कंगाली में आटा गीला मुहावारे का मतलब और वाक्य व कहानी

कंगाली में आटा गीला मुहावरे का अर्थ kangali me aata gila muhavare ka arth – ग़रीबी में और कष्ट आना ।

दोस्तो आपको पता है की गरीब व्यक्ति के पास खाने के लिए भी बहुत कुछ नही होता है । यानि वह समय पर भी अपना पेट कभी कभार भर पाता है । जब इस तरह के गरीब व्यक्तियो पर किसी कारण ‌‌‌से जब कोई कष्ट आ जाता है तब वह व्यक्ति बहुत बडी मुसीबत मे फंस जाता है । इस तरह से गरीबी मे कष्ट आने को ही कंगाली मे आटा गीला कहा जाता है ।

कंगाली में आटा गीला मुहावारे का मतलब और वाक्य व कहानी

कंगाली मे आटा गीला मुहावरे का वाक्य में प्रयोग kangali me aata gila muhavare ka vakya mein prayog

  • इस गरीब ने कुसलचंद की कमर तोड दी है और अब उसे पता चला है की उसकी बेटी के दिल मे छेद है ‌‌‌यह तो वही बात हुई कंगाली में आटा गीला ।
  • राम ने श्याम से कहा की दिन रात काम करता हूं फिर भी यह गरीबी पिछा नही छोडती और अब बेटे की शादी का समय आ गया है मेरी तो हालत कंगाली मे आटा गीला वाली हो रही है ।
  • महेश के पास ‌‌‌कुछ नही है और उपर से तुम उसे घर से निकालकर कंगाली मे आटा गीला वाली बात ‌‌‌कर दोगे ।
  • रामू गरीब होने के कारण से सेठ से उधार लेकर अपना घर चला रहा था परन्तु जब उसके घर मे आग ली तो रामू की ‌‌‌हालत कंगाली में आटा गीला जैसी हो गई
  • सेठजी मेरे वैसे ही आजकल हाथ तंग है और आपके नोकरी से निकालने पर मेरी तो हालत कंगाली मे आटा गीला वाली हो जाएगी ।
  • इस जुवे की लत ने गोपाल को गरीबी मे ‌‌‌धकेल दिया और अब लिवर की समस्या ने कंगाली मे आटा गीला वाली हालत कर दी ।

कंगाली मे आटा गीला मुहावरे पर कहानी kangali me aata gila muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक धनवान सेठ रहा करता था । सेठ के पास धन की कोई कमी नही थी जिसके कारण से उसके बेटे बेटी सभी उसे अच्छा मानते थे । और उसकी खुब सेवा किया करते थे । सेठ ‌‌‌के दो बेटे व दो ही बेटी थी ।

सेठ के बेटो व बेटियो का विवाह हो गया था । अब तक सेठ की भी उम्र होने लगी थी जिसके कारण से वह कुछ काम नही करता था । बल्की आराम से अपने घर मे रहता था । अब सेठ के दोनो बेटे ही सेठ का काम देखा करते थे ।

सेठ के पास एक रूई की फैक्ट्री थी जिसमे कंबल बनाने का काम किया ‌‌‌जाता था । अब सेठ के दोनो बेटे भी कंबल बनाकर अच्छे पैसे काम लेते थे । इस तरह से छोटा बेटा जो भी कमाता वह सेठ को दे देता था परन्तु बडा बेटा उसमे से आधे ही रूपय सेठ को देता था बाकी आधे अपने पास रखता था ।

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क्योकी वह सोचता था की अगर कभी मुसीबत आए तो ये पैसे मेरे का आ जाएगे । इस तरह से दोनो भाईयो को‌‌‌ एक साथ काम करते हुए देख कर गाव के लोग भी कहते की सेठ के बेटे इतने बडे हो गए है अभी तक साथ रह रहे है ।

यानि इस तरह से कह कर गाव के लोग साथ रहने की मीसाल दिया करते थे । मगर एक दिन क्या हुआ की सेठ के दोनो बेटो मे किसी बात को लेकर झगडा हो गया था । जिसके कारण से वे दोनो आग बबुला हो रहे थे । ‌‌‌जिससे वे दोनो एक दुसरे को हानी पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे ।

तब सेठ ने उन दोनो को समझाया भी था की अगर वे दोनो ऐसा करेगे तो उन्ही को ‌‌‌हानि होगी । मगर वे दोनो नही माने और इसी तरह से आग बबुला होने के कारण से दोनो भाई काम मे गलतिया करने लगे । जिससे एक दिन बडे लडके ने घुस्से मे पूरी फैक्ट्री ‌‌‌मे आग लगा दी ।

जिससे फैक्ट्री मे जो भी कुछ था वह नष्ट हो गया । जब इस बारे मे सेठ को पता चला तो उन्हे हार्ट अटैक का सामना करना पडा और उनकी मोत हो गई । सेठ की मोत हो जाने के कुछ महिनो बाद फिर से दोनो भाई लडाई करने लगे थे।

जिससे फिर गाव के मुखिया ने ‌‌‌उन्हे सेठ की बराबर संपत्ती बाट कर ‌‌‌दोनो मे बटवारा कर दिया । अब दोनो भाई अलग अलग रहने लगे थे । क्योकी बडे भाई के पास पैसे थे जो उसने पहले ही मुसीबत के समय के लिए सम्भाले थे । तो उसने उन पैसो से अपना नया काम शुरू कर लिया ।

