आपे से बाहर होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आपे से बाहर होना मुहावरे का अर्थ aape se baahar hona muhaavare ka arth – ‌‌‌अपने आप पर नियंत्रण न रहना ‌‌‌या अत्यधिक क्रोधित होना ।

दोस्त जब कोई अपने क्रोध की ऐसी सिमा पर पहूंच जाता है की वह अपने आप पर कंट्रोल नही रख पाता और कुछ भी बोलने लग जाता है । जिसके कारण झगडा भी हो सकता है । ऐसी स्थिती के लिए ही आपे से बाहर ‌‌‌होना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । जिसका सिधा सा अर्थ तो यही होता है की क्रोधित इतना ज्यदा हो जाना की वह अपने आप को भी न पहचान सके यानि बहुत अधिक क्रोधित होना ।

आपे से बाहर होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आपे से बाहर होना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग

  • ‌‌‌अपनी बहन के साथ हो रहे ‌‌‌अन्याय को देशकर सुरेश आपे से बाहर हो गया ।
  • जब पुलिस ने ‌‌‌देखा की आतंकवादी लोगो को मार रहा है ‌‌‌तब पुलिस आपे से बाह हो गई और आंतकवादी पर गोली मार दी ।
  • छोटी सी बात पर आपे से बाहर होकर सुरेश ने राम को बहुत मारा ।
  • जब राजेश ने राम के पैसे चुरा लिए ‌‌‌तब राम आपे से बाहर हो गया ।
  • ‌‌‌जब भी मनोज कुछ बुरा होते देखता है तो वह अपने आपे से बाहर हो जाता है ।

class="wp-block-heading has-vivid-red-color has-text-color">आपे से बाहर होना मुहावरे पर कहानी

किसी नगर मे सुरेश नाम का एक आदमी रहता था उसके घर मे उसके अलवा और कोई भी नही था । सुरेश बहुत पढा लिखा था सुरेश का ऐक ही दोस्त था जिसका नाम माधव था । सुरेश की माधव के साथ इतनी घहरी दोस्ती थी की सुरेश माधव के बारे मे एक भी बात नही सुन सकता था । अगर कोई उसे कह देता की ‌‌‌तुम्हारा दोस्त बहुत बुरा है तो सुरेश उसे मारने लग जाता था । सुरेश का पिता बहुत ही अमीर थे और उनके मरेने के बाद सरा धन सुरेश का हो गया ।

सुरेश अपने घर मे अनेक नोकर चाकर ‌‌‌थे‌‌‌ उसे कोई भी काम खुद नही करना पडता था । और सुरेश का दोस्त होने के कारण माधव भी वही पर उसके साथ रहता था । माधव के घर मे ‌‌‌भी कोई नही रहता था । सुरेश की एक खासियत और थी अगर कोई उसे धोका दे देता तो वह उसे मारने लग जाता था क्योकी वह धोकेबाज को देखकर अपना आपा खो देता था । इस कारण कोई भी उसे धोका देने के बारे मे सोचता भी नही था ।

एक बार की बात है सुरेश अपने गाव से कही जा रहा था तो उसे रास्ते मे गाव का एक आदमी मिल गया ‌‌‌। उस आदमी ने सुरेश से कहा की माधव के साथ कभी भी मत रहना क्योकी वह एक नम्बर का धोके बाज है वह तुम्हारे पैसे के कारण ही तुम्हारे साथ रहता है । उसकी बात सुनकर सुरेश को क्रोध आ गया और कहने लगा की तुम होते कोन हो मुझे मेरे दोस्त के बारे मे ऐसा कहने वाले और इसी तरह से सुरेश उस पर बरस पडा ।

तब वह ‌‌‌आदमी बोला की अब तो तुम्हे मेरी बात समझ मे नही आती पर एक दिन तुम्हे जरुर आएगी । इतना कह कर वह वहा से चला गया। इसी तरह से सुरेश माधव के बारे मे एक भी बात नही सुनता था । माधव इससे बहुत ही खुश था क्योकी सुरेश किसी और की बात मानता नही है इस कारण अगर मुझे सुरेश को धोका देते भी कोई देख लेगा तो भी ‌‌‌वह सुरेश से नही कहेगा अगर कहेगा तो सुरेश उसकी बात पर यकीन नही करेगा ‌‌‌ऐसा माधव सोचने लगा ।

इस तरह से सोचकर माधव सुरेस को ठगने का पलान बनाने लगा । एक बार माधव शहर गया हुआ था तभी सुरेश के पास फोन आया की माधव को किसी ने पकड लिया है और वह पैसे माग रहा है । अगर उन्हे पैसे नही दिए गए तो वह माधव को नही छोडेगे ।

