काठ की हांडी होना का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

काठ की हांडी होना मुहावरे का अर्थ kath ki handi hona muhavare ka arth – किसी वस्तु का अस्थाई होना ‌‌‌या छल कपट हमेशा नही किया जा कसता है

दोस्तो मुहावरे मे प्रयोग होने वाली हांडी एक मिट्टी का बना बर्तन होता है । जिसे अगर आग पर रख कर कुछ पकाया जाए तो वह हांडी लम्बे समय तक चलती है । इस लिए मिट्टी की ‌‌‌हांडी स्थाई होती है मगर इसी मिट्टी की हांडी की जगह अगर लकडी यानि काठ की हांडी का प्रयोग किया जाय तो वह एक बार आग पर चढ जाने पर नष्ट हो जाती है यानि वह आग से जल जाती है ।

जिसके कारण से उसका आगे प्रयोग नही होता है । इस कारण से कांठ की हांडी अस्थाई हो गई । इसी तरह से जब कोई वस्तु स्थाई ‌‌‌न होकर अस्थाई होती है तब इसे कांठ की हांडी होना कहा जाता है। कांठ की हांडी भी अस्थाई होती है । क्योकी काठ की हांडी जो होती है वहा बार बार चढ नही सकती । इसी तरह से छल कपट हमेश नही चल सकता है वहा पर भी इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

काठ की हांडी होना का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

कांठ की हांडी होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग kath ki handi hona muhavare ka vakya me pryog

  • ‌‌‌कुलदिप जो भी समान बेचता है वह एक बार ही काम मे लिया जाता है यही है काठ की हांडी होना ।
  • महेशदास की बात पूरी काठ की हांडी है उन पर एक बार विश्वास किया जा सकता है पर बार बार नही ।
  • पुलाराम ने काठ की हांडी होने वाली वस्तु देकर मुझे ठग लिया पर अगली बार मैं भी ध्यान से उसकी वस्तु लेकर आउगा ।
  • ‌‌‌हजारी ने नोकरी देने के बाहने मेरे से बहुत अधिक पैसे ले लिए परन्तु नोकरी नही मिली और अब फिर मुझे ही ठगने के लिए आया है उसे पता नही कांठ की हांडी बार बार नही चढती ।
  • तुमने इस बार तो महेश से झुठ बोल कर मदत माग ली परन्तु जब उसे पता चलेगा तो वह आगे कभी भी तुम्हारी मदत नही करेगा क्योकी काठ की हांडी बार बार नही चढती ।
  • जिस तरह से कांठ की हांडी बार बार नही चढती उसी तरह से तुम बार बार झुठ बोल कर मुझे लूट नही सकते हो ।
  • तुम्हे पता नही काठ की हांडी बार बार नही चढती फिर भी तुम मेरे पास ही मदत मागने के लिए आए हो ।

कांठ की हांडी होना मुहावरे पर कहानी kath ki handi hona muhavare par kahani

‌‌‌प्राचिन समय की बात है एक छोटा सा गाव हुआ करता था । गाव शहर के फाफी नजदीक था जिसके कारण से हर कोई अपना काम करने के लिए शहर जाता था ।शहर मे लोगो का पता नही चलता की यह किस तरह से है इस कारण से कभी कभी उस गाव के लोग शहर के लोगो के बहकावे मे आकर गलत वस्तु खरीद लेते थे ।

इसी तरह से एक बार की बात ‌‌‌गाव का एक मुखिया था जो पढा लिखा नही था और ज्यादा समझदार भी नही था । परन्तु मुखिया के पास पैसो की कोई कमी नही थी जिसके कारण से ही गाव के लोगो ने उसे अपना मुखिया बना लिया था । ताकी जब भी किसी को किसी चिज की जरूत हो तो वे मुखिया से मदत माग सके ।

