थोथा चना बाजे घना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थोथा चना बाजे घना मुहावरे का अर्थ thotha chana baje ghana muhavare ka arth – ऐसा व्यक्ति जो गुणहिन होने पर भी गुणो का दिखाव करता हो

दोस्तो जब चना अंदर से मजबुत होता है यानि उसमे फल भिती होती है तो वह जमीन मे उग सकता है और एक ‌‌‌पौधा बनाकर अपने अनेक रूप के चने बना लेता है । ‌‌‌अगर वही चना अंदर से थोथा हो तो वह एक ‌‌‌पौधा नही बन सकता है । मगर अंदर से थोथा होने के कारण से वह बजता बहुत है ।

इसी तरह से अगर किसी व्यक्ति मे कोई गुण न हो यानि वह गुणहिन हो और वह अपने में गुणो के होने का दिखावा करता है तो इसे थोथा चना बाजे घना कहा जाता है ।

थोथा चना बाजे घना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थोथा चना बाजे घना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग thotha chana baje ghana muhavare ka vakya me prayog

  • ‌‌‌रविकात पांचवी फेल है फिर भी लोगो को देख कर अपनी बढाई करने मे लग जाता है सच है थोथा चना बाजे घना ।
  • पिता भले ही अध्यापक हो परन्तु रामू को कुछ नही आता फिर भी वह बात बात पर अपने को ज्ञानी बताता है सच है थोथा चना बाजे घना ।
  • रीता के पास धन होने के कारण से ही आज वह इस तरह से उधल रही है वरना उसे ‌‌‌कुछ भी नही आता उस पर तो थोथा चना बाजे घना वाली बात फिट बेठती है ।
  • हरीदेव तो बात बात पर ज्ञान झाडने लग जाता है और स्वयं को पढना भी नही आता है सच ही थोथा चना बाजे घना ।
  • कालू ने पांच आक क्या ले लिए वह तो अपने आप को बडा मानने लगा है यही है थोथा चना बाजे घना ।
  • महेश को अध्यापक ने होसियार क्या ‌‌‌कह दिया महेश अपने आप को तिसमारखा समझने लगा है यही है थोथा चना बाजे घना ।
  • पांच बार दसवी कक्षा मे फैल हो गया और मुझे देख कर अंग्रेजी मे बात कर रहा है सच है थोथा चना बाजे घना ।

थोथा चना बाजे घना मुहावरे पर कहानी thotha chana baje ghana muhavare par kahani

‌‌‌एक समय की बात है किसी नगर मे ‌‌‌एक विद्वान व्यक्ति रहा करता था । जो पेशे से एक वकिल था । उस वकिल के घर मे उसकी पत्नी और एक बेटा रहा करता था । वकिल के पास पैसो की कोई कमी नही थी क्योकी वह अपने राज्य मे प्रसिद्ध था । जिसके कारण से हर कोई अपना केस उसी के पास लेकर आते और जब वकिल उस केस को लडता तो वह उस को जीत जाता था ।

इस ‌‌‌तरह से हर बार जीत हासिल करने के कारण से वकिल का आसपास मे बहुत अधिक बोलबाला था । यानि वकिल हो हर कोई जानता था । अब वकिल का बेटा जो था वह अपने पिता से बिल्कुल अलग था । यानि उसके पिता उसे अच्छी शिक्षा देना चाहते थे ।

परन्तु उसने अपने पिता की सोच को मिट्टी मे मिलाते हुए पढाई नही की ‌‌‌और पांचवी कक्षा मे ही फैल हो जाने के बाद उसने पढाई छोड दी । उस समय पांचवी कक्षा बोर्ड की हुआ करती थी । उस वकिल के बेटे का नाम राजप्रताब था ।

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उसके पिता ने उसका नाम यह सोचकर रखा की आने वाले समय मे मेरा बेटा भी एक वकिल बनेगा और ‌‌‌दुनिया मे नाम करेगा । परन्तु जब राजप्रताब ने अपनी पढाई छोड दी तो उसके ‌‌‌पिता को बहुत दुख हुआ । उन्होने अपने बेटो को काफी समझाया परन्तु वह नही माना ।

इसी तरह से जब राजप्रताब बडा हो गया तो अपने पिता के ‌‌‌नाम पर उछलने लगा था । जिसके कारण से वह कई बार तो पुलिस के पास भी चला गया था । परन्तु उसने फिर लोगो के सामने ज्ञान ‌‌‌झाड़ना ‌‌‌शुरू कर दिया । ‌‌‌राजप्रताब के इस तरह से ज्ञान झाडने के कारण से आखिर मे उसके आस पास के लोग परेशान होने लगे थे ।

