निर्देशक चिह्न ( ― ) किसे कहते है, परिभाषा और वाक्य या उदहारण

निर्देशक चिह्न ( ― ) किसे कहते है, nirdeshak chinh kaisa hota hai, निर्देशक चिह्न की परिभाषा, निर्देशक चिह्न के वाक्य , nirdeshak chinh ka vakya

दोस्तो आपने विराम चिह्न का नाम सुना होगा, उसी तरह के कुछ ऐसे चिह्न होते है जिन्हे विरामेतर लिपी चिह्न में सामिल किया जाता है  । और यहनिर्देशक चिह्न असल में एक तरह का विरामेतर चिह्न ही होता है ।

और आज के इस लेख में आपको हम निर्देशक चिह्न के बारे में जानकारी देगे की निर्देशक चिह्न ( ― ) किसे कहते है, परिभाषा और वाक्य या उदहारण क्या होते है । और आपको निर्देशक चिह्न अच्छे से समझाएगे ।

निर्देशक चिह्न ( ― ) किसे कहते है, परिभाषा और वाक्य या उदहारण

निर्देशक चिह्न का प्रतिक चिह्न

दोस्तो निर्देशक चिह्न के बारे में जानकारी हासिल करने से पहले भी आपको यह पता होना जरुरी है की आखिर इकसा प्रतिक चिह्न कैसा होता है । क्योकी अगर आपको प्रतिक चिह्न के बारे में ही नही पता होता है तो आप ऐसे में निर्देशक चिह्न को अच्छे से नही समझ पाते है । तो आइए जानते है की आखिर निर्देशक चिह्न का प्रतिक चिह्न क्या है

दोस्तो आपने डेश ( ― ) का नाम सुना होगा । असल में इसे एक रेख चिह्न के रुप में भी जाना जाता है और यही असल में निर्देशक चिह्न का प्रतिक चिह्न होता है । इसका मतलब है की कही पर निर्देशक चिह्न का प्रयोग होता है तो वहां पर डेश ( ― ) चिह्न लिखा होता है ।

निर्देशक चिह्न किसे कहते है

दोस्तो प्रतिक चिह्न के बारे में जानने के बाद में आपको पता होना चाहिए की निर्देशक चिह्न किसे कहते है । क्योकी तभी आप इसे अच्छे से समझ सकते है । तो आइए इस बारे में जानते है

दोस्तो अगर कोई कथन है और उसकी स्पष्टता करनी होती है तो ऐसे में निर्देशक चिह्न का प्रयोग होता है । इसके अलावा कोई उदहारण दिया जाता है तो उसके आगे भी इस चिह्न का प्रयोग होता है । साथ ही कोई कथन कहा जा रहा है तो उसके आगे इसका प्रयोग होता है, इसके अलावा विषय, सम्बन्धी, प्रत्येक शीर्षक के आगे आदी स्थानो पर निर्देशक चिह्न का प्रयोग होता है ।

जैसे की राहुल ने कहा — मैं आज स्कूल नही जाउगा । तो इस तरह से राहुल ने कहा यह एक तरह का कथन हो जाता है और इसके आगे निर्देशक चिह्न का प्रयोग हो गया । इसी तरह से निर्देशक चिह्न का प्रयोग होता रहता है ।

निर्देशक चिह्न की परिभाषा

दोस्तो निर्देशक चिह्न को अच्छे से समझने के लिए इसकी एक सरल परिभाषा भी आपको आनी चाहिए । तो आइए इस बारे में जानते है —

वह चिह्न जिसका उपयोग किसी कथन की स्पष्टता के लिए किया जाता है वह निर्देशक चिह्न होता है ।

यानि किसी तरह का कथन बोला जाता है और उसे समझाने के लिए अगर उस कथन के आगे किसी चिह्न का प्रयोग किया जा सकता है तो वह निर्देशक चिह्न ही होता है । हालाकी दोस्तो इसका उपयोग कई जगहो पर होता है, मगर उन सभी में कथन को समझाने के लिए ही उपयोग होता है। और यह आप समझ सकते है ।

