दूधो नहाओ पूतो फलो का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

दूधो नहाओ पूतो फलो मुहावरे का अर्थ dudho nahao puto falo muhavare ka arth – धन और संतान प्राप्त का आशीर्वाद देना ।

दोस्तो आपने अक्सर देखा होगा की जब नई दुल्हन किसी घर में आती है तो उसे बाकी की महिला जो की उससे उम्र में काफी बड़ी होती है तो वह कहती है की दूधो नहाओ पूतो फलो ‌‌‌कहती है । तो दोस्तो यह एक तरह का आर्शिवाद होता है । जिसमें कहा जाता है की भविष्य में आप दुध से नहाने और और संतान सुख भोगने का एक सुखी अवसर प्राप्त हो ।

यानि दूधो नहाओ का अर्थ होता है की दुध से नहाना और दूध से नहाने का मतलब है की धन संपत्ति की अधिकता होना और पूतो फलो का मतलब होता है पुत्र ‌‌‌को पालने का अवसर मिलना ।

तो इस तरह से दूधो नहाओ पूतो फलो का अर्थ होता है धन और संतान प्राप्ती का आशीर्वाद देना ।

दूधो नहाओ पूतो फलो का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

‌‌‌दूधो नहाओ पूतो फलो मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

  • जब किसन के विवाह को एक महिना बित गया तो जब भी किसन की पत्नी अपने से बडी महिला के पैर छुती तो सभी कहती की दूधो नहाओ पूतो फलो ।
  • घर में आई नई बहु को सभी दूधो नहाओ पूतो फलो का आर्शिवाद देने लगे । ‌‌‌
  • कंचन जब अपनी सांस के पैर लगती है तो उसकी सांस उसे कहती है दूधो नहाओ पूतो फलो ।
  • महारे गांव में एक वृद्ध ‌‌‌औरत है जो जिस भी स्त्री को दूधो नहाओ पूतो फलो आ आर्शिवाद दे देती है उसके वैसा ही होता है ।
  • ‌‌‌जब ममता के ससुराल की एक वृद्ध औरत ने उसे दूधो नहाओ पूतो फलो कहा तो ममता ने कहा की अभी तो ऐसा नही होगा क्योकी हमने इस बारे में सोचा नही है ।
  • महेश्वरी का विवाह हो गया मगर वह नोकरी की तैयारी कर रही थी और आस पड़ोस की सभी महिला उसे दूधो नहाओ पूतो फलो का आर्शिवाद दे रही थी।
  • जब सभी ने सरोज को ‌‌‌दूधो नहाओ पूतो फलो का आर्शिवाद दिया तो सरोज को काफी अच्छा लगा ।

दूधो नहाओ पूतो फलो मुहावरे पर कहानी

दोस्तो आज के समय में यह तो आपको पता ही है की इस मुहावरे का कहां पर प्रयोग होता है । दरसल इस मुहावारे का किसी ऐसी स्त्री के लिए प्रयोग में लाया जाता है जिसका विवाह हो चुका है और उसके गर्भ ‌‌‌से किसी संतान का जन्म नही हुआ है । तो ऐसी ही कुछ हमारी कहानी है कृपा पूरे पढ़े और फिर हमे बताए की आपको कहानी कैसी लगी ।

दोस्तो अभी के लगभग 90 वर्षों पहले की बात है मैरे दादा मुझे और अपने आस पड़ोस के लोगो को बताया करते थे की जब मैं छोटा था यानि मेरे दादा छोटे थे उस समय एक महिला हुआ करती ‌‌‌थी जो की काफी वृद्ध थी । आपकी जानकारी के लिए बता दे की वह महिला भगवान राम की अच्छी पूजा करती थी और उनके घर में कोई और नही था । न जाने कैसे उस महिला का घर चल जाया करता था ।

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मगर सभी को एक बात ने काफी चौंका रखा था की महिला जैसा कहती थी उसके जैसा हो जाता था । न जाने उसके पास कौनसी शक्ति थी ‌‌‌जिसके कारण से वह अगर किसी को ऐसा कुछ कहती थी तो वैसा ही होता था ।

दरसल इसी तरह की बात है दादाजी ने बताया की हमारे पड़ोस में ही एक रामलाल नाम का युवक रहा करता था । जिसका विवाह अभी अभी हुआ था । जिसके कारण से सभी खुश थे । मगर जैसे जैसे समय बितता जा रहा था सभी की खुशियां दूर हो रही थी । इसका ‌‌‌एक कारण था ।

