चैन की बंशी बजाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चैन की बंशी बजाना मुहावरे का अर्थ chain kee banshee bajaana muhaavare ka arth  – मोज करना या आराम से रहना ।

‌‌‌दोस्तो माना जाए की किसी आदमी के पास अपने बाप दादाओ की बहुत कमाई हुई धन दोलत है और वह आदमी उस धन दोलत पर अपने सपने पुरे कर रहा है । वह दिन भर आराम करता है जो भी काम होता है वह अपने नोकरो से कराता है । खुद कुछ भी नही करता वह तो बस आराम से अपना जीवन जिता है । इसे ही चैन की बंशी बजाना कहते है ।

चैन की बंशी बजाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चैन की बंशी बजाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || use of idioms in sentences in Hindi

राधा तो आज कल चैन की बंशी बजा रही है ।

राम को जब देखा तो पता चला की चैन की बंशी बजाना किसे कहते है ।

अपने बाप के कमाई हुई दोलत पर घेनश्याम तो चैन की बंशी बजा रहा है ।

‌‌‌रामबाबू से पुछो तो वह बताएगा की चैन की बंशी बजाना किसे कहते है ।

चैन की बंशी बजाना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी ||  story on idiom in Hindi

‌‌‌बहुत समय पहले की बात है जब राजाओ का राज्य गया ही था उस समय की बात है एक गाव मे महावीर नाम का एक आदमी रहता था । उसके घर मे उसके अलवा उसका पिता था । पिता दिन मे काम करता था और रात को आराम करता था । वह अपने बेटे को बडे लाड प्यार से पला था । जब उसका बेटा 28 वर्ष का हुआ तो उसके पिता का देहांत हो ‌‌‌गया था ।

महावीर पहले जब ‌‌‌उसका पिता जब जीवित था तो महावीर कुछ काम नही करता था और न नही अपने पिता की मदद करता था । इस कारण महावीर के पिता ने उसे मरते समय कहा की बेटा एक बार तेरे दादा ने मरते समय मुझ से कहा था और आज वह मै तुम्हे कह रहा हूं ।

महावीर सोच रहा था की इसके पास कोनसी धन दोलत होगी जो यह मरते ‌‌‌समय मुझे बता देगा । फिर भी महावीर ने अपने पिता से कहा की हां पिताजी आप जो कहना चहाते हो वह बेझिझक मुझसे कहो । तब उसके पिता ने कहा की बेटा पहले जाकर सभी खिडकी व दरवाजे बंद कर लो बादमे मै तुम्हे यह बात कहूगा ।

ताकी मै जो तुम्हे कहू वह किसी और को पता नही चले । महावीर को लगा की जरुर कुछ ज्यादा ‌‌‌ही महत्वपुर्ण बात होगी वरना ये कभी खिडकी दरवाजे बंद करने को नही कहते । महावीर ने जल्दी से खिडकी दरवाजे बंद कर कर कहा की पिताजी आप जो कहना चहाते हो वह अब कह सकते हो ।

तब उसके पिता ने कहा की बेटा हमारे गाव मे एक मंदीर है जो हमेशा से ही बंद रहता है उसके पास ही एक खंडहर है जिसमे तुम्हारे दादा ‌‌‌ने ‌‌‌बहुत हीरे जवारात दफनाए है । अपने पिता की बात सुनकर महावीर ने कहा क्यो मजाक कर रहो हो पिताजी । तब महावीर के पिता ने कहा की तुम्हे यह मजाकर लग रहा है ।

तुम्हारे ‌‌‌दादा उस समय राजाओ के पास काम करते थे और वहा से चौरी कर कर कुछ हिरे व ज्वारात वहा पर छुपाते थे । वहा कोई नही जाता था कहा जाता है ‌‌‌की वहा पर डायन रहती है इस कारण मै भी वहा पर कभी नही गया था इतना कह कर वह मर गया ।

महावीर ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया और कुछ दिन के बाद उस मंदीर के पास जो खंडहर था वहा जाकर देखा तो वहा पर एक बंक्सा मिला उसने उस बक्से को खोला तो वह देखता है की उसमे तो बहुत ही हीरे ज्वारात है । ‌‌‌यह सब देखकर महावीर बहुत ही खुश हो गया और वहा से उस बक्से को अपने घर उठाकर ले आया ।

अब महावीर जब भी जरुरत पडती तो वह कभी उस गाव मे तो कभी इस गाव मे जाकर उन हीरो को बेच दिया करता था । किसी को कुछ भी नही पता चलता था की महावीर करता क्या है । पर एक दिन महावरी के गाव के लोगो को पता चल गया की महावीर के ‌‌‌दादा ने खजाना छुपाकर रखा था जो महावीर को मिल गया है ।