मुखिया जब भी पैसो का लेनदेन करता तो ‌‌‌वह अपने ‌‌‌बेटे को अपने साथ रखता था । क्योकी उसका बेटा पढा लिखा था जिसके कारण से वह हिसाब किताब आसानी से कर सकता था । इसी तरह से एक दिन गाव के सभी लोगो ने मिल कर मुखिया से कहा की मुखिया जी इस वर्ष कुछ खास ‌‌‌वर्षा नही हुई है जिसके कारण से हमारे खेतो मे फसल भी नही हो ‌‌‌पाई ।

एक लाठी से हाँकना का मतलब और वाक्य में प्रयोग व मुहावरे पर कहानी

भानुमती का पिटारा का मतलब और वाक्य में प्रयोग व मुहावरे पर कहानी

अंकुश रखना मुहावरे का अर्थ और निबंध व वाक्य में प्रयोग

अंधी पीसे कुत्ता खाए मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

का वर्षा जब कृषि सुखाने का मतलब और वाक्य में प्रयोग व निबंध

जिससे हमारे पास खाने ‌‌‌के लिए अनाज की कमी हो सकती है । इस कारण से आप सभी हमारे लिए अनाज लेकर आ जाओ । ताकी अगर गाव के सभी एक साथ अनाज मगायगे तो अनाज सस्ता मिल जाएगा । यह सुन कर मुखिया को भी लगा की बात तो सही है ।

तब उसने अपने बेटे से पूछा तो उसके बेटे ने भी कहा की अगर आप बहुत सारा अनाज एक साथ लेकर आओगे तो आपको बाजार से‌‌‌ सस्ते भाव मे अनाज मिल जाएगा । इस तरह से अपने बेटे से सुन कर मुखिया ने गाव के लोगो को कल पैसे लाने को कह दिया था ।

जिसके कारण से अगले दिन सभी ने पैसे अपनी आवश्यकता के अनाज की तुलना मे लेकर आ गए और मुखिया को दे दिए । पैसे लेकर मुखिया ने कहा की दो दिनो के बाद में हम शहर जाकर अनाज लेकर आएगे । ‌‌‌

इस तरह से दो दिनो के बाद मे जब मुखिया गाव के कुछ लोगो के साथ शहर गया तो उसने अनाज का भाव पुछा और अनाज खरीद लिया । इस समय मुखिया का बेटा उनके पास नही था । साथ ही दुकानदार को पता चल गया की इन्हे हिसाब किताब आता नही है ।

जिसके कारण से दुकानदास ने उनसे बहुत अधिक पैसे ले लिए । जब अनाज लेकर वे ‌‌‌सभी अपने गाव मे आए । तब मुखिया ने अपने बेटे को सुचना दी की इतने पैसो का अनाज मिला है । तब उसका बेटा समझ गया क्योकी पैसे बहुत अधिक लग गए थे ।

तब मुखिया के बेटे ने कहा की पिताजी उस दुकानदार ने आपको ठग कर बहुत अधिक पैसे ले लिए है । यह जान कर मुखिया ने कहा की तो अब मैं क्या करू। तब मुखिया ‌‌‌के बेटे ने उससे कहा की पिताजी अब आप इस बारे मे गाव के लोगो को कुछ मत बताए और पैसो का हिसाब किताब कर कर उन्हे दे दे ।

और हम कल शहर जाएगे और उसी दुकानदार से बात करेगे । इस तरह से मुखिया ने गाव के लोगो को कुछ नही बताया और अगले दिन शहर गया । शहर जाकर उस दुकानदार से मिलकर मुखिया ने कहा की आपने ‌‌‌मुझ जैसे सिधे साधे को देख कर ठग लिया था ।

कांठ की हांडी होना मुहावरे पर कहानी kath ki handi hona muhavare par kahani

तब दुकानदार इनकार करने लगा और कहने लगा की ‌‌‌मैंने वाजीब पैसे लिए थे । तब मुखिया के बेटे ने उसे हिसाब किताब कर कर बताया और कहा की काठ की हांडी बार बार नही चढती । इस तरह से कहने पर दुकानदार समझ गया की अगर इन्हे अब इनके पैसे नही दिए तो आगे से इनके गाव मे ‌‌‌में मेरे पास कोई नही आएगा ।

