चोली दामन का साथ मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चोली दामन का साथ मुहावरे का अर्थ cholee daaman ka saath muhaavare ka arth  – हमेश साथ रहने वाला या गहरी मित्रता ।

दोस्तो आज इस संसार मे अगर किसी के बिच मे इतनी ‌‌‌अधिक गहरी मित्रता या फिर प्रेम भाव है की उनको कोई भी अलग नही कर सकता है या फिर वे हमेशा साथ रहते हो तो ‌‌‌ऐसे साथ को चोली दामन का साथ कहा जाता है जिसका सिधा सा अर्थ होता है की जिस तरह से चोली कभी भी दामन से अलग नही होती उसी तरह से एक साथ रहने वाले के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

चोली दामन का साथ मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चोली दामन का साथ मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || choli daaman ka saath use of idioms in sentences in Hindi

  • चोली दामन के साथ जैसी अगर किसी की मित्रता हो तो ‌‌‌उनको कोई भी ऐक दुसरे से अलग नही कर सकता है ।
  • राम की श्याम से चोली दामन के साथ जैसी दोस्ती है ।
  • आज काल की दोस्ती ‌‌‌कुछ ही दिनो मे टुट जाया करती है पर महेश व रमेश की दोस्ती चोली दामन के साथ जैसी है ।
  • राम ने अपने ‌‌‌दुश्मन से भी चोली दामन के साथ जैसी ‌‌‌दोस्ती कर ली ।

चोली
दामन का साथ मुहावरे पर कहानी || choli daaman ka saath
story on idiom in Hindi

प्राचिन समय की बात है एक गाव मे राधेश्याम नाम का एक आदमी रहता था जो बहुत ही दयालू था ।  पर उसके पास देने के लिए कुछ भी नही था पर जो भी कोई उसके घर मे आ जाता तो वह उसे भुखा नही जाने देता था । उसके घर मे उसके अलवा और कोई भी नही‌‌‌ रहता था । उसका एक दोस्त था जिसका नाम ‌‌‌महावीर था ।

महावीर के पास सब कुछ था यानि उसके पास बहुत धन था जिसके कारण हर कोई उसके पास आना चहाता था । महावीर के पास इतना धन होने के कारण उसके दुश्मन भी अनेक थे । महावीर के घर मे उसके अलावा उसका पिता व उसका एक भाई भी रहता था । महावीर के पास इतना धन था की वह पुरे गाव को उर्म भर खाना ‌‌‌खिला सकता था ।

एक दिन महावीर व उसका दोस्त कही जा रहे थे और महावीर जब भी कही जाता तो अकेला न जाकर कुछ लोगो के साथ जाता था क्योकी वह अपने साथ बहुत धन ले जाता था । इस कारण कोई उसे ‌‌‌लुट न ले इस लिए वह अपने साथ कुछ लोगो ‌‌‌के साथ साथ राधेश्याम के ‌‌‌लेजाता रहा था । महावीर जैसे ही अपने गाव ‌‌‌से निकला तभी उस पर ‌‌‌लुटेरों ‌‌‌ने हमला बोल दिया था ।

लुटेरे कुछ ‌‌‌लुट तो नही सके पर ‌‌‌लुटते समय उन्होने महावीर पर वार करना चहा तो राधेश्याम ने उस वार को अपने उपर लेकर महावीर को बचा लिया था । महावीर उस दिन के बाद जब भी कही जाता तो वह राधेश्याम को अपने साथ ले जाया करता था । महावीर के पास धन को देखकर लोग व उसका खुद का भाई ‌‌‌भी उससे जलता था ।

लोगो ने बहुत कोशिश कि महावीर व राधेश्याम का साथ छुट जाए ताकी ‌‌‌लुटेरे उसका सारा धन ‌‌‌लुट के ले जाए । और ऐसे ही उसका भाई भी चहाता था की महावीर का सारा धन उसका हो जाए पर उसे यह भी पता था की जब तक राधेश्याम उसके साथ होगा तब तक वह उसे कुछ भी नही देगा ।

महावीर ने राधेश्याम को अपने ‌‌‌घर बुला लिया और उसे अपने धन का हिसाब करने के लिए रख लिया था । राधेश्याम इतना ‌‌‌अधिक पडा लिखा था की वह एक ही पल मे हिसाब कर लेता था । महावीर को इस बात का पता था इस कारण उसेने उसे अपने पास रखा था ।

जब राधेश्याम महावीर के घर उसका हिसाब करने के लिए आ गया तो महावीर के भाई को लगा की इसे वह सब पता ‌‌‌चल जाएगा जो मेने घोटाले किए थे । महावीर का भाई उसके साथ ही धोका कर कर उसका ही पैसा ‌‌‌चुराता रहता था और हिसाब किताब मे आगे पिछे कर कर महावीर को दिखा दिया था । ‌‌‌अगर वह नही गया तो मै कुछ भी नही ले सकता हूं ऐसा सोचकर महावीर के भाई ने महावीर व राधेश्याम को अलग करने के बारे मे सोचने गला ।

