पीठ दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पीठ दिखाना मुहावरे का अर्थ peeth dikhana muhavare ka arth  – हारकर भाग जाना

दोस्तो जब कोई किसी से युद्ध या लडाई कर रहा हो और उन दोनो मे से कोई एक युद्ध मे मारे जाने के डर के कारण वहा से बचकर भागने लगता है या भाग जाता है तो इसे पीठ दिखाना कहते है । क्योकी जब भी कोई रणभूमि मे से ‌‌‌भागने की कोशिश करता है तो वह उल्टे पैर तो भाग नही पता इस कारण वह सिधे पैर ही भागता है और जब वह भागता है तो उसकी पीठ पिछे होती है जो उससे युद्ध कर रहा होता है उसे दिखती है । इस कारण से ही इस मुहावरे को पीठ दिखाना कहते है ।

पीठ दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पीठ दिखाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌पीठ दिखाकर भागना कायरोकी निशानी है ।
  • जब महाराणा प्रताप युद्ध मे आते थे तो सामने वाले को पीठ दिखाकर भागना ही पडता था ।
  • जब भारत के लोगो ने अग्रजो से युद्ध करना प्रारम्भ किया तो अंत मे अग्रेज पीठ दिखाकर भाग गए ।
  • भारत की सेना कभी भी पीठ दिखाकर नही भागती है वह तो डटकर सामना करती है ।
  • ‌‌‌जब शिवाजी ने शस्त्र उठाए तो मुगलो को पीठ दिखानी ही पडी ।

‌‌‌पीठ दिखाना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे राजा रामेश्वर रहता था । राजा बहुत ही बलवान होने के साथ साथ दयालू भी था । पर अन्य राजा उसे ऐसा वैसा ही राजा समझते थे क्योकी ‌‌‌वे अपने पिता के मरने के बाद पहली बार सिंहासन पर बेठे थे । लोगो को भी उनके बारे मे ज्यादा पता नही था की वह कैसा राजा है क्योकी ‌‌‌राजा ने कभी भी रामेश्वर के बारे मे नही बताया की वह कैसा है ।

बल्की राजा रामेश्वर कभी भी अपने महल से बाहर निकले ही नही थे । वे महल मे ही ‌‌‌अपने युद्ध का ज्ञान लिया करते थे । इसी कारण कोई भी उनके बारे मे कुछ भी नही जानते थे । यहां तक की राजा के मंत्री को भी नही पता था की राजा रामेश्वर कैसा है ‌‌‌और युद्ध निती जानता भी है की नही ।

यही कारण था की अन्य राजा उसका राज्य छिनने के बारे मे सोच रहे थे । उन्ही राजोओं मे से एक राजा था जिसका नाम ‌‌‌शेरसेन था । उसने सोच रखा था की राजा रामेश्वर को मार कर उसका राज्य मै अपना राज्य बना लूगा । क्योकी राजा रामेश्वर को कभी भी किसी ने युद्ध लडते हुए ‌‌‌नही देखा ‌‌‌गया और जिसे युद्ध के बारे मे नही पता हो वह अपनी सेना को भी नही जानता है ।

ऐसा सोचकर राजा ‌‌‌शेरसेन ने राजा रामेश्वर के राज्य पर हमला बोल दिया । अपने राज्य पर हमला हो जाने के कारण राजा रामेश्वर ने अपने सेना से युद्ध करने के लिए तैयार होने को कहा । कुछ ही पल मे सभी सेना तैयार हो गई ‌‌‌उस समय तो राजा का मंत्री भी सोच रहा था की हमारे राजा को पता नही युद्ध करना आता भी है की नही ।

जब राजा युद्ध करने के लिए तैयार होकर आ गए तो मंत्री को भी लगा की राजा को युद्ध करना आता है । राजा रामेश्वर की सेना युद्ध स्थल मे पहुंच गई और राजा ‌‌‌शेरसेन को रोकने का प्रयत्न करने लगी थी । इस तरह ‌‌‌युद्ध होता रहा ।

तब ‌‌‌शेरसेन को लगा की इस तरह से तो हम राजा को नही मार सकेगे क्योकी राजा की सेना बहुत ही बलवान है और हमारी सेना ज्यादा होने के बावजूद हम राजा रामेश्वर की सेना का सामना नही कर पा रहे है । तब राजा ‌‌‌शेरसेन ने राजा को चक्रव्यूह मे लेने की योजना बनाई । और योजना के तहत राजा को चक्रव्यूह मे ‌‌‌मे ले लिया ।

