घाट घाट का पानी पीना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

घाट घाट का पानी पीना मुहावरे का अर्थ ghaat ghaat ka paanee peena muhaavare ka arth  – अनुभवी होना ।

दोस्तो अगर किसी के पास इतना ज्ञान है की वह किसी को पहचान सकता है । उसे पहले ही पता चल जाता है की अब क्या  होने वाला है कहने का अर्थ यह है की जब भी कोई कार्य हो उसको पहले ही ‌‌‌पता चल जाता है कि इस कार्य को सुरु करने से फायदा होगा या नही । ऐसे लोग जब किसी से कहते है की यह काम सही नही है इसमे आपको घाटा  होगा ।

तब लोग उसकी बात नही मानते है पर जब उस काम मे घाटा मिलता है। तब वे ही लोग उसके पास जाकर पुछते है की तुमको पहले ही कैसे पता था की इस काम मे मुझे घाटा होगा । ‌‌‌तब वह कहता है की मेने घाट घाट का पानी पिया है । कहने का अर्थ यह है की वह उस काम मे पुरा अनुभवी था ।

घाट घाट का पानी पीना मुहावरे का अर्थ  और वाक्य मे प्रयोग

घाट घाट का पानी पीना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌उसे धोका इना मुमकिन ही नही ना मुमकिन है क्योकी उसने घाट घाट का पानी पी रखा है ।

राघव

को सब पता है की कोनसा काम करने से कितना लाभ होगा क्योकी उसने घाट घाट का पी रखा है ।

घाट घाट का पानी पी कर यह तो जान ही गया हूं की कोन अपना है और कोन नही ।

जब रमेश ने घाट घाट का पानी पिया तब उसे पता चला की ‌‌‌लोग उससे ज्यादा रुपय कैसे कमा पाते थे ।

‌‌‌घाट घाट का पानी पीना मुहावरे पर कहानी

एक समय की बात है एक गाव मे मुना नाम का एक आदमी रहता था । उसके घर मे उसकी मां के अलवा और कोई भी नही रहता था। मुना बहुत ही गरीब था जब उसकी मा थी तब तो वह कुछ कमाता था पर जब उसकी मां की मृत्यु हो गई तो उसे काम मिलना बंद हो गया । अब मुना जो काम करता था वह तो ‌‌‌उसे मिल नही पा रहा था ।

मुना ने सोचा की कोई और काम ही कर ले पर उसे कोई और न आने के कारण काम भी उसे नही मिल पा रहा था । तब मुना ने सोचा की आज कल जो काम सबसे ज्यदा चल रहा है उसे ही सिक ले तो मै बहुत रुपय कमा सकता हूं । मुना पढा लिखा तो था नही इस कारण वह मजुरी ही करता था ।

‌‌‌मुना को पता चला की आज कल मकान बनाने  का काम बहुत ही जोर शोर से चल रहा है । इस कारण मुझे यही काम करना चाहिए ऐसा सोचकर मुना कम रुपयो मे ही मकान बनाने वाले के पास काम करने लगा । मकान एक जगह पर तो बनते नही है कभी कही पर तो कभी कही पर मकान बनते है ।

इस कारण मुना उस आदमी के साथ आस पास के गावो मे जाने ‌‌‌लगा और तरह तरह के लोगो से मिलने लगा । जिससे मुना लोगो को बहुत ही अच्छी तरह से ‌‌‌पहचानने लगा था कि कोन क्या चहाता है और वह उसके साथ क्यो हो रहा है। मुना ने बहुत समय के बाद मकान बनाने के बारे मे पुरी तरह से जान लिया और छोटे मोटे मकान बनाने लगा था ।

साथ ही मुना अलग अलग गावो मे जाता था तो वहा के लोग ‌‌‌जो भी काम करते थे उन सब के बारे मे मुना पुरी तरह से जानने लगा । इस कारण जब भी मुना मकान बनाकर पुरा कर देता तो उन लोगो के पास जाकर जो वे लोग काम करते थे उसके बारे मे पुरी तरह से जानने लगा । मुना लोगा से पुछने लगा की यह सब कैसे होता है और कितना लाभ होता है ।

इस तरह से मुना हर उस काम के बारे मे ‌‌‌पुरी तरह से जानने लगा जो वे लोग करते थे । धिरे धिरे मुना अलग अलग गावो मे मकान बनाने के लिए जाने लगा और वहा के लोगो के बारे मे पुरी तरह से जानने लगा । साथ ही जो वे लोग काम करते थे उनके बारे मे जानने लगा ।

अब मुना को लगने लगा की वह हर एक काम कर सकता है तो वह अपने गाव मे चला गया ‌‌‌और गाव मे जाकर अपने ‌‌‌खेत मे वह सब्जियां बाने लगा इसी तरह से वह सब्जियो ‌‌‌की फसल दोसे तिन वर्ष तक की । जब उसे लगने लगा की अब खेत की जमीन मे इतना दम नही रहा है की यहा पर सब्जियो की फसल पर बहुत फायदा हो ।

