मुंह तोड़ जवाब देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

मुंह तोड़ जवाब देना मुहावरे का अर्थ muh tod jawab dena muhavare ka arth – करारा जवाब देना ।

दोस्तो जब भी कोई व्यक्ति बोलता है तो वह अपने मुंह से ही बोलता है । मतलब अगर मुंह नही होता है तो बोला नही जाता है । मगर क्या होता है की कई बार इसी मुंह से ऐसा कुछ बोल दिया जाता है जो की बुरा या गलत होता है । तो यह सब कुछ समाने वाले को अच्छा नही लगता है ।

और इसी कारण से सामने वाला उत्तर देते हुए कुछ ऐसा कह देता है जिसे सुन कर कहने वाले की बोलती बंद हो जाती है । यानि उसका जो मुंह होता है वह एकदम चुप हो जाता है ।  और इस तरह से जबाब देने को करारा जबाब देना कहा जाता है ।  तो ऐसी स्थिति में ऐसा लगता है मानो जैसे गलत कहने वाले का मुंह तोड़ दिया हो जिसके कारण से वह कुछ बोल नही रहा है ।

तो इस तरह से मुंह तोड़ जबाब देना मुहावरे का सही अर्थ हुआ करारा जबाब देना ।

अब आपको बता दे की जब कोई व्यक्ति जुर्म करता है, या फिर कोई ऐसा काम कर देता है जो गलत होता है, यानि किसी तरह से अन्याय करता है तो कोई अन्य मानव जब इससे बड़ कर उस व्यक्ति के साथ कुछ कर देता है तो इसे भी मुंह तोड़ जबाब देना कहा जाता है ।

मुंह तोड़ जवाब देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

मुंह तोड़ जबाब देना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग ||  muh tod jawab dena use of idioms in sentences in Hindi

1.        सांस बहू के झगड़े में सांस ने अपनी बहूं को कुछ बुरा कह दिया तो बहू ने सांस को मुंह तोड़ जबाब दे दिया है ।

2.        अरे सरला की नई बहू कोई सिधी साधी नही है वह तो किसी को भी मुंह तोड़ जबाब दे देती है ।

3.        सरपंच साहब की गलती होने के बाद भी वे लोगो को ज्ञान दे रहे थे तो लोगो ने उन्हे मुंह तोड़ जबाब दिया ।

4.        भरी सभा में शर्मा जी ने सेठ जी को मुंह तोड़ जबाब दिया और सेठ जी की बोलती बंद हो गई ।

5.        पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया तो अगले ही दिन भारत ने पाकिस्तान पर हमला कर कर दो सेनिको को मार कर मुंह तोड़ जबाब दे दिया ।

6.        इंडियन आर्मी से जो भी देश दुश्मनी मोल लेता है उसे मुंह तोड़ जबाब दिया जाता है ।

7.        योगी आदित्यनाथ हमेशा जुर्म करने वालो को मुंह तोड़ जबाब देते है इसी कारण से कुछ लोगो को वे पसंद नही ।

मूंह तोड़ जबाब देना मुहावरे पर कहानी || muh tod jawab dena story on idiom in Hindi

दोस्तो बहूत समय पहले की बात है एक छोटा सा गाव हुआ करता था जहां पर बहुत सारे लोग रहते थे और उन ही लोगो में से एक लाडूप्रसाद नाम करते हुए आदमी रहा करता था जो की एक धनवान घर से आता था । और अपने इसी धन के कारण से लाडुप्रसाद जो था वह चुनाव में खड़े होने की योजना बना रहा था ।

तो उसने पहले तो कुछ लोगो से पूछा की क्या आप मुझे सरपंच साहब के चुनाव के लिए जिता सकते हो तो लोगो ने कह दिया की हां जरूर आपको नही जीत दिलाएगे तो फिर किसको जीत मिलेगी ।

और इस तरह से लोग कह रहे थे तो लाडुप्रसाद जो था वह चुनाव में खड़ा हो गया ।आपको यकिन नही होगा की चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सरपंच ने पैसो को पानी की तरह बहाना शुरू कर दिया और यह सब देख कर लोगो को लगा की सरपंच बनने से पहले ही जब लाडुप्रसाद हमारी इतनी मदद कर रहे है तो जब सरपंच बन जाएगे तो कितनी मदद करेगे और यह सोच कर ही लोगो ने लाडुप्रसाद को जीत दिलवा दी ।

मगर खेल तो अब शुरू होने वाला था क्योकी जो रूपय पानी की तरह बहा कर सरपंच ने लोगो को दिए थे वे अब वापस हासिल करने का समय था और आज के समय में नेता लोग ऐसे ही करते है ।

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अब क्या हुआ की सरपंच जब भी गाव के लोगो के लिए किसी काम को करवाने के लिए कहता था तो लोग खुश हो जाते थे और इधर सरपंच जो था वह लोगो से पैसे लेने लग गया और सरकार से भी काम के लिए पैसे उठा लेता था और फिर गाव में किसी तरह का कोई काम करवाता नही था और यह सब होता रहा और लोगो को इस बारे में पता नही चला ।

