अंकुश रखना मुहावरे का अर्थ और निबंध व वाक्य में प्रयोग

अंकुश रखना मुहावरे का अर्थ ankush rakhna muhavare ka arth  – नियंत्रण या वश मे रखना

दोस्तो अंकुश लोहे का बना एक विशेष प्रकार का कांटा होता है जिसका उपयोग हाथी को बांधने मे किया जाता है । इस तरह के कांटे यानि अंकुश से बांधने पर हाथी काबू मे रहता है या ‌‌‌हाथी नियत्रण मे रहने लग जाता है । इसी तरह से जब मनुष्य अपने जीवन मे किसी को नियंत्रण मे रखता है या कह सकते है की ‌‌किसी को ‌वश मे रखता है तो इसे अंकुश रखना कहा जाता है क्योकी व्यक्ति भी हाथी की तरह वंश मे हो जाता है जिस तरह से हाथी होता है ।

अंकुश रखना मुहावरे का अर्थ और निबंध व वाक्य में प्रयोग

‌‌‌अंकुश रखना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग ankush rakhna muhavare ka vakya me prayog

  • महेश जीस कंपनी मे काम करने के लिए जाता है उस कंपनी का अंधीकारी हमेशा महेश को अंकुश मे रखता है  ।
  • तुम्हारे बेटे की बक बक सुन कर मुझे क्रोध तो बहुत आ रहा था पर मैंने अपने घुस्से पर अंकुश रखा था ।
  • कई दिन बित गए मैं तुम्हारी उलट पुलट बाते सुन रहा हूं ‌‌‌फिर भी मैंने तुम्हे आज तक कुछ नही कहा परन्तु आज अगर तुमने उलट पुलट बाते की तो मैं अपने आप पर अंकुश न रख पाउगा ।
  • रामलाल तुम्हारा बेटा अपने से बडो के साथ भी झगडा करने लगा है अब तुम्हे इसे अंकुश मे रखने का समय आ गया है ।
  • ‌‌‌पुलाराम जैसे नेक आदमी पर भी रामु ने अंकुश रख रखा है तभी वह किसी की बात नही मान रहा है । 
  • सेठ जैसे निच आदमी के पास काम करना है तो अपने आप पर अंकुश रखना पडेगा ।
  • ‌‌‌महेशराव के पास धन क्या आ गया वह हर किसी पर अंकुश रखने की कोशिश करता है ।

‌‌‌अंकुश रखना मुहावरे पर कहानी ankush rakhna muhavare par kahani

एक समय की बात है किसी नगर मे एक आदमी रहा करता था । जिसका नाम रामवराय था । रामवराय के घर मे उसकी पत्नी और उसका एक बेटा व दो बेटिया रहा करती थी । रामवराय के पास धन दोलत की कोई कमी नही थी । जिसके कारण से रामवराय के बेटा व बेटिया बहुत ही पैसे खर्च कर दिया करते थे । ‌‌‌

रामवराय के पास बहुत बडी कंपनी थी जिसमे कागज के द्वारा बनाई जाने वाली सभी सामग्री बनाई जाती थी जैसे किताब ‌‌‌कोपी, पोस्टर आदी । इस तरह का कार्य कर कर रामवराय बहुत अधिक पैसा कमा लेता था । परन्तु रामवराय जिस किसी को अपनी कंपनी मे काम देता उस व्यक्ति को रामवराय की हर बात माननी होती थी ।

‌‌‌साथ ही रामवराय अगर किसी को रात मे भी कोई काम दे देता तो उस व्यक्तिे ‌‌‌को वह कार्य कर कर ही अपने घर जाना पडता था । चाहे इसके लिए उसे अगला दिन भी क्यो न हो जाए । इसके अलावा अगर रामवराय किसी व्यक्ति को कहता की उसके पास कभी भी किसी काम के लिए नही जाना है तो वह व्यक्ति उसके पास नही जाता है ‌‌‌।

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यानि कह सकते है की रामवराय हर किसी कर्मचारी को अपने नियंत्रण मे रखता था । मगर इतना कुछ करने पर भी रामवराय जब भी किसी कर्मचारी को किसी चिज की जरूरत होती तो उसे वह देकर उसकी मदत भी करता था । इस तहर से रामवराय बहुत ही नेक आदमी था ।

इसी तरह से एक बार की बात है रामवराय के पास धनमल नाम का एक आदमी ‌‌‌काम करने के लिए जाता था । धनमल नाम के अनुसार धनवान नही था वह तो बहुत ही गरीब था । उसके घर मे उसकी बिमार पत्नी रहा करती थी साथ ही उसकी एक बेटी रहा करती थी ।

इस तरह का घर चलाने के लिए धनमल रामवराय के पास काम करने के लिए गया था । क्योकी उसे पता था की वह मुझे अपने अंकुश मे रखेगा परन्तु मुसीबत ‌‌‌मे मेरी मदत करने से पीछे नही हठेगा ।

और इसी तरह से हुआ क्योकी एक बार धनमल की पत्नी काफी अधिक बिमार हो गई थी जिसका इलाज आस पास का कोई भी डॉक्टर नही कर पा रहा था । जिसके कारण से धनमल इस बारे मे मदत के लिए रामवराय के पास गया ।

