नानी याद आना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

नानी याद आना मुहावरे का अर्थ nani yaad aana muhavare ka arth – बहुत अधिक घबरा जाना

दोस्तो जब भी कोई व्यक्ति किसी मुसीबत मे होता है तब उस व्यक्ति को अपनी मां याद आ जाती है । पर जब कभी मुसीबत बडी होती है तब वह व्यक्ति अपनी मां को याद न कर कर अपनी मां की मां को याद ‌‌‌करता है । जिसके कारण से उसे लगता है की मां की मां यानि नानी इस मुसीबत से घुटकारा दिला देगी ।

क्योकी मुसीबत इतनी बडी है की वह व्यक्ति इतना अधिक घबरा जाता है की अपनी नानी को ही याद करने लग जाता है । इस कारण से ही नानी याद आने का अर्थ बहुत अधिक घबरा जाना होता है।

नानी याद आना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

‌‌‌नानी याद आना मुहावरे का अर्थ Use in sentence

  • चोरी करते हुए पकडे जाने के कारण रामू को इतनी मार पडी की उसे नानी याद आ गई ।
  • जब पिताजी को पता चला की बेटा सराब पीता है तो उन्होने बेटे को इतना मारा की उसे नानी याद आ गई ।
  • रात को रास्ते से जाते जब रमेश ने डरावनी आवाज सुनी तो उसे नानी याद आ गई ।
  • ‌‌‌राहूल उन गुंडो के साथ मजाक कर रहा था जिसके कारण से उन गुंडो ने उसे इतना पीटा की उसे नानी याद आ गई ।
  • खून करने के कारण पुलिस ने हत्यारे को इतना टोरर्चर किया की उसे नानी याद आ गई ।
  • अंधेरे मे ख्यालचंद ने सफेद कपडे ‌‌‌पहने अपने भाई को देखा तो डर के मारे उसे नानी याद आ गई ।
  • ‌‌‌पलवान ने जब राजेश को पकड पकड कर पीटा तो उसे नानी याद दिला दी ।

‌‌‌नानी याद आना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

किसी समय की बात है किसी नगर मे एक धनवान सेठ रहा करता था । सेठ के पास धन दोलत की कोई कमी नही था । उसके दो बेटे थे जो सेठ का सारा काम देखा करते थे । सेठ ने आस पास के गावो मे भी अपनी पहचान बना रखी थी ।

क्योकी आस पास के गाव मे भी उसकी अनेको तरह की दुकाने थी । जिसमे ‌‌‌सेठ तरह तरह का समान रखा करता था । जिसके कारण से जब भी किसी व्यक्ति कोई समान चाहिए होता तो वह सेठ की दुकान से ही लाता था । इस तरह से सेठ ने अपना विशाल कार्य स्थापीत ‌‌‌कर रखा था ।

जिसके कारण से ही उसके पास धन प्राप्ती होती रहती थी । सेठ ने अपने घर मे गायों का एक पशुपालन खोल रखा था । जिसमे तरह ‌‌‌तरह के पशु रहा करते थे जैसे गाय, बकरी , भैस इस तरह के पशुओ के कारण से सेठ को रोजाना बहुत अधिक दुध की प्राप्त हो जाया करती थी ।

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जिसे सेठ आस पास के गावो मे भेज देता था और वह स्वयं भी खा लिया करता था । इसी तरह से जब भी सेठ ‌‌‌का बेटा सुबह ‌‌‌उठता तो वे सबसे पहले एक लिटर गाय का दुध पिते थे । ‌‌‌इसके बाद मे वे दोनो अपने खेतो मे काम करने के लिए चले जाते थे ।

इस तरह से उन दोनो का काम करने का एक ही कारण था की उनका शरीर सही तरह से बना रही । क्योकी काम करने के कारण से ही हर किसी का शरीर ताकतवर बना रहता है । इस तरह से सेठ के पास और भी बहुत खेत थे जिनमे सेठ मजदूर रखता था ।

उन मजदूरो मे सही ‌‌‌एक सेठ का वफादार फुलाराम था । फुलाराम छोटी सी उम्र ‌‌‌से उनके पास काम करता आ रहा था । इस कारण से सेठ को विश्वास था की यह मेरे साथ कभी भी गदारी नही कर सकता है ।

इसी कारण से सेठ उसे अपने घर का ही सदश्य मानता था । जिसके कारण से सेठ उसे खेतो की कमाई का हिसाब किताब रखने देता था । ‌‌‌इसी तरह से फुलाराम भी सेठ की वफादारी किया करता था । और वह हिसाब किताब मे जरा भी उच निच नही होने देता था ।

इसी तरह से फुलाराम को सेठ के पास काम करते हुए बहुत समय हो गया था । तब एक दिन की बात है फुलाराम बिमार हो गया था जिसके कारण से ‌‌‌वह अपने स्थान पर अपने बेटे को काम पर भेजने लगा था ।

‌‌‌फुलाराम का बेटा पढा लिखा था जिसके कारण से वह भी वहा पर हिसाब किताब करने लगा था । इसी तरह से उसे भी सेठ के पास काम करते हुए एक वर्ष हो गया था ।

