‌‌‌सहम जाना मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

‌‌‌सहम जाना मुहावरे का अर्थ saham jana muhavare ka arth – घबरा जाना

दोस्तो संसार मे जो गलत करता है वह अपने गलत कार्य के कारण से कभी कभार डरने लगता है । जिससे वह डर के मारे घबराता है । और घबराहट मे कुछ ऐसी गलती भी कर देता है जिसके कारण से वह पकडा जाता है । जिससे कहा जाता है की ‌‌‌कभी भी घबराना नही चाहिए । मगर जब इसके विपरीत किसी भी कारण से कोई व्यक्ति घबरा जाता है तब इस मुहावरे का प्रयोग करते हुए कहा जाता है की यह तो सहम गया ।

‌‌‌सहम जाना मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

सहम जाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग saham jana muhavare ka vakya me prayog

  • मैंने जरा सा हंसी मजाक क्या कर लिया तुम तो सहम गए ।
  • ‌‌‌महेश को जब से पुलिस ने पकडा है तब से चोरी करने के नाम ‌‌‌से भी सहम जाता है ।
  • अगर तुम इस तरह की छोटी मोटी मुसीबत को देखकर सहम जाओगे तो आगे कैसे बढ पाओगे ।
  • वर्तमान मे जो लोग डट कर मुकाबला कर सकते है वही अपने जीवन मे आगे बढ पाते है सहम जाने वाले वही के वही रह जाते है ।
  • बलवंत है ही इतना हट्ठा ‌‌‌कट्ठा की हर कोई उसके साथ युद्ध की बात सुन कर सहम जाएगा ।
  • जब चोर ने पुलिस की मारपीट देखी तो चोर डर के मारे सहम गया और सारा चोरी का माल कहा पडा है पुलिस को तुरन्त बता दिया ।
  • भालू को देख कर हरीदेव सहम कर पेढ पर चढ गया ।
  • तुम हर बार महेश को आते देख कर सहम जाते हो आखिर बात क्या है।

‌‌‌सहम जाना मुहावरे पर कहानी saham jana muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे नटवरलाल नाम का एक आदमी रहा करता था । नटवरलाल बहुत ही अच्छा और ताक्तवर था । जो किसी से भी नही डरा करता था । साथ ही उसे देख कर हर कोई डरने लगता था । नटवरला एक पुलिस वाला भी था जिससे हर गुनेहगार उससे डरने लगता था ।

जिस जगह पर नटवरलाल अपनी ड्यूटी करने के लिए जाता उस शहर के लोग अपने आप सुधरने लगते थे । क्योकी अरग वे नही सुधरते तो नटवरलाल उन्हे पकड पकड कर जैल मे डाल कर अच्छी धुलाई कर देता था ।

अब भला रोज पिटने से अच्छा तो सही कार्य करना ही होता है जिससे सभी लोग सुधर जाया करते थे । ‌‌‌ऐसा ही एक बार फदीरनगर मे हुआ था । फदीरनगर बहुत बडा शहर था जिसे कारण से वहां पर अनेक तरह के लोग रहा करते थे ।

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उन्ही लोगो मे से एक मुकेश नाम का आदमी था । जिसके पास धन दोलत की कोई कमी नही थी । क्योकी वह सारे वह गलत काम करता था जो शहर मे होते थे । या यह कह सकते है की मुकेश ही शहर मे गलत कार्य करने ‌‌‌वालो का बोस था ।

जिसके कारण से मुकेश के पास धन की अत्यधिकता होती गई और वह एक धनवान आदमी बन गया । क्योकी अब उसके पास पैसे थे इस कारण से हर कोई उसी की बात मानने को तैयार हो जाता था । और लोगो को लूटने के लिए उनके घरो मे डकेती और चोरी करने के लिए तैयार होते थे ।

साथ ही जरूरत पडने पर किसी को मार ‌‌‌पिट भी दिया करता था । मगर एक बार नटवरलाल का ट्रांसफर उसकी शहर मे हो गया । जिसके कारण से पहले ही दिन नटवरलाल ने पूरे शहर को सुचना पहुंचाई की अगर आज से यहां पर कोई गलत काम हुआ तो मैं गुनेहगार को अच्छी सजा दूगा ।

क्योकी मुकेश के पास पैसे थे जिसके कारण से वह कुछ लोगो को रिश्वत दे कर अपनी ‌‌‌तरफ कर लेता था । इसी तरह से मुकेश ने नटवरलाल के बारे मे सोच रखा था । जिससे उसने अपना काम जारी रखा ।

उसके आने के बाद भी उस शहर मे चोरी होती रही तो नटवरलाल ने चोर को पकडने की ठान ली । तब उसे पता चला की यहां पैसो की चोरी होती है साथ ही घर मे जो भी कुछ किमती समान है उसकी भी चोरी होती है । ‌‌‌