जब रामवराय को इस बारे मे पता चला तो उसने तुरन्त धनमल की ‌‌‌पत्नी को दूर शहर मे इलाज के लिए अपने मित्र डॉक्टर के पास भेज दिया । जिसके कारण से धनमल की पत्नी पूरी तरह से ठिक हो गई थी। जो कभी भी ठिक नही हो पा रही थी ।

इस तरह की मदत धनमल ने देखी तो वह बहुत ही खुश हो गया । इस मदत के बाद मे जब भी रामवराय किसी काम के लिए धनमल को बुलाता तो वह तुरन्त ‌‌‌उसके पास चला जाता था । और उसके कहने पर दिन रात काम करता था ।

इस तरह से काम करते देख कर गाव के लोग कहने लगे की रामवराय तो आजकल धनमल को अंकुश मे रखता है । यह सुन कर धनमल को जरा भी बुरा नही लगा और उन लोगो को ‌‌‌कहता की वह मेरी मुसीबत मे मदत कर सकता है तो मैं उसके अंकुश रहने से पिछे नही हटता हूं । ‌‌‌

अगर तुम मेरी हर मदत कर सकते हो तो मैं तुम्हारी भी हर बात मानने को तैयार हूं । पर आज तक गाव के किसी व्यक्ति ने धनमल की मदत नही की जिसके कारण से फिर जब भी लोग उसे कुछ कहते तो वह यही बात लोगो को कहता था । जिसके कारण से वे चुप चाप वहां से चले जाते थे ।

‌‌‌इसी तरह से रामवराय को भी इस बात की भनक पडी तो वह सुन कर बहुत ही खुश हुआ क्योकी उसने धनमल से कितना कुछ काम करवाया था फिर भी वह उससे क्रोधित नही होता है । साथ ही रामवराय ने यह भी सोचा की मेरे बुलाने पर तुरन्त मेरे पास धनमल आ जाता है ।

इस तरह से फिर धनमल की मदत रामवराय हर समय करता रहता था । ‌‌‌इस बात को कुछ ही दिन बिते थे की एक दिन रामवराय को पता चला की उसका बेटा बेहिसाब पैसे खर्च करने लगा है साथ ही बडो के सामने कैसे बोलना चाहिए यह भुल गया है ।

‌‌‌अंकुश रखना मुहावरे पर कहानी ankush rakhna muhavare par kahani

यह जान कर रामवराय को समझ मे आया की उसने अपने कर्मचारियों को ही नियंत्रण मे रखा है बल्की अपने बेटे के बारे मे भुल गया है । इस तरह से फिर ‌‌‌धिरे धिरे रामवराय अपने बेटे को भी वश मे रखने लगा था और ‌‌‌जिसके कारण से बेटे को पिता के अनुसार ही उसे पैसे खर्च करने पडते थे ।

साथ ही किससे क्या कहना है यह सब रामवराय के अनुसार होता था । इस तरह से फिर जब रामवराय की उम्र हो गई और उसका बेटा बडा हो गया तब भी वह अपने पिता की बात मान रहा था और उनसे कभी भी उच्ची अवाज मे बात ‌‌‌नही करता था ।

इस तरह से तब रामवराय को समझ मे आ गया की मैंने उस दिन अपने बेटे को अंकुश मे रखा था तभी आज यह मेरी बात मानता है । वरना मेरे दिन ही कुछ अलग होते । इस तरह से रामवराय का जीवन बहुत ही अच्छी तरह से गुजरा । इस तरह से आपको इस ‌‌‌कहानी से मुहावरे का अर्थ समझ मे आ गया होगा ।

अंकुश रखना मुहावरे पर निबंध || ankush rakhna essay on idioms in Hindi

दोस्तो कहते है की अगर किसी पुरुष का विवाह महिला से हो जाता है तो फिर वह पुरुष उस महिला के वश में आ जाता है । मतलब ऐसा बहुत बार कहा जाता है की विवाह होने के बाद में लड़का अपनी पत्नी की सारी बात मानता है और अन्य किसी को समय नही देता है बल्की पत्नी जैसा कहती है वह वैसा ही करता है तो इसका मतलब हुआ की वह पत्नी के नियंत्रण में है ।

मगर ऐसा असल में केवल लोगो का सोचना है क्योकी पति का पत्नी की बात मानने का मतलब यह नही है की वह उसके नियंत्रण में है बल्की यह उनके दोनो के संबंध का परिणाम है जिसके कारण से उन्हे ऐसा करना होगा ।

मगर फिर भी ऐसा होता है और लोगो के द्वारा ऐसा कहा जाता है तो हम इसी बात को सच मान ले ।

तो अब जो कोई अपनी पत्नी के नियंत्रण में रहता है तो उसके लिए कहा जा सकता है की उसे उसकी पत्नी अंकुश में रखती है यानि इसका मतलब हुआ की नियंत्रण में रखना ही असल में अंकुश में रखना है ।

दोस्तो इस तरह से इस मुहावरे को समझ गए होगे ।

दोस्तो यहां पर हम इस मुहावरे को समझाने का उदहारण दे रहे है न की पत्नी को गलत बता रहे है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।