मर मिटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

मर मिटना मुहावरे का अर्थ mar mitna muhavare ka arth – बुरी तरह से बर्बाद होना

दोस्तो मान लो की किसी व्यक्ति के पास धन दोलत की कोई कमी नही है और वह सारा धन एक कमरे मे पडा है । मगर किसी कारण से वह कमरा जल कर राख हो जाता है । जिसके कारण से उस व्यक्ति के पास जो भी था ‌‌‌वह सब नष्ट हो गया ।

इस तरह से जब उस व्यक्ति के पास अब एक फुटी कोडी तक नही रही तो इसे बुरी तरह से बर्बाद होना कहा जाता है । इस तरह से जब कभी किसी कारण से किसी भी कार्य मे कोई व्यक्ति बुरी तरह से बर्बाद होता है तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

मर मिटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

‌‌‌मर मिटना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग mar mitna muhavare ka vakya me prayog

  • ‌‌‌‌‌‌तुमने मेरा सब कुछ तो तबहा कर दिया अब मर मिटने के लिए मेरे पास रहा ही क्या है ।
  • रामलाल के पास धन की कोई कमी नही थी परन्तु उसकी एक गलती के कारण से ‌‌‌उसके घर मे आग लग गई और उसका सारा धन जल कर राख हो गया यही है मर मिटना ।
  • किशोर की गलत आदतो के कारण से मैं तो मर मिटा हूं ।
  • बेटे की शराब की लत ने मुझे पुरी तरह से कंगाल बना दिया ‌‌‌यह क्या मर मिटने से कम है ।
  • ‌‌‌राहुल शहर की लडकी से प्रेम कर कर मर मिटने को तैयार हो गया ।
  • अगर हजारीमल से तुमने ‌‌‌दुश्मनी मोल ली तो एक दिन मर मिटोगे ।
  • भले ही मैं मर मिटू मगर किसन जैसे पापी आदमी को सजा दिलाकर ही रहुगा ।
  • बडी मुश्किल से तो ‌‌‌मैंने इतने पैसे कमाए थे मगर सारे चोरी हो गए जिसके कारण से मेरी हालत मर मिटने वाली हो गई ।
  • तुफान के कारण से रामलाल का बनाया हुआ नया घर जब गिर गया तो रामलाल की हालत मर मिटने वाली हो गई ।
  • महेश ने मेरी मुसीबत मे बहुत सेवा की थी और जब वह मुसीबत मे फसा है तो मैं भी उसकी मदत करने मे मर मिटुगा ‌‌‌मगर उसे मुसीबत से निकाल कर रहुंगा ।
  • भले ही तुम अपने भाई के लिए मर मिटो मगर वह तुम्हारी कोई कदर नही करेगा ।
  • हनुमान जैसे नेक आदमी के लिए अगर मैं मर मिटुगा तो भी मुझे कोई गम नही होगा ।

मर मिटना मुहावरे पर कहानी mar mitna muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे ‌‌‌हड़मानाराम नाम का एक आदमी रहा करता था । ‌‌‌हड़मानाराम बहुत ही नेक और पैसे वाला आदमी था। ‌‌‌उसके घर मे उसके अलावा कोई नही था ‌‌‌जिससे वह गाव के लोगो को ही अपना मानता था ।

इतना अधिक पैसा होने के कारण से वह अपने आस पास के गावो मे भी ‌‌‌धन दान देता ताकी किसी दुखी ‌‌‌लोगो की कोई मदत हो जाए साथ ही उसने अपने गाव मे काफी अधिक इज्जत पा रखी थी। जिसके कारण से हर कोई ‌‌‌हड़मानाराम की बात सुन कर उसके गुण गाने लग जाता था ।

मगर जो मुसीबत मे दुसरो की मदत करते है अगर वह स्वयं ही मुसीबत मे हो तब उसे पता चलता है की मेरी मदत करने वाला भी कोई ‌‌‌है की नही । इसी तरह से एक दिन की बात है ‌‌‌हड़मानाराम अपने पास के गाव से होकर शहर जा रहा था ।