मगर छोटे के पास पैसे न होने के कारण से वह गरीब की तरह रहने लगा और मजदुरी पर जाने लगा था । इस तरह से ‌‌‌मजदुरी करते हुए उसे तिन वर्ष बित गए परन्तु अब भी वह गरीब का गरीब ही है । इतने वर्षो मे उसकी पत्नी ने भी बहुत कष्ट झेले थे जिससे वह बिमार होने लगी ।

तब शुरूआत मे तो सेठ के बेटे ने इस पर गोर नही किया परन्तु जब वह ज्यादा बिमार होने लगी तो वह उसे डॉक्टर के पास दिखाने के लिए लेकर गया ‌‌‌। तब डॉक्टर ने सेठ के बेट से कहा की तुम्हारी पत्नी को कैंसर हो गया है ।

जिसके कारण से अगर इसका समय पर इलाज नही हुआ तो इसकी मोत हो सकती है । यह सुनते ही सेठ का बेटा बहुत बडी सोच मे डुब गया । तब डॉक्टर ने कहा की क्या हुआ भाई । तब सेठ के बेटे ने कहा की डॉक्टर साहब इस इलाज के लिए ‌‌‌कितने रूपयो की जरूरत होगी ।

तब डॉक्टर ने कहा की इलाज के लिए कम से कम 50 हजार लग सकते है परन्तु इसके खाने पिने और रख रखाव के लिए भी कम से कम 50 हजार और लग जाएगे । यह सुन कर सेठ का बेटा डॉक्टर के पास से अपने घर आ गया । तब पैसो के लिए वह गाव के कुछ अमीर लोगो के पास भी जाकर आया परन्तु ‌‌‌उसे पैसे नही मिले ।

मगर अंत मे जब वह गाव के मुखिया के पास गया तो उसने उसे पैसे देन के लिए हां तो कह दी परन्तु तभी कहा की तुम्हे सारी उम्र मेरे पास काम करना होगा जब तक पैसे न उतर जाए । तभी मुखिया ने यह भी पुछा की पैसे किस कारण से चाहिए । तब सेठ के बेटे ने अपनी पत्नी के बारे मे बताया ।

तब ‌‌‌मुखिया ने मदद के लिए से पैसे दे दिए । इस तरह से फिर कुछ ही दिनो मे इस बारे मे गाव के लोगो को पता चला की सेठ के बेटे की पत्नी को कैंसर है । यह जान कर सभी बात करने लगे की जब से फैक्ट्री मे आग लगी है वे गरीबो की तरह अपना जीवन गुजार हरे है और अब पत्नी को कैंसर जैसी भयानक बिमारी होने के कारण ‌‌‌से बिचारे की कंगाली मे आटा गीला वाली हालत हो गई ।

मगर सेठ के बेटे को पैसे मिल जोने के कारण से उसने अपनी पत्नी का इलाज कराना शुरू कर दिया । और समय पर इलाज कराने के कारण से उसकी पत्नी ठिक हो गई । मगर अब सेठ का बेटा नोकर बन कर मुखिया के पास काम करने लगा और अपना उधार उतारने लगा ।

कंगाली मे आटा गीला मुहावरे पर कहानी kangali mein aata gila muhavare par kahani

परन्तु उधार ‌‌‌उतारने मे उसे पूरी उम्र लग गई । तब मुखिया भी सोचने लगा की बिचारे पर कष्टो का ऐसा हाल है की कंगाली मे आटा गीला कह कसते है । इस तरह से फिर अंत मे मुखिया ने कुछ पैसे उसके माफ कर कर उसे अपना जीवन जीने दिया ।

इस तरह से इस कहानी मे गरीबी होने पर और कष्ट आता है ‌‌‌यह बताया गया है इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ क्या है यह आपको पता चल गया होगा ।

कंगाली मे आटा गीला मुहावरे पर निबंध kangali me aata gila muhavare par nibandh

साथियो आपने उपर दी गई कहनी मे पढा की सेठ का बेटा गरीब होने पर उसकी पत्नी पर कैंसर जैसी भयानक बिमारी आ गई । जिसके कारण से उस पर बहुत बडा कष्ट आ गया । इस तरह से किसी ‌‌‌कारण से जब गरीबी में कष्ट आता है तब इस मुहावरे का प्रयोग करते हुए कंगाली मे आटा गीला कहा जाता है ।

इस तरह के गरीब लोगो मे कष्टो का ‌‌‌साया आता ही रहता है । और वे लोग इन कष्टो को झलते हुए अपना जीवन गुजारते है । इस तरह के लोगो की इस संसार मे कोई कमी नही है ऐसे लोग आसपास मे बहुत देखने को मिल जाते है । इस तरह से ‌‌‌आप समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ क्या है और इसका कहा प्रयोग किया जाता है ।

कंगाली में आटा गीला मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of kangali me aata gila in Hindi

दोस्तो एक गरीब व्यक्ति के जीवन में कितना अधिक सुख होता है यह केवल गरीब को ही पता होता है । अगर अमीर की बात की जाए तो उसके जीवन में जीतना सुख होता है वह शायद ही गरीब के जीवन में कभी आया हो ।

कहने का मतलब है की गरीब के जीवन में बहुत बार या कहे की ज्यादातर दुख ही दुख होता है । और यह आपको शायद पता हो सकता है ।

और दोस्तो आपको पता है की गरीबी ही असल में इस दुनिया में सबसे बड़ा कष्ट माना जाता है । मगर वही पर अगर इसी गरीबी में कष्ट आते रहे । मतलब जो व्यक्ति गरीब होता हे ओर उसके जीन में कष्ट आ जाता है तो उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

और इसी सरल बात के आधार पर आप समझ सकते है की kangali me aata gila muhavare ka arth – ग़रीबी में और कष्ट आना होता है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।