सीधे मुँह बात न करना का मतलब और वाक्य में प्रयोग व कहानी

सीधे मुँह बात करना मुहावरे का अर्थ sidhe muh baat na karna muhavare ka arth – घमंडी बन कर बात करना या अकड़कर बात करना

दोस्तो कहा जाता है की जिसके पास धन आ जाता है उसे अपने आप पर घमंड होने लगता है । जिसके कारण से वह दुसरो से अकड़कर बात करता है । क्योकी वह दुसरो की तुलना मे धनवान है । मगर कभी कभी‌‌‌लोग धनवान होने के कारण से घमंड नही करते है मगर फिर भी उन्हे किसी बात का घमंड होता है जिसके कारण से वे इसी तरह से अकड़कर बात करता है । इससे जहां पर कोई व्यक्ति किसी भी कारण से अकड़कर बात करता है तो इसे सीधे मुंह बात न करना कहा जाता है ।

सीधे मुँह बात न करना का मतलब और वाक्य में प्रयोग व कहानी

सीधे मुंह बात न करना मुहावरे का वाक्य में ‌‌‌प्रयोग sidhe muh baat na karna muhavare ka vakya me prayog

  • तुम्हे किसी बात का घमंड है जो सीधे मुंह बात नही कर रहे हो ।
  • ‌‌‌ बेटी नोकरी क्या लग गई सुरेखा तो सीधे मुंह बात करना ही भुल गई है ।
  • विदेश मे जाने के बाद मे रघुवीर ने खुब पैसे कमाना शुरू कर दिया जिसके कारण से रघुवीर की मां किसी से सीधे मुंह बात तक नही करती है ।
  • जब से रामलाल के पिता की लोटरी निकली है तब से रामलाल किसी से भी सीधे मुंह बात नही करता है ।
  • किसन दसवी में प्रथम क्या आग या अपने सहपाठियो से सीधें मुंह बात नही ‌‌‌कर रहा है ।
  • अगर आज ही तुम किसी से सीधे मुंह बात नही करोगी तो मुसीबत मे तुम्हारी कोई मदत नही करेगा ।
  • अपने ‌‌‌पैसो का घमंड कही और जाकर दिखाना यहां अगर आए हो तो सिधे मुंह बात कर लो वरना वापस चले जाओ ।
  • जब से राजू बाबाजी का चेला बना है गाव के लोगो से सीधे मुंह बात तक नही करता ।
  • कोरोना ‌‌‌काल में भी तुमने इतना क्या कमा लिया जो किसी से सीधे मुंह बात नही कर रहे हो ।
  • अगर यहां सीधे मुंह बात नही करोगे तो तुम्हारा काम नही बनेगा ।
  • अगर सेठ से तुम अपना काम करवाना चाहते हो तो उनके साथ सीधे मुंह बात करनी होगी।

सीधें मुंह बात न करना मुहावरे पर कहानी sidhe muh baat na karna muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे ‌‌‌एक धोबी रहा करता था । धोबी गाव के लोगो के कपडे धोता था और पैसे कमा लेता था । क्योकी धोबी जिस गाव मे रहता था वह गाव काफी बडा था जिससे हर कोई अपना कपडा धोबी से धुलवाता था ।

इसका एक कारण यह भी था की धोबी कपडे धोने के लिए कम पैसे लेता था । जब धोबी एक दिन के कपडे इकट्ठे कर लेता तो उन्हे दुसरे ‌‌‌दिन धोने मे लगा रहता था । और तिसरे दिन उन कपडो को वापस गाव के लोगो को देता था । इस तरह से धोबी का पूरा दिन ही कपडे धोने मे चला जाता था ।

इसके साथ ही धोबी का एक बेटा था वह भी उसकी मदत करता था । धोबी का बेटा बडा ही चालाक और होसियार था । जिसके कारण से उसने एक इस्त्री करने वाली दुकान और ‌‌‌खोल ली । उस समय गाव मे किसी के पास इस्त्री नही थी और धोबी के द्वारा कपडे धोने पर कपडो मे धारीया बन जाया करती थी ।

प्रतिष्ठा पर आंच आना मुहावरे का मतलब और वाक्य व निबंध

आँखे फटी रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग व निबंध

सफेद झूठ का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

सिर ऊँचा करना का मतलब और मुहावरे का वाक्य में प्रयोग व कहानी

चोर चोर मौसेरे भाई मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

जो इस्त्री करने पर चली जाती थी । इस कारण से धोबी के बेटे ने दिस दिनो तक गाव के लोगो के कपडे फ्रि मे इस्त्री किए । यह देख कर धोबी रोजना उसे कहता की आखिर फ्रि मे काम करना था तो ‌‌‌दुकान किस कारण से खोली है । मगर धोबी के बेटे ने ‌‌‌उन्हे कुछ नही बताया ।

