आँखों में धूल झोंकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखों में धूल झोंकना मुहावरे का अर्थ  aankhon mein dhool jhonkana muhaavare ka arth – धोका देना ।

दोस्तो कुछ लोग ऐसे है जो किसी अपने या फिर पराये को धोका देकर उससे कुछ लेना या फिर चराना चहाते है । इस लिए वह उसके पास रहता है और उसका विश्वास जित कर उसकी ही सोच के विपरीत काम ‌‌‌करते है जैसे उसके ही पैसे या फिर कोई अन्य चिज उससे चुरा लेते है जो उसके चुराने की अमीद भी नही करता है । इसे ही आंखो मे धुल झोकना कहते है जिसका सिधा सा अर्थ है कि वह  दुसरो को धोका देकर पैसे चुरा लेता है ।

आँखों में धूल झोंकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखों में धूल झोंकना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग

  • पुलिस की आँखों में धूल झोंककर चौर भाग गया और पुलिस उसे ढूढती रह गई ।
  • राहुल ने राजेश की आंखो मे धुल झोकर उसके ही पैसे चुरा लिए ।
  • आज कल कुछ लडके पैपर पास करने के लिए अपने अध्यापको की आंखो मे धुल झोकते देर नही लगाते है ।
  • गाव के लोगा की आंखो मे धुल झोक कर सेठ ने उनके घर बार सब कुछ हडप ‌‌‌लिया ।

आँखों में धूल झोंकना मुहावरे पर कहानी

कुछ समय पहले की बात है ताराचंद नाम का एक आदमी अपने गाव मे रहता था उसके घर मे उसके अलवा उसकी पत्नी भी रहती थी । ताराचंद के एक बेटा था जिसका नाम सुसिल था । सुसिल जब ‌‌‌7 वर्ष का हुआ तो उसे विधालय ‌‌‌पढने के लिए भेज दिया था । सुसिल को पहले तो उसके पिता ने विधालय भेजा नही था और जब वह कुछ और बढा हो गया तब उसके पिता ने उसे विधालय भेजा था ।

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सुसिल का पढने का ‌‌‌बिल्कुल भी मन नही करता था । इस कारण वह विधालया तो जाता पर पढता नही था जो गुरुजी उसे पढाते थे उसमे से आधे भी उसे आते नही थे । सुसिल 5 वी कक्षा मे हुआ ‌‌‌तब उसे अध्यापक ने उसे पढने के लिए ‌‌‌कहने लगे । साथ मे यह भी कहते की अब तुम बच्चे नही हो जो पढोगे नही पर वह अपने अध्यापक की एक भी नही सुनता था । ताराचंद जो सुसिल का पिता था उसके पास बहुत पैसे थे ।

वह गाव के अमीरो मे से गिना जाता था । सुसिल जब कुछ और बढा हुआ तो विधालय मे अगली कक्षा मे जाने के लिए पढना पडता और पैपर देना पडता था । इस कारण जब भी पेपर ‌‌‌होते तो वह ‌‌‌अपना पैपर करने के लिए चिट बनाता था । सुसिल के पिता को लगता था की वह पडता है । जिस दिन पैपर होता तो सभी बच्चे अपना पैपर करते रहते थे और सुसिल उन बच्चो की तरफ देखता रहता था ।

और जब उसे मोका मिलता तो वह अध्यापक को धोका देकर टिपकर अपने पैपर को कर देता था । ‌‌‌वह इसी तरह से अपना पैपर करता गया और अगली कक्षा ‌‌‌की ओर गया । इसी तरह से पढते पढते ‌‌‌उसने बाहरवी कक्षा पास कर ली । जब ‌‌‌उसने 12 कक्षा पास कर ली तो उसके पिता को लगा की अब इसे नोकरी करने के लिए भेजना चाहिए । तब उसके पिता ने उसे नोकरी करने के ‌‌‌लिए कहा ।

‌‌‌सुसिल को लगता था की नोकरी ऐसे ही हो जाएगी । तब सुसिल अपने पिता से कहा की इसके लिए मुझे शहर जाकर तैयारी करनी होगी । ताराचंद ने अपने बेटे को शहर जाने के लिए हां कह दि । अगले ही दिन सुशिल शहर चला गया और वहा पर जाकर वह तैयारी न कर कर इधर उधर फिरने लगा था । उधर उसके पिता को लगता था की उसका ‌‌‌बेटा शहर मे नोकरी की तैयारी कर रहा है पर उन्हे कैसे पता था की वह उन्हे धोका दे रहा है ।

‌‌‌एक दिन सुसिल को वहा पर एक लडका मिला जो बहुत ही अमीर था । सुसिल को लगा की अगर इससे दोस्ती की जाए तो मै और भी मोज कर सकता हूं । ‌‌‌इसलिए सुसिल उससे दोस्ती करने के लिए उससे मिलने लगा और वे दोनो समय के साथ साथ ‌‌‌गहरे दोस्त बन गए थे ।

