आँखें बिछाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें बिछाना मुहावरे का अर्थ aankhen bichhaana muhaavare ka arth – सत्कार करना या प्रतिक्षा करना ।

दोस्तो अगर कोई हमे बहुत प्रिय ‌‌‌लगता है और हम उसका आदर भी करते है । पर जब वह किसी कार्य से कही चला जाता है तो उसके आने की प्रतिक्षा करने लग जाते है । और जब वह वापस आ जाता है तो उसके आने की ‌‌‌खुशी मे उसका स्वागत करते है उसका आदर करते है । ऐसा करने को ही आंखे बिछाना कहते है जिसका अर्थ होता है प्रेम ‌‌‌पुर्वक आदर करना या प्रतिक्षा करना ।

आँखें बिछाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें बिछाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || aankhen bichana use of idioms in sentences in Hindi

‌‌‌जब भगवान राम का चोदह वर्ष का वन्वास पुरा हो गया था तो उनके आने की खुशी मे पुरे राज्य ने आंखे बिछा दी ।

रजवीर को जब पता चला की उसका दोस्त उसके गाव मे वापस आ रहा है तो उसके आने की खुशी मे राजवीर ने आंखे बिछा दी ।

जब भी हमारे प्रधानमंत्री कही पर जाते है तो लोग उनके आदर मे आंखे बिधा देते है ।

‌‌‌जब गाव के लोगो को पता चला की उसके गाव का बेटा आतंकवादियों को मार कर अपने गाव लोट रहा है तो पुरे गाव के लोगो ने उसके आने कि खुशी मे आंखे बिछा दी।

आँखें बिछाना मुहावरे पर कहानी || aankhen bichana story on idiom in Hindi

‌‌‌प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे विक्रम आदीत्य नाम का एक राजा रहता था । राजा बलशाली होने के साथ साथ बुद्धी वाला था जो कभी भी किसी कार्य को करता तो सोच समझ कर करता था । जब ‌‌‌अन्य राज्य के राजाओं से कोई फेसला नही होता तो वे विक्रम आदीत्य के पास आकर अपनी समस्या का समाधान कराते थे ।

विक्रम आदीत्य ‌‌‌कुछ ही समय मे हर समस्या का समाधान कर देता था । विक्रम आदीत्य का नाम चारो दिशाओ मे था ‌‌‌जब उन्हे पता चलता की उस राज्य मे लोगो ‌‌‌को पिडा है उन पर समस्या आई है तो वे उसे समस्या ‌‌‌को ठिक कर लोगो को पिडा से मुक्त करते थे । और अपने नगर के साथ साथ किसी भी नगर का क्यो न हो अगर वह उसके महल मे आ जाता तो राजा उसे कभी भी खाली हाथ वापस नही जाने देता ‌‌‌था ।

‌‌‌एक बार की बात है राजा अपने रथ पर ‌‌‌सवार होकर दुसरे राज्य की तरफ जा रहा था की उसे रास्ते मे एक आदमी मिला जो राजा से कहने लगा की आप उस तरफ मत जाए । इतना कह कर वह आदमी वाह से चला गया । तब राजा सोचने लगा की जरुर उस नगर मे कोई ‌‌‌मुसीबत आई है मुझे उस गाव के लोगो को बचाने के लिए जाना चाहिए ।

ऐसा सोचकर ‌‌‌विक्रम आदीत्य अकेले ही उस नगर की और चलने लगे । वहा पर जाने के बाद उन्हे पता चला की इस नगर मे लोग नही रहते जो भी लोग रहते थे वे सब मारे गए । तभी राजा की तरफ एक औरत भागती हुई आई और कहने लगी की बचाओ बचाओ । जब राजा ने पुछा की क्या हुआ आप ऐसे भाग क्यो रही है ।

तभी उस औरत ने राजा से कहा की आप ‌‌‌यहा से चले जाए । वरना वह डायन आपको भी मार डालेगी । इतना कह कर वह वहा से भाग गई । राजा ने सोचा की इस राज्य का राजा क्या कर रहा है उसे तो इस राज्य की कोई भी परवा ‌‌‌भी नही है ऐसा सोचकर विक्रम आदीत्य उनसे मिलने के लिए उनके पास जाने लगा पर वहा पर जाने के बाद उन्हे पता चला की इस नगर मे जो राजा था ।

‌‌‌उसकी मृत्यु हो गई है तभी उस राजा की पत्नी आ गई और ‌‌‌विक्रम आदीत्य के पास आकर कहने लगी हे राजन आप कोन है और आप यहा पर क्या कर रहे है । तब ‌‌‌विक्रम आदीत्य ने अपना ‌‌‌परिचय दिया और कहा की यह जो डायन है वह लोगो को क्यो मार रही है । ‌‌‌तब राजा की पत्नी ने कहा की राजा ने उसके सामने उसके ‌‌‌पति को मार ढाला था । और अब वह डायन बन गई है जो राजा को मारना चहाती है ।

ऐसा कहते हुए राजा की पत्नी ‌‌‌ने विक्रम आदीत्य को सारी बात बात बता दी । तब विक्रम आदीत्य ने कहा की मै आपकी मदद करुगा पर मै यह कैसे करु मुझे इसके लिए किसी साधू की मदद ‌‌‌लेनी होगी । तब राजा की पत्नी ने कहा की हमारे नगर से बाहर पहाडो मे एक साधू रहता है वह उस डायन को मोक्क्ष दिला कर इस गाव को आजाद करा सकते है ।

तभी विक्रम आदीत्य ने रानी को कहा की मै अब आपके राज्य की सेवा कर कर ही वापस आउगा । तभी वे वहा से चले गए और उस साधू के पास जा पहूंचे वहा पर जाकर ‌‌‌ विक्रम आदीत्य ने उस साधू से इस सम्सया का समाधान पूछा तो साधू ने उससे कहा की आप है कोन और आप क्या उस डायन की मदद कर सकते हो ।

