मक्खी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मक्खी मारना मुहावरे का अर्थ makkhee maarana muhaavare ka arth – कोई काम न करना या निकम्मा रहना ।

दोस्तो अगर किसी के पास ‌‌‌कोई भी काम नही है और वह दिन व रात अपने घर पर आराम से ‌‌‌बैठा रहाता है तो ऐसा कहा जाता है की वह तो घर बेठकर मक्खी मार रहा है । जिसका सिधा सा अर्थ यह है की कोई काम  ‌‌‌न होने पर घर मे निकम्मा बैठे रहना या ठाला बैठा रहना ।

मक्खी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मक्खी मारना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || makkhi marna use of idioms in sentences in Hindi

‌‌‌जब से नोकरी छोडी है तब से मक्खी मारने के अलावा कुछ नही करता हूं ।

राधेश्याम अपने कारोबार मे घाटा खा गया और अब बैठा मक्खी मार रहा है ।

रमेश को जब तक कोई काम नही मिल जाता तब तक वह घर मे बेठकर मक्खी मार ‌‌‌रहा है ।

‌‌‌जब कारोबार खुब चल रहा था तो राघव बहुत खुश था और आज ऐसे दिन आ गए है की मक्खी मार रहा है ।

मक्खी मारना मुहावरे पर कहानी || makkhi marna story on idiom in Hindi

‌‌‌कुछ समय पहले की बात है एक शहर मे राहुल नाम का एक लडका रहता था। राहुल के पास बहुत पैसे थे और वह दिन व रात उन पैसो को उडाता रहता था जिसके कारण कुछ ही ‌‌‌दिनो मे उसके बहुत पैसे पुरे हो गए और आधे से भी कम रुपय बचे थे । अब राहुल को पता चल गया था कि अगर इन पैसो को नही सम्भाला तो यह भी नष्ट हो ‌‌‌जाएगे ।

‌‌‌इस कारण वह कुछ दिनो तक तो सोचता रहा की इन पैसो से ऐसा क्या किया जाए की यह बडते चले जाए और मै पहले की तरह ही अपनी जंदगी जी सकु । तभी उसे पता चला की आज कल लोग दारु ‌‌‌बहुत पीते है और उसकी दुकान अगर खोल ली जाए तो बहुत पैसे आएगे । पर इसमे सबसे बडी बात तो यह थी की दारु की दुकान खोलने के लिए उसे बहुत ‌‌‌पैसो की जरुरत पडेगी ।

राहुल को पता था कि इतना पैसा मेरे पास नही है और न ही मै दुकान खोल सकता हूं। तब उसे ‌‌‌लगा की कुछ दिन तक बिना लाइसेंस के दुकान खोल ‌‌‌लुगा तो ‌‌‌मेरे पास बहुत रुपय आ जाएगे और बादमे लाईसेंस बना ‌‌‌लुगा ।

तब उसने दुकान खोलने की तैयारी कर ली और एक दिन उसने दुकान खोल ‌‌‌ली । राहुल की दुकान मे पहले तो कोई भी नही आ रहा था पर धिरे धिरे उसकी दुकान की तरफ भीड बडने लगी थी । उसकी दुकान मे अनेक लोग आने लगे थे । इस कारण राहुल के पास बहुत रुपय हो गए पर वह उन रुपयो को वापस उडाने लग गया था ।

जिससे वह धिरे धिरे वापस गरीबी की तरफ बढता जा रहा था। राहुल दिन मे दुकान खोलता ‌‌‌और रात भर खुद ‌‌‌बेठकर दारु पिता था । इस तरह से राहुल को कमाते हुए 6 माह बित गए थे और एक दिन उसकी दुकान पर पुलिस की छापा पड गया था। तब पुलिस ने राहुल से पुछा की दुकान खोलने का का ‌‌‌लाईसेंस है तो वह लेकर आओ ।

तब जाकर राहुत को याद आया की उसने लाईसेंस अब तक बनाया नही है । जब पुलिस को पता चला की उसके ‌‌‌पास दुकान खोलने का लाईसेंस नही है । तो पुलिस ने उसकी दुकान को सिल कर दिया और दुकान खोलने पर उसे जुर्माना भने को कहा । राहुल के पास जितने रुपय थे वह सब उसमे चले गए ।

अब राहुत अपने घर मे बैठा रहाता था और कुछ काम नही करता था । राहुल के पास ‌‌‌फिराकुछ भी नही था और राहुल नोकरी की तलास मे भी इधर उधर बहुत ‌‌‌फिरा ‌‌‌पर उसे नोकरी नही मिली । अब राहुल अपने घर मे बैठा ‌‌‌मक्खिया मारता था । उसके दोस्तो को लगता था की राहुत ने तो दुकान खोल ली और आज वह तो बहुत रुपय कमा रहा है ।