तब एक दिन की बात है राजप्रताब अपने पिता की बाईक लेकर रास्ते से जा रहा था । तभी उसे कुछ लोग लडाई करते हुए दिखाई दिए । तब उसने अपनी बाईक रोकी और उन लोगो को अलग कर कर उन्हे ज्ञान देने लगा की इस तरह से ‌‌‌लडाई नही करनी चाहिए ।

अगर लडाई करते समय किसी का सिर फुट गया और उसने इस लिए पुलिस मे कैस कर दिया तो जिसने सिर फोडा था उसको बहुत बडी मुसीबत का सामना करना पड जाएगा । इस तरह से कहने पर उन लडको ने राजप्रताब से कहा की तुम जाकर अपना काम करो ।

परन्तु राजप्रताब की आदत ही ज्ञान झाडने की थी इस कारण ‌‌‌से वह फिर नही माना और उन लडको को फिर से कहने लगा की मैं तुम्हारी भलाई के लिए ही कह रहा हुं । क्योकी मैं एक वकिल का बेटा हु इस कारण से मुझे पता है की क्या करने से क्या होगा ।

अब जो लड रहे थे वे दोनो सोचने लगे की यह बिच मे कहा से आ गया । तभी एक बोल पडा की हम जानते है की तुम वकिल के बेटे ‌‌‌हो और यह भी जानते है की तुम पांचवी कक्षा फैल हो जिसके कारण से तुम्हे आता कुछ है नही और उल्ट पुल्ट बात कर कर लोगो को परेशान करते रहते हो । तभी दुसरा बोला की थोथा चना बाजे घना ।

इस तरह से कह कर राजप्रताब पर वे लडके हंसने लगे थे । ऐसा करने के कारण से राजप्रताब उनके साथ मारपीट करने लगा । तभी राजप्रताब ‌‌‌को उन लडको ने बहुत पिटा और फिर जाकर पुलिस मे शिकायत कर दी की राजप्रताब उन्हे मारना चाहता था ।

ऐसा करने के कारण से राजप्रताब पर ही कैश बन गया । मगर राजप्रताब ‌‌‌का पिता वकिल था इस कारण से उन्होने उस कैश को किसी तरह से नष्ट कर दिया । मगर फिर भी राजप्रताब बाज नही आया और वह फिर लोगो को ज्ञान ‌‌‌देता । तब लोग उसे यही कहा करते थे की पांचवी फैल हमे ज्ञान देने चला है सच है थोथा चना बाजे घना

मगर राजप्रताब का क्या था वह तो इसी तरह से करता रहा । मगर लोग फिर उसकी बात नही सुना करते थे । इस तरह से जब भी लोग राजप्रताब को देखते तो उससे बाते भी नही किया करते थे । इस तरह से राजप्रताब का जीवन गुजरने लगा था । ‌‌‌इस तरह से आपको समझ मे आ गया होगा की इस कहानी से मुहावरे का अर्थ क्या निकलता है ।

थोथा चना बाजे घना मुहावरे पर निबंध thotha chana baje ghana muhavare par nibandh

साथिया आपने उपर दी गई कहानी मे पढा की राजप्रताब पांचवी फैल होने के बाद भी जब लोगो को ज्ञान देता तो लोग उसकी एक नही सुनते और उसी का मजाकर बना कर थोथा चना बाजे घना कहने ‌‌‌लगे थे । क्योकी राजप्रताब जो बाते कहता था उसे उतना ज्ञान नही था ।

इस तरह से जिस व्यक्ति मे गुण नही होते है यानि गुणहिन व्यक्ति के द्वारा जब गुणो की बात की जाती है तो इसे थोथा चना बाजे घना मुहावरा कहा जाता है । इस तरह से इसी समय इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । इस तरह से आपको समझ मे ‌‌‌आ गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

थोथा चना बाजे घना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of thotha chana baje ghana in Hindi

सच कहे तो इस मुहावरे को समझना आपके लिए काफी आसान है । दरसल आपको पता है की आपके आस पास रहने वाले लोगो में से बहुत से ऐसे है जो की अपने जीवन में काफी कुछ करते है मगर बहुत से ऐसे कार्य होते है जिनके बारे मे पता नही होता है मगर​ फिर भी वे उस कार्य के बारे में बढ चढ कर बताते है ।

तो इस बात का मतलब यही होता है की जो लोग अपने जीवन में इस तरह से कहते है वे असल में गुणहीन है और वे गुणवान होने का दिखावा कर करते है ।

और इसी तरह के लोगो के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है दरसल दोस्तो thotha chana baje ghana muhavare ka arth – ऐसा व्यक्ति जो गुणहिन होने पर भी गुणो का दिखाव करता हो , होता है और यह शायद आप अभी तक समझ चुके है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।