गुदड़ी का लाल मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गुदड़ी का लाल मुहावरे का अर्थ Guddi ka lal muhavare ka arth  – गरीब घर मे जन्मा हुआ गुणवान बालक ।

दोस्तो जब किसी गरीब के घर मे जिसके पास खाने को भी समय पर नही होता और उसके घर मे सभी लोग बेवकुफ हो जो अपने अलावा कुछ और सोच नही सकते है कहने का अर्थ है गरीब के घर मे जब ऐसे बालक का ‌‌‌जन्म हो जाता है जो उस घर मे सबसे अलग हो जिसके पास बहुत गुण हो जो उसके पुर्वजो मे नही थे तो ऐसे बालक को ही गुदड़ी का लाल कहते है ।

गुदड़ी का लाल मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गुदड़ी का लाल मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || Guddi ka lal use of idioms in sentences in Hindi

  • ‌‌‌अपने वंश मे अब्दुल कलाम सच मुच गुदड़ी ‌‌‌कें लाल थे ।
  • भगवान कृष्ण अपने माता पिता के लिए गुदड़ी का लाल था ।
  • जब राम का जन्म हुआ तभी लोगो ने कह दिया था की यह आपके घर मे गुदड़ी का लाल बनकर अया है ।
  • जब गरीब घर का बेटा ने देश मे अपना नाम कर दिया तब सभी लोगो ने मान लिया की यह अपने वंश मे गुदड़ी का लाल है ।

‌‌‌गुदड़ी का लाल मुहावरे पर कहानी
Guddi ka lal story on idiom in Hindi

प्राचिन समय की बात है जब राजा का जमाना था उस समय चंद्रप्रकाश नाम का एक राजा अपने राज्य मे रहता था वह बहुत ही बलवान था । उससे कोई भी राजा टकर लेने के बारे मे सौ बार सोचता था क्योकी वह राजा चंद्रप्रकाश के पास अनेक योद्धा थे जो अपने राज्य की हिफाजत करने के लिए अपनी जान की परवा नही करते थे ।

उस राज्य मे ‌‌‌ज्यादातर लोग इतने अमीर तो थे की वह आराम से अपना पेट भर सके पर एक घर ऐसा था जिनके पास कुछ भी नही था वह लोगो की सेवा कर कर अपना पेट भरता था । उस घर मे एक बुड्डी ‌‌‌औरत व उसका बेटा व बहु रहती थी । उसके बेटे का महावीर नाम था जो लोगो का काम कर कर अपने व अपने घर के ‌‌‌लोगो की सेवा करता था ।

चंद्रप्रकाश राजा के राज्य मे सभी लोग बलवान थे अगर वे सभी आपस मे मिल जाते तो वे किसी का भी सामना कर सकते थे । कुछ समय के बाद मे महावीर के घर मे एक पुत्र का जन्म हुआ । पुत्र पा कर माहवीर व उसके घर के लोग बहुत ही खुश हो गए थे । क्योकी उस समय पुत्र को ज्यदा महत्व दिया ‌‌‌जाता था ।

उनके घर चाहे पुत्र हो या पुत्री वे किसी को बुलाकर उसका नाम करण तक नही कर सकते थे इस कारण उन्होने अपने बेटे का नाम खुद ही रख लिया था उसका नाम मनोज था । समय बितता गया और मनोज अब 10 वर्ष का हो गया था । 10 वर्ष की उर्म मे मनोज को ऐसा चाव चढा कि वह जो भी कुछ देख लेता था तो वह वेसा ही करने ‌‌‌लग जाता था।

इससे वह हर एक कार्य को आसानी से करने वाला बनने लगा । जब वह ‌‌‌बढा हो गया तो उसे भाला व तलवार बाजी व अन्य काम भी आसानी से आने लग गए थे । उसके पास इतना ज्ञान बचपन मे ही था की वह जिस भी कार्य को देख लेता तो वह उसे कर सकता था । अब मनोज अपने राज्य मे सबसे बलवान हो गया था ।

उसे इस बारे ‌‌‌मे कुछ भी नही पता था क्योकी उसके साथ जो उसकी ताकत का अंजादा दिला सके ऐसा कोई भी नही था । मनोज गरीब होने के कारण कोई भी उसके साथ खेलता नही और न ही उसके साथ लडाई करते थे । एक बार उसी नगर का राजा चंद्रप्रकाश किसी दुसरे राज्य की तरफ जा रहा था । दुसरे राज्य मे जाते समय बिच मे एक जंगल आता था।

‌‌‌जगल से जाते समय राजा ने देखा की मनोज अपनी योद्धा बनने की तैयारी कर रहा है तब तो उन्होने कुछ नही कहा और चुप चाप वहा से दुसरे राज्य मे चले गए । पर जब वे वापस आ रहे थे तो रात्री होने को थी । तभी उन्होने वापस देखा की मनोज अभी भी  योद्धा बनने की तैयारी कर रहा है तब राजा ने मनोज को बुलवाया और पुछा की ‌‌‌बालक तुम कोन हो और यहा क्या कर रहे हो ।