इस कारण वह दिन व रात आराम करता है और उनके पैसो पर मोज करता है जो भी चिज चाहे होती है वह ले आता है । महावीर के पास ‌‌‌बहुत धन होने की बात सुनकर गाव के लोग महावीर के पास आने लगे थे पर महावीर उन्हे कुछ भी नही बताता था और अपने पास तक नही आने देता था।

‌‌‌यहा तक की जब भी गाव के लोगो पर कोई मुसीबत आ जाती थी तो भी वह मोज किया करता था ।  महावीर के पास इतनी दोलत थी की उसकी दो पिडीया और ‌‌‌बैठ कर खा सकती थी। इस कारण वह काम धाम नही करता था और दिन भर आराम करता था । जब भी उसे किसी चिज की जरुरत होती तो वह अपने नोकरो को भेजकर वह चिज मगवा लेता था ।

चैन की बंशी बजाना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी

‌‌‌दुसरी और गाव के लोग जो सारा दिन मेहनत करने के बाद भी अपना पेट भी नही भर पाते थे । अपने दुखो को याद कर कर गाव के लोग सोचते थे की चैन की बंशी बजाना तो महावीर ही जानता है और उसके पास तो सब कुछ है तो वह मोज करेगा क्यो नही । इसी तरह से महावीर कुछ नही करता था और पुरे दिन व रात मौज करता रहता । ‌‌‌मेरे हिसाब से अब आप समझ गए होगे की चैन की बंशी बजाना किसे कहते है ।

चैन की बंशी बजाना मुहावरे पर निबंध || chain ki bansi bajana essay on idioms in Hindi

साथियो आज के समय मे हर कोई चहाता है की उसके पास सब कुछ हो और वह आराम से रहे । उसके पास इतना धन हो की वह दिन व रात भी उसे खर्च करे तो भी वह खर्च नही हो । वह चहता है की मेरे जीवन मे कोई भी कष्ट न हो मै तो दिन व रात मौज करु ।

इस तरह के लोग ‌‌‌बहुत कम होते है ‌‌‌जिनके पास सब कुछ हो और वह अपना जीवन मौज ‌‌‌मे जीवे । अनेक लोग तो ऐसे होते है जो दिन व रात काम कर कर भी अपना पेट भी नही भर सकते है । इस तरह के लोग इस संसरा मे बहुत मिल जाते है । पर ऐसे लोग भी यही चहते है की अगर हम मौज नही कर सकते तो क्या अपना बेटा तो मौज करे  ।

इस कारण वे दिन व रात एक कर कर कमाते ‌‌‌है ।कुछ लोग तो ऐसे भी होते है जिनके पास धन की कोई कमी नही है फिर भी वे मौज से अपना जीवन नही जी पाते है । कहने का अर्थ यह है की धन होना ही जरुरत नही है और कुछ भी ‌‌‌हो जाए अगर तब हम मौज से अपना जीवन जी पाते है ।

तभी हम जानेगे की चैन की ‌‌‌बंशी बजाना होता क्या है । चैन की ‌‌‌बंशी बजाना मुहावरे का सिधा से अर्थ यही है की हमारे जीवन मे अनेक कष्ट आते है और चले जाते है । पर जब हमारे जीवन मे कष्टो का आगमन होता है तो हम दुखी हो जाते है और कुछ गलत करने लग जाते है । पर जो लोग चैन की ‌‌‌बंशी बजाना जानते है उन लोगो को पता है की हर समय मौज मे रहना है । यानि मौज मे रहना ही चैन की ‌‌‌बंशी बजाना मुहावरे का सिधा ‌‌‌सा अर्थ है ।

चैन की बंशी बजाना मुहावरे का क्या तात्पर्य होता है || What is the meaning of chain ki bansi bajana in Hindi

दोस्तो वैसे बंशी जो होती है वह मेरी काफी पंसदिदा है मगर मुझे यह बजानी नही आती है । मगर फिर भी काफी कोशिश करता हूं तो बजा लेता हूं मगर यह पसद कम ही लोगो को आती है । मगर जीवन में बहुत से लोग ऐसे है जो की मोज करना चाहते है । यानि अपने जीवन को ‌‌‌काफी अधिक आराम से बिताना चाहते है तो उन सभी को एक बात बता दे की अगर वे चैन की बंशी बजाते है तो उनके लिए केवल यही कहा जाएगा की वे तो मोज कर रहे है ।

जिसका मतलब होता है की हमारा जो मुहावरा है यानि चैन की बंशी बजाना उसका तात्पर्य होता है जीवन में मोज करना या आराम से रहना । वैसे कहते है की जो ‌‌‌आज अपने जीवन में सरकारी नोकरी लग जाते है वे चैनी की बंशी बजा सकते है । और इस बात को ध्यान में रखते हुए आप सभी को काफी अधिक मेहनत करनी है और मेहनत के कारण से जीवन में सफल होना है । ताकी आप जीवन में चैन की बंशी बजा सके ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।