कलई खुलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

कलई खुलना मुहावरे का अर्थ kalai khulna muhavare ka arth – भेद खुलना

दोस्तो आप लोगो को पता होगा की जब किसी व्यक्ति के बारे मे कुछ बाते छुपी होती है वह बात कैसी भी हो सकती है । ऐसे छुपी हुई बातो को भेद कहा जाता है । दोस्तो जब किसी व्यक्ति का भेद खुल जाता है । ‌‌‌यानि उस व्यक्ति के बारे मे कुछ ऐसी बातो का सब लोगो को पता चल जाता है जो लोगो से छूपी हो या रहस्य की बात हो । तो इस तरह से भेद खुलने को ही कलई खुलना कहा जाता है । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ भेद खुलना या रहस्य खुलना होता है ।

कलई खुलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

कलई खुलना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌मैंने तो इस बात को बहुत छुपाया पर कलई खुल गई ।
  • हम तो तुम्हे बहुत अच्छा आदमी मानते थे पर जब तुम्हारी कलई खुली तब जाकर तुम्हारा असली चेहरा सामने आया ।
  • रजीया दिन रात झुठी बाते करती रहतीहै पर एक दिन उसकी कलई खुल गई ।
  • नटवर ऐसे तो बहुत दादागीरी करता था पर पुलिस वाले ने जब उसे एक थप्पड मारा तो उसकी सारी कलई खुल गई ।
  • प्रताब को पुलिस वालो ने इतना मारा की उसकी सारी कलई खुल गई ।
  • संतोस ने इस बात को भी छुपाने की कोशिश की थी पर उसकी ही गलती के कारण उसकी कलई खुल ‌‌‌गई ।
  • ‌‌‌महेश के किए गए घोटाले की कलई खुल जाने के कारण गाव के लोग उसे मारने लगे ।

कलई खुलना मुहावरे पर कहानी Idiom story

एक समय की बात है ओकारमल नाम का एक आदमी अपने गाव मे रहा करता था । उसके पास धन की कोई कमी नही थी । साथ ही उसके घर मे उसकी पत्नी और एक छोटा लडका ही रहा ‌‌‌करता था । ओकारमल के पिता अपने छोटे बेटे के पास रहते थे और ओकारमल उनका बडा बेटा था ।

ओकारमल के पास इतना अधिक ‌‌‌धन होने का कारण यही था की वह गाव का सरपंच रह चुका था । पहले सरपंच होने के कारण अब भी वही सरपंच मे जीत गया था । जीतने का कारण यही था की उस गाव मे उसका सामना करने वाला कोई भी नही था ।

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पहले भी सरपंच रहा था और अब भी सरपंच रहा था । इस कारण से उसकी जानकारीयां बढ गई थी । ‌‌‌जिसके कारण से वह गाव के विकाश के लिए सरकार से पैसे उठाता और उन्हे गाव के खर्चो मे उपयोग ‌‌‌न कर कर स्वयं  के लिए उपयोग करता था ।

साथ ही ओकारमल अपने लोगो ‌‌‌का बहुत काम करा कर देता था । इस तरह से गाव के लोगो को वह काम कराता था पर इतना नही । यानि जब भी कोई स्कीम आती तो वह उससे दस ग्या‌‌‌ह लोगो को ही फायदा दिलाता था ।

जिसके कारण से जब गाव के लोग पूछते की यह काम इतने ही लोगो के लिए क्यो हुआ है तब सरपंच या यह कह सकते है की ओकारमल बोलता की इस बार तो यह इतने ही लोगो के होगा अगली बार सरपंच बनूगा तो किसी दुसरे लोगो के लिए काम होगा ।

गाव के लोग बहुत ही भोले थे वह उसे समझ नही पाते ‌‌‌थे की यह बाकी लोगो के नाम का पैसे लेकर स्वयं खाता है । इस बारे मे ओकारमल के घर के लोगो को ही पता था और उनमे से जो उसके अपने थे यानि जो उसके भेद को भेद रख सके उनको सब पता था । बाकी को तो आधा ही पता था ।

इस तरह से ओकारमल अमीर होता गया ऐसा करने के कारण से उसके पिता को भी लगता की यह तो बहुत ‌‌‌ही अच्छा है । गाव के लोगो के लिए इतना अधिक काम करता है । ऐसा उन्हे इस कारण से लगता था क्योकी ‌‌‌उससे महले जो सरपंच था वह लोगो के लिए बिल्कुल भी काम नही करता था ।

