लोप चिह्न या वर्जन चिह्न kya hota hai, परिभाषा, वाक्य या उदहारण

लोप चिन्ह किसे कहते है, lop chinh kaisa hota hai, लोप चिह्न की परिभाषा, लोप चिह्न के वाक्य , lop chinh ka vakya

दोस्तो हिंदी व्याकरण काफी अजीब है । यह हम इस कारण से कह रहे है क्योंकी हिंदी व्याकरण में शुद्धता का काफी ध्यान रखना होता है। कुछ बाते ऐसी होती है जिन्हे न तो कहा जाता है और न ही लिखा जाता है उनका भी ध्यान रखना होता है । मगर जिस बात को हम लिख नही सकते है उसे संकेत के रुप में समझा सकते है । और ऐसा ही लोप चिह्न करता है ।

मगर आपको पहले बता दे की लोप चिह्न जो होता है वह असल में विरामेतर लिपी चिह्न होता है । और इसका उपयोग हिंदी भाषा में किया जाता है । और आज के इस लेख में आपको लोप चिह्न के बारे में बताएगे की इसकी परिभाषा क्या है, वाक्य या उदहारण कैसे है ।

लोप चिन्ह किसे कहते है

लोप चिह्न का प्रतिक चिह्न

दोस्तो सबसे पहले आपको यह पता होना जरुरी है की लोप चिह्न का प्रतिक चिह्न क्या होता है । क्योकी उसके बाद ही आप लोप चिह्न को अच्छे से समझ सकते है ।

वैसे आपको बता दे की हिंदी व्याकरण में विरामेतर लिपी चिह्नो की श्रेणी में ही लोप चिह्न आता है । और वहा पर इसका प्रतिक चिह्न तीन डॉट के रुप में दिखाया जाता है। जैसे की आपको  (•••) दिखाई दे रहा है ।

मतलब यह जो चिह्न है  (•••) असल में यही लोप चिह्न है और यह आपको पता होना जरुरी है ।

लोप चिह्न या वर्जन चिह्न किसे कहते है

दोस्तो लोप चिह्न के नाम को ध्यान से पढे असल में यह किसी का लोप करने के बारे में बताता है । यानि जिसका अभाव होता है वह लोप हो जाता है । और इसी तरह से हिंदी व्याकरण में कुछ ऐसे वाक्य या बात होती है जिनको कहा नही जा सकता है । और उनका अभाव ही वाक्य में प्रयोग लिया जाता है। और ऐसे में वहां पर लोप चिह्न को लिख दिया जाता है ।

यानि अगर कोई वाक्य है जिसे कहा न जा सके, तो वहां पर  (•••) इस प्रकार के चिह्न का प्रयोग करते है और इसे आपको आगे अच्छे से समझाते है पहले परिभाषा को जाने ।

लोप चिह्न (•••) की परिभाषा

वह विरामेतर चिह्न जिसका उपयोग उस समय होता है जब वाक्य में किसी कथन को कहना नही होता है बल्की पाठक के विचार करने के लिए या पाठक के कल्पना करने के लिए छोड़ना हो तो वहां पर इस (•••) चिह्न का प्रयोग होता है और यही लोप चिह्न कहलाता है ।

यानि किसी वाक्य का कोई अंश छोड़ दिया जाए या लुप्त कर दिया जाए तो वहां पर प्रयोग होने वाला विरामेतर लिंपी चिह्न लोप चिह्न कहलाता है ।

इसका मतलब है की अगर कोई वाक्य है और उस वाक्य में कोई ऐसी बात है जिसे लिखना उचित न हो । जैसे की कोई वाक्य में गाली दी जाती है, तो हम गाली को लिख नही सकते है और ऐसे में उस गाली वाले वाक्य को लुप्त कर देते है और पाठक के विचार करने के लिए उसे छोड़ देते है और वहां पर लोप चिह्न का उपयोग कर लेते है । जैसे की —

मैं तुम्हारे साथ विवाह में जाना चाहता था पर ••• । यह एक वाक्य है और इस वाक्य के अंत में हमने तीन बिंदुओ का उपयोग किया है जो की लोप चिह्न है ।

अब इस वाक्य का पूरा अर्थ या पुरा वाक्य जो है वह पाठक को ही समझना होगा । और इसका अर्थ कुछ ऐसे होगा ।

