहते है की एक समय आता है जब समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाता है और ऐसा ही उस गाव में हुआ था । मतलब यह जो पानी की कमी थी वह दूर हो चुकी थी ।

दरसल एक बार की बात है चारो और सरपंच के चुनाव का माहोल था । और उस गाव में भी सरपंच के चुनाव का माहोल था इस कारण से कभी कोई कह रहा था की मैं चुनाव में खड़ा हो रहा हूं और कभी कोई कह रहा था ।

मगर गाव में चालाकसिंह नाम का एक आदमी था जो की गाव के लोगो को पहले ही कह चुका था की इस बार चुनाव में जीत हासिल करवानी है और एक बार जीत हासिल हो गई तो सबसे पहला काम यही होगा की आपके पानी की कमी दूर होगी । और यह सुन कर लोगो को क्या चाहिए था ।

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 अब चुनाव के समय में गाव के जितने भी लोग थे सभी के सभी ने चालाकसिंह को वोट देकर विजय बना दिया । चालाक सिंह के विजय होने के कारण से चालाकसिंह ने गाव के लोगो को पहले तो धन्यवाद किया और फिर कहा की आपकी समस्या का निवारण भी जल्द होने वाला है

मगर अभी जरा इंतजार करना होगा । इस तरह से उस दिन चालाकसिंह ने जीत की खुशी मनाई । मगर अब समय बितता जा रहा था और चालाक सिंह ने किसी तरह की समस्या का निवारण नही करवाया था । क्योकी आपको भी पता होगा की जीत हासिल करने के दूसरे दिन ही समस्या का निवारण नही हो सकता है इस कारण से उस गाव में पानी की कमी अभी भी बनी रही थी।

रफा-दफा करना मुहावरे का अर्थ

करीब एक साल बित गया मगर अभी तक पानी की कमी दूर नही हुई थी । इस कारण से गाव के लोगो को लगा की चालाकसिंह उनकी इस समस्या को रफा दफा नही करने वाले है ।

मगर चालाक सिंह  चालाक था और उसने अपने सरपंच बनने के दो वर्षां के बाद में गाव में कुल 7 हेंडपंप लगवा दिए और गाव के लोगो की पानी की कमी की समस्या को रफा दफा किया ।

 जब लोगो ने यह सब देखा तो लोग जो थे वे काफी खुश हुए और चालाकसिंह को धन्यवाद करने लगे थे क्योकी आज उनकी सबसे बड़ी समस्या दूर हुई थी और फिर सभी को पता चल गया की चालाकसिंह जो है वह एक अच्छा और नेक आदमी है और यह गाव का विकाश कर सकता है ।

और इस तरह से लोग बात करने लगे की चालाक सिंह पहला सरपंच है जिसने हमारे पानी की समस्या को रफा दफा किया है और लोग बात करने लगे की अगर हमेशा यही सरपंच के पद पर जित हासिल करता रहा तो हो सकता है की गाव का विकाश हो ।

और इस बात को लोग फिर भूले नही बल्की अगली बार फिर से चालाकसिंह कोविजेता बनाया था । जिसके कारण से चालाकसिंह ने भी अपने गाव का विकाश किया था । और आज उस गाव में किसी तरह की कोई कमी नही है बल्की वह एक अच्छा गाव और कमी से मुक्त बना हुआ है । और लोग आराम से अपना जीवन बिता रहे है ।

तो इस कहानी से आप समझ सकते है की रफा दफा करना मुहावरे का अर्थ खत्म करना होता है । अगर कुछ पूछन है तो कमेंट कर देना ।

इस वर्ष के एग्जामो के लिए मुहावरे (देखने के लिए मुहावरे पर क्लिक करे)

आपे से बाहर होना  माथे पर बल पड़ना   
आग में घी डालना  हाथ के तोते उड़ना
आँखों में धूल झोंकना  मिट्टी पलीद करना  
आँखें बिछाना  हाथ का मैल होना
आकाश पाताल एक करना  रंगे हाथों पकड़ना
अगर मगर करना  सीधे मुँह बात न करना
पहाड़ टूट पड़ना  प्रतिष्ठा पर आंच आना
आग लगने पर कुआँ खोदना  आँखे फटी रह जाना  
श्री गणेश करना  सिर ऊँचा करना
टस से मस न होना  ‌‌‌चोर चोर मौसेरे भाई
छोटा मुँह बड़ी बात  मर मिटना  
चोली दामन का साथ  ‌‌‌सहम जाना
गुदड़ी का लाल  घास खोदना  
गागर में सागर भरना  रफू चक्कर होना
कान पर जूं न रेंगना  अंतर के पट खोलना
आँखें फेर लेना  चादर से बाहर पैर पसारना
घाट घाट का पानी पीना  उन्नीस बीस का अंतर होना
बालू से तेल निकालना  सिर पर पाँव रखकर भागना  
अंग अंग ढीला होना  काठ की हांडी होना   
अक्ल के घोड़े दौड़ाना  एक लाठी से हाँकना
आवाज उठाना  भानुमती का पिटारा
मक्खी मारना  अंकुश रखना  निबंध व
चैन की बंशी बजाना  अंधी पीसे कुत्ता खाए
आग बबूला होना  का वर्षा जब कृषि सुखाने
भीगी बिल्ली बनना  नीम हकीम खतरे जान
जान हथेली पर रखना  अधजल गगरी छलकत जाए
लाल पीला होना  जैसा देश वैसा भेष मुहावरे
अंधे की लाठी  नौ दिन चले अढ़ाई कोस
अंगूठा दिखाना  नेकी कर, दरिया में डाल का मतलब  वाक्य
नौ दो ग्यारह होना  चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए
 चौकड़ी भरनाआव देखा न ताव
 हरी झंडी दिखानाथोथा चना बाजे घना  
 हथेली पर सरसों जमानातेल देखो, तेल की धार देखो   
 हाथ को हाथ न सूझना  छाती पर मूँग दलना
 चेहरे पर हवाइयाँ उड़नाकंगाली में आटा गीला
 हाथ लगनाभूखे भजन न होय गोपाला
 हवा हो जानासाँच को आँच नहीं  
 हाथ खींचनाऐरा – गैरा नत्थू खैरा का
 हक्का-बक्का रह जानापर उपदेश कुशल बहुतेरे

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।