आँखें चुराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें चुराना मुहावरे का अर्थ  aankhen churaana muhaavare ka arth  – नजर बचाना ।

दोस्तो जब कोई आपके सामने होने के ‌‌‌कारण भी वह आपकी और नही देख रहा है । आपसे बचकर जा रहा है और जब आप उससे पूछते हो की तुम कहा जा रहे हो तुम तो मेरी तरफ देखा भी नही है । तो वह कहता है की ‌‌‌मै जल्दी मे था तो मेने तुम्हारी तरफ ध्यान नही दिया है । पर आपको पता है की उसने आपको देखा है । इसे आँखें चुराना कहते है ।‌‌‌ ऐसे लोगो की कोई कमी नही है । जब उन्हे आपकी जरुरत होती है तब ही वे आपकी तरफ देखते है वरना नजर चुराकर जाने की ‌‌‌कोशिश करते रहेते है ।

आँखें चुराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें चुराना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग

  • ‌‌‌आज कल के नेताओ को क्या जितवा दिया जाए बादमे तो वे आँखें चुराकर जाने लगते है  ।
  • रमेश को मेने कुछ रुपये उधार दिए थे और जब भी वह मेरे सामने आता है तो वह आँखें चुराकर जाने लगता है ।
  • आज हर कोई आँखें चुराता फिर रहा है ।
  • रवीना अपनी सहेली से आँखें चुराती फिर रही है ।

आँखें चुराना मुहावरे पर कहानी

किसी नगर मे ‌‌‌लालचन्द नाम का एक आदमी रहा करता था । उसके घर मे उसके अलावा और कोई भी नही रहता था । वह बहुत ही गरीब था उसके पास खाने को भी कुछ नही था  । गरीब के साथ साथ वह घुस्सेलू आदमी था । इस कारण गाव के लोग उसकी मदद नही करते थे । पर जब किसी को उस पर दया आ जाती ‌‌‌थी ।

तो वह ‌‌‌लालचन्द की मदद कर देता था उसे काम दिला देता था । मगर काम मिल जाने के बाद मे ‌‌‌लालचन्द उस आदमी की और देखता भी नही था जिसने काम दिलाया है । इसी आदत की वजह से वह गरीब ही बना रहा और कभी खाना मिल जाता तो कभी नही मिलता था और पूरी रात उसे भूखा सोना पडता था ।

‌‌‌एक दिन एक आदमी ‌‌‌के पास ‌‌‌लालचन्द जाकर बोलने लगा की मुझे आप कुछ रूपय दे दो ताकी मै उससे कुछ काम कर लू और जब पैसे होगे तो मै आपको वे पैसे वापस दे दुगा । उस आदमी को उस पर दया आ गई तो उसने ‌‌‌लालचन्द को रुपय दे दिए जिसे पाकर ‌‌‌लालचन्द कोनसा काम करने वाला था ।

वह तो उन रुपयो को भी उडा दिया और अपने आरम करने की ‌‌‌वस्तुए लेकर आया और आराम करने लगा । आराम कितने दिनो तक कर सकता था जब उसके घर मे खाने का समान वापस खतम हो गया तो वह फिर से दर दर भटकने लगा था । कुछ दिनो के बाद मे उसके पास वह आदमी आया जिसने उसे पैसे दिए थे ।

आकर उसने ‌‌‌लालचन्द से कहा की मेरे पैसे कब दोगे मेने तो तुम्हे कुछ काम खोलने के लिए ‌‌‌दिए थे और तुमने उसे अपने ‌‌‌आराम करने की वस्तुओ ‌‌‌उडा दिए । तब ‌‌‌लालचन्द ने कहा की अब तो मरे पास नही है जब होगे तो मै तुम्हे दे दूगा। यह सुनकर उस आदमी ने कहा की अगर मुझे पहले पता होता तो मै तुम्हे पैसे कभी नही देता ।

यह कहकर वह आदमी वहा से चला गया । फिर जब भी वह अदमी ‌‌‌लालचन्द के सामने आता तो अपने ‌‌‌पैसे मागने लग जाता था । तब ‌‌‌लालचन्द कहता की मै पैसे कुछ दिनो के बाद मे दुगा मेरे पास आने वाले है ऐसा बहाना बनाने लगा जाता था । अब जब भी ‌‌‌लालचन्द को वह आदमी दिखता तो वह उससे ‌‌‌आंखे चुराकर जाने लग जाता था । उसकी तरफ देखता भी नही था ।

