आग में घी डालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आग में घी डालना मुहावरे का अर्थ aag mein ghee daalana muhaavare ka arth – क्रोध को और अधिक भड़काना ।

दोस्तो जब ‌‌‌किन्ही दो आदमियों के बिच झगडा हो जाए या फिर किसी भी कारण से दो सदस्यो के बिच झगडा हो जाए तो उस झगडे के कारण उन दोनो आदमियों को एक दुसरे पर क्रोध आता है । जब कोई उनके क्रोध ‌‌‌को शांत न कर कर उन दोनो के क्रोध को और अधिक बढा देता है तो उस आदमी के लिए कहा जाता है की इसने तो आग मे घी डाल दिया । यानि इसने तो इन दोनो के क्रोध को और अधिक बढा दिया ।

आग में घी डालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आग में घी डालना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || aag mein ghee dalna use of idioms in sentences in Hindi

‌‌‌लाला ने दोनो परिवारो को बिती बात याद दिलाकर आग मे घी डाल दिया ।

किसी तरह से तो ये राजी हुए थे और तुमने आग मे घी डालकर इन्हे फिर से लडने पर मजबूर कर दिया।

राजेश ने किसी तरह से तो अपने घुस्से पर काबू किया था पर उसका दोस्त आकर आग मे घी डाल गया ।

रमेश कि बातो पर गोर मत करना उसका काम ही ‌‌‌आग मे घी डालने का है ।

जमीन ‌‌‌का बटवारा किसी तरह से हो ‌‌‌गया पर महावीर ‌‌‌ने वहा पर आकर आग मे घी डाल दिया जिससे लडाई हो गई ।

आग में घी डालना मुहावरे पर कहानी ||  aag mein ghee dalna story on idiom in Hindi

एक गाव मे लाला नाम का एक आदमी रहता था । उसके घर मे उसकी मा के अलावा और कोई भी नही रहता था । लाला बहुत ही बिगडा हुआ था वह किसी की भी इज्जत नही करता था । लाला को जहा भी कोई लडते दिख जाता तो वह ‌‌‌उन्हे भडकाकर फिर से लडाने लगता था । इसी कारण से उसकी मा बहुत ही दुखी रहती थी ।

‌‌‌लाला के इस तरह के बरताव से पुरा गाव भी परेशान था गाव का मुखिया लाला से कहता कि तुम ऐसा क्यो करते हो तो वह उसी के विपरीत गाव के लागो को कह कर उससे गाव का झगडा करा देता था। इस कारण गाव का मुखिया भी उसे कुछ भी नही कहता था । उसी गाव मे महावीर नाम का एक आदमी और रहता था जिसका एक भाई व पिता ‌‌‌भी उसी के साथ ‌‌‌रहते थे ।

महावीर के पिता के पास बहुत धन दोलत थी । कुछ दिनो के बाद मे महावीर व उसके भाई दोनो की शादी कर दि गई । ‌‌‌इस तरह से महावीर का जिवन चल रहा था । एक वर्ष के बाद उसके पिता की मृत्यु हो गई । तब सभी लोग बहुत दुखी थे की महावीर का पिता मर गया है । जब महावीर के पिता को मरे ‌‌‌तिन महा बि‌‌‌त गए तो दोनो भाईयो के बिच मे छोटी मोटी बात होने लगी थी ।

इसी तरह से उन्हे एक महा तो बित गया था पर एक दिन महावीर व उसका भाई बोला की अब हमे अलग हो जाना चाहिए । अलग होने की बात दोनो भाईयो को सही लगी थी तो दानो ने अलग होने  का फेसला ले लिया । तब महावीर के छोटे भाई बोला की कल पंच ‌‌‌को बुलाकर ले आना । अगले ‌‌‌दिन महावीर व उसके भाई दोनो के लिए उनके घर व खेत का बटवारा करने के लिए पंच आए ।

‌‌‌पहले खेत मे जाकर पंचो ने दोनो भाईयो के लिए खेत का बटवारा किया । तभी वहा पर लाला आ गया लाला को ‌‌‌आते देखकर पंच ने कहा की अगर कोई तुम दोनो से कुछ कहे तो तुम उनकी बात मत मानना । ‌‌‌अगर तुम दोनो को लगे की ‌‌‌तुम्हारे खेत बराबर नही है तो आपस मे ही बात करना या फिर हमसे करना तभी वहा पर लाला आ गया और लाला ने महावीर से कहा की क्या चल रहा है ।

तब महावीर ने कहा की खेत ‌‌‌का बटवारा हो रहा है । तभी लाला उनके खेत को देखने लगा । तभी दोनो ‌‌‌भाईयों ने पंचो से कहा की ठिक है अब हमारे घर ‌‌‌का भी बटवारा कर दिजिए । ‌‌‌जब घर ‌‌‌जब घर का बटवारा हो रहा था ‌‌‌तब दोनो भाईयो मे झगडा हो गया और दोनो लडने लगे । एक ने कहा की मै यह मकान लूगा दुसरे ने कहा की मै यह मकान लूगा ।

जब महावीर नही माना तो छोटा भाई बोला की आपने तो खेत मे भी ज्यादा जमीन ली है कम से कम यहा तो मुझे लेने दे । तभी पंच बोले की आप लोग यह क्या कर रहे हो । हम यहा ‌‌‌पर किस लिए आए है । किसी तरह से पंच ने उन दोनो को सम्भाला और दोनो को राजी कर कर घर ‌‌‌का भी बटवारा कर दिया ।

