छाती पर मूँग दलना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

छाती पर मूँग दलना मुहावरे का अर्थ chati par mung dalna muhavare ka arth – किसी के निकट रह कर उसे कष्ट देना

दोस्तो अगर कोई व्यक्ति किसी ‌‌‌के पास रह कर उसी व्यक्ति ‌‌‌को दूख पहुंचाने की कोशिश करता रहता है । तो वहां पर इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है क्योकी मूंग ‌‌‌दलने की एक ऐसी क्रिया है जिसमे मुग जिनके बिच मे रहता है । वे दोनो पाट ही एक दुसरे को नुकसान पहुंचाते है । इस कारण से यह कहा जा सकता है की जो पास रहता है वही कष्ट देता है ।

साथ ही दोस्तो यहां पर छाती को निचे वाला पाट बताया जाता है और वही दलने वाले को उपर वाला पाट बताया जाता है । इस तरह से ‌‌‌जो भी कोई मूंग दलता है वह उसके पास रहता है और उसी को क्षति पहुंचाता है । जिसके कारण से इसका अर्थ हो जाता है की किसी के निकट रह कर उसे कष्ट देना  ।

छाती पर मूँग दलना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌छाती पर मूंग दलना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग

  • मैं आपकी छाती पर मूंग दलने वालो मे से नही हूं आप मुझ पर विश्वास कर सकते हो ।
  • किशोर तो हमारी छाती पर मूंग दल रहा है और हमे पता भी नही चला ।
  • ‌‌‌इसके माता पिता ने इसे इतना अधिक पढा दिया फिर भी यह उनकी छाती पर मूंग दल रहा है ।
  • उस कामवाली को काम से निकाल देना चाहिए जो अपने मालिक की छाती पर मूंग दले ।
  • ‌‌‌राजेश को मैं अपना दोस्त मानता हूं पर वही मेरी छाती पर मूंग दलता रहता है ।
  • सुसिला दिखने मे बहुत हीसुसिल है पर वह अपने सास ससुर की छाती पर मूंग दलती रहती है ।
  • पति के मर जाने के कारण संतरा की सास उसकी छाती पर मूंग दलने लगी ।

छाती पर मूंग दलना मुहावरे पर कहानी

प्राचिन समय की बात है राजा नाम का एक लडका अपने माता पिता के साथ रहा करता था । उसके पिता के पास धन की कोई कमी नही थी यानि वे धनवान थे । राजा जिस गाव मे रहता था । उस गाव मे उसके दो मित्र थे जो काफी गरिब थे । उनके पास समय पर खाना भी नही मिलता ‌‌‌था ।

जब उन लडको ने राजा से दोस्ती की तो उन्होने कहा था की हम तुम्हारी दोस्ती के काबिल नही है । तब राजा ने कहा की तुम दोनो बहुत ही अच्छे हो और रही बात पैसो की तो वह तो मेरे पास भी नही है । यानि वह तो मेरे पिता के है इस कारण से मैं भी तुम से अलग नही हूं ।

इस तरह से राजा ने उनके साथ दोस्ती ‌‌‌कर ली थी । जब राजा के पिता को इस बारे मे पता चला की उसने गाव के दो गरीब लडको के साथ दोस्ती की है तो उसके पिता को बहुत अच्छा लगा । क्योकी उसके पिता का मानना था की चाहे जितने भी रूपय क्यो न हो जाए पर कभी भी घमण्ड नही आना चाहिए और किसी निर्दोश को कोई भी सजा नही देनी चाहिए ।

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‌‌‌उसके बेटे ने भी गरीबो के साथ दोस्ती की तो उसके पिता को लगा की मेरे ‌‌‌बेटे को पैसो का घमण्ड नही है । इस कारण से वे बहुत ही खुश थे । राजा ने जिनके साथ दोस्ती की थी वह उनके साथ ही रहता था और उनके साथ ही पढता था ।

साथ ही राजा के पास पैसे थे इस कारण से वह उन लडको को तरह तरह के पकवान लाकर खिलाता था । ‌‌‌इस तरह से रहते हुए उन्हे कई वर्ष बित गए थे और राजा व उसके दोस्त काफी बडे हो गए थे ।

बडे हो जाने के बाद एक दिन की बात है राजा और उसके दोनो मित्र एक साथ कही पर जा रहे थे । तब रास्ते मे एक लडका उनको मिला जिसने राजा से कुछ मजाक कर लिया । तब राजा को वह मजाक अच्छा नही लगा और उसे क्रोध आ ‌‌‌गया जिसके कारण से वह उसे मारने लगा था ।

राजा उस लडके को मारता ही जा रहा था वह रूकने का नाम ही नही ले रहा था । तब उसके दोस्तो ने उसे रोकने की बहुत कोशिश की पर जब वह नही रूका लो उसके दोस्तो ने उसे मारा जिसके कारण से वह तुरन्त रूक गया । तब उसके दोस्तो ने कहा की दोस्त माफ कर देना की हमे ‌‌‌तुम को मारना पडा अगर हम ऐसा नही करते तो तुम उसे जान से मार देते थे ।

तब राजा को बहुत ‌‌‌बुरा लगा और वह सोचने लगा की ये गरीब मुझे मारते है । इन्हे इसकी सजा देनी होगी तब राजा अपने प्रिय मित्रो का दूश्मन बन गया और उनके साथ रह कर उन्हे सजा देने की सोची ।