मगर कहते है की एक समय आने के बाद में लोगो को इस बारे में पता चल ही जाता है । और ऐसा ही हुआ । दरसल सरंपच साहब यानि लाडुप्रसाद के बारे में लोगो को पता चलाकी यह तो लोगो को ठगने का काम कर रहा है और यह देख कर लोगो को बहुत ही क्रोध आया मगर किसी की यह हिम्मत नही होती थी की सरपंच साहब से उंची आवाज में बात कर सके ।

 क्योकी सभी को यही डर लगता था की अगर कभी सरपंच की जरूरत होगी तो यह मदद नही करेगे । मगर गाव में एक ऐसा भी व्यक्ति निकला जिसने सरपंच को बता दिया की लोगो को ठगना और उसे ठगना कितना भारी नुकसानदायक हो सकता है।

मुंह तोड़ जवाब देना मुहावरे का अर्थ

दरसल उस गाव में रामानंद नाम का एक आदमी रहा करता था उसने सरपंच को एक बार 10 हजार रूपय दिए थे और किसी तरह का काम करवाने के लिए कहा था । मगर लाडुप्रसाद ने किसी तरह का काम नही करवाया और पैसे भी वापस नही दिए ।

और यह सब होने के कारण से रामानंद ने एक दिन सरपंच के पास जाकर पता नही क्या कहा और सरपंच ने उसे 50 हजार रूपय दे दिए और इस बारे मे सरपंच के अलावा किसी को पता नही था ।

अब एक महिने के बाद में जब सरपंच ने अपने पैसे वापस मागे तो रामानंद ने कह दिया की आपने कौनसा पैसा दिया था और ऐसा कहने पर लाडुप्रसाद ने कहा की मैंने दिए थे मगर किसी तरह का कोई सबुत न होने के कारण से लाडुप्रसाद कुछ न कर सका ।

और अब लाडुप्रसाद को समझ में आ गया की रामानंद ने उसे मुंहतोड़ जबाब दिया है । करीब दो दिनो के बाद में लोगो को इस बारे में पता चला तो लोगो ने एक ही बात कही की रामानंद ने तो सरपंच को मुंह तोड़ जबाब दे दिया है

अब वह फिर उसे ठगने के बारे में नही सोचेगे । और इस तरह से सरपंच समझ गया की रामानंद भी कोई छोटा मोटा आदमी नही है और फिर रामानंद से सरपंच सावधानी से अपना जीवन बिताने लगा ।

तो इस तरह से कहानी से आप जान सकते है की मुंह तोड़ जबाब देना मुहावरे का अर्थ करारा जबाब देना होता है ।

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आपे से बाहर होना  माथे पर बल पड़ना   
आग में घी डालना  हाथ के तोते उड़ना
आँखों में धूल झोंकना  मिट्टी पलीद करना  
आँखें बिछाना  हाथ का मैल होना
आकाश पाताल एक करना  रंगे हाथों पकड़ना
अगर मगर करना  सीधे मुँह बात न करना
पहाड़ टूट पड़ना  प्रतिष्ठा पर आंच आना
आग लगने पर कुआँ खोदना  आँखे फटी रह जाना  
श्री गणेश करना  सिर ऊँचा करना
टस से मस न होना  ‌‌‌चोर चोर मौसेरे भाई
छोटा मुँह बड़ी बात  मर मिटना  
चोली दामन का साथ  ‌‌‌सहम जाना
गुदड़ी का लाल  घास खोदना  
गागर में सागर भरना  रफू चक्कर होना
कान पर जूं न रेंगना  अंतर के पट खोलना
आँखें फेर लेना  चादर से बाहर पैर पसारना
घाट घाट का पानी पीना  उन्नीस बीस का अंतर होना
बालू से तेल निकालना  सिर पर पाँव रखकर भागना  
अंग अंग ढीला होना  काठ की हांडी होना   
अक्ल के घोड़े दौड़ाना  एक लाठी से हाँकना
आवाज उठाना  भानुमती का पिटारा
मक्खी मारना  अंकुश रखना  निबंध व
चैन की बंशी बजाना  अंधी पीसे कुत्ता खाए
आग बबूला होना  का वर्षा जब कृषि सुखाने
भीगी बिल्ली बनना  नीम हकीम खतरे जान
जान हथेली पर रखना  अधजल गगरी छलकत जाए
लाल पीला होना  जैसा देश वैसा भेष मुहावरे
अंधे की लाठी  नौ दिन चले अढ़ाई कोस
अंगूठा दिखाना  नेकी कर, दरिया में डाल का मतलब  वाक्य
नौ दो ग्यारह होना  चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए
 चौकड़ी भरनाआव देखा न ताव
 हरी झंडी दिखानाथोथा चना बाजे घना  
 हथेली पर सरसों जमानातेल देखो, तेल की धार देखो   
 हाथ को हाथ न सूझना  छाती पर मूँग दलना
 चेहरे पर हवाइयाँ उड़नाकंगाली में आटा गीला
 हाथ लगनाभूखे भजन न होय गोपाला
 हवा हो जानासाँच को आँच नहीं  
 हाथ खींचनाऐरा – गैरा नत्थू खैरा का
 हक्का-बक्का रह जानापर उपदेश कुशल बहुतेरे

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।