श्री गणेश करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

श्री गणेश करना मुहावरे का अर्थ shree ganesh karana muhaavare ka arth – किसी कार्य को प्रारम्भ करना ।

दोस्तो आज कल जभ भी कोई व्यक्ति नया काम प्रारम्भ करता है तो वह गणेश जी की पुजा करता है और उसी को श्री गणेश करना कहते है जिसका सिधा सा अर्थ है कोई नया काम ‌‌‌शुरु करना  ‌‌‌या फिर हम ऐसे कह सकते है की कोई कार्य प्रारम्भ करने को श्री गणेश करना कहते है।

श्री गणेश करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

श्री गणेश करना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || shree ganesh karna use of idioms in sentences in Hindi

‌‌‌जब जब देश मे कोई प्रधान मंत्री बनता है तो वह श्री गणेश करता है।

राम के भाई ने कहा की भया तुम किस तिथी को अपना काम ‌‌‌शुरु करने के लिए श्री गणेश करोगे ।

गणेश ने अपनी दुखान जिस तिथी को ‌‌‌शुरु की उस दिन उसने श्री गणेश किया ।

जब राजेश को पता चला की अब नोकरी का पेपर आ गया है तो ‌‌‌उसने‌‌‌ पढने के लिएश्री गणेश किया।

श्री गणेश करना मुहावरे पर कहानी || shree ganesh karna story on idiom in Hindi

‌‌‌एक समय की बात है राजेश नाम का एक लडका अपने पिता के साथ गाव मे रहता था । उसके पास इतना ‌‌‌ज्यादा धन भी नही था की वह आराम से घर मे बैठकर खा सके । इस कारण वह अपने पिता के साथ कोई छोटा मोटा काम किया करता था । जिससे उसका और उसके बेटे का पैट भर जाता था ।

राजेश के घर मे और कोई भी नही था उसकी मा उसके ‌‌‌बचपन मे ही  मर गई थी इस कारण उसके पिता ने ही उसे पाल पोस कर इतना बडा किया था । और यही कारण था की उसका पिता कुछ ज्यादा नही कमा सकता था । राजेश बहुत ही लगन से काम करने वाला था वह जिस काम को भी ‌‌‌शुरु ‌‌‌करता उसे पुरी लगन के साथ करता था ।

उसकी इतनी मेहंत के साथ काम करने से उसका पिता भी चहता था ‌‌‌जो खुशिया मे इसे नही दे सका था कम से कम वह तो अपने बेटो को दे । इसी सोच के साथ राजेश का पिता जब भी पैसे कमाकर लता तो उनमे से कुछ बचाकर अपने पास रख लेता था । ताकी राजेश कोई खुद का काम खोल सके राजेश व उसका पिता दोनो रोजाना काम करने के लिए जाया करते थे ।

जिससे वह कुछ ही दिनो मे बहुत पैसे ‌‌‌इखठे कर सका था । तब एक दिन राजेश के पिता ने उसे कहा की बेटा तुम ऐसा करो की कोई खुद का काम ‌‌‌शुरु कर लो ताकी उससे तुम आसानी से पैसे कमा सको । तब राजेश ने कहा की खुद का काम खोलने के लिए पैसो की जरुरत पडती है वह ‌‌‌हम कहा से लाएगे ।

तब राजेश के पिता ने कहा की कुछ तो मरे पास है और कुछ किसी से ‌‌‌उधार ‌‌‌ले लेगे । तब राजेश ने कहा की आजकल मिठाई का काम जोरो सोरो से चल रहा है । अगर हम वह काम करना ‌‌‌शुरु कर देगे तो बहुत कमाई होगी । तब राजेश के पिता ने कहा की बेटा मिठाई बनाना तो लगभग मुझे आता ही है ।

राजेश ने कहा की आप ऐसा करो की मिठाई बनाने वाले के पास चले जाओ और मिठाई बनानी सिख लो । तब ‌‌‌राजेश का पिता मिठाई बनानी सिखने के लिए शहर चला जाता और रात्री को अपने घर आकर अपने बेटे को खिने लगा । एक माह के बाद ‌‌‌कुछ लोगो ने उसकी मिठाई खाई तो उन लोगो को मिठाई बहुत ही अच्छी लगी ।

जिससे उन लोगो ने उसकी बहुत तारीफ की । तब राजेश के पिता को लगा की उन्हे अपने गाव मे ही मिठाई की ‌‌‌दुकान खोल  ‌‌‌लेनी चाहिए । राजेश के पिता को यह भी पता था की उसे अभी भी मिठाई पुरी तरह से बनानी नही आई है । अगले दिन वह अपने गाव मे मिठाई कि दुकान खोलने के लिए श्री गणेश किया ।

