अंत भला तो सब भला मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अंत भला तो सब भला मुहावरे का अर्थ ant bhala to sab bhala muhaavare ka arth – यदी कार्य का अंत अच्छा होता है तो सब अच्छा होता है ।

साथियो आज के समय मे ऐसा माना जाता है की अगर हम किसी कार्य को कर रहे है और उस कार्य मे बहुत मुस्किलो का सामना करना पड रहा है और जब वह कार्य सही तरह से ‌‌‌पूरा हो जाता है यानि ‌‌‌उस कार्य का अंत हो जाता है तो यही कहा जाता है की अंत भला तो सब भला । इस तरह से लोग कहते है की अगर अंत मे वह कार्य अच्छी तरह से हो जाए तो सब अच्छा होता है ।

‌‌‌मुहावरा (idiom in Hindi)‌‌‌अर्थ (Meaning in Hindi)
अंत भला तो सब भलायदी कार्य का अंत अच्छा होता है तो सब अच्छा होता है ।
अंत भला तो सब भला मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अंत भला तो सब भला मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग || ant bhala to sab bhala use of idioms in a sentence in Hindi

  • ‌‌‌रमेश बहुत ही बिमार था उसकी मृत्यु का समय भी आ गया पर वह धीरे धीरे सही होने लगा और वह बिमारी से मुक्त हो गया । इस लिए कहा गया है की अंत भला तो सब भला ।
  • राघव ने एक नया काम हाथ मे लिया था और उस काम मे उसे बहुत ही नुकसान हो रहा था अंत मे वह उस काम को छोड दिया तो उसके पिता ने कहा की अंत भला तो सब भला ।
  • ‌‌‌रामेश्वर ने अपने दोनो बेटो को खुब पडाया और नोकरी लगया । जब रामेश्वर बिमार पड गया तो वे दोनो बेटे नोकरी छोडकर अपने पिता की सेवा करने लगे इस तरह से कहा गया है की अंत भला तो सब भला ।
  • राघवानी के घर मे चौर घुस आया था चौर सारा धन चुराकर ले गया और अंत मे चौर पकडा गया और राघवानी का सारा धन वापस ‌‌‌मिल गया किसी ने सच ही कहा है अंत भला तो सब भला ।

‌‌‌अंत भला तो सब भला मुहावरे पर कहानी || Aant bhala to sab bhala, story on idiom in Hindi

एक गाव मे एक दानव रहा करता था । उस दानव को रोजाना ही एक लडका खाने के लिए चाहिए होता था जो गाव के लोग ‌‌‌उसके पास भेजते थे । अगर गाव के लोग दानव के पास किसी भी इंसान को नही भेजते तो वह पुरे गाव को मारने लगता और सारे गाव को मार ढालता था ।

अगर उसके पास ‌‌‌किसी को भेज देते तो वह गाव के लोगो को कुछ भी हानी नही महुचाएगा । यह उस दानव ने पुरे गाव के लोगो से कहा था । इस कारण गाव के लोग रोजान ही हर एक घर से एक इंसान को उसके पास भेजते थे जिससे गाव के लोगो को कुछ भी हानी नही पहूंचाता था ।

‌‌‌एक दिन महाराज विक्रम आदित्य की पत्नी से उस गाव के किसी आदमी की मोत हो गई थी जो लुहार था। इस कारण महाराज विक्रम आदित्य अपनी सजा पाने के लिए उस लुहार के घर मे काम करने लगा जिससे उस लुहार के घर के लोगो की कुछ मदद हो जाए । उस लुहार के घर मे उसका पिता व उसकी पत्नी व एक 10 साल का पुत्र था ।

‌‌‌पर लुहार की पत्नी को अपने पति के हत्यारे के हाथ से कमाए ‌‌‌हुआ कुछ भी नही खाना था । इस कारण उसने महाराज विक्रम आदित्य को अपने घर मे नही रहने दिया और घर से बहार निकाल दिया । उस दानव के पास हर घर से कोई न कोई जाता था कभी इस घर से तो कभी उस घर से ।

