कीचड़ उछालना मतलब और वाक्य मे प्रयोग

कीचड़ उछालना मुहावरे का अर्थ keechad uchalna muhavare ka arth – बदनाम करना ।

दोस्तो जब कोई मनुष्य किसी ऐसे व्यक्ति पर कीचड़ गेर देता है जिसने साफ कपडे पहन रखे हो तो उस व्यक्ति के सारे कपडो पर दाग हो जाते है और जब किसी मनुष्य को कोई बदनाम करता है तो उसकी इज्जत मे दाग हो जाते है । इस ‌‌‌तरह से दोनो ‌‌‌स्थिती मे दाग लगता है ‌‌‌इस कारण से बदनाम करने पर कीचड़ उछालना मुहावरे का प्रयोग किया जाने लगा । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ बदनाम करना होता है ।

कीचड़ उछालना मतलब और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌कीचड़ उछालना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • आज कल के नेता एक दुसरे पर कीचड़ उछाल कर जीत जाते है ।
  • रामबाबू पर चोरी का इल्जाम लगा कर उसके बॉस ने कीचड़ उछाल दिया ।
  • अपने पिता को ‌‌‌बुरा भला बता कर तुमने अपने ‌‌‌परिवार पर कीचड़ उछाल दिया ।
  • उसे पुलिस ने क्या पकड लिया आप लोग तो उस पर कीचड़ उछालने लगे ।
  • तुमने ‌‌‌इस भले मानुष पर कीचड़ उछाल कर अच्छा नही किया ।
  • अगर इसी तरह से हर किसी पर कीचड़ उछालते रहोगे तो एक दिन तुम्हे ही लोग गलत समझेगे ।
  • रमेश तो हमेशा से मेरे पर कीचड़ उछालता आ रहा है पर आज आप लोगो को मेरे बारे मे सब पता चल गया ।

‌‌‌कीचड़ उछालना मुहावरे पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक सेठ रहा करता था । सेठ का एक भाई था जिसकी सेठ के साथ बनती नही थी । इस कारण से उसके भाई को जब भी मोका मिलता है तो वह अपने सेठ को बदनाम करने लग जाता था ।

सेठ के पास धन की कोई कमी नही थी और उसके घर मे कोई संतान भी नही थी इस ‌‌‌कारण सेठ गाव के लोगो को ही अपना परिवार मानता था और उन्हे जब भी किसी चिज की कमी होती तो वह सेठ से ले लेते थे । इस तरह से सेठ को मदद करते देख कर उसका भाई उससे जलता था ।

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वह सोचता था की यह गाव के लोगो को इसी तरह से सब धन दे रहा है जिसका कोई मोल नही है ‌‌‌और मुझे देना नही चाहता है । सेठ ‌‌‌का भाई उसे कुछ नही कह सकता था ‌‌‌क्योकी वह धन सेठ का ही था जो वह जैसे चाहे खर्च करे साथ ही वे दोनो अलग अलग रहा करते थे । सेठ जंगल मे लकडियो का व्यपार करता था ।

वह रोजाना कुछ लोगो को लेकर जंगल जाता और उन लोगो से लकडिया कटा कर शहर मे बेच देता था । सेठ वैसे तो कुछ नही करता था बल्की उन लोगो को काम बताता की कोनसे काम को कैसे करना ‌‌‌है । जिसके कारण से वे लोग लकडिया काट लेते थे ।

इस तरह से लकडिया काट कर बेचने के कारण उसके पास बहुत रूपय आते थे । सेठ ‌‌‌जिस जंगल से लकडिया काटता था उसमे जंगली जानवर बहुत रहा करते थे । और धिरे धिरे उन जानवरो की सख्या कम होने लगी थी ।

क्योकी उन जानवरो को पर्याप्त भोजन नही मिलता था और ‌‌‌वे वातावरण ‌‌‌के अनुकूल नही ढल सके तो नष्ट होगे ही । इस बारे मे सेठ को पता था की जंगली जानवर मर रहे है । पर वह इसमे कुछ नही कर सकता था ।

इसी तरह से एक बार एक पुलिस वाला सेठ के गाव मे आया और उस जंगल मे इधर उधर फिर कर देखा तो उसे लगा की जंगल मे पेढो की सख्या कम हो रही है इसी कारण से जानवरो की सख्या कम हो ‌‌‌रही है । जब इस बारे मे उसने वन रक्षा के अधिकारियों को बताया तो उन्होने कहा की जो भी जंगल से लकडिया काटता है उसे पकड कर मेरे पास लाओ मैं उससे बात करूगा ।

