बिल्ली के गले में घंटी बांधना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

बिल्ली के गले में घंटी बांधना मुहावरे का अर्थ billi ke gale mein ghanti bandhna muhavare ka arth  – आपने को संकट में डालना ।

billi ke gale mein ghanti bandhna idiom in english – Belling the Cat (idiom meaning – Putting yourself in trouble)

दोस्तो आपने एक कहानी सुनी होगी जिसमें बताया जाता है की चुहे जो थे वे बिल्ली से बचने के लिए, बिल्ली के गल में घंटी बांधने की बात करते है । मगर आप इस कहानी से समझे की जब बहुत सारे चूहे हो या एक अकेला चूहा हो वह जब बिल्ली के पास जाता है

और उसके गले में घंटी को बांधने की कोशिश करता है तो इसका मतलब है की वह अपने आप को संकट में डालने का काम कर रहे है । क्योकी जैसे ही चूहे बिल्ली के पास जाएगे तो बिल्ली उन्हे पकड़ कर खा जाएगी । और इस कहानी से यह समझ में आता है की बिल्ली के गले में घंटी बांधाने को मतलब है की अपने को संकट में डालना ।

और इसी कारण से जहांपर अपने को संकट में डालने की बात होगी वही पर इस मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किया जा सकता है ।

बिल्ली के गले में घंटी बांधना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

बिल्ली के गले में घंटी बांधना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग ||  billi ke gale mein ghanti bandhna use of idioms in sentences in Hindi

1.        चुहो के लिए बिल्ली के मुंह से भोजन छिन्ने का मतलब है, बिल्ली के गले में घंटी बांधना ।

2.        सुनिता ही प्रेम विवाह करना चाहती थी और इस बारे में उसने घर में अपने पिता को छोड़ कर सभी को बता दिया, मगर पिता से इस बारे में बात करने का मतलब है बिल्ली के गले में घंटी बांधना ।

3.        एक अकेली लड़की के लिए अनजान लोगो पर भरोषा करने का मतलब है बिल्ली के गले में घंटी बांधना ।

4.        माता पार्वती ने देखा की मगरमच्छ बच्चे को खाने वाला है, मगर अब बच्चे को बचाने का मतलब था की बिल्ली के गले में घंटी बांधना, मगर फिर भी माता पार्वती ने उस बच्चे की जान बचाई ।

5.        मगरमच्छ से बच्चे को बचाने के लिए माता पार्वती ने बिल्ली के गले में घंटी बांध कर अपने आप को मगरमच्छ के हवाले किया ।

6.        वर्तमान के समय में इस देश से भ्रष्टाचार खत्म करने का मतलब है की बिल्ली के गले में घंटी बांधना ।

7.        अरे तुम गाव के सबसे बड़े व्यक्ति किसनजी का विरोध कर रहे हो, तुम्हे क्या पात नही की तुम ऐसा कर कर बिल्ली के गले में घंटी बांधने की कोशिश कर रहे हो ।

बिल्ली के गले में घंटी बांधना मुहावरे पर कहानी || billi ke gale mein ghanti bandhna story on idiom in Hindi

दोस्तो बहुत समय पहले की बात है एक बहुत बड़ी हवेली हुआ करती थी जहां पर कोई नही रहता था क्योकी उस घर के जो मालिक थे वे विदेश में रहा करते थे । इस कारण से उस घर को चुहो ने अपना घर बना लिया था और आराम से रहा करते थे ।

ऐसा कोई कोना नही था जहां पर चुहे नही रहते थे बल्की उस घर में बहुत सारे चुहे रहा करते थे । मगर एक दिन क्या हुआ की चुहो के जीवन में काफी बड़ी परेशानी आ गई थी । दरसल आपको भी पता है की जिसका भी घर होता है वह कभी भी अपने घर में आ सकता है और इसी तरह से उस हवेली में हुआ था ।

दरसल जिन लोगो का घर था वे अब अपने घर में रहने के लिए हवेली में आ गए और हवेली की हालत को देख कर गाव के कुछ लोगो को काम में लगाया और पूरी की पूरी हवेली को साफ सुथरा करवा दिया ।

तब नोकरो ने कहा की इस घर में चूहो ने घर बना रखा है और यह सुन कर मालिक ने कहा की उन्हे बहार निकाल फैंको और नोकरो ने भी ऐसा ही किया । पूरे के पूरे चूहो को घर से बाहर निकाल दिया और जो बिल्ल थे उन्हे बंद कर दिया था ।

मगर चूहो का क्या था वे इतने आसानी से घर से बाहर जाने वाले नही थे इस कारण से उसी रात को वापस हवेली में आ गए ।

 हवेली में आने के बाद में चूहो ने पहले तो अपने स्थान को देखा तो उन्हे बिल नही मिल पाए तो चूहे परेशान हो गए और आखिर में चूहो ने अपने गुप्त घर में जाने का फैसला किया जिनके बाद में नोकरो और मालिक को पता नही था और वहां जाकर चूहे रहने लगे थे ।

अब रात के समय में ही चूहो ने अपने कुछ अन्य घर बना लिए थे जो की देखने में गुप्त लगे । और दूसरे ही दिन चूहो ने अच्छा भोजन घर में देखा तो सब कुछ नष्ट करने के लिए तैयार हो गए और सारे के सारे भोजन को खा गए और इसी तरह से कुल 5 दिनो तक चलता रहा और यह सब देख कर घर के मालिक परेशान हो गए और इसी कारण से उसी गाव से एक बिल्ली को लेकर आ गए ।