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तभी उसने देखा की गाव का सेठ एक आदमी ‌‌‌और उसके परिवार के साथ मार पिटकर रहा है और गाव के सभी लोग यह तमासा देख रहे है । यह सब देख कर ‌‌‌हड़मानाराम को लगा की क्या बात है पता लगाना चाहिए । तब ‌‌‌हड़मानाराम उस आदमी के ‌‌‌पास गया जिसे मार पड रही थी ।

 पास जाकर ‌‌‌हड़मानाराम ने उस सेठ से कहा की भाई इसे मार क्यो रहे हो आखिर बात क्या है । क्योकी सेठ काफी क्रोध मे था तो उसने कहा की इसने मेरे से 2 वर्ष पहले पैसे लिए थे और आज तक वापस नही दे सका ।

यह सुन कर ‌‌‌हड़मानाराम ने कहा की पैसो के कारण से इस बिचारे की तुम जान थोडे ‌‌‌ले सकते हो । यह सुन कर सेठ और अधिक क्रोध मे आ गया और ‌‌‌हड़मानाराम से कहने लगा की आखिर तुम इसके लगते क्या हो, तुम इसके पैसे दे दो मैं इसे नही मारूगा ।

यह सुन कर ‌‌‌हड़मानाराम कुछ शांत हो गया । तब सेठ ने कहा की पैसे दे नही सकते और ऐसे ही बोल वचन करने के लिए आ जाते है । तभी ‌‌‌हड़मानाराम के पास 50,000 रूपय ‌‌‌थे वह निकाल कर सेठ को दे दिए । तब सेठ ने कहा की इतने से कुछ नही होगा ।

यह सुन कर ‌‌‌हड़मानाराम ने कहा की तो कितने और तुम्हे रूपय देने है । तब सेठ ने कहा की 50,000 और देने है । यह सुन कर ‌‌‌हड़मानाराम सोच मे पड गया की आखिर इतने रूपय हो कैसे सकते है । तभी ‌‌‌हड़मानाराम ने उस व्यक्ति से पूछा की तुमने सेठ ‌‌‌से कितने रूपय लिए थे ।

तब उस आदमी ने कहा की मैंने 50,000 लिए थे जो अपनी तिन बेटियो ‌‌‌के विवाह पर मगर अब खेतो मे फसल अच्छी हो नही हरी है जिसके कारण से मैं इनका पैसा नही उतार पाया और ब्याज बढता चला गया ।

तभी ‌‌‌हड़मानाराम ने सेठ से कहा की ठिक है आप मेरे गाव मे मेरे साथ चलो । इस तरह से ‌‌‌हड़मानाराम ‌‌‌ने सेठ को अपने साथ लेकर चला गया और उसे उसके पैसे दे दिए । यह देख कर वह आदमी सोचने लगा की ‌‌‌हड़मानाराम को वह जानता भी नही है और उन्होने मेरी मदत के लिए अपना सब कुछ बेच दिया ।

यानि मुझे मुसीबत से निकालने के लिए ‌‌‌हड़मानाराम मर मिटने को भी तैयार है । जब इस बारे मे ‌‌‌हड़मानाराम से पूछा तो ‌‌‌हड़मानाराम ने ‌‌‌कहा की ‌‌‌मेरे पास पैसे है तब मैंने तुम्हारी मदत कर दी । अगर मेरे पास पैसे नही होते तो मैं तुम्हारी मदत कैसे कर सकता था ।

साथ ही कहा की पिटते देख कर मै बहुत अधिक दुखी हो गया था। इतना कह कर ‌‌‌हड़मानाराम तो वहा से चला गया । और पिछे से उस आदमी ने अपनी पत्नी से कहा की उस भले आदमी ‌‌‌ने हमारी दुखो मे मदत की है । वह हमे जानता भी नही है ।

इस कारण से आज से मैं भी उनकी मदत करने ‌‌‌से पिछे नही हटुगा। इस तरह से फिर वह आदमी ‌‌‌हड़मानाराम के पास चला गया और उसके साथ साथ रहने लगा । मगर एक दिन ‌‌‌हड़मानाराम बिमार हो गया । जिसका इलाज कराने के लिए उसके पास अब पैसे नही थे ।