इस तरह से एक दिन उसके दोस्त राहुल के पास आए तो उसके दोस्तो को पता चला की राहुल तो घर मे बैठा ‌‌‌मक्खिया मार रहा है । ‌‌‌राहुल के दोस्तो ने पुछा की तुम ने तो दुकान खोली थी अब उसका क्या हुआ । तब राहुल ने पुरी बात अपने दोस्तो को बता दि थी । उसके दोस्तो ने कहा की अब तो तुम ऐसा करो की कोई छोटा मोटा काम ही कर लिया करो । जिससे तुम्हारा पैट तो भर ही जाएगा ।

मक्खी मारना मुहावरे पर कहानी

अपने दोस्तो की बात मानकर उसने छोटा मोटा काम करना सुरु ‌‌‌कर दिया था पर वह उस काम को कितने दिनो तक कर सकता था । कुछ ही दिनो के बाद मे राहुल ने उस काम को छोड दिया । जब राहुल को पता चला की उसे वह काम छोडना नही चाहिए था तो वह वापस वही जाकर वह काम करना चहा पर तब उसे वह काम वापस नही मिल ‌‌‌सका । तब एक बार फिर से राहुल अपने घर मे मक्खी मारने लगा  ‌‌‌इस तरह से आप समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

‌‌‌मक्खी मारना मुहावरे पर निबंध || makkhi marna essay on idioms in Hindi

साथियो आज के जमाने हर कोई अपने घर मे मक्खी मारने के लिए बेठा ही रहता है । क्योकी आज के समय मे काम मिलना बहुत ही मुश्किल है और काम मिल भी जाता है तो वे लोग उस काम को करते नही है । जिसके कारण वे अपने घर मे ‌‌‌खाली ही बैठे रहते है । घर मे भी करने के लिए कुछ नही ‌‌‌होता तो वे मक्खी ही मारने लग जाते है।

इस तरह के लोगो की इस दुनिया मे कोई कमी नही है । इस तरह के लोग आपको हर गली मे मिल सकते है । क्योकी ऐसे लोग कुछ छोटा मोटा काम करते नही है और बडा काम उन्हे मिलता नही है । इस कारण वे अपने घर मे ऐसे ही बैठे रहते है ।

इस तरह के लोगो को जब ‌‌‌तक जरुरत नही होती तब तक ये लोग अपने घर मे ही पडे रहते है । जिस तरह से रमेश नाम का एक लडका पहले तो बहुत काम करता था और बादमे उसका ऐसा समय आया की उसे वह काम छोडना पडा और बादमे वह काम उसे वापस नही मिल सका और वह दुसरा काम कर नही सकता था।

कुछ काम न होने पर वह दिन व रात अपने घर मे ही पडा रहता था । ‌‌‌इसे ही मक्खी मारना कहते है जिसका सिधा सा अर्थ है कुछ काम न होने पर निकम्मा बनकर घर मे पडा रहना । इस तरह से आप इस मुहावरे को सही तरह से समझ गए होगे ।

मक्खी मारना मुहावरे का तात्पर्य क्या होगा || What is the meaning of makkhi marna in Hindi

दोस्तो मक्खी एक छोटा कीट होता है और उसे नही मारना चाहिए । क्योकी किसी भी जीवन की हत्या करना एक पाप माना जाता है और जीवन में हमे किसी तरह का पाप नही करना है तो आपको इस बारे में ध्यान रखना चाहिए ।

वैसे आपको बता दे की यह मुहावरा है और इसका मतलब यह ‌‌‌की आप असल जीवन में मक्खी मारने का काम कर रहे है बल्की इसका मतलब कुछ ओर ही होता है और आपको बता दे की इस मुहावरे को वहां पर उपयोग में लाया जाता है जहां पर निकम्मा रहने की बात होती है । जैसे की कोई है जो की अपने घर में आराम से पड़ा रहता है किसी तरह का काम नही करता है यानि पूरी तरह निकम्मा है तो ‌‌‌उसके लिए कहेगे की आजकल वह तो मक्खी मार रहा है ।

तो इस तरह से मक्खी मारना मुहावरे का तात्पर्य यह होता है की जो लो ग जीवन में किसी तरह का काम नही करते है या निकम्मा रहते है उनके लिए इसका प्रयोग होता है । तो आप समझ सकते है की यह जो मुहावरा है वह किन लोगो की और सकेंत करता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।