‌‌‌इसी तरह से कुछ ही दिनो के बाद मे लुहार के घर से किसी को दानव के पास जाने का समय आ गया । इस कारण गाव के सभी लोग व उनके साथ गाव का मुखीया आया और कहा की आपके घर से किसी को उस दानव के पास जाना है । इस कारण आपके पोते को तैयार कर दिजिए । यह सुनकर उस बच्चे की मा रोने लगी ।

और कहा की अभी तो यह छोटा ‌‌‌है आप लोग इसे मत लेजाए । तभी गाव के लोगो मे से कोई बोला उस दानव को छोटे बच्चे ज्यादा पंसन्द है। तभी वह बालक बोल पडा की मै आप लोगो के साथ जाने के लिए तैयार हूं । यह सुनकर उसकी मां ने कहा की नही बेटा पर उसने किसी की नही मानी ।

गाव के लोग उसे उस दानव के पास लेजाकर छोड दिया था । दानव वहा पर जोर ‌‌‌से चिला रहा था की बहुत भुख लगी है पर अब तक कोई भी नही आया है । तभी दानव को वह बच्चा नजर आया । दानव ने जैसे ही बच्चे को देखा तो उसकी भुख ओर बड गई ।

दानव बच्चे को खाने ही वाला था तभी विक्रम आदित्य ने उस दानव पर हमला बोल दिया । वह दानव बहुत ही शक्तिशाली था उस पर विक्रम आदित्य के वार का ‌‌‌कोई भी असर नही पडा । दानव ने देखा की एक मानव ‌‌‌ओर आया है तो वह कहने लगा की आज तो ‌‌‌मै पेट भर कर भोजन करुगा ।

तभी विक्रम आदित्य ने दानव पर हमला बोला और एक ही वार मे उस दानव को मार गिराया । ‌‌‌तब बाहर उस बच्चे की मा रो रही थी । तभी उसे उसका बच्चा नजर आया और साथ मे विक्रम आदित्य भी थे। उसने अपने बच्चे को देखा तो वह बहुत खुश हो गई ।

‌‌‌अंत भला तो सब भला मुहावरे पर कहानी

पास आकर बच्चे ने कहा की माँ इन्होने मेरी जान बचा ली थी। यह सुनकर गाव के लोग कहने लगे की क्या वह दानव मरा गया । तो बच्चे ने कहा की इन्हाने मार ढाला तब ‌‌‌गाव के लोग बोलने लगे की उस दानव ने बहुत से इंसानो को मारा था पर चलो अंत भला तो सब भला ।

साथ ही उस औरत ने अपने पति की मृत्यु के लिए भी विक्रम आदित्य को क्षमा कर दिया । इस तरह से दानव को मार कर अंत भला तो सब भला ‌‌‌के मुहावरे का प्रयोग ‌‌‌किया गया । इस तरह से आप समझ गए होगे की मुहावरे का अर्थ क्या है।

अंत भला तो सब भला मुहावरे पर निबंध || ant bhala to sab bhala, essay on idiom in Hindi

दोस्तो ऐसा माना जाता है की अगर कोई बुरा कार्य हो रहा है और फिर उस कार्य का अंत हो जाता है तो यह कहा जाता है की अंत भला तो सब भला । अगर कोई बिमार है व उसे देखने मे ऐसा लगता है की इसी मृत्यु अब होकर रहेगी । और उसकी मृत्यु न होकर वह वापस सही हो जाता है तो यही ‌‌‌ कहते है की अंत भला तो सब भला ।

यानी अंत मे यह ठिक हो गए तो सभी अच्छा हो गया है । जिस तरह से गाव के लोग दानव से मुक्त हो गए । आज का समय ही ऐसा है की कभी बुरा होता है तो कभी अच्छा होता है । मगर जब बुराई आती है तो सब दुखी हो जाते है और अच्छाई को कोई याद नही करता है । बुराई आने पर ही हम ‌‌‌अच्छाई की किमत समझते है ।