यह जान कर उस ‌‌‌आदमी ने अपना सब कुछ बेच दिया और ‌‌‌हड़मानाराम का इलाज करवा दिया था । ‌‌‌क्योकी उस समय बहुत कम पैसे हुआ करते थे जिससे उस आदमी को अपने घर खेत के ज्यादा पैसे नही मिले थे । जब ‌‌‌हड़मानाराम को पता चला की उस आदमी ने मेरी मदत के लिए अपना घर बार बेच दिया है तो वह बहुत खुश हुआ । तब ‌‌‌हड़मानाराम उस आदमी से पूछने लगा की तुमने मरी मदत क्यो की ।

मर मिटना मुहावरे पर कहानी mar mitna muhavare par kahani

यह सुन कर वह आदमी कहने लगा की आपने मरी मदत कर कर मुझे मरने से बचा ‌‌‌लिया वरना वह सेठ हमे जान से मार देता । अगर अब मुझे आपकी मदत करने का मोका मिला है तो मैं भला पिछे कैसे हट सकता हूं ।

क्योकी मैं आपकी मदत करने के लिए मर मिटने को तैयार खडा हूं । इसके बाद मे ‌‌‌हड़मानाराम उसी आदमी के साथ रहने लगा था । और जितने दिनो तक ‌‌‌हड़मानाराम का जीवन था उतना समय उसी आदमी के साथ ‌‌‌बिताया था । ‌‌‌इस तरह से मदत करने के लिए हड़मानाराम और वह आदमी एक दुसरे के लिए हमेशा तैयार खडे रहते थे । इस तरह से आपको इस कहानी से मुहावरे के बारे मे कुछ पता चला होगा ।

मर मिटना मुहावरे पर निबंध mar mitna muhavare par nibandh

साथियो ‌‌‌जब किसी व्यक्ति के पास कुछ नही रहता है यानि सब कुछ ‌‌‌नष्ट हो जाता है तो इसे बर्बाद होना कहा जाता है । आज के संसार मे कोई ‌‌‌भी व्यक्ति एक दुसरे के बारे मे नही सोचते है बल्की सभी अपने अपने बारे मे सोचते रहते है ।

वे दुसरे के दुख की ‌‌‌परवाह न कर कर अपने जीवन को सुधारने मे ‌‌‌लगे रहते है ।  मगर जब ऐसे लोग किसी कारण से बर्बाद हो जाते है या कह सकते है की जो व्यक्ति अपना सब कुछ गवाने को तैयार खडा है । उसके लिए ऐसा कहा जाता है की वह मर मिटने को तैयार खडा है ‌‌‌।

मगर जब किसी आपदा या किसी कारण से किसी व्यक्ति का सब कुछ तहस नहस हो जाता है यानि बुरी तरह से बर्बाद हो जाता है उसके लिए ही मर मिटना मुहावरे का प्रयोग होता है । इस तरह से संक्षिप्त मे कह कसते है की मर मिटना मुहावरे का अर्थ बुरी तरह से बर्बाद होना होता है ।

मर मिटना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of mar mitna in Hindi

दोस्तो अगर आप मुवी देखने को शोकिन है तो आपने कभी न कभी मुवी में यह सुना होगा की नायक कहता है की मैं तुम्हारे लिए मर मिटने को तैयार हूं । तो इस बात का मतलब यह हुआ की नायक उसके लिए पूरी तरह से बर्बाद तक हो सकता है मगर उसका साथ नही छोड़ेगा ।

वैसे इस मुहावरे का प्रयोग अलग अलग तरह से हो सकता है जैसे की मान ले की आपका ही मित्र आपसे कहता है की दोस्त मैं तुम्हारे लिए मर मिटने को तैयार हूं मगर तुम्हारा साथ नही छोड़ने वाला । तो इसका मतलब हुआ की आपका दोस्त आपके साथ रहेगा चाहे वह बुरी तरह से बर्बाद ही क्यों न हो जाए । तो इस बात का मतलब यह हुआ की mar mitna muhavare ka arth – बुरी तरह से बर्बाद होना होता है।

अब अगर कोई बुरी तरह से बर्बाद होने की बात करता है या फिर बुरी तरह से बर्बाद होता है तो दोनो ही तरह की स्थिति में इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते हैओर इस बात को आप अच्छी तरह से समझ सकते है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।