आव देखा न ताव का अर्थ और वाक्य व निबंध

आव देखा ताव मुहावरे का अर्थ aav dekha na tav muhavare ka arth – बिना सोचे विचार किसी काम को करना

दोस्तो आज के समय मे जब भी किसी कार्य को शुरू किया जाता है तो उसके बारे मे अनेक बार सोचा जाता है । फिर जाकर उस काम को शुरू किया जाता है । इस तरह से आज ऐसा समय आ गया है की चाहे छोटा सा ‌‌‌कार्य ही क्यो न हो उसके लिए भी सोचना पडता है । मगर जब कभी कोई व्यक्ति ऐसा हो जो बिना सोच विचार किए किसी कार्य को करता है । तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।‌‌‌

आव देखा न ताव का अर्थ और वाक्य व निबंध

आव देखा न ताव मुहावरे का वाक्य में प्रयोग aav dekha na taav muhavare ka vakya mein prayog

  • पिताजी की दी गई दो गालिया क्या सुन ली इसने आव देखा न ताव उन्हे घर से निकाल दिया ।
  • भरी सभा मे जब सेठ ने राहुल को बेवकुफ और निकमा कहा तो राहुल ने आव देखा न ताव सेठ को दो लगा दिए ।
  • पुलिस द्वारा अपशब्द सुन कर राजेश ने आव देखा न ताव पुलिस को मारने ‌‌‌लगा जिसके कारण से वह आज तक सजा काट रहा है।
  • अपने अध्यापक की बात सुन कर महेश ने आव देखा न ताव उनसे बदतमीजी करने लगा ।
  • जब कुसलसिंह को पता चला की उसका बेटा गाव मे चोरी करता है तो उन्होने आव देखा न ताव अपने बेटे को बहुत बुरी तरह से पीटा ।
  • लवणसिंह नें पैसो के लालच मे आव देखा न ताव और गलत काम कर दिया जिसकी सजा उसे आज तक भुगतनी पड रही है ।

‌‌‌आव देखा ताव मुहावरे पर कहानी aav dekha na tav muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे रामानन्द नाम का एक आदमी रहा करता था । रामानन्द बहुत ही अच्छा आदमी था वह कभी भी किसी को बुरा नही कहता था । रामानन्द गाव का सबसे अमीर आदमी होने के साथ साथ वहा का मुखिया भी था । जिसके कारण से रामानन्द हमेशा ही गाव के ‌‌‌लोगो की मदद करता रहता था ।

चाहे रामानन्द के सामने कितनी भी बडी मुसीबत क्यो न आ जाती वह सोच समझ कर ही उसका ‌‌‌सामना करता था । और जब भी कोई निर्णय लेता तो वह पहले उसके बारे मे दस बार सोचता था । क्योकी उसे पता था की उसके एक निर्णय के कारण से किसी का जीवन बर्बाद हो सकता है ।

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यही कारण था की गाव के लोग रामानन्द की हर बात मानते थे । परन्तु जब गाव के लोग रामानन्द को कुछ कह देते तो वह उन्हे वापस जबाब नही देता था । क्योकी वे लोग रामानन्द से बडे हुआ करते थे ।

इसी तरह की शिक्षा रामानन्द अपने बेटे को देता था । की चाहे किसी भी मुसीबत मे फस जाओ परन्तु अपने से बडो को ‌‌‌कभी निच शब्द नही कहने चाहिए । परन्तु रामानन्द को इस बात का जरा भी असर नही होता था ।

बल्की वह इसी तरह का था यानि वह हमेशा झगडे करता ही रहता था । परन्तु इस बारे मे उसके पिता को कुछ पता नही था । साथ ही रामानन्द के बेटे मे अनेक तरह की गलत आदते होने के कारण से वह हमेशा ही गलत तरह के लोगो के ‌‌‌रहता था ।

परन्तु कहते है ना झुठ कितने दिनो छिपा रह सकता है और यही हुआ एक बार की बात है रामानन्द अपने गाव से एक महिने के लिए दुसरे राज्य मे गया हुआ था । इस बारे मे गाव के हर किसी को पता था । जिससे गाव की जो भी समस्य होती वह रामानन्द का बेटा ही हल किया करता था ।

‌‌‌जिसके अनेक निर्णायों से गाव के लोग ‌‌‌खुश नही थे । और जब गाव के लोग उससे इस बारे मे बोलते तो वह कहता की आपको मेरा निर्णय मानना ही होगा क्योकी मैं मुखिया हू। परन्तु गाव के लोगो के सहयोग से ही मुखिया बना जाता है इस बारे मे उसे पता नही था ।

जिससे गाव के लोग उससे बात नही करते थे । जिसके कारण ‌‌‌वह भी किसी गाव के आदमी की कोई मदद नही करता था । साथ ही गाव के लोगो के साथ झगडा करता रहता था । इसी तरह से एक दिन अचानक बिना किसी को पता लगे रामानन्द अपने गाव मे आ गया ।