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जिसका नाम टॉम था । अब टॉम की मदद से घर के चूहो को नष्ट करवाना चाहा और टॉम के आने के कारण से घर के मालिक को बहुत फायदा हुआ क्योकी जो चूहे थे उन्हे टॉम खा जाता था और इस तरह से चूहो का अंत होने लगा था और अब चूहे बिल्ली को जब भी देखते थे तो डर जाते थे और उसके सामने जाने की कोशिश नही कर पाते थे ।

मगर बिल्ली भी चालाक थी चूहो के लिए अच्छा सारा भोजन लेकर बैठ जाती थी और स्वयं छीपी रहती थी जिसके कारण से जैसे ही चूहे आते तो उनहे पकड़ कर खा लिया जाए ।

मगर चूहो को यह पता था इस कारण से वे भोजन को न ले सके । इस तरह से चूहो को भूखा रहते हुए करीब 2 दिन हो गए और इस कारण से उनही हालत खराब होने लगी थी और अब चूहो के लिए भोजन लाना भी मुमकिन नही था ।

अब चूहो ने आपस में कहा की बिल्ली के मुंह से भोजन छिन कर लाने का मतलब है बिल्ली के गले में घंटी बांधना और यह सब बाते करने के बाद में चूहो ने हवेली छोड़ने का निश्चय किया और इस तरह से अंत में हवेली को छोड़ कर चले गए ।

बिल्ली के गले में घंटी बांधना

और जब इस बारे में मालिक को पता चला की घर में एक भी चूहा नही है तो वे खुश हो गए औरउन्होने भी टॉम की तारिफ की और आपस में बात करते हुए कहा की टॉम के रहते हुए चूहो के लिए भोजन खाना और इस हवेली में रहने का मतलब है

की बिल्ली के गले में घंटी बांधना और यही भोजन के कारण से उनके साथ हुआ और वे हवेली को छोड़ कर चले गए और इसके बाद में टॉम और घर के लोग आराम से रहने लगे और अपना जीवन बिताने लगे ।

तो इस तरह से कहानी से आप समझ सकते है की बिल्ली के गले में घंटी बांधने का मतलब है की अपने को संकट मे डालना ।

वैसे बिल्ली के गले में घंटी बांधना के नाम से ही एक अलग कहानी है जिसे पढने के लिए आप क्लिक करे और इस कहानी को भी पढ सकते है।

इस वर्ष के एग्जामो के लिए मुहावरे (देखने के लिए मुहावरे पर क्लिक करे)

आपे से बाहर होना  माथे पर बल पड़ना   
आग में घी डालना  हाथ के तोते उड़ना
आँखों में धूल झोंकना  मिट्टी पलीद करना  
आँखें बिछाना  हाथ का मैल होना
आकाश पाताल एक करना  रंगे हाथों पकड़ना
अगर मगर करना  सीधे मुँह बात न करना
पहाड़ टूट पड़ना  प्रतिष्ठा पर आंच आना
आग लगने पर कुआँ खोदना  आँखे फटी रह जाना  
श्री गणेश करना  सिर ऊँचा करना
टस से मस न होना  ‌‌‌चोर चोर मौसेरे भाई
छोटा मुँह बड़ी बात  मर मिटना  
चोली दामन का साथ  ‌‌‌सहम जाना
गुदड़ी का लाल  घास खोदना  
गागर में सागर भरना  रफू चक्कर होना
कान पर जूं न रेंगना  अंतर के पट खोलना
आँखें फेर लेना  चादर से बाहर पैर पसारना
घाट घाट का पानी पीना  उन्नीस बीस का अंतर होना
बालू से तेल निकालना  सिर पर पाँव रखकर भागना  
अंग अंग ढीला होना  काठ की हांडी होना   
अक्ल के घोड़े दौड़ाना  एक लाठी से हाँकना
आवाज उठाना  भानुमती का पिटारा
मक्खी मारना  अंकुश रखना  निबंध व
चैन की बंशी बजाना  अंधी पीसे कुत्ता खाए
आग बबूला होना  का वर्षा जब कृषि सुखाने
भीगी बिल्ली बनना  नीम हकीम खतरे जान
जान हथेली पर रखना  अधजल गगरी छलकत जाए
लाल पीला होना  जैसा देश वैसा भेष मुहावरे
अंधे की लाठी  नौ दिन चले अढ़ाई कोस
अंगूठा दिखाना  नेकी कर, दरिया में डाल का मतलब  वाक्य
नौ दो ग्यारह होना  चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए
 चौकड़ी भरनाआव देखा न ताव
 हरी झंडी दिखानाथोथा चना बाजे घना  
 हथेली पर सरसों जमानातेल देखो, तेल की धार देखो   
 हाथ को हाथ न सूझना  छाती पर मूँग दलना
 चेहरे पर हवाइयाँ उड़नाकंगाली में आटा गीला
 हाथ लगनाभूखे भजन न होय गोपाला
 हवा हो जानासाँच को आँच नहीं  
 हाथ खींचना ऐरा – गैरा नत्थू खैरा का
 हक्का-बक्का रह जाना पर उपदेश कुशल बहुतेरे

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।