इस कारण वह सब्जियो ‌‌‌को न बा कर अपने खेत मे पानी लगाता और बकरी पालन खोल लिया था । इसी तरह से वह अलग अलग तरह के काम करता रहा और उसके ‌‌‌गाव के अमीर लोगो के ‌‌‌पास जितना ‌‌‌होता था उसके पास भी उतना ही पैसे होने लगा था। मुना की इस तरकी को देखकर उसके कुछ लोग दोस्त बनते गए और उसे ठगना चाहा । मुना को पता चल गया था की ये लोग दोस्ती के नाम पर मुझे ठगगे ।

फिर भी मुना उनके साथ रहता था। अब जब भी कोई नया काम चालू करता तो मुना उसे पहले ही कह देता की इस काम मे तुम्हे इतना ‌‌‌ज्यदा फायदा नही होगा । और दुसरी और मुना के दोस्त उसे ठगने के बारे मे योजना बनाने ‌‌‌लगे और योजना के हिसाब से वे लोग मुना से पैसे मागने लगे मुना को पहले ही पता चल गया था की ये लोग ढोग कर रहे है ।

‌‌‌घाट घाट का पानी पीना मुहावरे पर कहानी

तब उसने कहा की मेने इसी तरह से इन पैसो को नही कमाया है । मेने घाट घाट का पानी पिया है तब जाकर आज ‌‌‌मै इस उचाई पर पहूंचा हूं । मुना यह भी कहता था की मै तरह तरह के लोगो से मिल चुका हूं और आज मै यह बता सकता हूं की कोन क्या ‌‌‌चहाता है ।

इस तरह से मुना के बारे मे जो भी कोई गलत करना चहाता तो वह कहता की उसे धोका देना आसान काम नही है वह घाट घाट का पानी पी कर आया है । इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ ‌‌‌गए होगे ।

घाट घाट का पानी पीना मुहावरे पर निबंध || ghat ghat ka pani pina essay on idioms in Hindi

साथियो आज के समय मे जो लोग कठिन परिस्थिती से गुजर चुके है उन लोगो को यह पता चल जाता है की कैसे लोग अपने है । ऐसे लोगो को अनुभव हो जाता है की जो लोग कठिनाई मे हमारे साथ रहते है वे ही हमारे अपने है बाकी तो बस अपने मतलब के कारण हमारे पास आते है ।

इस तरह के लोगो को ‌‌‌दुसरे लोगो को पहचानने मे ‌‌‌जरा भी समय नही लगता की कोन हमारे साथ बुरा करने वाले है । जिस तरह से एक मकान बनाने वाले को पता होता है की मकान कैसा व किस चिज से बनेगा तो वह बहुत चलेगा । उसी तरह से इस तरह के लोगो को इंसानो को पहचानने मे जरा भी समय नही लगता है ।

कुछ लोग ऐसे भी होते है जो किसी एक काम को न कर कर अनेक काम करते है ‌‌‌तो इस तरह के लोगो को उन सभी कामो को करने के बारे मे पुरी जानकारी मालूम हो जाती है । अगर उससे ‌‌‌किसी काम को गलत तरह से ‌‌‌कराया जाएगा तो वह पहले ही बता देगा की यह काम ऐसा नही होगा । जिस तरह से एक वकील को पता होता है की किस जुर्म की कोनसी सजा होती है ।

उस वकिल को कोई भी घोका नही दे सकता है और न ही उससे ‌‌‌कोई गलत काम करवा सकता है क्योकी उसे पहले ही पता है की यह गलत है और इसके कारण हमे यह सजा हो सकती है । उस वकिल से कोई भी जुर्म कर कर नही बच सकता है । यह सब उसे अनुभव होने के कारण ही होता है और घाट घाट का पानी पिना भी इसे ही कहते है जिसका सिधा सा अर्थ यह होता है की किसी भी काम मे बहुत ‌‌‌ज्यादा ‌‌‌अनुभव होना । इस तरह से आप इस मुहावरे का सही अर्थ समझ गए होगे ।

घाट घाट का पानी पीना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || ghat ghat ka pani pina What is the meaning of in Hindi

दोस्तो कहा जाता है की मानव को अनुभव प्राप्त करने के लिए दूर दूर तक जाना होता है । देश विदेश की यात्रा करनी होती है और तब जाकर मानव अनुभवी बनता है । मगर आज के युग में अनुभवी होने के लिए आपको कही जाने की जरूरत नही है क्योकी आप अपने घर मे ‌‌‌रहते हुए भी अनुभव प्राप्त कर सकते हो ।

हालाकी अलग अलग लोग जो होते है वे अलग अलग तरह से अनुभवी होते है । कुछ ऐसे होते है जो की अपने किसी अलग कार्य में अनुभवी होते है तो कुछ अलग कार्य में अनुभवी होते । जैसे की मेरी ही बात करे तो मैं हिंदी के मुहावरो में अनुभव प्राप्त कर चुका हूं । तो कुल ‌‌‌मिलाकर कहना यह चाहते है की अनुभवी होने का जो प्रयोग हो रहा है वह असल में घाट घाट का पानी पीना होता है ।

यानि घाट घाट का पानी पीना मुहावरे का अर्थ अनुभवी होना होता है । और अनुभवी होने के लिए आज अलग अलग लोगो को पास एक अपना ही मार्ग होता है और यह बात आपको पता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।