अगर मगर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अगर मगर करना मुहावरे का अर्थ, agar magar karana muhaavare ka arth – टालमटोल करना ‌‌‌या आनाकानी करना ।

दोस्तो इस संसार मे अनेक लोग ऐसे है जिनसे अगर कोई काम कराया जाता है तो वह काम करने मे आनाकानी या फिर उस काम को नही करने के लिए बहाने बनाने लग जाता है । फिर चाहे वह हमारा नोकर भी क्यो न हो । इस तरह ‌‌‌से आनाकानी करने को ही अगर मगर करना कहा जाता है । इस तरह के लोग कोई भी हो सकते है वह हमारा बेटा या फिर हमारा अपना भी हो सकता है जिसका हमे समय आने पर पता चलता है की वह अगर मगर करता है की नही ।

अगर मगर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अगर मगर करना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || agar magar karana use of idioms in sentences in Hindi

  • ‌‌‌ज्यादा अगर मगर किया तो मै तुम्हे अपने घर से निकाल दुगा ।
  • पहले तो तुम कहते थे की जब भी तम्हे मेरी जरुरत हो तब मुझे बुला लेना पर आज जब मेने तुम्हे कुछ काम करने के लिए कहा तो तुम अगर मगर कर रहे हो ।
  • तुम कहते हो की मै तुम्हारा दोस्त हूं पर जब भी मेने तुमसे मदद मागी तब तब तमने अगर मगर किया ।
  • जब मै तुमसे पैसे लेने के लिए आता हूं  तब तुम अगर मगर कर कर बात को टाल देते हो ।

अगर मगर करना मुहावरे पर कहानी || agar magar karana story on idiom in Hindi

प्राचिन समय की बात है प्रभुराम नाम का एक आदमी अपने गाव मे रहता था । प्रभुराम के घर मे उसका पिता था जो कुछ ही दिनो पहले मर गया था और उसकी माता तो उसके बचपन मे ही मर गई थी । प्रभुराम का पिता दारु पिता था इस कारण वह लोगो से उधार रुपय ले लेता था और वापस भी नही देता था ।

‌‌‌इसी तरह ‌‌‌का प्रभुराम बन गया था क्योकी प्रभुराम का बचपन बहुत ही कठिनाई के साथ बिता था । उसका पिता उसे कभी खाना देता था तो कभी नही देता था । उस समय प्रभुराम को अपने पिता पर बहुत ही घुस्सा आता था की वह उसे खाना भी समय पर नही देता है । जब प्रभुराम बडा हो गया तो वह भी अपने पिता के जैसा बनता जा ‌‌‌रहा था ।

प्रभुराम बहुत ही चतुर था वह लोगो से कुछ भी ले सकता था अगर प्रभुराम को पैसे चाहिए होते तो वह उस आदमी के पास पास रहता जिसके पास से उसे पैसे उधार लेने थे । प्रभुराम उस आदमी के पास रहकर उसके मन को जित लेता था । उस आदमी को लगने लगता था की प्रभुराम तो बहुत ही अच्छा है ।

‌‌‌इस तरह की सोच के कारण वह आदमी प्रभुराम को पैसे दे देता था । पर बादमे जब वह वापस मागने के लिए जाता था तो प्रभुराम उसे कहता की आज तो मरे पास नही है कल ले आना इसी तरह से प्रभुराम बहाने बनाने लग जाता था । तब जाकर उस आदमी को पता चलता की यह तो अगर मगर कर कर  बात को टाल देता है।

‌‌‌एक बार प्रभुराम को लगा की अगर वह किसी तरह से शहर चला जाए तो उसे वहा पर बहुत पैसे कमाने को मिल जाएगे । ऐसी सोच के साथ ही वह शहर जाने की तैयारी करने लगा । पर उस समय प्रभुराम के पास शहर जाने के लिए भी पैसे नही थे । शहर जाने के बाद भी कुछ दिनो तक वहा पर नोकरी नही मिलती तब तक उसे खाने के लिए भी ‌‌‌चाहिए होते है ।

इस कारण प्रभुराम अपने गाव के एक आदमी के पास पैसे लेने के लिए गया था । उसके गाव मे सभी लोग बात करते थे की अगर प्रभुराम को पैसे दे दिए तो वह वापस नही देगा । पर उस गाव मे एक आदमी ऐसा था जिसको लगता था की प्रभुराम सभी ‌‌‌को पैसे नही देता है पर मेरे पक्का दे देगा  ।

उसे लगता था की अगर वह नही ‌‌‌देगा तो उसे धमका कर ले लेगे । ‌‌‌उसी आदमी के पास पैसे लाने के लिए प्रभुराम गया था और उसकी जोर सोर से तारीफ की थी । अपनी तारीफ सुनकर वह आदमी उढने गला था और प्रभुराम को कुछ कहे बिना ही पैसे दे दिए थे । प्रभुराम पैसे लेकर दुसरे दिन ही शहर चला गया था ।

शहर जाकर प्रभुराम नोकरी की तलाश मे इधर उधर ‌‌‌भटकने लगा था । उसे इस तरह से भटकते हुए एक आदमी ने देखा तो उसने सोचा की इसे नोकरी दिला देनी चाहिए तब उस आदमी ने उसे नोकरी देने के लिए कहा । तब प्रभुराम ने कहा की अगर भाई तुम मुझे बडिया नोकरी पर लग दोगे तो मै तुम्हे कभी भी नही भुलूगा ।