क्योकी समाज में विवाह के बाद में बच्चे के बारे में अधिक प्रशन बनने लग जाते है । यानि जैसे ही विवाह हुआ और एक वर्ष हो जाता है और महिला के गर्भ से किसी बच्चे का जन्म नही होता है तो सभी के मन में यह प्रशन आने लग जाता है । और उसी तरह से रामलाल के साथ हुआ था ।

दरसल रामलाल की जो ‌‌‌पत्नी थी उसके गर्भ से किसी बच्चे का जन्म नही हुआ था । जिसके कारण से रामलाल और उसकी पत्नी काफी परेशान रहते थे । और यही परेशानी रामलाल की माता के पास थी । अब ऐसा हो रहा था तो रामलाल के घर में जो भी महिला आती तो वह रामलाल की पत्नी को एक ही बात कहती थी की दूधो नहाओ पूतो फलो ।

और यह सुन कर ‌‌‌उन्हे खुशी भी होती थी और दूख भी होता था । अब खुशी इस बात की थी की सभी उन्हे एक आर्शिवाद देते थे और आर्शिवाद देना अच्छा होता था । और दुख यह था की उसके गर्भ से किसी बच्चे का जन्म नही हुआ था ।

इसी तरह से समय बिता रहा था मगर एक दिन एक महिला रामलाल के घर पर आती है और वह रामलाल की माता को ‌‌‌कहती है की अगर हमारे गांव की वह वृद्ध महिला किसी को ऐसा कह देती है की दुधो नहाओ पूतो फलो तो उसके यहां पर सब ऐसा ही होता है  । मगर समस्या यह थी की वह कोई भी वृद्ध महिला के पास जाकर ऐसा कहने को नही कह सकते थे । क्योकी अगर ऐसा कहा जाता था तो बिल्कुल ऐसा होता नही था ।

अगर वृद्ध महिला ऐसा कुछ ‌‌‌स्वयं घर आकार और अपने मुंख से कह देती थी तो ऐसा ही होता था । मगर यह बात ज्यादा रामलाल की माता के काम नही आई थी । समय इसी तरह से बित गया और रामलाल के विवाह को दो वर्ष हो गए । तभी एक दिन की बात है रामलाल के घर में वह वृद्ध महिला आती है । और उस समय रामलाल की पत्नी के अलावा घर में कोई और था नही।

‌‌‌और रामलाल की पत्नी को इस महिला के बारे में कुछ पता नही था । मगर फिर भी रामलाल की पत्नी ने देखा की वृद्ध महिला घर आई है तो उसकी अच्छे से सेवा की । जिसके कारण से वृद्ध महिला ने रामलाल की पत्नी से पूछा की बेटा क्या तुम मुझे जानती हो । तब रामलाल की की पत्नी ने कहा की नही मैंने पहले कभी ‌‌‌आपको नही देखा था ।

इसका यह भी कारण था की वह वृद्ध महिला अपने घर से कम ही निकलती थी  । रामलाल की पत्नी की बात सुन कर वृद्ध महिला अंदर से खुश हो गई  । और कुछ समय बात करने के बाद में जाने लगी । तो वृद्ध महिला ने रामलाल की पत्नी से कहा दूधो नहाओ पूतो फलो । और इतना कह कर वह वहां से चली गई ।

दूधो नहाओ पूतो फलो मुहावरे पर कहानी

‌‌‌जब कुछ समय के बाद में रामलाल की माता घर आती है तो रामलाल की पत्नी अपनी सांस को सारी बात बताती है । जिसे सुन कर रामलाल की सांस ने अपनी बहु यानि रामलाल की पत्नी से कहा ‌‌‌की बेटा यह एक ऐसी महिला है जो की जिसको भी यह आर्शिवाद दे देती है उसके जीवन में खुशिया आ जाती है ।

और इसी तरह से हुआ पूरे के पूरे नो महिनो के बाद में रामलाल की पत्नी के गर्भ से केवल बच्चे का ही जन्म नही हुआ बल्की रामलाल का एक अच्छा सा काम लग गया था । कहने का अर्थ है की रामलाल को एक अच्छा ‌‌‌काम मिल गया । जिसके कारण से घर में धन संपत्ति बढने लगी । और इसी के साथ साथ रामलाल की पत्नी से एक पुत्र का जन्म हुआ यह सब देख कर सभी खुश हो गए । और यहां तक की आस पास के लोग भी खुश थे ।

