हाथ के तोते उड़ना मुहावरे का मतलब और वाक्य में प्रयोग

हाथ के तोते उड़ना मुहावरे का अर्थ haath ke tote udana muhavare ka arth – आश्चर्यचकित रह जाना

दोस्तो ‌‌‌तोता एक ऐसा पक्षी होता है जिसका रंग ‌‌‌हरे पेड पौधो के समान होता है ‌‌‌और दिखने मे बहुत ही संदुर होते है । जब इस इस तरह के बहुत से तोते अचानक किसी पेड पर से उडते है तो उनके उडने ‌‌‌की आवाज बहुत अधिक होती है । जिसके कारण से निचे खडा व्यक्ति‌‌‌ चौक जाता है । यानि वह व्यक्ति सोचने लगता है की आखिर क्या हो गया । इस तरह से चोक जाने को आश्चर्यचकित होना कहा जाता है । इस कारण से जब कभी किसी कारण से कोई व्यक्ति आश्चर्यचकित हो जाता है तब इसे हाथ के तोते उडना कहा जाता है ।

हाथ के तोते उड़ना मुहावरे का मतलब और वाक्य में प्रयोग

‌‌‌हाथ के तोते उडना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग haath ke tote udana muhavare ka vakya me prayog

  • रास्ते मे पडे रूपयो से भरे बैंग को देख कर रामू के हाथ के तोते उड़ गए ।
  • हनुमानजी ‌‌‌को पर्वत लाते देख कर सभी के हाथ के तोते उड़ गए ।
  • जब अचानक चोर को पुलिस ने पकड लिया तो चोर के हाथ के तोते उड़ गए ।
  • महेश के मरने की खबर सुन कर मेरे हाथ के तोते उड़ गए ।
  • ‌‌‌पिताजी के ‌‌‌मुह से प्रेम की बात सुन कर मेरे हाथ के तोते उड़ गए ।
  • मेरा बेटा कुछ ऐसा काम करेगा जिसके कारण से तुम्हारे हाथ के तोते उड़ते देर नही लगेगी ।
  • लालची किसन के हाथो से पैसे दान करते देख कर मेरे हाथ के तोते उड़ गए ।

‌‌‌हाथ के तोते उड़ना मुहावरे पर कहानी haath ke tote udana muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक आदमी रहा करता था । जिसका नाम किसनलाल था । किसनलाल बहुत ही अधिक धनवान था साथ ही वह लालची था जिसके कारण से अपने धन का एक रूपया भी किसी को नही देता था । किसनलाल के घर मे उसकी पत्नी और 1 बेटा रहा करता था । ‌‌‌

किसनलाल की पत्नी और बेटा बडे ही चालाक थे जिसके कारण से वे किसनलाल से आसानी से पैसे ले लेते थे । मगर इसके अलावा किसनलाल किसी और को एक फुटी कोडी तक नही देता था । चाहे फिर सामने वाला कितनी भी बडी मुसीबत मे क्यो न ‌‌‌फंस जाए ।

जिसके कारण से गाव के लोग उसे बहुत भला बुरा कहा करते थे मगर इसका‌‌‌ किसन लाल पर कोई असर नही पडता था । क्योकी लोग तो किसनलाल को लालची और कंजुस ही मानते थे मगर एक दिन की बात है किसनलाल शहर जा रहा था की रास्ते मे उसे कुछ लुटेरो ने पकड लिया ।

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जिस जगह पर किसनलाल को लुटेरो ने पकडा था उस जगह पर जंगल था । जिसके कारण से किसनलाल की मदत करने वाला कोई नही दिख रहा ‌‌‌था । मगर फिर भी किसनलाल मदत के लिए आवाज लगाता रहा । आवाज को सुन कर जंगल से एक ‌‌‌लकड़हारा आया जो पास के गाव का था ।

वह ‌‌‌लकड़हारा किसनलाल को बिल्कुल नही जानता था फिर भी उसने लुटेरो से किसनलाल को बचा लिया । यह देख कर किसनलाल बहुत ही खुश हुआ और लकड़हारे से कहा की भाई तुम कोन हो । तब लकड़हारे ने ‌‌‌कहा की भाई मैं पास के गाव का हूं और यहां पर लकडिया लेने के लिए रोजाना आता हूं । जब मैंने तुम्हारी आवाज सुनी तो मदत करने के लिए आ गया ।

यह जान कर किसनलाल ने कहा की तुम तो मुझे जानते भी नही हो । तब लकड़हारे ने कहा की मदत करने के लिए जानने की कोई जरूरत नही है । यह सुन कर किसनलाल को भी लगा की ‌‌‌अगर कभी उसे भी लकड़हारे की मदत करने का मोका मिलेगा तो वह मदत करने से पिछे नही हटेगा ।

यह सोच कर किसनलाल ने लकड़हारे से कहा की भाई तुम्हे जब भी किसी चिज की जरूरत हो तो मेरे पास आ जाना । इस तरह से फिर किसनलाल वहां से चला गया । इस बात को एक वर्ष बित गया मगर अब तक ‌‌‌लकड़हारा किसनलाल के पास नही ‌‌‌गया था ।