‌‌‌फिर एक दिन ‌‌‌लालचन्द शहर कमाने के लिए चला गया शहर जाकर ‌‌‌उसने खुब काम किया और तिन माह के बाद अपने गाव मे ‌‌‌आयाथा । आते ही उसने अपने खेत मे एक कुवा खुदवाया और अपने खेत को मे फसल बोने के लिए एक आदमी को कह दिया और कहा की जो फसल होगी उसे आधी आधी कर लेगे ।

जब उस आदमी को पता चला की ‌‌‌लालचन्द शहर ‌‌‌से वापस आ गया है तो वह ‌‌‌लालचन्द के पास जाकर अपने पैसे मागने ‌‌‌लगा पर ‌‌‌लालचन्द ने कहा की जितने कमाकर लाया था। उसे तो मेने कुवे खुदवाने के लिए लगवा दिए है अब मेरे पास कुछ भी नही है । आप किसी और समय पैसे लेना । यह सुनकर उस आदमी ने कहा की मेने तुम्हे पैसे देकर सबसे बडी भुल की है ।

इतना ‌‌‌कहरक वह आदमी वहा से चला गया । अब वह आदमी जो भी कोई पैसे मागता तो उससे कहात की मेने ‌‌‌लालचन्द को पैसे दिए थे वह आज तक वापस नही दिया है । तुम भी उसी की तरह मत कर देना । अब जब भी ‌‌‌लालचन्द को वह आदमी दिखता तो वह उससे आँखें चुराकर जाने लग जाता था । उसकी तरफ देखता भी नही था।

अगर वह आदमी उसे रोक लेता ‌‌‌तो वह बहाने बनाने लग जाता था कि आज मेने उस काम मे लगा दिए है । तुमको मे किसी और दिन दुगा । यह सुनकर उस आदमी को घुस्सा आ गया और कहने ‌‌‌लगा की पुरे गाव के लोगो के सामने चलकर इतना तो कह दो की मेरे पास पैसे नही है तो मै ‌‌‌तुमसे कुछ नही ‌‌‌लुगा ।

आँखें चुराना मुहावरे पर कहानी

पर ‌‌‌लालचन्द ने कहा की दुगा क्यो नही दुगा जरुर पर आज नही। इस तरह ‌‌‌जब भी ‌‌‌लालचन्द को वह नजर आता तो वह उससे आँखें चुराया करता था । इस काहनी से आप समझ गए होगे कि इस मुहावरे का अर्थ क्या है  ।

आँखें चुराना मुहावरे पर निबंध

साथियो आज के समय मे अगर हम किसी के लिए कुछ कर भी देते है तो वह याद नही रखता की हमने उसके लिए क्या किया है । अगर हम किसी को पैसे दे देते है तो कुछ लोग तो हमे वापस भी देगे पर कुछ लोग नही देगे वे हमसे आँखें चुराने लग जाते है की कही वह हमे दिख गया तो पैसे माग ‌‌‌लेगा ।

आँखें चुराना साधारण ‌‌‌तोर पर उसे ही कहते है कि जो लोग हमे देखने के बाद भी हमारे सामने नही आना चहाते है वे हमसे बचकर जाना चहाते है । उन्हे आँखें चुराने वाला कहा जाता है । कुछ लोग तो ऐसे होते है की उनके पास सब कुछ होते हुए भी वे हमसे आँखें चुराते है मानो हम उसे मार ढालेगे । ऐसे लोगो की कोई कमी नही है ।

‌‌‌ऐसे लोग ज्यादातर वे ही होते है जो हमसे कुछ ले रखा हो वे ही लोग हमारे सामने नही आना चहाते है । जब ऐसे लोगो को हामरी जरुरत होती है तो वे हमसे मदद मागने से पिछे नही हठते है पर जब हम वापस उनसे कुछ मागने लग जाते है तो वे हमारे सामने आने से भी ढरते है । और आँखें चुराने लग जाते है । इस तरह से आप समझ ‌‌‌होगे की आँखें चुराना मुहावरे का अर्थ क्या है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।

This Post Has 2 Comments

  1. Abhi

    super answer

Comments are closed.