हाथ खींचना मुहावरे का अर्थ hath khichna muhavare ka arth – पीछे हटना ।
दोस्तो कभी कभी ऐसा होता की कोई किसी कार्य को करना चाहता है और उस कार्य मे उतर भी जाता है । पर किसी कारण से वह उस कार्य से बाहर आ जाता है । या फिर यह कह सकते है की जब किन्ही दो व्यक्तियों की लडाई होती है तो उनमे से कोई एक व्यक्ति किसी भी कारण से लडाई न कर कर वहां से निकल जाता है । तो वह व्यक्ति उस लडाई से पिछे हट जाता है । और इस तरह से किसी भी कार्य मे पिछे हटने को हाथ खींचना कहा जाता है ।
हाथ खींचना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence
- मार पडते देख कर मेरे मित्र ने मेरा हाथ खींचलिया ।
- मुझे तो पहले ही पता था की ये लोग अच्छे नही है इसी कारण से मैंने अपने हाथ खींचलिए थे ।
- तुम्हारे कहने पर मैंने इस काम मे हाथ खींचे है अब तुम ही कोई अच्छा काम दिला दो ।
- जब से मेरे व्यपार मे घाटा लगने लगा है मेरी साहयता करने के लिए सभी मित्रों ने अपने हाथ खींच लिए है ।
- सुख के तो सब साथी होते है पर दूख मे हर कोई अपना हाथ खींच लेता है ।
- महेश को जेल हो जाने के कारण से उसके भाई ने ही बेल कराने से अपने हाथ खींच लिए ।
- प्रताब पर आज मुसीबत आई है और तुम भाई होकर अपने हाथ पिछे खींच रहे हो तो उसकी मदद कोन करेगा ।
- महावीर कुस्ती मे जाना चाहता था पर उसके पिता ने उसका हाथ खींच लिया ।
- अपने देश के लिए लडने के लिए कभी भी अपने हाथ खींचने नही चाहिए ।
- प्रसांत को फोज मे जाते देख कर उसके घर वालो ने उसका हाथ खींच लिया ।
हाथ खींचना मुहावरे पर कहानी Idiom story
प्राचिन समय की बात है भीवाराम नाम का एक व्यपारी रहा करता था । वह हमेशा ही अपना व्यपार करने के लिए कभी इस राज्य मे तो कभी उस राज्य मे जाया करता था । वह यहां का समान ले जाकर वहां पर बेच देता था और जब वापस आता तो वहां का समान यहां पर बेचता था । इस तरह से वह दुगना लाभ कमाता था ।
जिसके कारण से उसके पास धन इखट्ठा होने लगा था । और समय के साथ वह गाव का बहुत धनवान आदमी बन गया था । जब गाव के लोगो ने उसका काम अच्छी तरह से चलते देखा तो गाव के आधे से ज्यादा लोग बहुत ही दुखी हो रहे थे ।
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क्योकी हर किसी से किसी को ऊँचा उठता देखा नही जाता था । इस तरह से कमाई होते रहने के कारण से गाव के जो लोग उससे जलते थे या यह कहे की दुखी थे वे भीवाराम के साथ साथ रहने लगे थे । और बाकी लोगो को उससे कुछ लेना नही था । क्योकी वे वही लोग थे जो अपनी कमाई का खाते है ।
इस कारण से वे लोग किसी और से मतलब नही रखते थे वे तो अपने काम से काम रखते थे । जब भीवाराम के साथ गाव के बहुत से लोग रहने लगे तो भीवाराम को लगने लगा की उसके साथ तो गाव के बहुत लोग है ।
यह सोच सोच कर वह खुश हो रहा था । साथ ही वह सोच रहा था की जब भी मेरे पर कोई मुसीबत आएगी तो ये लोग मेरी साहयता कर देगे । ऐसा सोच सोच कर भीवाराम उन लोगो को पैसे देकर उनकी मदद करने लगा था ।
पैसे मिल जाने के कारण से वे लोग भीवाराम के साथ साथ रहने लगे थे । ताकी वे भी उनसे पैस ले सके । इस तरह से पैसे तो वे लोग उससे ले लेते थे पर उसे कभी भी वापस नही देते थे । साथ ही भीवाराम को भी इस बात का पता था की ये लोग पैसे तो वापस नही देगे ।
पर वह तो यह सोच रहा था की जब मुसीबत आएगी तो ये लोग साहयता कर देगे । इस तरह से जब भी भीवाराम व्यपार कर कर आता तो उसके चाहने वाले लोग उसके पास चले जाया करते थे और उसकी मदद कर दिया करते थे ।
धिरे धिरे समय बितता गया और एक बार भीवाराम बिमार हो गया था । जिसके कारण कई दिनो तक उसके पास जो पैसे थे वे लगते रहे थे । जब भीवारम किसी तरह से ठिक हो गया तो वह पैसे कमाने के लिए अपना व्यपारी का काम करने के लिए जाने लगा था । तो उसके व्यपार मे फायदा नही होता था ।
क्योकी वह इतने दिनो से बिमार रह गया था तो उसकी जगह दुसरा कोई व्यपार करने लगा था । इस तरह से घाटे मे वह एक माह तक व्यपार करने के लिए जाता रहता था । जिसके कारण से उसके पास जो भी धन था वह खत्म होता गया था ।
साथ ही जब उसका व्यपार सही तरह से नही चल रहा था तो गाव के लोग भी उसके पास कम जाया करते थे । इसी तरह से उसने सोचा की अगर वह व्यपार का समान एक साथ खरीद लेगा तो उसे सस्सा मिलेगा और वह लोगो को सस्ते मे बेच देगा ।
ऐसा सोच कर वह व्यपार के लिए समान लाने के लिए पैसे देखने लगा था । तब भीवाराम के पास पैसो की कमी आ गई थी । इस कारण से वह अपने प्रिय मित्रो के पास पैसे लेने के लिए गया था ।
तब उनके प्रिय मित्रो ने कहा की कल ले जाना इस तरह से जब भीवाराम कल गया तो उसे कहने लगे कल ले जाना । और दो तिन दिनो तक ऐसे कहने के बाद उन्होने अपना हाथ खिच लिया और कहा की तुम्हारे व्यपार मे घाटा चल रहा है इस कारण से पता नही की तुम हमारे पैसे वापस दोगे की नही ।