सुसिल के दोस्त को लगता था की यह मुझे कभी धोका नही देगा । जब सुसिल ने उसे बताया की मै यहा पर नोकरी की तैयारी करने के लिए आया हूं । पर मुझे यहा पर नोकरी नही मिल रही ‌‌‌तब उस लडके ने कहा की तुम तैयारी और ज्यादा करो और तुम्हे जितने भी पैसे चाहिए हो वो तुम मुझझे माग लेना ।

बस होना क्या था सुसिल को यह ही हो उससे कहलवाना था । तब से सुसिल हर दुसरे दिन उससे पैसे लेता ही रहता था । उस लडके को एक बार भी नही लगा की यह तैयारी कर रहा है की नही । ‌‌‌इसी तरह से सुसिल धोका देकर उस लडके से पैसे लेता रहा ।

एक बार उस लडके ने सुसिल से कहा की भाई तु ऐसा कर की मेरे दोस्त के पिताजी के पास काम है तु वह काम कर ले और वहा पर मै तुम्हे नोकरी भी लगवा दुगा । सुसिल ने जब पुछा की क्या काम है तब उस लडके ने कहा की कुछ ज्यादा नही पैसो का हिसाब किताब करने ‌‌‌का है । यह सुनकर सुसिल ने नोकरी करने के लिए हां कह दि थी ।

तब उस लडके ने अपने दोस्त के पिताजी के पास उसे नोकरी लगवा दिया । वहा पर वह हिसाब किताब करने लगा था और हिसाब उपर निचे कर कर कुछ रुपय खुद ‌‌‌ले लेता था । इसी तरह से वह करता रहा पर एक दिन उस आदमी को पता चल गया की यह ‌‌‌मेरी आंखो मे धुल झोकर मेरे ही पैसे चुराता है ।

आँखों में धूल झोंकना मुहावरे पर कहानी

तब उस आदमी ने उसे मार पिट कर पुलिस के हवाले कर दिया था । तभी उस लडके को पता चला की उसका दोस्त इतने दिनो तक उसे धोका देकर पैसे लेता रहा । तब उस लडके ने सारी बात उसके पिता को बता दी । इस तरह से सुसिल आंखो मे धुल झोकर पैसे लेता रहा । इस तरह ‌‌‌इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

आँखों में धूल झोंकना मुहावरे पर निबंध || aankhon mein dhool jhokna essay on idioms in Hindi

साथियो आज ‌‌‌का समय ऐसा है की किसी पर भी विश्वास नही किया जा सकता है क्योकी आज ज्यादातर लोग हमे धोका देकर हमे ही ‌‌‌लुटते रहते है । आज का समय ही ऐसा है की हमारा सच्चा दोस्त भी हमे धोका दे सकता है । ऐसे लोगो की दस दुनिया मे कोई कमी नही है । ‌‌‌जिस तरह से हमारा साथी ही हमारा विश्वास जित कर हमसे ही किसी कागजात पर साईन करा लेता है ।

हम यह तक नही सोचते की यह कागजात है किस का हम उसे पढे बिना ही उस पर साईन कर देते है । और जब हमे पता चलता है की जो उसने साईन कराए थे वह कागजात हमारी जमीन के थे । तब हमे उसके बारे मे पता चलता है की वह ‌‌‌इतने दिनो तक हमारी आंखो मे धुल झोकता रहा और हमे पता भी नही चला ।

इसी तरह से एक चौर को पकडते समय पुलिस को चौर धोका देकर भाग जाता है । इस तरह के कार्यो को लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है जिसका अर्थ ही धोका देना होता है इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

आँखों में धूल झोंकना मुहावरे का तात्पर्य क्या होगा बताइए || What is the meaning of aankhon mein dhool jhokna in Hindi

दरसल आंखो मे धूल झोकना मुहावरा ऐसे व्यक्ति को दर्शाता है जो की धोका देने का काम करता है और आपको पता है की ‌‌‌आज के समय में ऐसे लोगो की कोई कमी नही है जो की धोका देने का काम कतरे है । तो दोस्तो हमेशा ऐसे लोगो से सावधानी रखनी होगी क्योकी ऐसे लोग कभी भी धोका दे सकते है ।

और जो कोई धोका देता है तो इस तरह से यह जो धोका दिया गया है उसके लिए आंखो में धुल झोकना कहा जाता है । मतलब धोका दे दिया गया है ।

‌‌‌आपको पता होगा की जब कोई व्यक्ति किसी को धोका देता है तो वह कहता है की मैंने उसकी आंखो में धुल झोक दी है तो इसका मतलब है की वह असल में धोका दे चुका है । और मेरे अनुसार तो जीवन में किसी को भी धोका नही देना चाहिए । हालाकी जब धोका देने की जरूरत होती है तो उस स्थिति में रूकना भी नही चाहिए ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।