आग लगने पर कुआँ खोदना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आग लगने पर कुआँ खोदना मुहावरे का अर्थ aag lagane par kuaan khodana muhaavare ka arth  -विपत्ति आने पर उसका उपाय ढूढना ।

दोस्तो इस संसार मे ऐसे लोग बहुत है जिनको जब तक किसी चिज की जरुरत ‌‌‌पडती है तक तब उसके बारे मे कुछ सोचते भी नही है । और जब उस काम की पुरी आवश्यकता होती है तब उसे करने ‌‌‌के लिए जल्द बाजी करते है । इसे ही आग लगने पर कुआँ खोदना कहते है जिसका अर्थ होता है कि जब तक आग नही लग जाती तब तक आग भुजाने ‌‌‌के बारे मे कुछ भी नही जानते है ‌‌‌आग लगने पर ही उसे भुजाने का उपाय ढूढते है । अर्थात् विपत्ति आने पर उपाय ढुढना ।

आग लगने पर कुआँ खोदना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आग लगने पर कुआँ खोदना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || aag lagane par kuaan khodana use of idioms in sentences in Hindi

  • ‌‌‌राजेश ने पहले तो आग भुजाने के बारे ‌‌‌कुछ जाना नही और जब आग लग गई तो उसे भुजाने के उपाय ढूढ रहा है  यह तो वही बात हो गई आग लगने पर कुआँ खोदना ।
  • आज कल के बच्चे ‌‌‌के जब तक ‌‌‌पेपर नही आ जाते तब तक पढते नही है और जब ‌‌‌पेपर आ जाते है तब पढना ‌‌‌शुरु करते है यह तो वही बात हो गई आग लगने पर कुआँ खोदना ।
  • ‌‌‌पहले तो टिड्डी को भगाने के बारे मे सोचा नही और जब गाव मे टिड्डी आ गई तब सभी उसे भगाने का उपाय ढूढने लगे है इसे ही कहते है आग लगने पर कुआँ खोदना ।
  • भाई अभी से कुछ काम करना शुरू कर दे आग लगने पर कुआँ खोदने से कोई भी फायदा नही होगा ।

आग लगने पर कुआँ खोदना मुहावरे पर कहानी ||  aag lagane par kuaan khodana story on idiom in Hindi

‌‌‌प्राचिन समय की बात है राजवीर नाम का एक राजा हुआ करता था उसके पास धन दोलत की कोई कमी नही थी क्योकी वह एक राजा था । राजा बहुत ही बलवान था उसके दो पुत्र थे जिनमे से एक तो कुछ ठिक ठाक था पर दुसरे को कुछ भी नही आता था । राजा इस बात को सोचर बहुत ही परेशान रहात था की अगर मेरे जाने के बाद कभी इस ‌‌‌राज्य पर कोई हमला बोल देगा तो मेरे पुत्र उनका सामना नही कर सकेगे ।

इस कारण राजा ने अपने दोनो मुत्रो को शिक्षा लेने के लिए पास के गाव मे एक आश्रम था वहा पर भेज दिया । पुराने जमाने मे शिक्षा केवल पढाई की नही होती थी बल्कि अस्त्र शस्त्र का भी ज्ञान देते थे उन्हे वे शस्त्र से लडना भी सिकाते थे । ‌‌‌

राजा अपने पुत्रो को वहा पर भेजकर बहुत ही खुश हो रहा था पर उसे क्या पता था की उसके दोनो पुत्र वहा पर ज्ञान न लेकर उनसे भागते रहते है । जब भी वहा के गुरु उन दोनो को शिक्षा देने के लिए आते तो वे उनकी बातो को गोर से नही सुनते थे ।

वहा पर रहने के कारण उन्हे ‌‌‌लगने लगा था की उन्हे सब कुछ आने लग गया है । वहा से अपने घर जाते ही उनके मिता ने उनसे लडाई कर कर उनकी परिक्षा ली तब उनके पिता को पता चल गया था की इन दोनो को कुछ भी नही आता है । उस समय वे दोनो बडे हो गए थे अगर कोई उन्हे कुछ कह भी देता था तो वे उनकी एक भी नही सुनते थे और न ही अपने पिता की सुनते थे ।

उनके पिता ने ‌‌‌उन्हे एक बार अपने पास बुलाकर कहा की पुत्रो अगर आप इस समय से ही तैयारी नही करोगे तो एक समय ऐसा आएगा ‌‌‌। उस समय आपके पास यह राज्य भी नही रहेगा क्योकी आग लगने पर कुआँ खोदने से कोई भी फायदा नही होता है । इतना कह कर उनके पिता ने उन्हे वहा से जाने को कहा ।

‌‌‌अपने पिता की बात मानकर वे वहा से तो चले गए थे पर उनके पिता ने उन्हे जो बात कहने के लिए बुलाया था ‌‌‌उन्होने वह बात नही मनी थी । उस समय उन्हे लग रहा था की समय आने पर हम अपने युद्ध का ‌‌‌अभ्यास कर लेगे । अब तो हमे मोज मस्ती करनी चाहिए । ऐसा सोचकर वे दिन व राता आराम करते रहते थे ।

कुछ महो के बाद राजा ‌‌‌बिमार हो गया था । राजा की हालत बहुत ही खराब थी उनकी मृत्यु का समय आ गया । तब राजा ने अपने दोनो पुत्रो व अपने ‌‌‌मंत्री मण्डल के लोगो को बुलाकर उनके सामने अपने बेटो से कहा की आप दोनो मे से इस राज्य की सेवा करने के लिए और इस राज्य का राज बनने वाला है वह मेरा बडा बेटा है ऐसा कह कर राजा मर गया ।