अब इस बारे मे उसके बेटे को भी नही पता था । जिससे वह पहले की तरह ही गाव के एक आदमी के साथ लडाई करता हुआ रामानन्द के ‌‌‌सामने आ गया । तब रामानन्द ने यह भी देखा की उसका बेटा अपने से बडो के साथ गलत तरह से बात ही नही करता बल्की उनके साथ मारपीट भी कर रहा है ।

यह देखने मात्र रामानन्द को इतना अधिक क्रोध ‌‌‌में आया की उसने आव देखा न ताव और अपने बेटे को मारने लगा । तब उसने अपने बेटे को बहुत ही बुरी तरह से ‌‌‌मारा । रामानन्द का यह रूप देख कर गाव के लोग भी चोक गए की वह अपने बेटे को इस तरह से मार रहा है ।

जब किसी ने उससे ‌‌‌रोकने की कोशिश की तो वहता है की आप अलग हो जाओ यह अपने से बडो से ऐसे बात कर कैसे सकता है । इसी तरह से घर जाने के बाद रामानन्द का बेटा अपने पिता को भी बुरा भला कहने लगा था ।

‌‌‌आव देखा न ताव मुहावरे पर कहानी aav dekha na tav muhavare par kahani

जिसके ‌‌‌कारण से रामानन्द ने उसे अपने घर से भी निकाल दिया । अब घर से निकाल देने के बाद वह जाए तो जाए कहा । क्योकी गाव के लोगो के साथ वह कभी सही तरह से रहा नही और अब उसके पिता ने भी उसे घर से निकाल दिया ।

तब दो तिन दिनो तक तो रामानन्द का बेटा इसी तरह से इधर उधर फिरता रहा परन्तु फिर अपने पिता के ‌‌‌पास जाकर माफी मागने लगा । जिसके कारण से उसके पिता ने फिर उसे अपने घर मे रहने दिया ।

परन्तु अब रामानन्द के बेटे को पता चल गया था की अगर वह कभी फिर ऐसी गलती करेगा तो उसका पिता आव देखेगा न ताव और उसे मार पीट कर गाव से ही निकाल देगा । इस कारण से वह फिर अपने पिता के बताए गए रास्तो पर चलने ‌‌‌लगा था । इस तरह से आपको समझ मे आ गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

आव देखा न ताव मुहावरे पर निबंध aav dekha na tav muhavare par nibandh

साथियो मनुष्य को दों आखे मिली है ताकी वह अपने दोनो तरफ देख सके की कहा क्या हो रहा है । इस कारण से किसी भी कार्य को करने से पहले उसके बारे मे आगे पिछे जान लेना चाहिए । यानि उस कार्य ‌‌‌के बारे मे अच्छी तरह से सोच विचार कर कर ही उस कार्य को करना चाहिए ।

मगर आज ऐसे लोगो की सख्या अत्यंत ही कम हो गई है । क्योकी मनुष्य दुसरो के बहकावे मे आ कर सही गलत की परख नही करता और वह कुछ भी करने लग जाता है । उसे तो इस बारे मे जब पता चलता है तब उसे अपने कार्य मे घाटा या हानि होती है । तब ‌‌‌जाकर वह सोचता है की मुझे पहले ही इसके बारे मे सोच समझ लेना चाहिए ।

इस कारण से फिर कभी भी वह कोई छोटा भी काम करता है तो वह उसके बोर मे जान ‌‌‌लेता है । मगर जब कोई व्यक्ति बिना सोचे विचार किसी काम को करता है तब इसे आव देखा न ताव कहा जाता है इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ आपको पता चल गया और इसके ‌‌‌उपर एक सुन्दर सी कहानी भी देखने को मिल गई है ।

आव देखा न ताव मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of aav dekha na tav in Hindi

दोस्तो हमेशा से कहा जाता है की अगर तुम जो कुछ करने जा रहे हो तो उसके बारे में तुम्हे लाख बार सोचना होगा और उसके बाद ही उस काम को करना होगा ।

दोस्तो अगर आप सच में ऐसे है की अगर किसी काम को करते है तो उसके बारे में बहुत बार सोचते है तो भले ही आपको कोई कुछ भी कहे मगर आप इस संसार में एक सही व्यक्ति है क्योकी कई बार सोचने के कारण से आप कुछ गलत नही कर सकते है ।

मगर जो लोग बिना कुछ सोचे समझे काम करते है वे असल में मुर्ख हो सकते है या फिर कह दे की वे अपने जीवन में गलती कर सकते है । और असल में जो बिना कुछ सोचे समझे काम करते है उसी के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

और इस बात के आधार पर दोस्तो आप यह कह सकते है की aav dekha na tav muhavare ka arth – बिना सोचे विचार किसी काम को करना होता है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।