हाथ का मैल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

हाथ का मैल होना मुहावरे का अर्थ haath ka mail hona muhavare ka arth – महत्त्वहीन वस्तु होना

दोस्तो आज के समय मे हर कोई धनवान बनना चाहता है । मगर यह भी सभी को पता है की धन लम्बे समय तक नही रह सकता है । बल्की एक छोटे से समय मे बहुत अधिक धन नष्ट हो जाता है । इस कारण से इसे महत्त्वहीन वस्तु ‌‌‌कहा जा सकता है ।

क्योकी इस तरह से जो वस्तु लम्बे समय तक नही रह पाती है उसका महत्व नही बता सकते है । ‌‌‌इस तरह से जब कोई वस्तु महत्त्वहीन होती है तो इस मुहावरे का प्रयोग करते हुए कहा जाता है की यह तो हाथ का मैल है ।

हाथ का मैल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

हाथ का मैल होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग  haath ka mail hona muhavare ka vakya me prayog

  • माली की मदत के लिए महेश ने लाख रूपय उसे दे दिए और कहा की तुम पैसो की फिर मत करना पैसे तो हाथ का मैल होते है ।
  • रामलाल के पास ऐसी कोई भी वस्तु नही जो लम्ब से समय तक ठहर जाए उसके लिए तो सभी ‌‌‌वस्तु हाथ का मैल है ।
  • महेश ने भरे बाजर मे भिखारी को दस हजार रूपय दे दिए और कहा की आज से तुम भिख मांगना छाड दो और अपना नया जीवन शुरू कर लो पैसो का क्या है यह तो हाथ का मैल है ।
  • जब सरला ने अपनी पडोसन से पूछा की तुम हर बार बाबा को 100 रूपय दान मे दे देती है तो सरला की पडोसन कहने लगी की दान ‌‌‌दिया हुआ कही न कही काम आएगा ही और पैसो का क्या है वह तो हाथ का मैल है ।
  • हजारी की लोटरी निकले हुए दस दिन ही हुए थे की उनका एक ऐक्सीडेंट हो गया और सारे रूपय लग गए तब हजारी को समझ मे आ गया की पैसे तो हाथ का मैल है ।

हाथ का मैल होना मुहावरे पर कहानी haath ka mail hona muhavare par kahani

एक समय की बात है किसी नगर मे एक ‌‌‌भिखारी रहा करता था । भिखारी के घर मे उसकी पत्नी और उसका एक बेटा जो दिखने मे विकलाग दिखता था मरग वह असल मे विकलाग नही था बल्की विकलाग होने का दिखावा करता था । भिखारी का पूरा परिवार शहर की अगल अगल जगहो पर भिख मागने का काम किया करता था ।

इस तरह से भिख ‌‌‌मागने के कारण से उसे कोई दस रूपय ‌‌‌देता तो कोई 20 रूपय देता था । जिसके कारण से दिन मे वे सभी 1500 से भी अधिक रूपय भिख मे ले लेते थे । इतना रूपया प्राप्त होने के कारण से भिखारी अपने बेटे ‌‌‌से भी यह काम करवाता था ।

साथ ही इस तरह से पैसे ले कर वह अपने घर मे इकट्ठा करता रहता था । मगर उसका घर देखने मे कोई कह नही सकता था की उसके पास ‌‌‌इतना अधिक रूपय है । मगर भिखारी को पता नही था की पैसे वह कितने दिनो तक रख सकता है । क्योकी पैसे तो कभी न कभी किसी कार्य मे लग ही जाते है ।

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और इसी तरह से एक बार भिखारी के साथ हुआ था । भिखारी का बेटा रास्ते पर भिख माग रहा था की अचानक कुछ लुटेरे वहां से जा रहे थे । जिन्होने भिखारी के बेटे ‌‌‌को टक्कर मार दी । जिसके कारण से भिखारी का बेटा बहुत घायल हो गया था ।

  घायल हो जाने के कारण से भिखारी के बेटे के शरीर से काफी अधिक रक्त निकल गया था । मगर कुछ लोगो ने उसे किसी तरह से हॉस्पिटल पहुंचा दिया था । जब इस बारे मे भिखारी को पता चला तो वह अपनी पत्नी को साथ लेकर अपने बेटे के पास ‌‌‌चला गया ।

बेटे के पास जाने के बाद मे उसे पता चला की डॉक्टर कह रहे है की बेटे का इलाज हो जाएगा मगर इसके लिए पैसे लगेगे । इस तरह की बात सुन कर भिखारी ने सोचा की अगर बेटे का जीवन बच जाए तो ‌‌‌पैसे तो मेरे पास और आ जाएगे । इस तरह से फिर भिखारी ने अपने बेटे का इलाज करने के लिए डॉक्टर से कहा ।

तब ‌‌‌डॉक्टर ने भिखारी से पहले ही पैसे माग लिए । तब भिखारी ने डॉक्टर को पैसे लाकर भी दे दिए । यह देख कर डॉक्टर हक्का बक्का रह गया और सोचने लगा की इस भिखारी के पास तो काफी अधिक पैसे है ।