इस कारण से हम तुम्हे पैसे नही देगे । यह कहने के कारण वह चुप चाप वहां से आ गया और गाव के जो लोग उसके पास रहा करते थे वह फिर उन लोगो से मदद मागने लगा था । तब उन्होने भी मदद करने से हाथ खिच लिए थे ।
इस तरह से वह निराश होकर अपने घर जाने लगा था और फिर ऐसे ही निराश होकर अपने घर मे पडा रहता था । जब बाकी गाव के लोगो को पता चला की उसे पैसो की जरूरत है तो गाव के चार पांच लोग उसके पास आए और अपने पास से थोडा थोडा रूपया इखट्ठा कर कर उसे दे दिया और कहा की इन रूपयो को लेकर तुम अपना काम फिर से शुरू कर सकते हो साथ ही यह भी कहा की जब तुम्हारे पास होगे तो वापस दे देना वरना कोई बात नही ।
यह सुन कर भीवाराम बोलने लगा की आप लोगो ने मेरी मदद कर दी पर जो लोग मेरे साथ रहते थे और जो लोग मेरे प्रिय मित्र बने फिरते थे उन लोगो ने मेरा साथ नही दिया । तब गाव के लोगो ने कहा की भीवाराम सुख के सभी साथी होते है पर दुख मे कुछ लोगो को छोडकर सभी हाथ खिच लेते है ।
यह सुनकर भिवाराम ने कहा की बात तो तुम्हारी सही है । इस तरह से पैसे लेकर वह अपना काम करने लगा था और 5 महिनो के बाद वह फिर से पैसे कमाने लगा तो उन लोगो को ब्याज के साथ पैसे वापस दे दिया था ।
साथ ही वह अब उन लोगो के साथ ही रहने लगा था और किसी ओर को अपने साथ नही रखता था । इस तरह से वह अपना जीवन वापस चलाने लगा था । इस तरह से आप समझ गए होगे की इस कहानी से मुहावरे का सम्बध क्या है और इस मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग कैसे करते है ।
हाथ खींचना मुहावरे पर निबंध || hath khichna essay on idioms in Hindi
दोस्तो हमारे भारत में एक तरह निति है की जब भी लोग उपर उठने लगते है मतबल अपने जीवन में सफल होने लगते है तो दूसरा व्यक्ति उसे पीछे हटाने की कोशिश करता है और ऐसे में अनेको ऐसे प्रयास किए जाते है जिसके कारण से वह पीछे हट जाए और सफल न हो ।
ऐसे लोग वह होते है जो न तो स्वयं सफल होना चाहते है और न ही दूसरे हो सफल होने देना चाहते है और जब जब ऐसा किया जाता है तो कहा जाता है की मुझे सफल होते देख कर जलने वाले मेर टांग खीचने लगे ।
अब आपको पता है की टांग खीचने का मतलब पीछे हटाना होता है । मगर वही पर अगर हाथ पकड़ी कर खीचा जाता है तो इससे भी व्यक्ति जो होता है वह पीछे हट जाता है ।
ओर इस बात से आप समझ सकते है की हाथ खींचना मुहावरे का सही अर्थ पीछे हटना ही होता है ।
दोस्तो उपर दी गई एक अनोखी कहानी आपने पढी थी जिसमें भी इस मुहावरे के बारे में बताया गया था तो आपने कहानी नही पढी तो जाकर पढे ।
निचे बेस्ट हिंदी मुहावरे दिए गए है जो ज्यादातर प्रयोग मे आते है ।
कान का कच्चा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
कलम तोड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
एक अनार सौ बीमार मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
एक आँख से देखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
उँची दुकान फीका पकवान मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आस्तीन का सांप होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
उँगली उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आपे से बाहर होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आग में घी डालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आँखों में धूल झोंकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आँखें बिछाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आकाश पाताल एक करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
अगर मगर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
पहाड़ टूट पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आग लगने पर कुआँ खोदना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
श्री गणेश करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
टस से मस न होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
छोटा मुँह बड़ी बात मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
चोली दामन का साथ मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
गुदड़ी का लाल मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आँखें फेर लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
घाट घाट का पानी पीना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
बालू से तेल निकालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
अंग अंग ढीला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
अक्ल के घोड़े दौड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आवाज उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
मक्खी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
चैन की बंशी बजाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग