सीना तानकर खड़े रहना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

सीना तानकर खड़े रहना मुहावरे का अर्थ sina tankar chalna muhavare ka arth — निर्भय होकर खड़े रहना।

दोस्तो मानव का सबसे बड़ा शत्रु भय होता है और किसी बात का भय होने पर कभी भी एक स्थान पर खड़ा नही हो सकता है और दूसरा की मन में भय होता है और इस करण से शरीर में भी डर सा बना रहता है ।

मगर जब मानव को किसी तरह का भय नही होता है यानि वह निर्भय होता है तो वह एक स्थान पर खड़ा हो सकता है और देखने में ऐसा खड़ा होगा की मानो उसे किसी तरह का डर न हो । तो इस तरह से निर्भय होकर खड़े रहने की जब बात की जाती है तो इसे सीना तानकार खड़ा रहना कहा जाता है ।

दरसल सीना तानकर खड़े रहना मुहावरे का अर्थ होता है निर्भय होकर खड़े रहना  ।

सीना तानकर खड़े रहना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

सीना तानकर खड़े रहना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग  || sina tankar chalna of idioms in sentences in Hindi

1.        आज दुनिया में भ्रष्टाचार फैलता जा रहा है और अपने शहर से भ्रष्टाचार कम करने के लिए मैं सीना तानकर खड़ा रहने की हिम्मत कर रहा हूं ।

2.        पुलिसकर्मी शहर से गुन्हेगारो को पकड़ने के लिए रात को भी सीना तानकर खड़े है ।

3.        इस इलाके में खून हो गया और राजू पुलिसकर्मी अकेला ही वहां पर सीना तानकर खड़ा है ।

4.        रावण की विशाल सेना के सामने भी भगवान राम सीना तानकर खड़े रहे ।

5.        राजू ने कहा भूत और राक्षसो से मुझे किसी तरह का डर नही क्यो मैं भगवान हनुमान का भक्त हूं और यही मुझे सीना तान कर खड़ा रहने की ताक्त देते है  ।

6.        जुर्म न करने वाले लोग हमेशा सीना तानकर खडे रहते है ।

7.        जो अपने जीवन मे सत्य पर चलता है उसे सीना तानकर खड़ा रहना चाहिए ।

8.        निर्दोंष लोगो को बचाने के लिए रामलाल हमेशा सीना तानकर खड़ा रहता है ।

9.        अंग्रेजो के चल रहे जुर्म को रोकने के लिए वीर देशवासी सीना तानकर खड़े हो गए ।

10.      जब दुश्मनो ने देखा की एक फोजी हमे रोकने के लिए सीना तानकर खड़ा है तो दुश्मनो ने डर के मारे अपने कदम पीछे खिच लिए ।

सिना तानकर खड़े रहना मुहावरे पर कहानी || sina tankar chalna idioms story

दोस्तो एक बार की बात है एक गाव हुआ करता था और उस गाव में क्या था की जो लोग रहते थे उनके अंदर एक तरह का डर था और वह डर न तो किसी आदमी से था और नही गुंडो से था ।

 दरसल उस गाव में क्या था की जो लोग रहा करते थे उनके अंदर एक तरह की ऐसी बात थी जो की काफी डरा देने का काम करती थी और वह यह थी की लोग काफी समय पहले से सुनते आ रहे है की यह जो गाव है यहां पर रात के समय में भूतो का वास रहता है ।

जिसके कारण से किसी को भी रात के समय में बहार नही निकलता है और अगर जो कोई निकल जाता है तो उसकी जान को खतरा है । अब पता नही यह सच था की नही लोगो को इस बारे में पता नही था ।

मगर लोग इस बात को हमेशा सच मानते थे और उनका मानना था की सच में इस गाव में भूत है और कोई भी रात को बहार निकलने की हिम्मत नही कर पाता था । मगर आपको बता दे की किसी की हिम्मत तक नही होती थी की कोई इस बारे में सच्चाई का पता लगा ले ।

मगर कहते है की सच क्या होता है इस बारे में कभी न कभी तो लोगो को पता चल ही जाता है और ऐसा ही हुआ ।

भेड़ की खाल में भेड़िया मुहावरा क्या है

ठंढा करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

चाँदी काटना मुहावरे का अर्थ क्या है और वाक्य में प्रयोग

चूँ न करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

गर्दन उठाना मुहावरे का अर्थ क्या होता है और वाक्य में प्रयोग व कहानी

दरसल एक बार की बात है गांव में क्या हुआ था की कुछ शहरी लोग आए ​थे जिनमे से एक पुलिसकर्मी था और वह हमेशा गुन्हेगारो को पकड़ने का काम करता था । और इस गाव में आने के बाद में पुलिसकर्मी को पता चला की इस गाव में तो लोग कह रहे है की भूत रहते है ओर इसी बारे में पता लगाने केलिए पुलिसकर्मी ने अपनी टीम बुला ली ।

आपको बात दे की पुलिसकर्मी का नाम राजू था और राजू जो था उसने जब अपनी टीम को इस बारे में बताया की इस गाव में एक भूत है जिसे हमे पकड़ना है तो सभी डर गए और कहने लगे की साहब चाहे नोकरी से क्यो न निकाल दे की मगर यह काम हमसे नही होगा ।