अपने बेटे को ‌‌‌दुकान मे ‌‌‌बेठाने लगा और लोगो को मिठाई बेचने को कहा दिन मे गाव मे राजेश मिठाई बेचता रहता और उसका पिता शहर जाकर मिठाई बनानी सिकता रहता था । ‌‌‌इस तरह से राजेश के पिता ने मिठाई बनानी एक वर्ष तक ‌‌‌सिकी । जिससे वह बहुत ही अच्छी मिठाई बनाने लग गया था । और गाव मे उसा बेटा भी लोगो को मिठाई ‌‌‌बेचता रहता और उनको बहुत लाभ भी होता था ।

तब उसके पिता को एक आदमी ने कहा की तुम शहर मे दुकान और खोल लो ताकी वहा पर भी तुम्हारा नाम हो । तब राजेश के ‌‌‌पिता ने उससे बात कर कर यह फेसला लिया की वह शहर मे भी दुकान खोलेगा । कुछ दिनो के बाद मे राजेश के पिता ने शहर मे एक दुकान और खोल कर उस का श्री गणेश किया ।

श्री गणेश करना मुहावरे पर कहानी

इस तरह से राजेश के पिता के पास अब दो दुकान हो गई थी एक गाव मे एक शहर मे । गाव की दुकान तो बहुत ही अच्छी चलती थी । पर शहर की ‌‌‌कुछ दिनो तक तो ‌‌‌घाटे मे चलती रही पर धिरे धिरे उस दुकान का भी नाम पुरे शहर मे हो गया था । जिससे राजेश का पिता बहुत अमीर होने लगा था । इस तरह से राजेश ने मिठाई बनाने के लिए श्री गणेश किया और दुकान खोल ली । इस तरह से आप समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ क्या है।

श्री गणेश करना मुहावरे पर निबंध || shree ganesh karna essay on idioms in Hindi

‌‌‌साथियो आज का समय ही ऐसा है की हर किसी को कभी न कभी कोई नया काम ‌‌‌शुरु करना ही पडता है ‌‌‌पर शुरु करने से पहले उस काम को सिकना भी पडता है। जिस तरह से एक दुकान दार दुकान चलाने से पहले मिठाई व अन्य वस्तु ‌‌‌बनाना सिकता है तो वह उस काम को करना प्रारम्भ करता है यानि वह श्री गणेश करता है ।

‌‌‌कोई भी कार्य प्रारम्भ करने के लिए उन्हे पहले कार्य को सही तरह से सिखना पडता है जिस तरह से एक दर्जी पहले सिलाई सिखने के लिए श्री गणेश करता हैं । उसके बाद मे ही वह अपनी दुकान खोल सकता है । अगर वह अपना पुरा काम सही तरह से सिख लिया है तो वह अपना बहुत बडा लाभ कर सकता है

वरना वह बस अपना काम ‌‌‌ही काढ कसता है । कोई भी कार्य ‌‌‌शुरु करने से पहने अनेक कठिनाई आती है उनका सामना करना जरुरी होता है । इसके बाद मे ही वह अपना काम का श्री गणेश कर सकता है । जिसका अर्थ है की वह बादमे अपना काम प्रारम्भ कर सकता है और प्रारम्भ करने को ही श्री गणेश करना कहते है। इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए ‌‌‌होगे ।

श्री गणेश करना मुहावरे का तात्पर्य क्या होगा || What is the meaning of shree ganesh karna in Hindi

दोस्तो आज के समय में जब भी श्री गणेश करने की बात आती है तो कोई भी ऐसा नही होता है जो की इस कार्य में भाग नही लेना चाहता है । क्योकी इसमें भगवान गणेश की पूजा आती है । मगर जब बात श्री गणेश करना मुहावरे की कि जाए तो इसका तात्पर्य उस स्थिति से होता है

‌‌‌जब किसी कार्य के प्रारम्भ करने की बात होती है । और आपको यह पता है की आज के युग में ऐसे अनेक कार्य होते है जो की प्राराम्भ होते है और उस समय गणेश जी की पूजा होती है। तो आपको इस मुहावरे को समझने में देर नही होनी चाहिए । क्योकी इसका तो जो अर्थ होता है वह तो साफ साफ नजर आ रहा है ।

‌‌‌वैसे आपको बता दे की आप इस मुहावरे का प्रयोग वही पर कर सकते हो जहां पर किसी कार्य के प्रारम्भ करने की बात आती है । वैसे आप कमेंट मे बताना जरूर की इस मुहावरे का प्रयोग आप कहा पर करने वाले हो ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।