उस दिन के बाद राजा अपने दोस्तो के साथ रहने ‌‌‌लगा और वह मोके की तलाश मे था की इन्हे कैसे सजा देनी चाहिए । तभी एक दिन राजा के साथ साथ वे दोनो लडके गाव के मूखीया के घर गए ।

वहां पर मूखिया अकेला था और वह अपने पैसे रख रहा था । और जैसे ही मुखिया अपने पैसे रख कर अलग हुआ तो मोका पा कर राजा ने उसके पैसे चुरा लिए और उन लडको के घर जाकर छुपा दिया । पर उसके दोस्तो को इस बारे मे पता नही था ।

जब उस मुखिया ने अपने पैसे देखे तो उसे वहां पर नही मिले तब उसे लगा की जरूर मेरे पैसे चोरी हो गए है । तभी उसे याद आया की आज उसके पास राजा और उसके दो दोस्त आए थे । इतना याद आते ही मुखिया को लगा की जरूर राजा के साथ ‌‌‌जो लडके थे उन्होने ही मेरे पैसे चुराए है ।

क्योकी राजा के पास पैसो की कोई कमी नही है इस कारण से वह चोरी क्यो करेगा । ऐसा सोच कर मुखिया उन लडको के घर जा पहुंचा । उनके घर जाकर वहां पर छान बिन की तो मुखिया को दोनो के घर आधे आधे रूपय मिल गए थे ।

इस कारण से उस मुखिया ने उन दोनो को पकड ‌‌‌लिया और चोरी करने के जूर्म मे उन्हे सजा दे दी थी । पर वे लडके कह रहे थे की हमने चोरी नही की पर उनकी एक भी बात नही सुनी गई । जैसे ही उनकी सजा पूरी हो गई तो वे दोनो बहार आ गए और तब उन्होने ठान लिया की वे राजा की सचाई गाव के लोगो के सामने लाकर रहेगे ।

क्योकी उन्हे पता चल गया था की वही हमारे ‌‌‌साथ था और उसी ने पैसे चूरा कर ‌‌‌हमे सजा दिलवाकर हमारी छाती पर मूंग दले है । इस कारण ‌‌‌से वे दोनो लडके गाव के कुछ लोगो को अपने साथ लेकर राजा से मिलने के लिए गए ।

उस समय उन्होने गाव के लोगो को छूपा दिया था । जब उन लडको ने राजा से पूछा की तुमने हम पर चोरी कर इल्जाम क्यो लगाया था । तब राजा को लगा की यहा ‌‌‌पर कोई नही है । इस कारण से उसने सारी सचाई बता दी और यह भी कह दिया की मुखिया के पैसे ‌‌‌मैंने चुराए थे ।

यह सुन कर गाव के लोग बाहर आ गए और उसे पकड कर सारे गाव के सामने ले गए । तब गाव के मुखिया और राजा के पिता ने कहा की तुमने इनकी छाती पर मूंग दल कर अच्छा नही किया । ‌‌‌साथ ही उसके पिता ने मुखिया से ‌‌‌कहा की इसे सजा मिलनी ही चाहिए ।

छाती पर मूंग दलना मुहावरे पर कहानी

राजा के पिता के ऐसा कहने के कारण मुखिया ने राजा को एक आम जीवन जीने की सजा दी और फिर उन लडको से माफी मागी और कहा की मुझे माफ कर देना मैंने तुम्हारी बात नही सुनी थी । तब उन लडको ने कहा की आप हम से बडे हो इस कारण से आप माफी न मागे तो अच्छा है ।

इस तरह से उन ‌‌‌लडको ने राजा का सच पूरे गाव के समाने लाकर उसे सजा दिला दी । फिर राजा एक आम जीवन जीने लगा था । इस तरह से आप लोगो को समझ मे आ गया होगा की इस ‌‌‌मुहावरे का सही अर्थ किसी के पास रह कर उसी को कष्ट देना होता है ।

छाती पर मूँग दलना मुहावरे || chati par mung dalna essay on idioms in Hindi

दोस्तो वैसे आप इस मुहावरे के बारे में इतनी अच्छी तरह से समझ सकते है की आपको यह उसी समय याद हो जाएगा । जैसे की छाती पर रह कर मूंग दला जा रहा है तो यह किसी के निकट रह कर उसे कष्ट देन के समान ही होता है और यही इस पूरे लेख और कहानी में मुहावरे का अर्थ बताया जा रहा है ।

इसका मतलब यह हुआ की अगर कोई किसी के निकट रह कर उसे कष्ट देता है तो यह छाती पर मूंग दलने के सामन होता है और इसी कारण से तो आपको कहानी में इस मुहावरे को समझाया जा रहा है ।

तो इस पूरे लेख के माध्यम से यह बात आप पूरी तरह से समझ जाते है की आपको इस मुहावरे का वाक्य में प्रयोग उस स्थान पर करना है जहां पर किसी के निकट रह कर उसे कष्ट देने की बात होती है । और बाकी आप यह अच्छी तरह से समझ गए है ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

सिर उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लकीर का फकीर होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ मलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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हवाई किले बनाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कागज काला करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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कान काटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।