अलग हो जाने के बाद महावीर से मिलने के लिए लाला उसके पास आया और उसने महावीर से कहा की यह क्या तुमने घर मे कम जगह ली है । और भी न जाने क्या क्या कहने लगा था । इससे महावीर को क्रोध आ गया था ‌‌‌पर उस समय उसने अपने आप पर ‌‌‌शांत कर लिया था। तभी लाला वहा से जाने लगा ।

लाला को महावीर के घर से जाते देखकर महावीर का भाई उसे पास गया और पुछने लगा की वह क्या कह रहा था । लाला को और क्या चाहिए था वह तो उन दोनो को लडाना ही चहाता था इस कारण उसने उससे कहा की तुम्हारा भाई कह रहा था की मेने उससे ‌‌‌ज्यादा खेत ले लिया है और वह तुम्हे बहुत बुरा भी बता रहा था ।

इसी तरह से लाला ने उसे भडकाकर आग मे घी डालने का काम कर दिया था । तभी वह क्रोध के साथ महावीर के घर मे गया और उससे लडने लगा । उसे लडते देखकर महावीर भी चुप नही रहा और वह भी उसके साथ लडने लगा । इसी तरह से लडते लडते दानो ने लाठी भी ‌‌‌चला दी ।

आग में घी डालना मुहावरे पर कहानी

उनकी लडाई की खबर पुरे गाव मे फेल गई तो सभी गाव के लोग उसके घर के पास आ गए तभी पंच भी वहा पर आ गए । जब पंच ने लोगा से पुछा की क्या हुआ इनके पास कोई आया था क्या । तब लोग बोले की इनके पास लाला जरुर आया था ।

उसके बाद से ही ये लड रहे है पंच ने दोनो को बहुत समझाया और कहा की तुम दोनो उसकी बात ‌‌‌मान रहे हो जिसका काम ही आग मे घी डालना है । पर वे दोनो नही माने और लडते ही रहे । इस तरह से लाला आग मे घी डालकर दोनो ‌‌‌भाईयो को लडा दिया था । इस तहर से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

आग में घी डालना मुहावरे पर निबंध || aag mein ghee dalna essay on idioms in Hindi

साथियो अगर कोई लड रहा है चाहे वह किसी भी कारण से लड रहा है । ‌‌‌उनकी लडाई को किसी तरह से शांत तो हो गई पर वह थोडी देर के बाद वापस लडने लग जाए तो समझ जाना चाहिए कि किसी ने जरुर कुछ काम किया है जिसके कारण वे दोनो वापस लडने लग गए है । जरुर कोई उनको भडकाकर गया है ‌‌‌उनकी आग मे घी डाले का काम किया है ।

फिर दुसरे की गलती नही होती क्योकी आज का समय ही ऐसा है की अगर किसी को कुछ कह दे तो वह उसकी बात मान लेता है पर ‌‌‌अपनो की बात नही मानता और वह क्रोधित होकर लडने लग जाता है । इस तरह के लोग इस संसार मे बहुत है जो ‌‌‌अपनो की बात न मानकर दुसरे की बात पर भरोसा कर कर अपनो ‌‌‌के साथ झगडा करने लग जाते है ।

जब उन लोगा को पता चलता है की वह जिसकी बात मान कर अपनो के साथ झगडा करता है तब उसे यह भी पता चला जाता है की वह तो आग मे घी डाल गया और हमे क्रोध आ गया था । आग मे घी डाने वाले लोग केवल यही देखते है की वह ‌‌‌कितना क्रोधित है वे चहाते है की वह लडे चाहे उसमे उनका कोई फायदा नही ‌‌‌हो ।

तभी उन लोगा के लिए कहा जाता है की आग मे घी डालने वालो से दुर ही रहना चाहिए जिसका अर्थ है जो आपका क्रोध बडा दे ऐसे लोगो के साथ कभी नही रहना चाहिए और न ही उसकी बात माननी चाहिए । इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

आग में घी डालना मुहावरे का तात्पर्य क्या होगा || What is the meaning of aag mein ghee dalna in Hindi

दोस्तो आपको बता दे की इस मुहावरे का तात्पर्य उस स्थिति से होता है जब क्रोध को और अधिक भड़काने की बात होती है । क्योकी असल में इस मुहावरे का अर्थ यही होता है । और आपको पता है की कुछ लोग ऐेसे होते है जो की असल में ऐसा काम करते है जिससे क्रोध को ‌‌‌और अधिक भड़काया जाता है।

अगर आपने देखा होगा तो आपने यह नोटिस किया होगा की जब भी दो लोगो के बिच में झगड़ा होता है और वे किसी तरह से शांत हो जाते है तो एक ऐसा व्यक्ति जरूर आता है जो की क्रोध को और अधिक भड़काने का काम करता है और ऐसे लोगो के लिए कहा जाता है की वह तो आग में घी डाल रहा है ।

‌‌‌इसका मतलब है की जब भी किसीकारण से क्रोध को और अधिक भड़काने की बात होती है तब इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते है । वैसे आप भी इस मुहावरे का उपयोग जीवन मे किजिए और जहां पर कोई क्रोध को और अधिक भड़काने का काम करे तो उससे कहे की क्यो आग में घी डाल रहे हो ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।