राधेश्याम को बुरा साबित करने के लिए एक दिन ‌‌‌उसने महावीर के पैसो को चुराकर राधेश्याम के कमरे मे रख दिया था । और जब महावीर सुबह उठा तो वह उन पैसो को ढूँढने लगा था और जैसे ही वह राधेश्याम के कमरे मे गया तभी उसे उसके कमरे मे पैसे पडे हुए दिख गए । महावीर व राधेश्याम की दोस्ती चोली दामन के साथ के समान घहरी थी ।

यानि उन दोनो की दोस्ती ‌‌‌के बिच मे पैसो की कोई जगह नही थी । और महावीर को यह भी पता था की राधेश्याम कभी भी चौरी नही कर सकता है क्योकी उसने इस बात का पहले ही पता लगा लिया था जब उसने दोस्ती की थी । तब महावीर उन पैसो को लिए बिना ही वहा से चला गया ।

चोली दामन का साथ मुहावरे पर कहानी

कुछ समय बाद मे राधेश्याम को जाग आ गई तो उसने देखा की उसके कमरे मे बहुत ‌‌‌से रुपय पडे है तब ‌‌‌वह बिना सोचे उन रुपयो को महावीर को दे आया और कहा की न जाने कोन मेरे कमरे मे इन रुपयो को रख गया । इसी तरह से राधेश्याम व महावीर को अलग करने के लिए महावीर के भाई ने बहुत प्रयास किए पर उन दोनो की दोस्ती नही टुट सकी । क्योकी उनकी दोस्ती चोली दामन के साथ के ‌‌‌समान थी जिसका ‌‌‌साधराण भाषा मे अर्थ है की दोनो की दोस्ती बहुत कठोर थी उन दोनो को अलग किया भी नही जा सकता है ।

चोली दामन का साथ मुहावरे पर निबंध  || choli daaman ka saath essay on idioms in Hindi

साथियो आज के समय मे कम ही लोग ऐसे मिलते है जो आपस मे भरोसा रखते है बाकी तो अगर किसी एक पर भी संकट आ गया तो वह उसकी मदद नही करता बल्की उसे वही पर छोड देता है । ऐसे मित्रो या लोगो का एक दुसरे पर भरोसा नही होता है । अगर कोई इसके बिलकुल अपोजिट हो ।

यानि अगर किसी ‌‌‌के बिच मे इतनी ‌‌‌गहरी दोस्ती हो की उनमे से कोई एक भी गलत हो तो दुसरे को वह गलत नही लगे । यह बात कोई भी कह दे की यह तुमको लुट रहा है पर उसका इस बात पर भरोषा नही होता कहने का अर्थ यह है की अगर ‌‌‌किसी दोस्त की दोस्ती इतनी ‌‌‌गहरी हो की उनके बिच मे कितनी भी मुसीबत क्यो न आ जाए पर वे दोनो कभी भी अलग ‌‌‌नही हो ऐसे लोगो के साथ को ही चोली दामन ‌‌‌का साथ कहते है।

इस तरह के लोग इस संसार मे और आज के समय मे कम ही देखने को मिलते है । ‌‌‌ज्यादातर लोग तो ऐसे ही मिते है जो गलत फेमी की वजह से अलग भी हो जाते है । उन लोगो का साथ बहुत कमजोर था उन लोगो के साथ की तुलना चोली दामन के साथ से नही कर  ‌‌‌सकते है । जिसका सिधा सा अर्थ ही एक साथ रहना होता है चाहे कोई भी कारण क्यो न हो उन्हे अलग नही होना है । इस तरह ‌‌‌से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

चोली दामन का साथ मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है  || What is the meaning of cholee daaman ka saath in Hindi

choli daaman ka saath

चोली और दामन के बारे में वे लोग सबसे अधिक जानते है जो की महिलाएं होती है या फिर कन्या होती है  ।क्योकी चोली दामन असल में महिलाओ के द्वारा पहने जाने वाले वस्त्र होते है । और इनका साथ किस तरह का होता है वे महिलाए अधिक जानती है ।

मगर आप केवल इतना समझे की यह हमेशा एक दूसरे का साथ देती रहती है और एक दूसरे के साथ रहते है । दरसल यह एक गहरी मित्रता का प्रतिक माना जाता है ओर देखने पर भी ऐसा लगता है की दोनो में गहरी मित्रता है ।

और वही पर अगर कोई दो लोग एक दूसरे के साथ इस तरह से रहते है की देखने वाले को पता चलता है की इनकी गहरी मित्रता है । तो फिर इस बात से समझा जा सकता है की चोली दामन का साथ गहरी मित्रता होना होता है ।

क्योकी गहरी मित्रता वाले लोग भी एक दूसरे के साथ इसी तरह से रहते है जैसे की चोली और दामन हो ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।