राजा के बाद मे राजा के बडे बेटे को उस राज्य का नया राजा तो बना दिया था पर उसे कुछ भी पता नही था । इस कारण वह जो भी फेसला लेता था वह ऐसे ही ले लेता था । एक बार उसके राज्य मे आग लग गई थी और राजा को पता नही था की आग कैसे भुजाई जाती है

तब राजा ने अपने राज्य की आग ‌‌‌भुजाने के बारे मे अपने मंत्रीयो से विचार करने के लिए एक सभा का आयोजन किया । जब राज्य मे आग लगी थी तब राजा आग भुजाने के लिए कुआ खोदने के लिए बेठ गया था । जब तक राजा को पता चला की आग कैसे भुजाई जाती है तब तक तो आधा ‌‌‌राज्य जल गया था ।

ऐसे ही उसका छोटा भाई था दोनो को कुछ भी नही पता था । इसी तरह ‌‌‌एक बार राजा व राजा के छोटे भाई को पता चला की पास के गाव का राजा उन पर हमला बोलने वाला है । तब तक राजा ‌‌‌को युद्ध करना भी नही आता था और न ही उसके भाई को आता था । तब राजा के मंत्री ने कहा की महाराज युद्ध की तैयारी करनी चाहिए ।

तब राजा व उसका छोटा भाई ‌‌‌ने युद्ध की तैयारी करनी शुरु की थी । पर उस समय हो क्या ‌‌‌सकता था क्योकी जब हमला होने वाला हो और राजा तैयारी शुरु ही करता है इसी को तो आग लगने पर कुआँ खोदना कहते है । कुछ हि दिन के बाद मे राजा के राज्य पर हमला बोल दिया गया और राजा को और उसके भाई को हराकर बंदी बना लिया गया ।

आग लगने पर कुआँ खोदना मुहावरे पर कहानी

तब जाकर उन दोनो को समझ मे आया की आग लगने पर कुआँ खोदना किसे कहते है । ‌‌‌और वे पछताने लगे की उस समय वे युद्ध कि तैयारी कर लेते तो आज उनके हाथ से राज्य नही छिनता । इस तरह से उन्हे समझ मे भी आ गया था की पहले युद्ध का ज्ञान नही लिया था इस कारण युद्ध हार गए । इस तरह से आप इस कहानी से मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

आग लगने पर कुआँ खोदना मुहावरे पर निबंध || aag lagane par kuaan khodana essay on idioms in Hindi

साथियो अगर किसी को किसी कि जरुरत नही लग रही है तो वह उस के बारे मे जानेगा भी नही और जब उसे उसकी जरुरत होती है तब वह उसके बारे मे जानने लगेगा पर वह समय जानने का नही होता है वह तो उस समस्या को दुर करने का होता है जिसके बारे मे वह जान रहा है ।

जिस तरह से किसी के घर मे आग लग गई पर उसे आग लगने पर क्या करना है इसके बारे मे उसे पता भी नही होता और उस समय वह आग लगने पर क्या किया जाता है उसके बारे मे जानता है । पहले तो वह कुछ जानना नही चहाता था पहले तो वह सोच रहा था की जब आग लगेगी तक हम उसके बारे मे जान लेगे ।

उसे यह नही पता था की उस समय जानने के बारे मे बेठ गए तो कुछ भी नही हो सकता और हमारा ही नुकसान होगा । इसी तरह के लोग आज की दुनिया मे है जिनको जब तक किसी चित की जरुरत नही होती तब तक वे उसके बारे मे जानते भी नही है और जब जरुरत पड जाती है

तब जाकर उन्हे पता लगता है की वह पहले उसके बारे मे जान लेता तो अच्छा रहता था । ‌‌‌जिस तरह से बाढ आने पर बाढ से बचने के उपाय ढूढना । इसी को आग लगने पर कुवा खोदना कहते है जिसका सिधा सा अर्थ है मुसीबत आने पर उससे निपटने के अपाय ढूढना । इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

 आग लगने पर कुआँ खोदना मुहावरे का तात्पर्य || What is the meaning of aag lagane par kuaan khodana in Hindi

दोस्तो पहले के समय में क्या होता था की लोगो के द्वारा कुछ ऐसे कार्य किए जाते थे जिसके कारण से जब किसी समय पर कोई मुसीबत आती है तो उससे उन कार्यों से छुटकारा पाया जा सके  ।

जैसे की जिन इलाको में बाढ आती है वे कुछ ऐसे तरीके करते है और करते थे जिनके कारण से उनका ज्यादा नुकसान नही होता है । मगर वर्तमान में ऐसा होता है मगर कम होता है ।

क्योकी वर्तमान में क्या होता है की अगर कोई विपत्ति आ गई है तो उसे दूर करने का उपाए ढूंढ जाता है । मतलब जो विपत्ति आने वाली है उसे पहले दूर करने का कोई तरीका नही ढूंढा जाता है बल्की उसके आने पर उसे दूर करने का उपाय ढूंढा जाता है ।

और यह ठिक वैसे ही है जैसे की आग लगने में आग को बुझाने के लिए कुवे को खोदा जाता है और इस तरह से आप समझ सकते है की आग लगने पर कुवा खोदना मुहावरे का अर्थ विपत्ति आने पर उसका उपाय ढूढना होता है  ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।