उस आदमी ने सोचा की इसे तो नोकरी लगाना ही होगा । जैसे तैसे कर ‌‌‌उसे नोकरी दिला दी थी । जब उसे नोकरी मिल गई तो वह बहुत ही खुश हो गया था । और ‌‌‌उधर उसके गाव मे वह आदमी उसे ढुढता फिर रहा था जिसने उसे शहर जाने के लिए पैसे दिए थे । तब उस आदमी को पता चला की जिस जिस ने प्रभुराम को पैसे दिए थे उसने उन्हे वापस नही दिए थे ।

अगर कोई उससे मागने के लिए चला जाता तो ‌‌‌वह आनाकानी करने लग जाता था । फिर एक दिन प्रभुराम के बारे मे उस आदमी को पता चला ‌‌‌। पता चल जाने पर वह आदमी प्रभुराम से पैसे लेने के लिए शहर गया और जाकर प्रभुराम से पैसे मागे तो प्रभुराम बहाने बनाने लगा था । ‌‌‌

प्रभुराम ने उस आदमी से कहा की कल ले लेना जब वह आदमी ‌‌‌अगले दिन पैसे लेने के लिए आया तो प्रभुराम ने कहा कल ले लेना । इसी तरह से प्रभुराम उसे कहता जा रहा था । तब उस आदमी को पता चल गया था की उसके पैसे अब वापस नही आएगे । इसी तरह से प्रभुराम को जिसने नोकरी दिलाई थी ‌‌‌नोकरी मिल जाने पर प्रभुराम को लगा की इसके साथ रहने ‌‌‌से मुझे बहुत फायदा होगा ।

तब वह उस आदमी के साथ ही रहने लगा था । और प्रभुराम उस आदमी को कहता था की जब भी तुम्हे मेरी जरुरत पडे तो कह देना । एक दिन उस आदमी को कुछ पैसो की जरुरत पड गई तो वह प्रभुराम से पैसे मागने लगा था । पैसो का नाम सुनकर प्रभुराम आनाकानी करने लगा था ।

अगर मगर करना मुहावरे पर कहानी

तब उस आदमी ने कहा की दो ‌‌‌दिन के बाद मे दे देना उस समय तो प्रभुराम ने देने के लिए ‌‌‌हां कह दि ‌‌‌थी । जब दो दिन के बाद मे वह आदमी उसके पास वापस आया तो प्रभुराम ‌‌‌पैसे न होने के बहाने बनाने लगा की आज मेरे पास पैसे नही आए है आज उस काम मे लग गए है । तब उस आदमी को पता लग गया की यह अगर मगर करता है । इस तरह से प्रभुराम अगर मगर करता रहता था । इस ‌‌‌तरह से आप इस महावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

‌‌‌अगर मगर करना मुहावर पर निबंध || agar magar karana essay on idioms in Hindi

साथियो जब किसी को जरुरत पडती है तो वह अपने फायदे के लिए लोगो की मदद लेता है पर जब लोग उसे काम देते है या फिर ऐसे कह सकते है की जब लोगो ‌‌‌को उसकी जरुरत पडती है तब वह उनकी मदद नही करता है बल्की मदद न करने के बहाने बनाने लग जाता है ।

‌‌‌इस तरह के लोगो से आज पुरी दुनिया भरी हुई है । ऐसे लोगो ‌‌‌को इस बात से कोई भी लेना देना नही होता की लोग उसके बारे मे क्या सोचेगे । अगर वह लोगो की मदद वापस नही करेगा या फिर मान लो जिनसे पैसे लिए थे उसे पैसे वापस नही देगा तो वह बादमे उसकी मदद कभी भी नही करेगा ।

जिस तरह से एक आदमी ‌‌‌ने किसी से पैसे ‌‌‌ले‌‌‌रखे हो और जब वह आदमी अपने पैसे वापस मागने के लिए उसके पास आता है ।  ‌‌‌तब वह उसे पैसे नही देता है और बहाने बनाने लग जाता है । जब उस आदमी को किसी चिज की जरुरत पडती है तो वह ‌‌‌वापस उसी आदमी के पास मदद मागने के लिए जाता है तो वह आदमी उसकी मदद कभी भी नही करता है । क्योकी जब उसने उसे पैसे दिए थे तो वापस चुकाते समय वह अगर मगर करने लगा था जिसका ‌‌‌अर्थ ‌‌‌है की वह आनाकानी करने लगा था इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

अगर मगर करना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of agar magar karana in Hindi

दोस्तो कहते है की अगर किसी को हमारी मदद नही करनी होती है तो वह सिधे मना नही करता है बल्की वह टालमटोल करने लग जाता है । इसके अलावा कभी कभार अनाकानी करते हुए भी देखा जाता है ।

जैसे की समझे की आप मेरे पास किसी कारण से मदद मागने के लिए आते है मगर आपकी मदद करने के लिए आनाकानी करने लग जाता हूं तो यह सही नही है। क्योकी अगर मुझे मदद नही करनी है तो साफ साफ मना कर देना चाहिए अगर किसी तरह के बहाने बना कर अनाकानी की जाती है तो यह सही नही है ।

उसी तरह से बहुत से ऐसे तरीके होते है जिनके कारण से टालमटोल क जाती है या फिर आनाकानी की जाती है तो जहां पर भी आनाकानी और टालमटोल करने की बात होती  है तो वहां पर इस मुहावरे का प्रयोग किया जाएगा और कहा जाएगा की अगर मगर कर रहा है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।