सुरेश ने ‌‌‌एक बार भी नही सोचा की माधव को सच मे किसी ‌‌‌ने पकड लिया है क्या । सुरेश अपने साथ पैसे लेकर वहा से शहर चला गया वह ‌‌‌जिस समय पर आने को बताया था उसी समय और उसी जगह ‌‌‌पर पैसे देने के लिए ‌‌‌पहूंच गया । पैसे तो सुरेश ने दे दिए थे पर जो आदमी पैसे लेने के लिए आया था । वह खुद माधव था सुरेश को इस बात का पता चल गया ‌‌‌की यह और कोई नही यह माधव ही है ।

आपे से बाहर होना मुहावरे पर कहानी

उसने उस समय अपना चेहरा छिपा रखा था पर सुरेश ने उसकी चाल ढाल से उसे पहचान लिया । उस आदमी ने सुरेश से पैसे लिए और कहा की माधव अब तुम्हारे पास वापस आ जाएगा तुम गाव मे जा सकते हो । सुरेश वहा से जाने का नाटक करने लगा जब माधव को लगा की सुरेश वहा से चला गया है तो ‌‌‌उसने ‌‌‌अपने चेहरे ‌‌‌का कपडा हटा दिया ।

तब सुरेश ने देखा की वह माधव ही है । यह सब देखकर सुरेश अपने आपे से बाहर हो गया और उसके पास जाकर उस पर क्रोध करने लगा और उसे मारने भी लगा । तभी वहा पर पुलिस को बुलाकर सुरेश ने अपने दोस्त माधव को जेल भिजवा दिया था । ‌‌‌तब से सुरेश कभी पर भी भरोसा नही करने लगा ।‌‌‌ इस तरह से आप समझ गए होगे की आपे से बाहर होना मुहावरे का अर्थ क्या है ।

आपे से बाहर होना मुहावरे पर निबंध || aape se bahar hona essay on idioms in Hindi

साथियो अगर किसी कारण से कोई कुछ गलत कर देता है वह ‌‌‌उस कार्य करते समय अपने आपे ‌‌‌मे नही रहता है क्योकी कई लोग ऐसे होते है जो अपनी बुराई या फिर किसी के साथ अन्याय होते नही देख सकते है । अगर कोई किसी की बुराई कर रहा है और जब उसे पता चलता है की वह आदमी मेरे बारे मे ऐसा ‌‌‌कह रहा था ।

‌‌‌तब वह क्रोधित हो जाता है और उस आदमी के साथ झगडा करने लग जाता है इसी को आपे से बाहर ‌‌‌होना कहते है । इसी तरहे से कुछ लोग ऐसे भी होते है जिनसे किसी का दुख देखा नही जाता और ‌‌‌वे उसके दुखो को दुर करने के लिए लग जाता है । अगर ऐसे लोग किसी के साथ अन्याय होते देख लेते है तो वे कुछ ‌‌‌बुरा कर देते है ।

ऐसे लोग अपने आप पर नियंत्रण नही रख पाते है इस तरह के लोग बहुत है पर हम यहा पर उन लोगो के बारे मे नही बताऐगे । ऐसे लोग जब अपने आपे से बाहर होकर कुछ गलत कर देते है तो भी ‌‌‌वह उनको गलत नही लगता है । उन लोगो को यह लगता है की उन्होने जो भी किया है वह ‌‌‌बिल्कुल भी सही किया है । इस तहर ‌‌‌से आप समझ गए होगे की आपे से बाहर होना मुहावरे का अर्थ क्या है ।

आपे से बाहर होना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of aape se bahar hona in Hindi

कहते है की मानव का सबसे बड़ा शत्रु और कोई नही बल्की उसका क्रोध होता है और आपको बता दे की इस मुहावरे का तात्पर्य उस स्थिति से होता है जब अपने आप पर नियंत्रण न रहने ‌‌‌या अत्यधिक क्रोधित होने की बात होती है ।

और आपको पता होगा की आज के समय में ‌‌‌ऐसे बहुत से लोग है जिनको थोड़ा सा अगर कुछ कह दिया जाता है तो वे काफी अधिक क्रोधित हो जाते है इस तरह के क्रोधित व्यक्ति को दूसरो को किसी तरह का नुकसान नही है बल्की स्वयं को ही नुकसान होता है । क्योकी क्रोध के कारण से कुछ ऐसा कर दिया जाता है जो की शांत होने पर उसे बताता है की उसने काफी ‌‌‌बड़ी गलती कर दी है ।

इस कारण से मित्रो न तो क्रोध करना है और न ही अपने से छोटो को क्रोधत होने देना होता है । दोस्तो अगर आप कही पर आप पर नियंत्रण न रहने ‌‌‌या अत्यधिक क्रोधित होने की स्थिति देखते हो तो वहां पर इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।