जब दस दिन बित गए तो धोबी के बेटे ने कहा की पिताजी अब आप कही पर जाओ तो लोगो को कहना की अगर कपडे इस्त्री करवाने है तो अगल से पैसे लगेग और धोने से ज्यादा इस्त्री का बता देना । इस तरह से अगले दिन धोबी ने ऐसा ही किया ।

जिसके ‌‌‌कारण से धोबी को कुछ लोगो ने ही कपडे इस्त्री करने के लिए कहा । यह देख कर धोबी उदास होकर अपने बेटे के पास आग गया और कहने लगा की तुमने गाव के लोगो को ज्यादा पैसे बता दिए जिसके कारण से कोई भी कपडे इस्त्री नही करवाने दे रहा है । तब धोबी के बेटे ने कहा की पिताजी आप ‌‌‌बेफिकर हो जाओ और मैं जैसा कह रहा ‌‌‌हूं वैसा ही करो ।

इस तरह से फिर धोबी अपने बेटे की बात मानता गया । मगर दो दिन बित गए अभी तक इस्त्री कराने वाले लोगो की सख्या कम ही दिख रही थी । जिससे धोबी बहुत ही उदास था । मगर अगले ही दिन जब धोबी कपडे लेने के लिए गया तो लोग उसे इस्त्री करने के लिए भी कहने लगे थे ।

यह देख कर धोबी खुश होने ‌‌‌और अपने बेटे के पास जाकर इस बारे मे कहा । तब धोबी के बेटे ने कहा की पिताजी जब लोगो को इस्त्री करे ‌‌‌हुए कपडे अच्छे लगने लगे और अचानक उनकी इस्त्री बंद हो गई तो उन्हे कुछ अजीन सा लगने लगा । जिसके कारण से लोग फिर से इस्त्री करवाना ‌‌‌चाहने लगे ।

यह सुन कर धोबी को समझ मे आ गया की उसका बेटा यह पहले से ‌‌‌ही जानता था । इस तरह से धिरे धिरे समय के साथ गाव के सभी लोग इस्त्री करवाने के लिए कपडे देने लगे थे । जिसके कारण से धोबी के पास पैसो की वर्षा होने लगी ।

इस तरह से एक वर्ष काम करने के बाद मे ही धोबी का घर चमकने लगा । यानि पैसो से घर मे रोनक सोनक रहने लगी क्योकी धोबी धनवान बन गया था । कहते है ‌‌‌की जिसके पास पैसा आता है वह घमंडी हो जाता है तो धोबी के साथ भी इस तरह का हुआ ।

क्योकी जब भी धोबी कपडे लेने के लिए जाता तो लोग पैसो मे आनाकानी करते थे । यह देख कर धोबी उन लोगो से अच्छी तरह से बात नही करता था । बल्की अकडकर बात करने लग जाता था । जिसके कारण से उसके ग्राहक टुटने लगे थे ।

‌‌‌एक महिने के लिए धोबी का बेटा उसके पास नही था वह किसी काम के लिए शहर गया हुआ था । जिसके कारण से धोबी को समझाने वाला भी कोई नही था। क्योकी धोबी को पैसो का घमंड होते जा रहा था जिसके कारण से वह हर किसी से इस तरह से अकड़कर बात करने लगा ।

जिससे लोग उसे कहने लगे की तुम्हारे पास पैसे क्या आने ‌‌‌लगे तुम तो सीधे मुंह बात तक नही कर रहे हो । साथ ही लोग कहते की अगर हमने कपडे धुलवाना बंद कर दिया तो तुम्हारा सारा कारोबार बंद हो जाएगा ।

जब एक मिहने के बाद मे धोबी बेटा अपने पिता के पास आया तो उसे पता चला की गाव के आधे लोग ही कपडे धुलवा रहे है । यह ‌‌‌देख कर बेटे को बडा ही झटका लगा । जिसके कारण से उसने अपने पिता से बात की तो उसके पिता ने कुछ नही बताया ।

क्योकी धोबी को भी कुछ समझ मे नही आ रहा था । तब एक दिन धोबी के साथ उसका बेटा चला गया । जिसके कारण से धोबी के बेटे ने देखा की उसका पिता लोगो से अकड़कर बात कर रहा है ।

जो लोगो को पसंद नही ‌‌‌आ रहा है । इस तरह से पूरे दिन गाव मे फिरने के बाद जब धोबी और उसका बेटा घर पहुंचे तो बेटे ने धोबी से कहा की पिताजी अगर आप लोगो से सीधे मुंह बात नही करोगे तो वे हमे कपडे कैसे देगे ।

यह बात सुन कर धोबी भडकन लगा और कहने लगा की इसका मतलब क्या है । तब धोबी का बेटा ‌‌‌समझ गया की इन्हे पैसो का घमण्ड हो गया है । जिसके कारण से अगले दिन फिर धोबी गाव मे न जाकर उसका बेटा गाव मे जाता और कपडे लेकर आता था ।

सीधें मुंह बात न करना मुहावरे पर कहानी sidhe muh baat na karna muhavare par kahani