मैं तुम्हारे साथ विवाह में जाना चाहता था पर अभी मैं बीमार हूं ।

तो इस तरह से इस वाक्य का पुरा अर्थ हो सकता है, मगर दूसरा कोई अर्थ भी निकाला जा सकता है । मगर बाकी भाग को लुप्त कर दिया गया है, या फिर कहने योग्य नही है तो उसे लिखा नही गया है और वहां पर लोप चिह्न का प्रयोग हो गया । और इसी तरह से ​लोप चिह्न का प्रयोग होता है ।

लोप चिह्न के प्रयोग के नियम

वैसे तो आपको बात दे की इसके प्रयोग करने के कोई भी नियम नही होते है । मगर कुछ ऐसी स्थितियां होती है जहां पर लोप चिह्न का प्रयोग अवश्य होता है और उन्ही को हम नियम के रुप में बता रहे है ।

​नियम नम्बर 1. वाक्य के किसी अंश को छुपाने के लिए

कई बार क्या होता है की कोई वाक्य कहा जाता है । और उस वाक्य का कोई अंश ऐसा होता है जिसे लिखा नही जा सकता है । जैसे की मानो कोई वाक्य है और उस वाक्य का अंत वाला अंश ऐसा है जिसमे कोई गाली है । तो जाहिर होगा की उसे न तो कहा जाएगा और न ही लिखा जाएगे । तो वहां पर लोप चिह्न का प्रयोग हो सकता है ।

इसके अलावा वाक्य में अलग तरह का कोई अंश है तो उसे भी छूपाने के लिए लोप चिह्न का प्रयोग हो सकता है जैसे

मैं तुम्हारे साथ चला जाता पर •••।

तो यह एक वाक्य है और इसके अगले अंश को छुपाने के लिए लोप चिह्न का प्रयोग हो गया । और इसी तरह से लोप चीह्न का प्रयोग होता है ।

नियम नम्बर 2. किसी काव्य की पंक्तियों को लुप्त करना

कई बार कोई काव्य है और उसकी पंक्तियों को भी लुप्त करना पड़ जाता है और वहां पर भी इस लोप चिह्न का प्रयोग कर सकते है । जैसे की —

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।

बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।

यह एक दोहा हो गया और इसमें लोप चिह्न लगाने के लिए इसे कुछ ऐसे लिख सकते है जैसे की

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि •••

नियम नम्बर 3. रिक्त स्थान दिखाने के लिए

दोस्तो कई बार वाक्य में कोई रिक्त स्थान दिखाना होता है तो वहां पर भी इस लोप चिह्न का प्रयोग किया जाता है । जैसे की — रामू दो रोटी खाता है एक गेंहू की बनी और दूसरी ••• की बनी ।

नियम नम्बर 4. वाक्य में किसी शब्द को छुपाने के लिए

अगर वाक्य में कोई छुपाना होता है तो वहा पर भी लोप चिह्न का प्रयोग कर सकते है । और इसका प्रयोग करना रिक्त स्थान का प्रयोग करने की तरह ही होता है ।

तो इस तरह से कुछ ऐसे नियम है जिनकी मदद से आप लोप चिह्न कहां पर लगाना है यह समझ सकते है । और लोप चिह्न का प्रयोग कर सकते है ।

लोप चिह्न के वाक्य या उदहारण

सुरेश तुम मेरी बात सिधे से मान लो वरना ••• ।

अगर इसी तरह से तुम बार बार भला बुरा कहते रहे तो फिर मैं ••• ।

सुरेंद्र हमेशा मुझे ••• कहता रहता है ।

इस नीच आदमी के साथ मैं नही ••• ।

उस बदमास ने मुझसे गुस्से में कहा की ••• ।

पुलिस ने पकड़ तो लिया फिर मुंह से कहने लगे की ••• ।

तो इस तरह से वाक्य के किसी अंश को लुप्त करने के लिए ही लोप चिह्न का प्रयोग होता है और इसी से आप लोप चिह्न को अच्छे से समझ ले ।

आशा है की आपने अच्छी जानकारी हासिल की है । अगर कुछ पूछना है तो कमेंट कर दे ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।

Leave a Reply