तब एक दिन सेठ ने उस पर विश्वास कर कर उसे खेत मे काम करने वाले मजदूरो को पैसे देने के लिए पैसे दे दिए । तब सेठ ने फुलाराम के बेटे को इतने ‌‌‌पैसे दिए की वह देखते ही दंग रह गया । क्योकी उसने कभी भी इतने पैसे नही देखे थे ।

उस समय पैसे देखने के बाद उसके मन मे तरह तरह की हलचल चलने लगी थी । इसी तरह से फिर उसे पैसो का लालच आ गया और उसने उन मजदूरो को पैसे कम दिए और हिसाब किताब मे पैसे ज्यादा लग गए है ऐसा दिखा दिया ।

इस तरह से फिर ‌‌‌फुलाराम का बेटा प्रतिवर्ष इसी तरह से हिसाब किताब मे उपर निचे करने लगा था । इस तरह से सेठ से गदारी से करते हुए उसे पांच वर्ष हो गए थे । तब एक दिन सेठ के बेटो को उसके बारे मे पता चल गया । जिसके कारण से उन्होने तुरन्त अपने पिता को यह बात बताई ।

तब सेठ फुलाराम के बेटे के बारे मे जान कर क्रोधित ‌‌‌हो गया । और उसने अपने बेटो को उसे मार पिट कर अपने पा लाने को कहा । अपने पिता की बात मान कर सेठ के दोनो बेटे फुलाराम के बेटे को मारने लगे ।

तब उन दोनो ने उसे इस तरह से मारा की फुलाराम के बेटे को नानी याद आ गई और अपनी गलती के लिए क्षमा मागने लगा था । तब ‌‌‌वे दोनो फुलाराम के बेटे को अपने पिता के ‌‌‌सामने ले गए ।

‌‌‌नानी याद आना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

तब सेठ ने देखा की मेरे बेटो ने तो इसे बहुत बुरी तरह से मारा है । तभी फुलाराम सेठ के पास आ गया था क्योकी उसे भी इस बारे मे पता चल गया । अपने बेटे की इतनी बुरी हालत देख कर फुलाराम भी बहुत घबरा गया और वह भी डर के मारे अपने बेटे की गलती के लिए क्षमा मागने लगा ।

जब फुलाराम ने सेठ से ‌‌‌क्षमा मागी तो सेठ को दया आ गई और उसने फुलाराम से कहा की इस गदार को मेरे सामने फिर कभी मत लाना इतना कह कर फुलाराम को और उसके बेटे को वहा से जाने के कह दिया था ।

इस तरह से फुलाराम अपने बेटे को अपने घर ले जा रहा था । जिसे गाव के लोग देख कर बात कर रहे थे की इसने सेठ के साथ गदारी की थी । जिसके कारण ‌‌‌से सेठ ने इसे नानी याद दिला दी । इस तरह से फिर जब फुलाराम का बेटा सही हो गया तो वह लोगो से नजरे भी नही चुरा था ।

 जिसके कारण से उसे अपना गाव छोडकर जाना पडा । इस तरह से फिर उसने अपने गाव से दूर ही पूरा जीवन गुजारा । इस तरह से आपको इस कहानी से मुहावरे का अर्थ समझ मे आ गया होगा ।

नानी याद आना मुहावरे पर निबंध || nani yaad aana essay on idioms in Hindi

साथियों डर उस  चिड़िया का नाम है जो की अगर किसी पर आकर बैठ जाती है तो उसे इतना अधिक डर लगता है की मानो वह समझ तक नही पाता है की क्या करना है । अक्षर जब कोई भुतिया फिल्म देखता है तो उसे रात में भुत के सपने आते है और यह बहुत बार देखा गया है ।

जब वही भुत सपने से निकल कर सामने आ जाते है तो यह स्थिति कितनी डरावनी हो सकती है कल्पना करना भी आसान नही है और इस समय इतना अधिक डर लगता है की आप सोच तक नही सकते है और मानव काफी अधिक घबरा जाता है और अपने बचाव का तरीका नही देख पाता है ।

कहते है की इस तरह की स्थिति में मां की मां का ही तरीका काम आता है और जिसे हम नानी कहते है तो इसका मतलब हुआ की नानी उस समय याद आती है जब कोई व्यक्ति किसी कारण से बहुत अधिक घबरा जाता है और इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ भी बहुत अधिक घबरा जाना है और यह आप समझ चुके है ।

‌‌‌निचे ऐसे मुहावरों की लिंक दी गई है जो ज्यादातर काम मे लिए जाते है ।

तलवे चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

तीन तेरह करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बिजली गिरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाँत खट्टे करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मक्खन लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ओखली में सिर देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पीले करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चिकना घड़ा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँख लगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बीड़ा उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थूक कर चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक और एक ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थाली का बैंगन होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एड़ी चोटी का जोर लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक रगड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गुड़ गोबर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पौ बारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌पेट में दाढ़ी होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर खुजलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मैदान मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हां में हां मिलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाँतों तले उँगली दबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पत्थर की लकीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टांग अड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पाँव फूलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नमक मिर्च लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दंग रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।