निर्देशक चिह्न के प्रयोग के कुछ नियम

दोस्तो अगर आप निर्देशक चिह्न का प्रयोग करते है, या किसी वाक्य में या कही पर भी इस चिह्न का प्रयोग होता है तो कुछ खास नियम है और उन नियमों के होने पर ही इसका प्रयोग किया जा सकता है । और यह कुछ ऐसे है —

नियम ​नम्बर 1. कथन को स्पष्ट करने के लिए

अगर कोई वाक्य कहा जा रहा है, और उस वाक्य में जो कथन है उसे स्पष्ट करना होता है तो उसके आगे डेश — चिह्न का प्रयोग होता है । और यह डेश ​चिह्न ही असल में निर्देशक चिह्न है ।

नियम नम्बर 2. जब कही पर संबद्ध प्रकट होता है या समान कोटि की बात दिखाई देती है, तो उस समय भी निर्देशक चिह्न का प्रयोग किया जा सकता है ।

जैसे की — संज्ञा पांच प्रकार के होते हैं — व्यक्तिवाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, भाववाचक संज्ञा, द्रव्यवाचक संज्ञा और समूहवाचक संज्ञा ।

नियम नम्बर 3. अगर किसी वाक्य की श्रृंखला में कोई रुकावट आती है या परिवर्तन आता है तो वहां पर भी निर्देशक चिह्न का प्रयोग होता है । जैसे की —

यह सब उसने ही किया है — तुम ही सोचो उसके अलावा ऐसा कौन कर सकता है ।

नियम नम्बर 4. अगर किसी तरह का नाटक किया जाता है तो उसके संवादो में भी निर्देशक चिह्न का प्रयोग किया जाता है । जैसे की —

कंचन — पिताजी मैं आगे पढना चाहती हूं ।

रामप्रसाद — नही बेटा, अब तुम्हारा पहले विवाह होगा, फिर पढो ।

नियम नम्बर 5. अगर वाक्य मे कोई बात अचानक से अधूरी छोड़ दी जाये तो वहां पर भी निर्देशक चिह्न का प्रयोग किया जाता है । जैसे की —

यदि आज मेरा बेटा इस दुनिया में होता — पर अब …………………।

नियम नम्बर 6. — उद्धरण के रूप में में भी निर्देशक चिह्न का प्रयोग होता है । जैसे की —

जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु होकर रहेगी — श्री कृष्ण ।

कुल मिलाकर आप यह समझे की निर्देशक चिह्न का प्रयोग केवल वही पर होता है जहां पर कथन की स्पष्टता की जा रही है । आप स्वयं ही प्रत्येक वाक्य को देखे और यह देखे की जब निर्देशक चिह्न का प्रयोग हुआ है तो चिह्न के पहले वाक्य जो था उसका अर्थ अच्छे से स्पष्ट होता है ।

निर्देशक चिह्न के उदहारण या वाक्य

दोस्तो निर्देशक चिह्न के बारे में जानने के बाद मे आपको उदहारण भी देखना चाहिए । क्योकी ऐसा करने के कारण से आप अच्छे से निर्देशक चिह्न को समझ सकते है ।

1. कलाश में चार विद्यार्थी थे — राहुल, कंचन, मनीष और सुरेखा ।

2. इसके सामने भुतो की बात मत करना — क्योकी यह भुत नाम से ही डर जाता है ।

3. आप फिर से गुस्सा कर रहे है — मैंने कहां न अगली बार ऐसी गलती न होगी ।

4. कंचन ने कहा — मुझे यही ड्रेश पहननी है ।

5. सुरेन्द्र बोला — मैं भी विवाह में जाउगा ।

तो इस तरह से कुछ ऐसे वाक्य है जिनकी मदद से आप इस निर्देशक चिह्न को अच्छे से समझ सकते है ।

आशा है की आपको जानकारी अच्छी लगी है । अगर कुछ पूछना है तो कमेंट कर देना ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।

Leave a Reply