यह जान कर नटवरलाल को समझ मे आ गया की चोरी का मामला बडा है इस कारण से इसे मुझे सावधानी से सुलझाना होगा । इस तरह से फिर नटवरलाल ने सावधानी से उन चोरो के बारे मे पता लगाना शुरू कर दिया ।

जिससे धिरे धिरे नटवरलाल को पता चला की चोरो का मालिक मुकेश है । क्योकी अब नटवरलाल के पास मुकेश के खिलाफ सबुत ‌‌‌भी थे जिससे वह मुकेश को पकडने के लिए चला गया । और मुकेश के पास जाकर उसे पकडने लगा तभी नटवरलाल को उसके अधिकारी ने फोन कर दिया की मुकेश को कुछ मत करना उसे छोड दो ।

जिससे मुकेश को नटवरलाल ने छोड दिया और निराश हो कर वहां से चला गया । इसी तरह से अगली बार हुआ । क्योकी इस बार नटवरलाल के स्टाफ ने ‌‌‌उसका साथ देने से मना कर दिया । क्योकी स्टाफ वाले कहने लगे थे की अगर हम ‌‌‌उसे पकडने के लिए आपके साथ जाएगे तो वह हमारे परिवार को नुकसान पहुंचाएगा ।

मगर नटवरलाल ने उन्हे जब समझाया तो वे समझ गए । मगर अब नटवरलाल को पता था की अगर उसे पकडा जाएगा तो उसे किसी तरह से छुटने का मोका मिल जाएगा । जिसके कारण से नटवरलाल ने बंदूक मे नकली गोली डाल कर उस पर चला दी ।

जिसके कारण से मुकेश डरने लगा और डर के मारे भाग कर पुलिस थाने मे चला गया । वहां जाने पर भी जब नटवरलाल ने उसे बंदुक दिखाई तो वह सहम गया और डर के मारे सारे जुर्म कबुल कर लिए । इस बारे मे किसी को पता नही था और अगले ही दिन उसे कोर्ट मे पेश कर दिया । ‌‌‌

क्योकी उसने अपने जुर्म मान लिए थे जिसके कारण से उसे लम्बे समय के लिए सजा हो गई । जब उस शहर के लोगो को पता चला की मुकेश पकडा गया और उसे सजा हो गई तो वे पुलिस की जम कर तारीफ करने लगे ।

‌‌‌सहम जाना मुहावरे पर कहानी saham jana muhavare par kahani

यह देख कर नटवरलाल और उसके स्टाफ को बडा अच्छा लगा । तब नटवरलाल को उसके स्टाफ ने कहा की अगर उस दिन ‌‌‌आपने हमे नही समझाया होता तो हम आपका साथ नही दे ‌‌‌पाते और आज लोग हमारा नाम नही ले ‌‌‌पाते ।

‌‌‌तब नटवरलाल ने कहा की हमारे साथ होने पर ही मुकेश सहम ‌‌‌गया और अपने जुर्म कबुल कर लिए। इस तरह से इस कहानी से पता चला होगा की किस तरह से मुकेश सहम ‌‌‌गया । यानि इस कहानी का अर्थ क्या है आप समझ गए होगे।

‌‌‌सहम जाना मुहावरे पर निबंध saham jana muhavare par nibandh

साथियो उपर कहानी के अनुसार जब मुकेश को अपनी मोत का डर लागा तभी वह घबरा कर अपने जुर्म कबुल करने लगा था । इसी तरह से जब मानव घराने लगता है तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । क्योकी आज के संसार मे ऐसे अनेल लोग है जो आसानी से डरने लगते है और घबरा कर भाग जाते है । या ‌‌‌इस तरह से भी कह सकते है की मोत को नजदिक आते देख कर हर कोई घबराने लगता है जिस तरह से मुकेश घबरा गया था । इस मुहावरे का प्रयोग वहा भी होता है ‌‌‌जहा पर कोई व्यक्ति किसी कारण से घबरा जाता है । यानि संक्षिप्त मे घबरा जाना ही इस मुहावरे का अर्थ होता है ।

‌‌‌सहम जाना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of in Hindi

दोस्तो अगर कुछ ऐसा कभी आपने देखा है जो की आपको अंदर से हिला कर रख देता है तो ऐसी स्थिति में घबराहट पैदा हो जाती है ।

मगर जीवन में घबराहट पैदा होने का केवल यही एक कारण नही होता है बल्की इसके अनेक तरह के कारण होते है और जब भी मानव किसी बात के कारण से घबरा जाता है तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है ।

और इस बात का मतलब यह होता हे की हमारे ज्ञानी लोगो के द्वारा पहले के समय में कहा गया है की saham jana muhavare ka arth – घबरा जाना होता है ।

और इस बात का मतलब हुआ की जो कोई घबरा जाता है वही पर इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है ओर यह बात आप अच्छी तरह से समझ सकते है ।

वैसे दोस्तो आपने उपर जो कुछ पढा है वह आपको काफी है जो की यह बात समझा दे की इस मुहावरे का अर्थ क्या है और इसका कहा पर प्रयोग करना है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।