अगर बुराई नही होती तो हम लोग अच्छे दिनो को कभी याद भी नही करते । मगर जब उस बुराई का अंत हो जाता है तो ऐसा माना जाता है की अब तो सब अच्छा ही अच्छा होगा । इसी लिए कहा जाता है की अंत भला तो सब भला । इस तरह से आप समझ गए होगे की अंत भला तो सब भला किसे कहते है ।

‌‌‌अंत भला तो सब भला मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || ant bhala to sab bhala, what is the meaning of the idiom in Hindi


अभी तक हमने इस लेख में अंत भला तो सब भला मुहावरे के बारे में अच्छी तरह से जाना है । मगर अब भी आपको मुहावरा समझ में नही आया है तो फिर एक बार आपको समझाने के लिए हम तैयार है ।
दरसल अंत भला तो सब भला इस कारण से कहा जाता है की जब किसी कार्य के ‌‌‌कारण से काफी अधिक हानि हो रही होती है । तो उस कार्य का जब अंत हो जाता है तो इसे अच्छा कहा जाता है । जैसे की आपको यह समझाने के लिए मेरे मित्र का एक उदहारण लेता हूं ।


दरसल मेरा जो मित्र है उसका नाम रमेश है । और वह वाहन चलाने का काम करता है । उसने एक बार ऐसे कार्य को हाथ में ले लिया था जिसे ‌‌‌पूरा करने के लिए उसे काफी समस्याओ का समाना हो रहा था । और काफी अधिक धन हानि भी हो जाती है । उस कार्य के कारण से वह धन जीतना कमा पाता था उससे अधिक तो उसने हानि देख ली थी । मगर काफी समय के बाद में वह काम पूरा हो जाता है । तो उसने कहा की अंत भला तो सब भला । मतलब वह कहता है की जब यह कार्य पूरा ‌‌‌हो गया है तो सब अच्छा हो चुका है । क्योकी कार्य का अंत ही काफी होता है । चाहे फिर इसमें कितनी भी हानि क्यो न हुई हो ।


इसे आप इस तर हसे समझ सकते है की जब किसी राक्षस का अंत हो जाता है तो सभी कहते है की यह अच्छा हुआ है । वह यह नही सोचते है की राक्षस के कारण से क्या क्या सहना पड़ा था । ‌‌‌बस अंत हो गया तो सब कुछ अच्छा हो गया । और यही कारण है की कहा जाता है की अंत भला तो सब भला जिसका मतलब होता है यदी कार्य का अंत अच्छा होता है तो सब अच्छा होता है ।

अंत भला तो सब भला को आसान शब्दो में समझे

दोस्तो मानव जीवन में बहुत कुछ ऐसा होता है जो की मानव के लिए बुरा बनता जा रहा है । अगर हम कोई काम कर रहे है तो कभी कभार कुछ ऐसे काम हाथ में ले लेते है जो की हमारे लिए काफी बुरे होते है और ऐसे कार्यों को मानव को जल्दी से अंत कर देना चाहिए ।

मतलब ऐसे जो भी कोई कार्य होता है तो उसका अंत कर देना ही अच्छा होता है । जैसे की आपको पता है की आप जो काम कर रहे हो उसमें आपको नुकसान पर नुकसान होता जा रहा है तो ऐसे में अगर आप उस कार्य का अंत कर देगे तो ज्यादा नुकसान से बच जाएगे और यह आप समझ सकते है ।

तो इस बात से आप क्यों नही कहेगे की यदी कार्य का अंत अच्छा होता है तो सब अच्छा होता है । और इसी को ही अंत भला तो सब भला कहा जाता है ।


आशा है की आप इस मुहावरे को समझ चुके है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।