मगर डॉक्टर को इससे क्या लेना था । जिसके कारण से डॉक्टर ने भिखारी के बेटे का इलाज कर दिया । मगर अब उसके ‌‌‌दोनो पैर पुरी तरह से नष्ट हो गए थे । जिसके कारण से भिखारी को बहुत ही दुख हो रहा था ।

जब इस बात को एक महिना बिता तो भिखारी को पता चला की उसके पास जितना पैसा था वह सब बेटे के इलाज मे खर्च हो गया । जब इस बारे मे भिखारी के बेटे को पता चला तो उसने कहा की पिजाती पैसो को हम कितने दिनो तक इकट्ठा ‌‌‌रख सकते है ।

पैसे तो हाथ का मैल है जो कभी न कभी खर्च हो जाते है। बेटे की बात सुन कर भिखारी को दुख होने लगा की जब उसके पास पैसे थे तो वह अपना काम स्टाट कर लेता तो आज बेटे को इतना दुख नही सहना पडता । मगर अब क्या हो सकता था ।

जिसके कारण से फिर भिखारी ने कुछ पैसे इकट्ठे कर लिए और बाद मे अपने ‌‌‌स्वयं का एक काम शुरू कर दिया । साथ ही इस कार्य से जो भी कुछ लाभ या पैसा प्राप्त होता उसे भिखारी इकट्ठा न कर कर अपने परिवार की हालत सुधारने मे खर्च करने लगा था ।

इस तरह से फिर भिखारी ने अपने जीवन के कष्टो को काटने पर कार्य करने लगा और जब भी कही पैसो की बात होती तो पैसे देने के लिए एक बार ‌‌‌भी नही सोचता और सामने वालो से कहता की जनाब पैसो का क्या है पैसे तो हाथ का मैल है आज है तो कल नही ।

हाथ का मैल होना मुहावरे पर कहानी haath ka mail hona muhavare par kahani

इस तरह से भिखारी आसानी से समझ गया की पैसो को वह लम्बे समय तक इकट्ठा नही रख सकता है । जिसके कारण से वह अपने उपयोग का हर कार्य करवाने लगा । इस तरह से आपको इस कहानी से समझ मे आ गया होगा की इसका ‌‌‌अर्थ क्या है ।

हाथ का मैल होना मुहावरे पर निबंध haath ka mail hona muhavare par nibandh

साथियो पुराने समय मे लोग कई दिनो तक स्नान नही करते थे । क्योकी उस समय पानी के साथ साथ अन्य सभी आवश्यक वस्तुओ की कमी थी । जिसके कारण से उनके शरीर पर काफी दिनो से गंदगी लगी रहती थी ।

इस तरह की गंदगी होने को मैल कहा जाता है । ‌‌‌क्योकी यह मैल शरीर के पूरे अंगो के चिपका रहता है । जिसके कारण से हाथो पर भी चिपक जाता था । मगर हाथ को बार बार अनेक कार्यो मे उपयोग लिया जाता है, जिससे हाथ पानी से धोने पडते थे ।

इस तरह से पानी से धोने पर हाथ का मैल नष्ट हो जाता था । यानि हाथ का मैल नही रहता था बल्की हाथो से अलग हो ‌‌‌जाता था । इस कारण से इस तरह के हाथ के मैल का कोई महत्व नही रहा । जिसके कारण से हाथ के मैल को ‌‌‌महत्त्वहीन कहा जा सकता है । इसी तरह से पैसे और बाकी अन्य कुछ वस्तु होती है ।

जो मानव जीवन मे उपयोगी तो बहुत है मगर वे जीवन मे लम्बे समय तक रह रही सकती है । यानि किसी न किसी कारण से नष्ट हो ‌‌‌ही जाती है । जिस तरह से हाथ का मैल निकल जाता है उसी तरह से ।

इस कारण से ऐसी वस्तु भी ‌‌‌महत्त्वहीन वस्तु होगी यह हम कह सकते है । और इस कारण से ऐसी ‌‌‌महत्त्वहीन वस्तुओ को हाथ का मैल कहा जाने लगा । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ ‌‌‌महत्त्वहीनवस्तु होता है यह आप जान गए होगे ।

हाथ का मैल होना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of haath ka mail hona in Hindi

दोस्तो आपने कई बार लोगो के द्वारा ऐसा कहते हुए सुना होगा की यह वस्तु तो मेरे हाथ का मेल है या यह कह सकते है की कई लोग कहते है की पैसे मेरे लिए हाथ का मेल है । और ऐसा इस कारण से कहा जाता है की पैसे आते है ओर हाथ से दूर हो जाते है मतलब ​खर्च हो जाते है और इसका मतलब हुआ की पैसो का इतना महत्व नही है। मगर असल में पैसो का काफी महत्व होता है जो की आप भी जानते है ।

मगर कुछ ऐसी वस्तु होती है जिनका कोई महत्व नही होता है और उन वस्तुओ के लिए कहा जाता है की यह तो मेरे हाथ का मेल है और इसी बात से आप यह समझ ले की haath ka mail hona muhavare ka arth – महत्त्वहीन वस्तु होना होता है ।

और इस बात का मतलब है की जहां पर महत्त्वहिन वस्तु होने की बात होती है वही पर haath ka mail hona का प्रयोग होता है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।