आवाज उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आवाज उठाना मुहावरे का अर्थ aavaaj uthaana muhaavare ka arth  – विरोध करना ।

दोस्तो अगर किसी चिज का विरोध किया जाए तो उसे आवाज उठाना कहा जाता है जैसे मान लो आज कल के नेता हर किसी के लिए मुश्किल खडी कर रहा है और ऐसे ही हर कोई गलत राह पर चलने के लिए लोगो को भडका रहा है । अगर ‌‌‌इन सब को गलत बताने वाला और यह न हो ऐसा कहने वाला कोई हो तो उसके लिए कहा जाता है की वह गलत देखकर आवाज उठा रहा है । ‌‌‌

ऐसे लोग अपने बल का दुप्रयोग कर रहे है खुद को जो अधिकार मिले है उसका सही उपयोग न कर कर लोगो का ही शोषण करते है । जब उसके खिलाप कोई बोलने लग जाता है तो उस आवाज उठाना ही कहते है ।

आवाज उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आवाज उठाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || aawaj uthana use of idioms in sentences in Hindi

  • ‌‌‌भारत को आजाद कराने के लिए अनेक भारतवासी ने अग्रेजो के खिलाफ आवाज उठाई ।
  • आज कल जब भी किसी पर गलत हो तो उसे आवाज उठानी ही चाहिए ।
  • गलत नर्णय के खिलाफ आज हर कोई आवाज उठाने लगा है ।
  • अगर तुम्हारे साथ कुछ गलत हुआ है तो तुम्हे आवाज उठानी चाहिए ।

class="wp-block-heading has-vivid-red-color has-text-color">‌‌‌आवाज उठाना मुहावरे पर कहानी ||  aawaj uthana story on idiom in Hindi

कुछ समय पहले की बात है एक गाव मे लदुराम नाम का एक आदमी रहाता था । उसके दो पुत्र थे जिनमे से बडा बेटा ‌‌‌पढा लिखा नही था परंतु छोटा बेटा शहर मे पडने के लिए गया हुआ था । यनि वह बहुत ‌‌‌पढा लिखा था गाव मे उसके जितना कोई भी नही ‌‌‌पढा लिखा था । इस कारण लादुराम का छोटा ‌‌‌बेटा अपने पिता को बहुत ही अच्छा आदमी मानता था क्योकी उसने व उसके भाई ने उसे इतना ‌‌‌पढाया लिखाया था ।

लादुराम के बडे बेटे का नाम महेश व छोटे बेटे का नाम रमेश था । उसके गाव मे एक सेठा था जो गाव मे सबसे अमीर था । सेठ के पास से ही सभी गाव के लोग खाने के लिए पैसे कमाते थे । सेठ लोगो से काम करवाता था ‌‌‌यहा तक की सेठ लोगो से काम करता था उतना रुपये तो लोगो को देता नही था और किसी तरह से लोगो को ठगता ही रहता था ।

‌‌‌लोग सेठ से कुछ भी नही कहते थे । जब भी लोगो को जरुरत होती तो वे सेठ के पास जाकर रुपय ले लिया करत थे और जब वे वापस लोटाने जाते थे तो लोगो के पास से बहुत ज्यादा धन वापस लेता था । किसी तरह सेठ उन लोगो को हिसाब किताब मे फसाकर उनसे ज्यादा रुपय ले लेता था ।

गाव मे कोई भी इतना नही ‌‌‌पढा लिखा था कि वह ‌‌‌सेठ के हिसाब को भी गलत बता सके । गाव के लोगो को हिसाब आता भी नही था इस कारण सेठ लोगो को ठगता ही रहता था । जो लोग सेठ का रुपय वापस नही दे पाते थे । उनसे सेठ किसी तरह से खेत ले लेता था और बादमे अपने पास ‌‌‌ही उनसे काम कराता था और उन्हे खाने के अलवा कुछ भी नही देता था ।

एक दिन ‌‌‌लादुराम का छोटा बेटा ‌‌‌शहर से ‌‌‌पढ कर आया तो गाव के लोगो रमेश के पास जाकर पुछने लगे की वहा पर कैसा होता है क्योकी शहर गाव से काफी दुर था इस कारण गाव के लोग वहा पर जा नही पाते थे । रमेश ने गाव मे आकर देखा तो उसे पता चला की गाव के आधे से ज्यादा खेत तो सेठ के हो गए है ।

तब रमेश गाव के लोगो से पुछने ‌‌‌लगा की यह सब खेत सेठ के कैसे हो गए । तब उसे पता चला की सेठ से जो भी लोग पैसे लेते है उसका खेत सेठ का हो जाता है और वे लोग पैसे भी चुकाते है फिर भी पैसे नही चुक पाते है । जब रमेश ने गोर से सब चिजो के बारे मे जाना तो उसे पता चला की सेठ लोगो को ठगता है ।

तब रमेश ने सोचा की सेठ से इन लोगो से बचाना ‌‌‌होगा । तब रमेश लोगो को समझाने लगा की आप लोग सेठ से पैसे मत लिया करो वह आपको ठगता है । जब रमेश ने पुरी बात गाव के लोगो को बताया तो सभी को समझ मे आ गया था । इस तरह से सेठ के खिलाफ रमेश ने आवाज उठाई थी ।

सेठ के पास जो लोग काम करते थे उन्हे भी सेठ से आजाद होना था तो वे रमेश के पास आकर मदद मागने लगे ‌‌‌। रमेश ने उन लोगो की मदद करने की ठान ली थी वह शहर नही गया और लोगो की हर समस्या दुर करता रहा । जो लोग सेठ के पास काम करते थे उन्हे भी सेठ से आजाद कराया था । एक दिन सेठ गाव के लोगो से कहने लगा की आप लोगो के पास खेत है वह हमे बेच दिजिए ।

बदले मे आप लोगो को पैसे भी मिलेगे । गाव के लोग सोचने लगे ‌‌‌की हामारे खेतो मे फसल तो होती है नही और खेत बिक जाएगे तो हमे पैसे भी मिल जाएगे । वे खेत को बेचने ही वाले थे की रमेश वहा पर आ गया और आवाज उठाई की यह सेठ आप लोगो को ठग रहा है ।

आप लोगो के खेतो मे फसल न होने का कारण है जो सेठ जानता है और मै भी जान लुगा । इस तरह से आवाज उठाकर लोगो के खेतो को सेठ से ‌‌‌बचाने ‌‌‌लिया था और बादमे लोगो के खेत को देखकर उसमे जिन चिजो की कमी थी वह मिलाकर खेती कराने लगा था । इससे गाव के लोगो को फसल अच्छी होने लगी थी और धीरे धीरे गाव के सभी लोग अपने खेतो को वापस छुटाने लग गए थे ।

‌‌‌आवाज उठाना मुहावरे पर कहानी

इस तरह से रमेश तभी से गाव के लोगो की सेवा करने लगा था । जब भी कुछ गलत होते देखता तो वह ‌‌‌आवाज उठाने ‌‌‌लगता था । जिससे गाव के लोगो ‌‌‌पर कोई भी ‌‌‌मुसीबत नही हो रही थी । इस तरह से रमेश ने आवाज उठाकर अपने गाव के लोगो का जीवन बचाया था ।

आवाज उठाना मुहावरे पर निबंध || aawaj uthana essay on idioms in Hindi

साथियो आज के समय मै न जाने कितने गलत काम होते है आप लोगो यह सब तो जानते ही होगे और उन गलत कामो को देखकर भी लोग चुप बेठे ‌‌‌रहते है और उन्ही लोगो मे से कोई गलती बताने के लिए और गलत को सजा देने के लिए आवाज उठाने लग जाता है । यानि जो लोग गलत कर रहे है उनका विरोध करने ‌‌‌लगते है ।

जैसे आज कल सरकारी नोकरी करने वाले लोगो को देखकर हर कोई आवाज उठाता है तब जाकर लोगो का भला होता है । क्योकी आज भ्रष्टाचार की कोई कमी नही है जिसके कारण आज हर कोई गलत का साथ देता है और सही को सजा मिलती है । इसके खिलाफ जब तक कोई आवाज नही उठाता तक तक गलत होता ही रहता है ।

एक बार किसी ने आवाज उठा दि तो  ‌‌‌सभी लोग एक होने लगते है तब जार लोगो का भला होता है ।  वरना कभी भी सही नही होता है हमेश गलत ही होता रहता है । इस कारण आज कोई न कोई आवाज उठाकर सही को सही करता है और जो हो रहा है उसका विरोध करता है और लोगो को बताता है की जो यह हो रहा है वह गलत है । इस तरह ‌‌‌आप से आवाज उठाना मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

आवाज उठाना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of aawaj uthana in Hindi

दोस्तो आवाज अगर कोई उठाता है तो उसे किसी न किसी का सामना करना होता है । जैसे की आपने फिल्मो में देखा होगा की जब कुछ गलत होता है तो उस गलत को रोकने के लिए कोई न कोई विरोध करने लग ही जाता है ।

अगर आपने ऐसा नही देखा है तो आपने विरोध करने के बारे में सुना होगा और यही ध्यान में रखे ।

दरसल जब कोई किसी का विरोध करता है, तो उस समय क्या होता है की वह व्यक्ति उसके खिलाफ बोलने लग जाता है और नारे लगाने लग जाता है जिसके कारण से लोग भी उसके साथ हो सकते है । क्योकी इस स्थिति में वह व्यक्ति अपने मुंह से निकलने वाली आवाज का सहारा लेता है तो इसका मतलब है की वह आवाज उठा रहा है ।

अब क्योकी इस स्थिति में वह विरोध कर रहा है तो मतलब साफ हुआ की आवाज उठाना मुहावरे का तात्पर्य विरोध करना होता है और यह आप समझ सकते है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।