मगर एक वर्ष के बाद मे एक दिन लकड़हारे की पत्नी बिमार हो गई थी । जिसका इलाज कराने के लिए काफी अधिक पैसो की जरूरत पड गई । तभी लकड़हारे को किसनलाल की याद आ गई । जिसके कारण से मदत के लिए ‌‌‌लकड़हारा किसनलाल के पास जाने लगा ।

जब ‌‌‌लकड़हारा किसनलाल के गाव मे पहुंचा तो लोग लकड़हारे को कहने ‌‌‌लगे की उसने आज तक किसी की मदत नही की है वह बहुत ही लालची और कंजुस है वह तुम्हारी मदत कैसे करेगा ।

गाव के लोगो से ऐसी बात सुन कर ‌‌‌लकड़हारा दुखी हो रहा था मगर फिर भी वह किसनलाल के पास चला गया । जैसे ही किसनलाल ने लकड़हारे को देखा तो वह उसे पहचान गया और उसने लकड़हारे से कहा की भाई क्या मदत चाहिए । ‌‌‌

तब लकड़हारे ने कुछ पैसे उधार मागे । यह सुनते ही किसनलाल ने लकड़हारे को पैसे दे दिए । पैसे लेकर लकड़हारे ने कहा की गाव के लोग ऐसी बाते कर रहे थे । तब किसनलाल ने कहा की अगर तुमने उस दिन मेरी मदत नही की होती तो मैं आज इतना धनवान भी नही होता क्योकी उस समय मेरे पास काफी अधिक पैसे थे ।

जो आज के ‌‌‌समय पर और अधिक बन गए है । यह जान कर ‌‌‌लकड़हारा वहां से चला गया । जब रास्ते मे लोगो ने लकड़हारे से पुछा की किसनलाल ने मदत कर दी क्या । तब लकड़हारे ने कहा की हां उसने मरी मदत कर दी । यह सुन कर सभी लोगो के हाथ के तोते उडने लगे ।

जब इस बात के बारे मे किसनलाल के बेटे को पता चला तो वह भी चौक गया । ‌‌‌क्योकी उसे भी नही लग रहा था की उसका पिता किसी की मदत कर सकता है क्या । इस बारे मे जानने के लिए किसनलाल का बेटा उसके पास गया और पुछा तो उसे पता चला की लकड़हारे ने भी एक समय मे उसके पिता की बडी मदत की थी ।

‌‌‌हाथ के तोते उड़ना मुहावरे पर कहानी haath ke tote udana muhavare par kahani

यह जान कर किसनलाल का बेटा आसानी से समझ गया की उसके पिता ने लकड़हारे की मदत किस कारण ‌‌‌से की थी । मगर जो भी कोई इस मदत के बारे मे सुनता तो उसे विश्वास नही होता और उसके हाथ के तोते उड जाते थे ।

इस तरह से फिर लकड़हारे की भी मदत हो गई थी । इस तरह से इस कहानी से आपको पता चल गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

हाथ के तोते उड़ना मुहावरे पर निबंध haath ke tote udana muhavare par nibandh

साथियो आपने उपर दी गई कहानी ‌‌‌मे पडा की किस तरह से मदत न करने वाले व्यक्ति के मदत करने पर दुसरे चोकने लग जाते है । इसी तरह से संसार मे अनेक कारण है जिससे दुसरे व्यक्ति चोकते है । चोकने को ही आश्चर्यचकित होना कहा जाता है इस कारण से कह सकते है की जब भी किसी कारण से कोई व्यक्ति आश्चर्यचकित होता है तब इसे हाथ के ‌‌‌तोते उडना कहा जाता है ।

साथ ही जब भी कोई व्यक्ति चोकता है या आश्चर्यचकित होता है तब स्वयं ही उसके हाथ मुंह की तरफ बढने लगते है । इस कारण से ही इसे हाथ के तोते उडना कहा जाता है । इस तरह से सरल भाषा मे कह सकते है की इस मुहावरे का अर्थ चोक जाना या आश्चर्यचकित होना होता है ।

हाथ के तोते उड़ना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of in Hindi

अब इस बारे में मैं तो नही जानता की हाथ के तोते उड़ना मुहावरे की उत्पत्ति कैसे हुई है । मगर आपको मैं यह जरूर बता दू की इसका प्रयोग आश्चर्यचकित रह जाने पर ही किया जाता है ।

दरसल haath ke tote udana muhavare ka arth – आश्चर्यचकित रह जाना ही होता है और इस बात का मतलब है की अगर कोई भी, यहां पर आप भी हो सकते हो और दूसरा कोई भी हो सकता है,  किसी बात के कारण से आश्चर्यचकित रह जाता है तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है ।

जैसे की मान ले की आपका मित्र एक अच्छी जॉब लग जाता है और वह जॉब लगने की सुखी मे आपको एक न्यू फोन गिफ्ट में देता है तो जाहिर होगा की ऐसा होने के बारे में आप कभी सोच तक नही सकते है क्योकी ऐसा पहले बहुत ही कम बार हुआ है ।

तो अगर ऐसा आपके साथ हो जाता है तो आप आश्चर्यचकित रह जाते है और इस पल आपके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है की दोस्त के द्वारा गिफ्ट में फोन को देते देख कर आपके हाथ के तोते उड़ गए ।

तो इस तरह से इस मुहावरे का प्रयोग होता है।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।