 क्योकी मैं बार बार किसी को ठग नही सकता हूं। इस तरह से सोच कर दुकानदार मुखिया से माफी माग कर उन्हे अनके पैसे वापस दे दिए और कहा की ‌‌‌फिर कभी ऐसा नही होगा । तब मुखिया ने कहा की आगे से मै भी ध्यान रखुगा क्योकी एक बार किसी के बहकावे मे आने के बाद उससे फिर नही ठग सकता हू, क्योकी काठ की हांडी बार बार नही चढती ।

 इस तरह से कह कर मुखिया वहां से चला गया । इस तरह से फिर जब भी मुखिया अकेला किसी कार्य के लिए जाता तो उस कार्य के बारे मे दस बार सोच समझ कर ही आगे बढता था । इसी तरह से अगले वर्ष उसी दुकानदार के पास वापस जाने पर वह दुकानदार समझ गया की इस बार ‌‌‌मैं इनसे एक रूपया भी उपर नही ले सकता हू ।

इस तरह से फिर मुखिया बडी ही चालाकी से काम करने लगा । इस तरह से आप भी इस मुहावरे का अर्थ अस्थाई वस्तु होना या छल कपट हमेशा नही किया जा कसता होता है ।

काठ की हांडी होना मुहावरे पर निबंध || kath ki handi hona essay on idioms in Hindi

दोस्तो हांडी के बारे में शायद आपको पता होगा की इसका उपयोग भोजन बनाने के लिए किया जाता है । और हांडी वह होती है जिसे काफी समय तक तेज ज्वाला के बिच मे रहना पड़ता है ।

मतलब अग्नि के बिच में काफी समय तक रहने के बाद में जो भोजन तैयार होता है वह हांडी अपने अंदर रखती है । और बहुत से लोग हांडी का उपयोग दूध को गर्म करने के लिए भी करते है जिसे गर्म होने में बहुत ही अधिक समय लगता है ।

तो अगर मान ले की हांडी जो है वह काठ की बनी हुई है तो आपको पता है की वह कुछ ही समय में जल जाएगी ओर जो भोजन या फिर दूध हम गर्म कर रहे थे वह नष्ट हो जाएगा ।

तो इसका मतलब हुआ की काठ की हांडी अस्थाई है ओर यही इस मुहावरे का अर्थ है यानि kath ki handi hona muhavare ka arth – किसी वस्तु का अस्थाई होना ‌‌‌या छल कपट हमेशा नही किया जा कसता है ।

very very most important hindi muhavare

हाथ को हाथ न सूझना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हरी झंडी दिखाना का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

हथेली पर सरसों जमाना का मतलब व वाक्य मे प्रयोग

सुबह का चिराग होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सब धान बाईस पसेरी का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर फिरना का अर्थ और वाक्य व कहानी

सेंध लगाना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

सब्ज बाग दिखाना का मतलब और वाक्य व कहानी

सोने पे सुहागा मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सांप को दूध पिलाना मुहावरे का अर्थ व वाक्य और कहानी

साँप सूँघ जाना का अर्थ और वाक्य ‌‌‌में प्रयोग

घर पर मुहावरे ghar par muhavare

सूरज को दीपक दिखाना मतलब और वाक्य मे प्रयोग

सकते में आना का मतलब और वाक्य में प्रयोग

सिर आँखों पर बैठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

लट्टू होना मुहावरे का मतलब या अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

रोंगटे खड़े होना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

रोंगटे खड़े होना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

राग अलापना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व निबंध

रंग चढ़ना का मतलब और वाक्य व कहानी

रंग उड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

रंग में भंग पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

माथा ठनकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मारा मारा फिरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मुँह चुराना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

मुँह लगाना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मुँह काला करना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मुँह फुलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।