क्योकी धोबी का बेटा अकलमंद था जिसके कारण से वह अपनी अकल का स्तेमाल कर कर गाव के लोगो से बडे ही प्रेम के साथ बात करता और उन्हे अपनी बातो के जाल मे फंसा कर ‌‌‌कपडे लेकर आ जाता था । इस तरह से फिर तिन महिनो के बाद मे धोबी का कार्य फिर से अच्छी तरह से चलने लगा था ।

यह देख कर धोबी ने अपने बेटे से पूछा तो उसके बेटे ने कहा की पिताजी जब आप पहले कपडे लेकर आते थे तो लोगो से बडी ही प्रेम के साथ बात करते थे । मगर अब आपमे घमंड हो गया है जिसके कारण से आप किसी ‌‌‌से सही तरह से बात नही कर रहे हो जिसके ‌‌‌कारण से ही लोग आपको कपडे देने से मना करने लगे थे ।

बेटे की यह बात सुन कर अब धोबी को समझ मे आ गई । जिसके कारण से धोबी पहले की तरह ही लोगो से प्रेम के साथ बात करता और उनके सामने छोटा बना रहता था । इस तरह से धोबी का ‌‌‌जीवनकाल बडी ही सानदार तरह से चलता रहा । इस ‌‌‌तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होग ।

सीधे मुंह बात न करना मुहावरे पर निबंध sidhe muh baat na karna muhavare par nibandh

साथियो मनुष्य का जो मुंह होता है उसमे से अच्छी और बुरी व अकडपन की बाते निकलना आसान होता है । मगर सभी ‌‌‌को अच्छी बाते ही अच्छी लगती है । न तो किसी का अकडपन और न ही बुरी बाते अच्छी लगती है । जिसके कारण से जो ‌‌‌अच्छी बाते कह रहा है उसे अच्छा कहा जाता है ।

मगर जो बुरी बाते कहता है उसे बुरा कहा जाता है । इसके अलावा अकडपन से जो कोई बात करना है उसे सिधे मुंह बात न करना कहा जाता है । क्योकी अकड उसी मे होती है जो सिधे तरह से बात न करना जानता हो या जिसमे किसी कारण से घमंड हो । इस तरह से इस मुहावरे का ‌‌‌अर्थ अकडकर बात करना होता है ।

सीधे मुँह बात न करना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of sidhe muh baat na karna in Hindi

दोस्तो कभी आपने देखा होगा की आप किसी के पास जाते है और किसी टॉपीक पर बात करते है तो वह साधारण रुप से आपसे बात करने लग जाते है । मगर कई बार ऐसा भी हुआ होगा की जब आप किसी से बात करते है तो सामने वाला आपसे सही तरह से बात नही करता है । बल्की आपसे इस तरह से बात कर रहा है जैसे की मालूम होता हो की सामने वाले को किसी न किसी तरह से अपने आप पर घमंड है यानि वह घमंडी है ओर इसी घमंड के कारण से वह आपके साथ अकड़कर बात कर रहा होता है ।

तो इस तरह से ही बात करने को ही असल में सीधे मुंह बात न करना कहा जाता है और इस बात का मतलब यह होगा की इस मुहावरे यानि sidhe muh baat na karna muhavare ka arth – घमंडी बन कर बात करना या अकड़कर बात करना होता है और यह आप अभी तक समझ चुके है ।

अगर आपने इस लेख को पूरी तरह से पढा है तो आपको यह समझने में जरा सी भी मुश्किल नही होगी की यह मुहावरा किस स्थान पर प्रयोग में ​लाया जाता है ।

very very most important hindi muhavare

गंगा नहाना का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

गर्दन पर सवार होना का अर्थ और वाक्य व कहानी

घी के दिए जलाना मुहावरे का मतलब व कहानी व वाक्य मे प्रयोग

रंगा सियार होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कंधे से कंधा मिलाना का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग व कहानी

सावन हरे न भादों सूखे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

कलई खुलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

सठिया जाना का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

हजामत बनाना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ बटाना मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

हक्का-बक्का रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ खींचना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

हाथ लगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

हवा हो जाना मुहावरे का मतलब या अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ को हाथ न सूझना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हरी झंडी दिखाना का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

हथेली पर सरसों जमाना का मतलब व वाक्य मे प्रयोग

सुबह का चिराग होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सब धान बाईस पसेरी का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर फिरना का अर्थ और वाक्य व कहानी

सेंध लगाना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

सब्ज बाग दिखाना का मतलब और वाक्य व कहानी

सोने पे सुहागा मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सांप को दूध पिलाना मुहावरे का अर्थ व वाक्य और कहानी

साँप सूँघ जाना का अर्थ और वाक्य ‌‌‌में प्रयोग

घर पर मुहावरे ghar par muhavare

सूरज को दीपक दिखाना मतलब और वाक्य मे प्रयोग

सकते में आना का मतलब और वाक्य में प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।