सीना तानकर खड़े रहना मुहावरे का अर्थ

और पता नही कैसे मगर सभी राजू की बात कोनकार कर वहां से चले गए । जब लोगो को पता चला की राजू जो की एक पुलिसकर्मी है वह इस शहर में यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है की क्या सच में इस गाव में भूत है की नही ।

और तब लोगो ने राजू के पास जाकर कहा की देखो राजू तुम यह काम मत करो क्योकी यहां पर काफी समय पहले से भूत है जो की लोगो को मार तक सकता है । और यही कारण है की पुरे गाव के लोग डरे हुए है ।

मगर यह सुन कर राजू ने कहामैं भगवान हनुमानजी की भक्त हूं तो भूत के सामने भी​ सिना तानकर खड़ा रहूगा और वह मेरा कुछ नही कर पाएगा और इतना कह कर रात के समय में तहकीकात शुरू कर दी ।

करीब चार दिनो तक इसी तरह से रात के समय में जगने के कारण से आखिर में राजू ने एक आदमी को पकड़ा और लोगो को बता दिया की इस गाव में कोई भूत नही है ।

दरसल जिस दिन राजू ने पहले दिन ही रात को पहरा लगाया था उसी दिन से राजू गायब होने का नाटक कर लिया और छूप की इस बारे में पता लगाने लगा की आ​खिर कोन है जो की यह सब नाटक कर रहा हैऔर एक दिन रात के समय में राजू ने गाव के ही एक व्यक्ति को देखा जो की भूत बन कर अपने घर से बाहर निलका था और फिर राजू ने उसका पीछा किया और फिर उसे पकड़ लिया गया था ।

और इस तरह से राजू जो था वह भूत बन कर नाटक करने वाले को पकड़ चूका थाऔर इस कारण से लोगो को यकिन हो सका की ​वे जिसे भूत समझ रहे थे वह एक इंसान था ।

और इस तरह से लोगो के मन से भय दूर हुआ की गाव में कोई भूत नही है और फिर लोगो ने कहा की राजू तो भगवान हनुमान का भक्त है जिसने सिना तानकर खड़े रहकर भूत बनने वाले को पकड़ लिया और सच हमारे सामने ला दिया और इसके बादमें लोगो राजू की खुब वाह वाह की ।

और इस तरह से राजू ने एक अच्छा काम किया और फिर उस गाव से चला गया । इस कहानी से मुहावरे के बारे में क्या समझ सकते है आप बता देना ।

इस वर्ष के एग्जामो के लिए मुहावरे (देखने के लिए मुहावरे पर क्लिक करे)

आपे से बाहर होना  माथे पर बल पड़ना   
आग में घी डालना  हाथ के तोते उड़ना
आँखों में धूल झोंकना  मिट्टी पलीद करना  
आँखें बिछाना  हाथ का मैल होना
आकाश पाताल एक करना  रंगे हाथों पकड़ना
अगर मगर करना  सीधे मुँह बात न करना
पहाड़ टूट पड़ना  प्रतिष्ठा पर आंच आना
आग लगने पर कुआँ खोदना  आँखे फटी रह जाना  
श्री गणेश करना  सिर ऊँचा करना
टस से मस न होना  ‌‌‌चोर चोर मौसेरे भाई
छोटा मुँह बड़ी बात  मर मिटना  
चोली दामन का साथ  ‌‌‌सहम जाना
गुदड़ी का लाल  घास खोदना  
गागर में सागर भरना  रफू चक्कर होना
कान पर जूं न रेंगना  अंतर के पट खोलना
आँखें फेर लेना  चादर से बाहर पैर पसारना
घाट घाट का पानी पीना  उन्नीस बीस का अंतर होना
बालू से तेल निकालना  सिर पर पाँव रखकर भागना  
अंग अंग ढीला होना  काठ की हांडी होना   
अक्ल के घोड़े दौड़ाना  एक लाठी से हाँकना
आवाज उठाना  भानुमती का पिटारा
मक्खी मारना  अंकुश रखना  निबंध व
चैन की बंशी बजाना  अंधी पीसे कुत्ता खाए
आग बबूला होना  का वर्षा जब कृषि सुखाने
भीगी बिल्ली बनना  नीम हकीम खतरे जान
जान हथेली पर रखना  अधजल गगरी छलकत जाए
लाल पीला होना  जैसा देश वैसा भेष मुहावरे
अंधे की लाठी  नौ दिन चले अढ़ाई कोस
अंगूठा दिखाना  नेकी कर, दरिया में डाल का मतलब  वाक्य
नौ दो ग्यारह होना  चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए
 चौकड़ी भरनाआव देखा न ताव
 हरी झंडी दिखानाथोथा चना बाजे घना  
 हथेली पर सरसों जमानातेल देखो, तेल की धार देखो   
 हाथ को हाथ न सूझना  छाती पर मूँग दलना
 चेहरे पर हवाइयाँ उड़नाकंगाली में आटा गीला
 हाथ लगनाभूखे भजन न होय गोपाला
 हवा हो जानासाँच को आँच नहीं  
 हाथ खींचनाऐरा – गैरा नत्थू खैरा का
 हक्का-बक्का रह जानापर उपदेश कुशल बहुतेरे

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।