मगर जैसे ही बच्चे का जन्म हुआ सभी उस वृद्ध महिला के पास जाकर उसे भौजन और पहनने के कपड़े देकर आते है । ‌‌‌क्योकी उनका मानना था की यह केवल उसी महिला के कारण से हुआ है । हालाकी ऐसा रामलाल के साथ ही नही हुआ था बल्की ऐसा गाव के बहुत से लोगो के साथ हो चुका था । जिसके कारण से सभी उस महिला को काफी चमत्कारी मानते थे । हालाकी यह चमताकर था या फिर भगवान राम की भग्ति की शक्ति थी यह तो उन्ही को पता होगा।

‌‌‌इस तरह की एक घटना मेरे दादाजी के जीवन के समय घटती रहती थी । और एक बार उन्होने इस बारे में मुझे बताया था । और आज मैंने आपको यह बता दिया है ।

तो दोस्तो दुनिया में कई तरह के चमत्कार होते है । अगर आप भगवान में विश्वास करते हो तो इन चमत्कारो में भी विश्वास करना होगा । क्योकी आपको पता होना ‌‌‌चाहिए की भगवान एक शक्ति होती है और शक्ति से ही चमत्कार होते है । तो इस कहानी में उस वृद्ध महिला के दूधो नहाओ पूतो फलो कहने पर चमत्कार होते रहते थे ।

‌‌‌दूधो नहाओ पूतो फलो मुहावरे पर निबंध

दोस्तो आपको पता है जब कोई ऐसी महिला जिसके गर्भ से अभी तक संतान की प्राप्ति नही हुई है वह महिला अपने से बड़ी महिलाओ के पैर छूती है तो उन महिलाओ के द्वारा कहा जाता है की दूधो नहाओ पूतो फलो ।

आपकी जानकारी के लिए बात दे की यह एक तरह का आर्शिवाद होता ‌‌‌है । और आपको पता है की भारतिय लोगो का आर्शिवाद देने का तो काम ही होता है । अब रही बात यह की इसका मतलब क्या होता है ।

दूधो नहाओ पूतो फलो मुहावरे पर कहानी

तो दोस्तो आपको एक बार दूधो नहाओ पूतो फलो को ध्यान से पढना चाहिए । और समझना चाहिए की इसका अर्थ क्या हो सकता है । जैसे की दूधो नहाओ यानि दूध से स्नान करना । और आपको पता ‌‌‌होना चाहिए की आज के समय में दूध कितना महगा हो गया है । और दूध अगर सस्ता है तो भी वह काफी महत्वपूर्ण होता है । और हिंदू धर्म में तो इसे काफी अधिक से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है । क्योकी शिव की शिवलिंग पर दूध चढता है ।

‌‌‌और मनुष्य के जीवन की महत्वपूर्ण वस्तु की बात करे तो वह धन और संपत्ति ही होती है । और इस तरह से यहां पर दूधो नहाओ यानि दूध से स्नान करने का मतलब है की धन और संपत्ति प्राप्त करो । इस बाद में मुहावरे मे कहा जाता है पूतो फलो ।

तो आपको पता होना चाहिए की पूतो का मतलब है पुत्र और फलो का मतलब ‌‌‌है पालना । तो इस तरह से कहा जाता है की पुत्र का पालन करो । तो जब संतान का जन्म होगा तभी तो उसका पालन किया जाएगा । तो यह एक आर्शिवाद है । जिसका मतलब है की भविष्य में आप धन और संतान की प्राप्ति करो । तो इस तरह से यह एक आर्शिवाद होता है ।

आपकी जानकारी के लिए बता दे की महिलाए तो इस मुहावरे ‌‌‌के अर्थ को अच्छी तरह से जानती है । मगर जब बात पुरुषो की होती है तो बहुत ही ऐसे पुरुष होते है जो की इसक अर्थ को जानते है । शायद जिनका विवाह हो चुका है वे ही इसके अर्थ को जान सकते है । बाकी बचे अविवाहित लड़के या पुरुष तो उनमें से बहुत अधिक आपको ऐसे देखने को मिल जाएगे की उनको इस अर्थ के बारे ‌‌‌में पता नही है ।

मगर आपको किसी तरह की टेंशन लेने की जरूरत नही है । क्योकी हमने इस मुहावरे को पूरी तरह से आपको समझा दिया है ।

आशा है की हमारा मुहावरा आपको पसंद आया होगा ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।