ऐसा ऑडर पा कर वह पुलिस वाला सेठ के पास गया और उसे पकड कर अधिकारी के पास ले जाने लगे थे । मगर इस बारे मे सेठ को सब कुछ बाता दिया था जिसके ‌‌‌कारण से सेठ स्वयं ही उनके साथ जाने लगा था ।

जब गाव के लोगो ने देखा की सेठ को पुलिस पकड कर ले जा रही है तो उन्हे लगा की सेठ ने जरूर कुछ गलत काम किया है । इतने मे सेठका भाई वहा टपक पडा और उसे मोका मिल जाने के कारण वह सेठ को बदनाम करने लगा ।

तब गाव के कुछ लोगो ने कहा की तुम तो अपने भाई से जलते ‌‌‌हो और उसकी और तुम्हारी बनती नही है जिसके कारण ही तुम सेठ पर कीचड़ उछाल रहे हो । तब सेठ के भाई ने ऐसे ही बाते बना कर गाव के लोगो को कहने लगा था ।

जिसके कारण से गाव के आधे लोग उसकी बात मे आ गए और वे सभी भी आपस मे बात करने लगे की सेठ ने ही जरूर कुछ किया है वरना पुलिस ने आज तक तो किसी को नही ‌‌‌पकडा । इस तरह से जब रात होने लगी तो पुलिस के साथ सेठ सही सलामत आ गया था ।

तब उसे देख कर गाव के लोग उसके पास आ गए और बोलने लगे की आपने ऐसा क्या किया था जिसके कारण से ‌‌‌आपको पुलिस ने पकडा था । जब सेठ ने कहा की मैने तो कुछ नही कहा बल्की उन्होने मेरे से बात करने के लिए ही मुझे बुलाया था । ‌‌‌

‌‌‌तब गाव के लोग सेठ की बात नही मान रहे थे । तभी वहां पर कुछ लोग आकर बोलने लगे की सेठ ने तो कुछ भी नही किया है पर आप लोगो को ‌‌‌उन पर विश्वास नही है। ‌‌‌साथ ही कहा की इनके भाई ने आपसे कुछ कह क्या दिय आप तो उनकी बातो मे आ गए ।

तभी सेठ बोला की मेरे भाई ने क्या कहा था । तब गाव के लोगो ने कहा की ‌‌‌वह आप पर कीचड़ उछाल रहा था । जब गाव के लोगो से सेठ ने पूरी बात जानी तो सेठ को पता चला की उसका भाई उसके पिछे पिछे उसे ही बदनाम कर रहा है ।

‌‌‌कीचड़ उछालना मुहावरे पर कहानी Idiom story

सेठ बहुत ही शांत स्वभाव का था इस कारण से ‌‌‌वह इस बात को लेकर नही बैठा और अपना काम करता रहा था । पर उसे इतना पता चल गया था की मेरे भाई की बातो मे ‌‌‌आकर ‌‌‌गाव के लोग मुझे गलत समझने लगे थे ।

उन दिनो के बाद सेठ ने कभी भी गाव के लोगो की मदद नही की और अपना जीवन अपने ही हाल पर गुजाने लगा था । इस तरह से आप लोगो को समझ मे आ गया होगा की इस कहानी से मुहावरे का अर्थ क्या है ।

कीचड़ उछालना मुहावरे पर निबंध || keechad uchalna essay on idioms in Hindi

साथियों आज के इस संसार में आपकी तरह बहुत ही ऐसे लोग है जो काफी मेहनती है और उनकी इज्जत पूरे शहर में रहती है । अगर आप और आपके माता पिता अच्छा जीवन चला रहे है और हमेशा सत्य का साथ दे रहे है तो आपका परिवार एक नेक परिवार है और इसकी इज्जत हर कोई करता है और यह आपको पता है ।

मगर कुछ मुर्ख होते है जो की इसी तरह के लोगो को अपना निशाना बनाते है और उनके बारेमें आस पास अफवा फैलाते रहते है मतलब उन्हे बदनाम करने की कोशिश करते हरते है और शायद आप इस बारे में जानते है ।

जैसे की मान ले की रामू नाम का नेक आदमी है जो की हमेशा गाव के सा​थ होता है । मगर कुछ लोग उसे बदनाम करने के लिए उसके बारे में गलत बाते गाव में फैलाने लग जाते है । तो यह जो बदनाम करने की कोशिश कर रहे है उनके लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग होता है और उनके लिए ही कहा जाता है की यह किचड़ उछालने की कोशिश कर रहे है ।

वैसे उपर जो कुछ बताया है उसके माध्यम से आपको पता चल गया होगा की मुहावरे का अर्थ बदनाम करना है।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।