माथे पर बल पड़ना का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

माथे पर बल पड़ना मुहावरे का अर्थ mathe par bal padna muhavare ka arth – क्रोध का लक्षण प्रकट होना

दोस्तो जब कोई व्यक्ति क्रोधित होता है तो उसके चेहरे को देख कर पता लगाया जा सकता है की वह क्रोधित है । यानि क्रोधित होने पर मनुष्य के चेहरे के माथे पर एक लकीर सी दिखाई देने लगती है ‌‌‌यानि क्रोधित होने पर जो लकीर बनती है उसे बल पड़ना कहा जाता है क्योकी यह बल माथे पर पडता है इस कारण से माथे पर बल पड़ना कहा जाता है । क्योकी ऐसा होने पर क्रोध का भाव या लक्षण प्रकट हो जाता है इस कारण से जब क्रोध का लक्षण प्रकट होता है तब इसे माथे पर बल पड़ना मुहावरा कहा जाता है ।

माथे पर बल पड़ना का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

‌‌‌माथे पर बल पड़ना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग mathe par bal padna muhavare ka vakya me prayog

  • कंचन ने जरा सा झुठ क्या बोल दिया तुम्हारे माथे ‌‌‌पर बल पडने लगा है ।
  • आज तुमने रामू को कोनसी बात कह दी जिसके कारण से इसके माथे पर बल पड रहा है ।
  • जब भी महावीर से पैसो की बात होती है तो उसके माथे पर बल पड जाता है ।
  • जब अजय दसवी कक्षा मे फैल आ गया तो उसके पिता के माथे पर बल पडने लगा ।
  • ‌‌‌कुलदीप ने दसवी कक्षा आराम से पास कर ली फिर भी तुम्हारे माथे पर बल पड रहा है यह बात अच्छी नही है ।
  • मैंने अपना उधार वापस मागा तो सेठ के माथे पर बल पडने लगा ।
  • जब मैंने महेश का काला सच दुनिया के सामने ला दिया तो महेश के माथे पर बल पडने लगा ।
  • जब अजय दसवी कक्षा मे फैल आ गया तो उसके पिता के माथे पर बल पडने लगा ।
  • सरला को झुठ से सक्त नफरत है अगर उसे पता चलेगा की उसका बेटा ही उससे झुठ बोल रहा है तो उसके माथे पर बल पडते देर नही लगेगी ।

माथे पर बल पड़ना मुहावरे पर कहानी mathe par bal padna muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक सज्जन व्यक्ति रहा करता था । जिसका गाव मे फाकी अधिक नाम था । उस व्यक्ति ‌‌‌का नाम लालू यादव था । लालू यादव के पास धन दोलत की कोई कमी नही थी जिसके कारण से वे जैसे चाहते वैसे अपना धन खर्च किया करते थे । ‌‌‌

मगर लालू यादव को जो व्यक्ति झुठ बोल‌‌‌ता वह बहुत ही ‌‌‌बूरा लगता था । जिसके कारण से झुठ बोलने वालो के साथ लालू यादव किसी प्रकार का रिस्ता नही रखता था । साथ ही अगर कोई झुठ बोल कर लालू यादव से किसी प्रकार की साहयता ले लेता था । तब भी लालू यादव को क्रोध इतना अधिक आता की समाने वाला ‌‌‌चाहे कैसी भी स्थिती मे क्यो न हो अपना पैसे वापस ले लेता ‌‌‌ही था ।

लालू यादव के घर मे उसकी पत्नी और एक बेटा रहा करता था । लालू यादव का बेटा अभी छोटा था जो पढाई करने के लिए विधालय जाया करता था । इसी तरह से एक बार की बात  है लालू यदाव का बेटा 10 कक्षा मे पढ रहा था । क्योकी उस समय गाव मे विधालय नही ‌‌‌था ।

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जिसके कारण से लालू यादव ने अपने बेटे को पढाई करने के लिए शहर भेजा था । साथ ही गाव का कोई और पढने के लिए नही जाता था । जिसके कारण से लालू यादव ने अपने बेटे के साथ साथ अपने भाई के बेटे को भी पढने के लिए भेज दिया था । इस तरह से दोनो भाई एक साथ पढाई रहे थे ।

मगर लालू यादव का बेटा पैसो का ‌‌‌लालची था । जिसके कारण से वह पढने के बहाने अपने पिता से झुठ बोल बोल कर पैसे लेता रहता था । साथ ही पिता के पूछने पर वह कहता की इस बार पहले नम्बर से मैं ही पास आउगा । जिसके कारण से लालू यादव उसे पैसे देता रहा ।

इस तरह से लालूयादव का बेटा अपने पिता से पैसे लेता रहा मगर पढाई न करने के कारण से वह ‌‌‌दसवी कक्षा मे पास ही हो सका और इसके अलावा उसका भाई प्रथम नम्बर से पास हो गया । मगर यह बात लालू यादव को उसके बेटे ने पता नही चलने दी बल्की अपने पिता को इसके बिल्कुल उल्टा बताता रहा ।

