आँखें फेर लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग idioms meaning in hindi

आँखें फेर लेना मुहावरे का अर्थ aankhen pher lena muhaavare ka arth – पहले जैसा व्यवहार न करना ।

दोस्तो अगर कोई पहले बहुत ही अच्छा व्यवाहर करता था आपको हर दिन याद करता था । जब भी आप उसके पास जाते तो वह ‌‌‌आपके साथ बहुत प्यार बाते करता था पर अचानक वह ‌‌‌आपके बाते करने पर भी ‌‌‌आपसे बाते न करने के कारण वहा से जाना चहता है । आपको अपना नही मानता यानि आपसे नाराज होने जैसा व्यवाहर करने लग जाता है तो ऐसे लोगो के लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । ‌‌‌जब कोई भी ऐसा व्यवाहर करने लग जाता है तो ऐसा कहा जाता है की ‌‌‌उसने तो आँखें फेर ली है ।

आँखें फेर लेना मुहावरे का अर्थ

आँखें फेर लेना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || aankhen pher lena use of idioms in sentences in Hindi

‌‌‌राम को नोकरी क्या मिल गई उसने तो हमसे आंखे ही फेर ली ।

जब मेरे बुरे दिन सुरु हुए तब मेरे सभी दोस्तो ने आंखे फेर ली ।

आज के समय मे किसी के पास पैसे क्या आ जाते है वह  तो अपने दोस्तो व अन्य लोगो से आंखे फेर लेता है ।

जब राजेश ने आंखे फेरी तब जाकर उसके बारे मे मुझे पता चला ।

class="has-vivid-red-color has-text-color wp-block-heading">आँखें फेर लेना मुहावरे पर कहानी || aankhen pher lena story on idiom in Hindi

एक समय की बात है राजेंद्र नाम का एक आदमी अपने गाव मे रहता था उसके पास खाने को भी समय पर नही मिलता था । उसके घर मे उसकी मां के अलावा और कोई भी नही रहता था । राजेंद्र बहुत ही खुदग्रज इंसान था वह अपने बारे मे ही सोचता था । उसे किसी से भी कुछ नही लेना देना था । राजेंद्र ‌‌‌के चार दोस्त थे जिनमे से उसके दो दोस्त बहुत अमीर थे । और दो दोस्त उसके ही दोस्तो के घर मे काम कर कर अपना ‌‌‌पेट भरते थे ।

उसके सभी दोस्त अपनी मेहंत का ही खाने वाले थे । इस कारण वे अपने दोनो दोस्तो जो अमीर थे उससे कुछ नही लेते थे । राजेंद्र उस गाव मे पढा लिखा था और वह चहाता था की उसे नोकरी ‌‌‌मिल जाए इस कारण वह दिन व रात नोकरी के बारे मे ही सोचता रहता था ।

‌‌‌उसके दो दोस्त जो अमीर थे उनसे राजेंद्र नोकरी लगाने के लिए मदद मागता था और उसके दोस्त उसकी मदद भी करते थे । उसे खाने के लिए सब कुछ देते थे यहा तक की नोकरी लगाने के लिए पैसे भी देते थे । इसी कारण से राजेंद उनके पास ही रहता ‌‌‌था। राजेंद्र की मां उनके दोस्तो से कहती थी की आप लोग हमारी मदद करते हो पर आप इतनी भी मदद मत किजीए की राजेंद्र कुछ काम भी ना करे ।

तब राजेंद्र के दोस्तो ने कहा की हम अपने दोस्त की मदद नही करगे तो और किसकी करेगे । हमारा दोस्त नाकरी करने के बारे मे सोच रहा है इस कारण हम ‌‌‌उसकी मदद करते है । ‌‌‌एक दिन राजेंद्र अपनी नोकरी के लिए शहर गया और जाते समय अपने दोस्तो से पैसे लेकर चला गया । उसके दोस्तो ने उससे पैसे कभी भी वापस नही मागे थे ।

दोस्तो ने राजेंद्र को पैसे तो दे दिए थे पर देते समय यह कहा की तुम वहा पर जाकर हमे भुल मत जाना । राजेंद्र ने कहा की भला अपने दोस्त को कोई ‌‌‌कैसे भुल सकता है । ऐसा कह कर वह शहर चला गया वहा पर वह दिन व रात एक कर कर नोकरी की तलाश मे इधर उधर भटकने लगा था । शहर मे ‌‌‌गए हुए उसे तिन दिन हो गए थे और चौथे दिन जैसे ही वह नोकरी की तलाश मे गया तो उसे एक कंपनी मे नोकरी मिल गई थी।

‌‌‌नोकरी मिल जाने के कारण राजेंद्र बहुत ही खुश था और अपने दोस्तो को फोन कर कर कह दिया था की मै नोकरी लग गया हूं । तब सभी दोस्त उसकी इस बात को सुनकर बहुत ही खुश हो गए थे । जब उसके दोस्तो ने उसकी मां के पास जाकर कहा की आपका बेटा नोकरी लग गया है तो उसकी मां ने उनेसे कहा की यह सब तो आप लोगो के कारण ‌‌‌हो सका है।