धिरे धिरे समय बितता गया और अब गाव के लडके ‌‌‌पढने के लिए भी जाने लगे थे । इस तरह से सरपंच के पांच वर्ष बित गए थे । अब सरपंच का ‌‌‌चुनाव आने लगा था । इस कारण से ओकारमल भी चुनाव मे जीतने के लिए अपने गाव के साथ साथ आस पास के गाव मे भी भाषण बाजी करने लगा था ।

उसे लगता था की उसका गाव तो उसे ही वोट देगा इस कारण से वह अपने गाव मे प्रचार कम करता और दूसरे गावो मे प्रचार ज्यादा करता था । इस तरह से ही दुसरे गाव के लोग थे जो चुनाव मे ‌‌‌खडे हो रहे थे । वे भी ओकारमल के गाव मे प्रचार कर रहे थे ।

साथ ही वे लोग कह रहे थे की वह आप लोगो के लिए काम नही करता था बल्की वह तो अपनी तिजोरी भरता था । इस तरह से कह कह कर लोगो से कहता की आप मुझे वोट दे ताकी मैं आपके लिए काम करा सकुं ।

इस तरह से जब वोट पडकर चुनाव का रिजल्ट आ गया तो अबकी बार ओकारमल न जीत कर दुसरे गाव का आदमी जीत गया था । और जब जीते हुए एक माह हुआ तो वह ओकारमल के गाव मे काम कराने के लिए आया तो उसे पता चला की इस गाव के हर सदस्य के घर के लिए पैसे उठ चुके है पर काम नही हुआ है ।

इस बारे मे उस सरपंच ने गाव के लोगो को बताया तो गाव के लोगो को साफ समझ मे आ गया की पहले सरपंच ‌‌‌यानि ओकारमल ने हम लोगो के नाम पर पैसे उठा कर अपनी तिजोरी भर ली है ।

जब इस बारे मे उस सरपंच ने गाव के लोगो को पूरे सबूत के साथ बताया तब जाकर ओकारमल की कलई खुल गई । और उसके बारे मे गाव के लोगो को पता चल गया की यह गाव के लोगो को लूट रहा था और हम लोगो को पता भी नही चला ।

इस तरह से ओकारमल के बारे मे ‌‌‌जब गाव के लोगो को पता चल गया तो गाव के लोग उसके साथ बात भी नही करते थे । और जब वह बात करता तो लोग कहते की इस तरह के लूटेरो के साथ रहने से अच्छा है की हम ‌‌‌मर जाए ।

कलई खुलना मुहावरे पर कहानी Idiom story

ऐसा कहते हुए वे लोग वहां से चले जाते थे । इस तरह की बाते सुनकर ओकारमल को समझ मे नही आ रहा था की ये लोग किस कारण से मुझे ऐसा कह रहे ‌‌‌जब ओकारमल ने इस बारे मे अपने प्रिय मित्रो से पूछा तो उन लोगो ने उससे कहा की तुमने जो लोगो के नाम पर पैसे उठा कर अपनी तिजोरी भरी है उसकी कलई खुल गई ।

जब इस बारे मे उसके पिता को पता चला तो वे भी उसे बूरा मानने लगे थे । इस तरह से दोस्तो ओकारमल ने अपना भेद छुपा ‌‌‌रखा था और लोगो को लूटता रहता था । ‌‌‌जिसके कारण से ही उसकी तिजोरी भरती रही थी । इस तरह से आप लोग समझ गए होगे की कलई खुलना मुहावरे का अर्थ क्या है ।

कलई खुलना मुहावरे पर निबंध || essay on idioms in Hindi

दोस्तो कहानी तो आपने उपर पढी ही होगी । तो आपको हम कह सकते है की आपको यह मुहावरा पूरी तरह से समझ में आ गया है ।

दरसल कलई खुलना एक ऐसा मुहावरा है जिसे आप कहानी खुलने के माध्यम से समझ सकते है । क्योकी आपको पता है की कहानी मे भेद खुलना के बारे में बताया गया है । मतलब कहानी में किसी का भेद खुल रहा है तो इस बात का मतलब होगा की भेद खुलना ही असल में कलई खुलना का अर्थ है ।

अब आपको पता है की आज के समय में हर कोई अपने जीवन में कुछ ​छीपाने की कोशिश करता है । कुछ लोग अपनी गलती को छीपाते है तो कुछ अपनी गलत आदतो को छुपाते है । और इस तरह से सभी कुछ न कुछ छीपाते है जिन्हे उनका भेद कहा जाता है ।

मगर जब यही भेद खुल जाता है तो इसे ही कलई खुलना कहा जाता है । तो इसका मतलब हुआ की आपने मुहावरे को सही तरह से समझ लिया है ।  

‌‌‌निचे बेस्ट हिंदी मुहावरे दिए गए है जो ज्यादातर प्रयोग मे आते है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।