मिट्टी पलीद करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

मिट्टी पलीद करना मुहावरे का अर्थ mitti palid karna muhavare ka arth – दुर्दशा करना

दोस्तो मिट्टी के कारण से ही हम पृथ्वी पर रह कर अपना जीवन यापन करते है ‌‌‌मगर आज के समय मे हर कोई मिट्टी ‌‌‌के गुण को नष्ट करता जा रहा है । ‌‌‌जिसके कारण से आने वाले समय मे मिट्टी पर जो वर्तमान मे फसल लहराती है वह दिखाई नही देगी । इस तरह से मिट्टी की दुर्दशा हो रही है । इसी तरह से जब मनुष्य किसी वस्तु की दुर्दशा करता है तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

मिट्टी पलीद करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

मिट्टी पलीद करना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग mitti palid karna muhavare ka vakya me prayog

  • ‌‌‌आतकंवादियो को देख कर भारतिय सेना ने उनकी खुब मिट्टी पलीद की ।
  • महेश जब चोरी करता हुआ पकडा गया तो सेठ ने उसकी मिट्टी पलीद कर दी ।
  • भरे बाजार मे रामू ने अपने नोकर की मिट्टी पलीद कर दी । ‌‌‌
  • जब से रामू का बेटा विदेश कमाने के लिए गया है तब से रामू की बहुएं उसकी खुब मिट्टी पलीद कर रही है ।
  • पति के मर जाने के बाद मे सरला की खुब मिट्टी पलीद हुई ।
  • जब तक मैं जीवित हूं तब तक तुम मेरे बेटे की मिट्टी पलीद नही कर सकते हो ।
  • पैसो के लिए महेश ने रामू की मिट्टी पलीद कर दी ।

मिट्टी पलीद करना मुहावरे पर कहानी mitti palid karna muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक किसान रहा करता था । ‌‌‌उस किसान का नाम भवरमल था । भवरमल अपने खेत मे बहुत काम किया करता था । जिसके कारण से उसके खेत मे अच्छी फसल हो जाया करती थी । जिससे भवरमल बहुत ही खुश रहता था ।

भरवमल के घर मे उसके माता पिता के अलावा और कोई नही था । भवरमल अपने माता पिता की बहुत ही अच्छी सेवा किया करता था । जिसके ‌‌‌कारण से भरवमल के माता पिता भी खुश रहा करते थे । धीरे धीरे समय के साथ भवरमल का विवाह भी हो गया ।

मगर उसका विवाह एक ऐसी लडकी के साथ हुआ था जो बहुत ही चालाक और लालची थी । जिसके कारण से पांच महिनो के बाद मे वह अपनी ही बात घर मे चलाने लगी थी । मगर भवरमल भी किसी से कम नही था जिसके कारण से ‌‌‌उसने अपनी पत्नी की एक नही चलने दी ।

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भवरमल रोजाना अपने खेत मे जाता और काम किया करता था । जब भवरमल के माता पिता मर गए उन दिनो के बाद की बात है । भवरमल अपने खेत से काम कर कर अपने घर आया था की उसने अपनी पत्नी से स्नान के लिए पानी गर्म करने के लिए कहा । मगर किसी कारण से उसी पत्नी लडने लगी ‌‌‌थी ।

जिससे काफी समय तक झगडा होता रहा मगर फिर भवरमल की पत्नी पानी गर्म करने के बहाने अपने पूरे घर को आग लगा दी । मगर आग लगाने से पहल सभी आवश्यक वस्तुओ को कही छीपा दिया ।

जब भवरमल ने देखा की उसके घर मे आग लगी है तो वह बहुत ही डर गया और गाव के लोगो से मदत मागने लगा । जिसके कारण् ‌‌‌से गाव के लोगो ने किसी तरह से उसके घर की आग को नष्ट किया । मगर अब घर का सब कुछ जल गया था ।

घर जल जाने के कारण से उसकी पत्नी भी उसे छोड कर चली गई और अपने साथ छुपाय धन को भी लेकर चली गई । अब पिछे से भवरमल के पास कुछ नही रहा । ‌‌‌यहां तक की अब उसके पास खाने को कभी कुछ नही रहा ।

जिसके कारण से भवरमल ने अपने खेत का कुछ हिस्सा बेच दिया और अपना पेट भरने लगा । क्योकी उस समय वर्षा का समय नही था जिसके कारण से भवरमल अपने खेत मे भी काम नही कर पा रहा था ।