मनोज ने कहा की महाराज मे आपके राज्य का ही बालक हूं और यहा पर योद्धा बनने की तैयारी कर रहा हूं । तब राजा ने कहा की तुम मेरे राज्य के होकर मेरे पास आकर तैयारी क्यो नही कर लेते । तब मनोज ने कहा की महाराज मे बहुत ही गरीब हूं कोई भी मुझे अपने पास तक नही ‌‌‌आने देता है और फिर आपके महल मे कोई मुझे कैसे आने देगा ।

तब राजा ने अपने सेनिक से कहा की ‌‌‌तुम इस बालक को अपने साथ ले जाओ और कल मे खुद इसकी तैयरी देखूगा अगर यह योद्धा बनने के लिए तैयार है तो इसे मै अपनी सेना मे भर्ती कर लुगा । अपने राजा के आदेश की पालना करते हुए ‌‌‌वह सेनिक मनोज को अपने साथ ले गया ‌‌‌। दुसरे दिन राजा ने अपने अन्य योद्धा के साथ मनोज की परीक्षा ली ।

पहले तो मनोज के सामने उससे भी छोटे बालक को लडने के लिए भेजा पर मनोज ने उसे एक ही वार मे धुल चटा ‌‌‌दी । तब राजा ने उसके जितने बडे बालक को लडने के लिए भेजा तो मनोज ने उसे भी धुल चटा ‌‌‌दी । इसी तरह से राजा उसके सामने बडे बडे योद्धा को ‌‌‌भेजता गया और मनोज उन्हे हराता गया ।

अंत मे मनोज के साथ लडने के लिए राजा का सबसे बडा योद्धा आया पर मनोज उससे ‌‌‌उससे हार गया । फिर राजा ने मनोज से कहा की तुम और क्या जानते हो । तब मनोज ने कहा की आप अन्य कार्य भी करवा सकते है ।‌‌‌ राजा ने मनोज से सारे काम करवाकर देख लिए जिनकी युद्ध मे आवश्यकता होती है ।

‌‌‌गुदड़ी का लाल मुहावरे पर कहानी

मनोज उन सभी कार्यो को पुरी तरह से सही कर सका । तब राजा ‌‌‌उससे प्रसन्न होकर उसे अपनी सेना मे भर्ती कर लिया और उसकी प्रसन्सा करते हुए कहा की यह तो गुदड़ी का लाल है । जिसका अर्थ था गरीब होते हुए भी अपने वंशो मे सबसे महान है ‌‌‌इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

गुदड़ी का लाल ‌‌‌मुहावरे पर निबंध || Guddi ka lal essay on idioms in Hindi

साथियो अगर कोई अपने वंश के सभी लोगो मे से महान है जिसमे अनेक गुण हो तो ऐसे बालक को गुदड़ी का लाल कहा जाता है । ऐसे बालक या इंसान कम ही देखने को मिलते है करोडो लोगो मे से कोई एक ही मिलता है । जिस तरह से ‌‌‌अब्दुलकलाम जो अपने पुरे वंश मे से एक ही ऐसे इंसान थे ‌‌‌जिन्होने देश का नाम उच्चा किया था ।

‌‌‌उनके वंश मे उनके जितना महान और गुण वाला और कोई भी नही था । इस तरह के लोग होते है पर कम होते है। इनके गुणो को देखकर यह कहा भी नही जा सकता है की यह उस वंश का बेटा है जिसमने कभी किसी ने इतना महान या गुणवान काम नही किया है ।

‌‌‌इस तरह से गुदड़ी का लाल मुहावरे  का प्रयोग किया जाता है । गुदड़ी का लाल का सिध व सरल अर्थ यह है की गरीब घर मे जब ऐसे बालक का जन्म हो जाता है ‌‌‌जिसमे अनेक गुण हो जो किसी एक मे हो नही सकते और कभी उनके पुर्वजो मे नही थे । ऐसे बालक का जन्म जब हो जाता है तो ‌‌‌उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।

गुदड़ी का लाल मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है | What is the meaning of the idiom Guddi ka lal

दोस्तो आज के इस समाज में आपको कुल दो तरह के लोग देखने को मिलेगे जिनमें से एक गरीब होता है और दूसरा अमीर होता है । और अमीर घर में जन्मा जो बालक होता है वह हमेशा अमीरी में जीवन बिताता है और वह अपने जीवन में जो कुछ हासिल करना चाहता है वह हासिल कर सकता है ।

मगर बात जब गरीब बालक की होती है तो वह काफी कठिनाईयो के साथ जीवन जिता है । मगर कुछ गरीब घर में ऐसे बालक जन्म लेते है जो की भाग्य को अपने साथ लेकर आते है और वे जैसे ही जन्म लेते है धन उनके घर में आना शुरू हो जाता है ।

और जैसे जैसे इस तरह के बालक बडे होते जाते है वैसे वैसे अपने जीवन में वे बहुत कुछ हासिल करने लग जाते है ओर ऐसे बालक को गुणवान बालक कहा जाता है । और मुहावरो की दुनिया में इस तरह के बालक को गुदड़ी का लाल कहा जाता है ।

इसका मतलब है की गुदड़ी का लाल मुहावरे का अर्थ  गरीब घर मे जन्मा हुआ गुणवान बालक से होता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।