तब राजा रामेश्वर के मंत्री को लगने लगा की हम हमारे राज्य को खो देगे पर ऐसा हुआ नही जैसे ही राजा चक्रव्यूह मे फंसे तो कुछ समय के बाद ही वहा से बारह आ गये और अपना बल दिखाने लगे थे । अपने राजा के बल को देखकर उसकी सेना भी जोश मे आ गई और जो भी उनके सामने आता उन्हे मारते हुए ओग बडने ‌‌‌लगे ।

इस तरह से युद्ध होते देख कर ‌‌‌शेरसेन चोक गया और सोचने लगा की मै तो इस राजा को ऐसा ही समझ राहा था और इससे युद्ध करने के लिए आ पहुंचा लगता नही है की इस राजा ने कभी युद्ध नही किया है । कुछ समय तो ‌‌‌शेरसेन उनसे युद्ध करता रहा पर जब राजा से युद्ध करने लगा तो ‌‌‌शेरसेन को पता चल गया की मै इसे नही ‌‌‌हरा सकता ‌‌‌हूं ।

‌‌‌पीठ दिखाना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

क्योकी राजा बहुत ही बलवान है और साथ ही उसकी सेना भी बलवान है जिसके कारण मेरी सेना के अनेक लोग मारे गए है । ऐसा सोचकर राजा ‌‌‌शेरसेन ने पीठ दिखा दि और अपनी सेना को वहां से लोटने को कहा । जब राजा ‌‌‌शेरसेन ने पीठ दिखा दी तो राजा रामेश्वर ने उन पर हमला नही किया और उन्हे वहा से जाने ‌‌‌दिया ।

इस युद्ध के कारण राजा रामेश्वर की सेना को पता चल गया था की राजा को युद्ध निती आती है और साथ ही यही भी पता चला की राजा के सामने ‌‌‌शेरसेन ने पीठ दिखा दि और वहा से भाग गया । इस तरह से आप इस कहानी से मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

‌‌‌पीठ दिखाना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

‌‌‌साथियो आप यह तो जानते ही हो की किसी भी लडाई मे भागना एक कायरता की निसानी होती है । और इसकी तरह से जब कोई लडाई मे डर जाता है अपने आप को कमजोर महसुस करने लग जाता है । क्योकी जब सामने वाले की सेना मारी जाती है तो वह कमजोर हो ही जाता है और उसे पता चल जाता की मै इसका कुछ नही बिगाड सकता हूं ।

‌‌‌वह सोचने लग जाता है की कम से कम मै अपने प्राण तो बचा लू अगर मै यहा से भाग पाय तभी बच सकता हूं । ऐसा सोचकर वह वहा से भागने लग जाता है और इसे ही पीठ दिखाना कहते है । इस तरह से डरपोक की तरह भागने वाले अनेक लोग होते है ।

फूला न समाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य का प्रयोग

बाल की खाल निकालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मुँह की खाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

रंग जमाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌लोहे के चने चबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

क्योकी अगर वे लोग पीठ नही दिखाएगे तो मारे जाएगे । यही कारण है की वे ‌‌‌लोग पीठ दिखा देते है । ‌‌‌आज के समय मे लोग मानते है की पीठ दिखाने से अच्छा है की मर ही जाओ । इस कारण ज्यादातर लोग पीठ दिखाते ही नही है चाहे उनके प्राण भी क्यो न निकल जाए ।

यह मुहावरा उन लोगो के लिए ही प्रयोग मे लाया जाता है जो भागने लग जाते है चाहे वह लडाई के कारण हो या कोई और कारण । हम यह भी तो कह सकते है की उसने ‌‌‌मेरे सामने उस काम मे पीठ दिखा दि यानि उस काम मे मेरी बराबरी नही कर सकता और काम छोड कर भाग गया । इस तरह से आप इस मुहावरे का सही अर्थ समझ गए होगे ।

पीठ दिखाना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of peeth dikhana in Hindi

दोस्तो एक बात आने सुनी होगी और वह यह है की भारत के लोगो के द्वारा कहा जाता है की भारत के वीर सेनिक कभी पीठ दिखाते नही है । क्योकी ऐसा पहली बार तो पल नही आता है की जब भारत की सेना हार जाए ।

और वही पर अगर किसी कारण से अगर एक सेनिक भी दुश्मन से हार जाता है तो अपने प्राण बचाने के लिए भागने से अच्छा वह युद्ध में मरना पसंद करता है ।

और इस बारे में सभी को पता है । क्योकी आपको पता है की जब कोई भागता है तभी पीठ दिखती है और आप इन सब बातो के आधार पर समझ सकते है की हम यहां पर हार कर भाग जाने की बात कर रहे है ।

अब क्योकी भारत की सेना कभी हारकर भागती नही है तो इसका मतलब हुआ की भारतिय सेना पीठ दिखाना नही जानती है ।

और इस तरह से आप समझ सकते है की पीठ दिखाना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।