जब तक वर्षा हुई तब तक भवरमल ने अपना आधा खेत बेच दिया था और बाकी ‌‌‌आधे खेत मे फसल बो दी । इस तरह से फिर भवरमल अपने खेत मे काम करने लगा था । अब उसके खेत मे अच्छी फसल थी मगर एक दिन तेज वर्षा हुई जिसके साथ साथ बर्फ के कुछ छोटे टुकडे गिरने लगे ।

इस कारण से भवरमल की पूरी फसल नष्ट हो गई । अपने खेत मे फसल बोने के लिए भवरमल ने लोगो से पैसे उधार लिए थे । मगर ‌‌‌अब फसल रही नही जिसके कारण से भवरमल को फिर से अपना बाकी खेत बेचना पड गया ।

तब वह सोचने लगा की जब से मेरे घर मे आग लगी थी तब से मेरे साथ इस तरह का बुरा हो रहा है । साथ ही वह सोचने लगा की अगर आग नही लगती तो मेरे साथ ऐसा नही होता ।

इसी के बारे मे जानने के लिए एक दिन भवरमल एक साधू के पास ‌‌‌चला गया जिसके कारण से साधू ने बतया की भवरमल तुम्हारे घर के ही किसी सदस्य ने जान बुझ कर आग लगा दी थी । यह सुन कर भवरमल चोक गया और सोचने लगा की मेरे घर मे तो मैं और मेरी पत्नी ही थे ।

‌‌‌तब भवरमल समझ गया की उसकी पत्नी ने ही आग लगा दी थी । और जरूरत का समान लेकर चली गई । ‌‌‌यह जान कर जब भवरमल अपने गाव मे आया तो आस पास के लोगो से पूछा की मेरी पत्नी जाते समय कुछ लेकर गई थी क्या ।

मिट्टी पलीद करना मुहावरे पर कहानी mitti palid karna muhavare par kahani

तब भवरमल को पता चला की उसकी पत्नी अपने साथ दो पोटली बांध कर लेकर चली गई । यह जान कर भवरमल सोचने लगा की ‌‌‌पत्नी ने जान बुझ कर आग लगा दी और सब कुछ तबाह कर कर ‌‌‌मेरी मिट्टी पलीद कर दी ।

अब भवरमल के पास कुछ नही रहा था जिसके कारण से वह अपना जीवन कष्टो मे बिताने लगा था । इस तरह से इस कहानी से मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

मिट्टी पलीद करना मुहावरे पर निबंध mitti palid karna muhavare par nibandh

साथियो मिट्टी मे जब सभी आवश्यक तत्व मोजुद ‌‌‌होगे तो अच्छी फसल पैदा की जा सकती है । मगर जब आवश्यकता से अधिक पोषक तत्व मोजुद हो तो वह कोई काम की नही रहती और न आवश्यकता ‌‌‌से कम पोषक तत्व होने पर काम की रहती है ।

इस तरह से मिट्टी की गुणवता ही मिट्टी के बारे मे बताती है । मगर जब मिट्टी के इस गुण को नष्ट कर दिया जाए तो मिट्टी की दुर्दशा हो जाती है । इसी तरह ‌‌‌से जब किसी की किसी कारण से दुर्दशा होती है तब इस मुहावरे का प्रयोग करते हुए मिट्टी पलीद होना कहा जाता है ।

मिट्टी पलीद करना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of mitti palid karna in Hindi

दोस्तो वर्तमान के समय में हर कोई अपना जीवन काफी मोज मस्ती के साथ बिताना चाहता  है और हर कोई अपने जीवन को सुख के साथ बिताना चाहते है । मगर कई बार कुछ ऐसा हो जाता है जब जीवन में दुख ही दुख आने लग जाते है और अगर यह किसी के कारण से होता है तो इसका मतलब है की उसने जीवन की दुर्दशा कर दी है ।

अब अगर कोई व्यक्ति किसी भी तरह से किसी की भी र्दशा करता है तो वहां पर मिट्टी पलीद करना कहा जाता है और इस बात का मतलब यह साफ है की इस मुहावरे का अर्थ र्दशा करना होता है । और अगर आपने इस लेख को पढा है तो आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते है ।

दोस्तो यह मुहावरा काफी पुराना है इस कारण से बहुत से लोग इस बारे में जानते है और इसका प्रयोग भी करते है तो आपके आस पास रहने वाले लोग भी आपको इसका प्रयोग करते हुए दिख सकते है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।