इसी तरह से काफी समय बित जाने पर एक दिन लालू यादव को अचानक उसके बेटे का टिचर मिल गया । जिसने ‌‌‌लालू यादव को उसके बेटे की सारी सच्चाई बता दी । जिसे जान कर लालूयादव को बहुत ही क्रोध आ गया की उसके बेटे ने ही उससे झुठ बोला है ।

यह सच जान कर लालूयादव अपने गाव मे चला गया और गाव मे जाकर अपनी पत्नी से अपने बेटे के बारे मे पुछने लगा । जिसे देख कर लालूयादव की पत्नी समझ गई की जरूर कुछ न कुछ बात ‌‌‌हुई है ।

जिससे वह अपने पति से कहने लगी की बेटे ने कुछ गलत कर दिया है तो मुझे बता दो मैं उससे बात कर लूगी । साथ ही कहा की वह हमारा इकलोता बेटा है अगर उसने कुछ गलत कर दिया है तो उसे भुल जाओ, इस तरह से माथे मे बल पड़ना अच्छा नही है ।

मगर लालूयादव अपनी पत्नी की बात नही मान रहा था और अपने ‌‌‌बेटे के ‌‌‌आने पर उसकी अच्छी कलाश ली । क्योकी लालू यादव को पता चल गया था की उसका बेटा पढना नही चाहता है इस कारण से उसने अपने बेटे को फिर पढने के लिए नही भेजा । साथ ही अपने भाई के बेटे को पढाने लगा ।

माथे पर बल पड़ना मुहावरे पर कहानी mathe par bal padna muhavare par kahani

यह देख कर लालूयादव के भाई के बेटे को पता चल गया था की अगर वह उनसे कभी भी झुठ बोलेगा तो उसकी भी खेर नही । ‌‌‌जिसके कारण से जब भी लालू यादव से झुठ बोलने की बात आती तो वह कहता की मैं तो झुठ नही बोलुगा क्योकी झुठ सुन कर लालू यादव के माथे पर बल पडने लगता है । इस तरह से वह लालू यादव से कभी भी झुठ नही बोलता था । साथ ही उनकी हर बात मानता था ।

जिससे उसका पढाई कर कर अच्छा जीवन चल गया साथ ही वह पढने के बाद मे ‌‌‌अच्छा काम भी करने लगा था । इस तरह से लालूयादव को ही वह अपने सफल जीवन का सार्थी मानता था । इस तरह से लालूयादव को झुठ से सक्त नफरत थी । इस तरह से आपको इस कहानी से पता चल गया होगा की इसका अर्थ क्या है ।

‌‌‌माथे पर बल पड़ना मुहावरे पर निबंध mathe par bal padna muhavare par nibandh

साथियो माथे पर जो कभी क्रोधित होने पर लकीर पडती है उसे ही बल पड़ना कहा जाता है । मगर यह ज्यादातर क्रोधित होने पर पडती है इस कारण से इसका अर्थ क्रोधित होने के लक्षण के तोर पर करते है । जिस तरह से उपर बताई गई कहानी मे लालूयादव को झुठ का पता चलते ही क्रोधित ‌‌‌हो जाता था और तब यह लक्षण सामने वाला आसानी से पता लगा लेता था ।

जिसके कारण से इसे माथे पर बल पड़ना कहा जाता था । ठिक इसी तरह से जब कभी क्रोधित होने का लक्षण दिखाई देता है तब इस मुहावरे का प्रयोग होता है । इस तरह से आप समझ गए होगे ।

माथे पर बल पड़ना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of in Hindi

दोस्तो अगर आप अपने दादाओ के पास आज बैठते है तो आपको वे इस मुहावरे को अच्छी तरह से समझा देगे ।

दरसल इसके पीछे का कारण यह है की पहले के समय में यह माना जाता था की अगर सामने वाला व्यक्ति अंदर से क्रोधीत होता है तो उसके माथे पर बल पड़ने लग जाता है । मतलब माथे के बिच मे जो चमड़ी होती है वह कुछ इकट्ठी हो जाती है और इसी को देख कर पुराने जमाने के लोग समझ लेते थे की सामने वाला क्रोधित हो रहा है ।

और उसी समय से ऐसा माना जाता है की अगर किसी के माथे पर बल पड़ रहा है तो यह क्रोध प्रकट करने का लक्षण है और यह बात सच भी है क्योकी mathe par bal padna muhavare ka arth – क्रोध का लक्षण प्रकट होना ही होता है । जो की यह पूरी तरह से इस मुहावरे को सच साबित करता है ।

अब अगर कही पर क्रोधित होने का लक्षण प्रकट होता है तो वहां पर इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।