तब विक्रम आदीत्य ने अपना नाम साधू को बताया तो साधू को पता चल गया की ये यह काम कर सकते है । तब साधू ने कहा की जिस राजा ने उस डायन के ‌‌‌पति को मारा था उसे वह अपने प्राण ‌‌‌देकर अपने राज्य को बचा सकता है । तब विक्रम आदीत्य ने कहा की महाराज वे तो अब इस दुनिया मे नही रहे । तब साधू ने कहा की तब तो कुछ भी नही हो सकता है ।

तभी विक्रम आदीत्य को ज्ञात हुआ की अगर वे अपनी आत्मा को उस राजा के शरीर मे बाड दे तो वे जिवत हो जाएगे । और फिर वह डायन उसके शरीर को मार डालेगी ‌‌‌तब ही इस नगर को बचाया जा सकता है । ऐसा सोचकर विक्रम आदीत्य राजा के शरीर के पास जाकर रानी को सारी बात बाताई और फिर जैसा सोचा था वेसा किया । और अपने शरीर को तब विक्रम आदीत्य ने रानी के पास ‌‌‌हिफाजत करने के लिए छोड दिया था ।

जब उस डायन के सामने राजा विक्रम आदीत्य उस राजा के शरीर के रुप मे गए तो उस डायन ने ‌‌‌राजा के शरीर का वध कर कर डायन से मुक्त हो गई । और उधर रानी विक्रम आदीत्य के आने के लिए आंखे बिछाई ‌‌‌खडी थी । तभी वहा पर विक्रम आदीत्य अपने शरीर मे आकर वापस जीवित हो गए ।

आँखें बिछाना मुहावरे पर कहानी

जब उस नगर के लोगो को पता चला की विक्रम आदीत्य ने उन्हे उस डायन से बचा लिया है तब सभी लोग ‌‌‌ने उनके सम्मान के लिए आंखे ‌‌‌बिछा दि । तभी से जब भी विक्रम आदीत्य उस नगर मे जाते तो लोग उनके आने पर आंखे बिछा देते थे इस तरह से आप आंखे बिछाना महावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

आंखे बिछाना मुहावरे पर निबंध || aankhen bichana essay on idioms in Hindi

‌‌‌साथियो जब भी कोई बडा आदमी हमारे पास आता है जो लोगो की सेवा करता हो तो हम सभी उनका आदर करते है । जिस तरह से महात्मा गांधी ज‌‌‌ब भी कही पर जाते थे तो लोग उनका स्वागत करते थे उनके आने ‌‌‌की प्रतिक्षा करते रहते थे । इसी को आंखे बिछाना कहते है ।

जब भी कोई हमारे देश का जवान हमारे देश की हिफाजत कर कर ‌‌‌अपने गाव मे आता है तो उसके गाव के लोग भी उसके आने की खुशी मे आंखे बिछाए रहते है अर्थात् उसकी प्रतिक्षा करते है । इसी तरह से हमारे प्रिय लोग जब हमारे पास आते है तो हम उनकी सेवा करते है उनका आदर करते है व जब तक वे नही आते तब तक उनके आने की प्रतिक्षा करते है ।

मेरे कहने का अर्थ यही है की आंखे ‌‌‌बिछाने का अर्थ ही प्रतिक्षा या सत्कार करना होता है। ‌‌‌ऐसे लोग इस संसार मे बहुत है जो सत्कार या प्रतिक्षा करते हो । हर किसी के जिवन मे कोई न कोई ऐसा होता है जिसा वे आदर करते है उनके आने की प्रतिक्षा करते है । वह कोई भी हो सकता है वह भाई बेटा बाप या फिर अन्य कोई ‌‌‌हो सकता है ।

इस मुहावरे का अर्थ समझाने के लिए हम राम का ‌‌‌उदहारण लेते है । जब राम का ‌‌‌14 वर्ष का वनवास पुरा हुआ तो उसके नगर के सभी लोग उनके आने की प्रतिक्षा कर रहे थे और उनके आने की खुशी मे दिपक जलाकर उनका सम्मान किया था । जिसे आंखे बिछाना कह सकते है। इस ‌‌‌तरहे से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

आँखें बिछाना मुहावरे का तात्पर्य क्या होगा || What is the meaning of aankhen bichana in Hindi

दोस्तो एक मां जो होती है वह हमेशा अपने बेटे के लिए प्रतिक्षा करती रहती है ओर यह बात आपको पता होगी । मगर हम यहां पर यह नही कह रहे है की दूसरा कोई भी प्रतिक्षा नही करता है बल्की हम तो केवल इतना कह रहे है की मां कुछ ज्यादा ही प्रतिक्षा करती है और इसका ‌‌‌मतलब है की मां जो है आंखे बिछाए बैठी है ।

क्योको आपको बता दे की आंखे बिछाना मुहावरे का तात्पर्य उस स्थिति से होता है जब कोई व्यक्ति किसी की प्रतिक्षा करता है या फिर कह सकते है की किसी की प्रतिक्षा में बैठा है । जैसे की बेटा विदेश गया हुआ है तो मां उसके आने की प्रतिक्षा में बैठी है ‌‌‌तो इसी तरह से आंखे बिछाना कहा जाता है ।

उसी तरह से जब भी कोई व्यक्ति किसी की प्रतिक्षा कर रहा होता है तो उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है । और आपको पता है की ऐसा क्यो किया जा सकता है क्योकी आंखे बिछाना मुहावरे का अर्थ ही प्रतिक्षा करना होता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।