‌‌‌दुसरे दिन राजेंद्र अपने घर आया और अपनी मां को कहा की मै शहर नोकरी करने के लिए वापस जा रहा हूं । तुम्हे किसी चिज की जरुरत हो तो तुम मुझे फोन कर देना । तब उसकी मा ने कहा की अपने दोस्तो से नही मिलोगे क्या । अपनी मा की बातो को सुनकर उसे लगा की इतने दिनो तक मुझे दोस्तो की जरुरत थी पर अब नोकरी लग ‌‌‌गया हूं तो मुझे उनकी कोई जरुरत नही है ।

ऐसा सोचकर वह वाह से तुरन्त चला गया । जब उसके दोस्तो को पता चला की राजेंद्र गाव मे आया ‌‌‌था और वह हमसे मिले बिना ही वापस चला गया है तो उन्हे बहुत बुरा लगा । राजेंद्र के दोस्त उसके सच्चे दोस्त थे इस कारण वे ‌‌‌उन्होने इस गलती को दिल पर नही लगाया । ‌‌‌राजेंद्र के दोस्तो ने सोचा की चलो हम ही उससे बात कर नेते है इस कारण ‌‌‌उन्होने अपने ‌‌‌दोस्त को फोन किया ‌‌‌पर‌‌‌ राजेंद्र उनका फोन नही उठाता ‌‌‌रहा था ।

इसी तरह से जब भी राजेंद्र को अपने दोस्तो का फोन आता तो वह नही उठाता । यहा तक की उसने अपनी मा के बारे मे भी नही सोचा और उसे फोन तक नही किया । इस तरह से राजेद्र एक वर्ष तक शहर मे नोकरी करता रहा । जब दिवाली ‌‌‌की छुट्टी आई तब वह अपने गाव गया और वहा पर ‌‌‌आने के बाद उसे पता चला की उसकी मां का देहांत हो गया है ।

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तभी उसके दोस्त उसकी तरफ आते दिखे तो वह उन्हे देखकर दुसरी और जाने लगा । इसी तरह से जब भी उसके दोस्त उसके पास आते तो वह उनसे दुर चला जाता था । उनसे बात तक नही की इसी कारण से उसके दोस्तो को पता चल गया था की राजेंद्र अब नोकरी लग गया है ‌‌‌उसे हमारी कोई भी जरुरत नही है इस कारण उसने हमसे आंखे फेर ली है। इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

आँखें फेर लेना मुहावरे पर निबंध || aankhen pher lena essay on idioms in Hindi

‌‌‌साथियो आज इस संसार मे ज्यादातर लोग ऐसे होते है जिन्हे हमारी जरुरत होती है तब तो वे हमारे साथ रहते है हमसे प्रेम भरी बाते करते है । वे लोग कोई भी हो सकते है जैसे दोस्त पडोसी आदी । पर जब उन लोगो को लगता है की अब हमे इन लोगो से बाते करने की कोई जरुरत नही है तो वे ही लोग हमसे बचने लगते है ।

‌‌‌यहा तक की वे लोग हमसे प्रेम भरी बाते भी नही करते है । वे लोग हमसे नाराज होने लगते है हम पर घुस्सा होने लगते है । जब इस तरह के परिवर्तन ‌‌‌किसी मे आ जाते है ‌‌‌तभी उसके लिए आंखे फेर लेना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस तरह के परिवर्तन अनेक कारणो से आते है उन्हे लगने लगता है की यह हमारा ‌‌‌दुश्मन है हमारे पैसो के कारण ही ‌‌‌हमारे साथ रहता है ।

कुछ इसी तरह के कारणो से वे लोग हमे दुर करने के लिए ‌‌‌अपने व्यवाहर मे परिवर्तन ‌‌‌लाते है । पर ‌‌‌कुछ लोग इसके बिल्कुल ही उल्टे होते है जो लोग अमीर होते है तो उनके साथ रहते है और जब वे गरीब होने लग जाते है तो उनसे आंखे फेर लेते है ।

‌‌‌आज के समय मे कुछ लोगो पर मुसीबत आती है तो अन्य लोग जो हमेशा उनके साथ रहते थे वे भी उनकी मदद नही करते है । इसे भी आंखे फेरना कहते है । जिसका सिधा सा अर्थ है किसी के प्रति अचानक व्यवाहर मे परिवर्तन आना । ‌‌‌इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

आँखें फेर लेना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of aankhen pher lena in Hindi

दोस्तो ऐसा कहा जाता है की जब किसी आदमी का विवाह हो जाता है तो वह बदल जाता है और ऐसा केवल कहा ही नही बाता है बलकी बहुत से लोग तो सच में बदल ही जाते है । मगर आपको बता दे की कुछ ऐसे होते है जो की पहले जैसा ही व्यवाहर करते है ।

मगर जो लोग पहले जैसा व्यवहार ‌‌‌नही करते है उनके लिए हम कह सकते है की उसने तो आँखें फेर ली । मगर आपको बता दे की आज के समय में जब भी मानव पर किसी तरह का संकट आता है जो लोग उसके साथी बने हुए थे वे ही समय आने पर आंख फैर लेते है । और यह सच भी होता है और आप इस बारे में जानते है ।

दरसल जो आंख फैर लेना होता है न उसका तात्पर्य ‌‌‌ इस बात से होता है की पहले जैसा व्यवाहर न रहना । और आपको पता है की ऐसे कई कारण होते है जिसके कारण से पहले जैसा व्यवाहर नही रहता है । और आप इस बात को समझ सकते है ।
वैसे आप इस मुहावरे का किसके लिए प्रयोग करोगे कमेंट में बताना ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।