4 दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

4 दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात मुहावरे का अर्थ chaar din ki chandni phir andheri raat muhavare ka arth कुछ समय का सुख और फिर दुख आना

दोस्तो आपने देखा होगा की जब भी किसी महफिल मे जाते है तो लोग बढ चढ कर दिखावा कर कर खुब रूपय पानी की तरह बाह देते है । जिसके कारण से कुछ समय तक तो सुख आ‌‌‌ जाता है फिर जब महफिल खत्म होने के बाद उन्ही पैसो को कमाने या उधार लिया हुआ चुकाने के लिए दिन रात एक कर देते है ।

जिसके कारण से फिर वे कष्टो के साथ कार्य करते है । इस तरह से कुछ समय तक तो सुख था पर फिर दुख आ जाता है इसी तरह से जब ‌‌‌किसी कारण से किसी व्यक्ति के साथ होता है तो इसे चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी ‌‌‌रात कहा जाता है ।

4 दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग chaar din ki chandni phir andheri raat muhavare ka vakya me prayog

  • रामलाल ने अपने पिता की छाया मे खुब ऐस किया पर उनके मरते ही रामलाल पर कष्टो का पहाड टुटने लगा इसे कहते है चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ।
  • राहुल को जब भी तनख्वाह मिलती है तब पार्टी करने लगता है और अगले ही ‌‌‌दिन से छोटी मोटी चिजो मे कंजूसी बरतता है इसे कहते है चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ।
  • पैसो के नशे मे रामू ने खुब ऐस किया पर जैसे ही पैसे खत्म हो गए तो बिचारे के पास खाने के लिए आनाज तक नही बचा यह तो वही बात हो गई चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ।‌‌‌
  • परमेश्वर के आजकल बडे ‌‌‌अच्छे दिन ‌‌‌चल रहे है तभी वह उछल कुद रहा है उसे पता नही चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ।
  • जब कभी खुशी आए तो ज्यादा उछलना नही चाहिए क्योकी चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ।
  • महेश जब 12 कलाश मे प्रथम आया तो उसके पिताजी ने उसे बाईक गिफ्ट मे दी तब वह बहुत खुश हुआ पर ‌‌‌एक माह ही बिता था की महेश का एक्सीडेंट हो गया तब उसे समझ मे आया की चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ।
  • अभी तुम्हारे अच्छे दिन चल रहे है तब तुम मुझसे ऐसे बात कर रहे हो जब तुम्हारे बुरे दिन आएगे तो मुझसे ही मदद मागोगे क्योकी चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ।

‌‌‌4 दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात मुहावरे पर कहानी 4 din ki chandni phir andheri raat muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक फकिरचंद नाम का सेठ रहा करता था । फकिरचंद नाम के अनुशार बहुत ही फकिर था । वह जो भी काम करता तो उससे पैसे मिलते तब वह उन पैसो से अपना पेट भरता और कुछ रूपय इकट्ठा करता था ।

क्योकी उसके घर में और कोई था नही ‌‌‌इस कारण से पैसे बहुत ‌‌‌आसानी से इकट्ठे हो जाया करते थे । जब पैसे काफी अधिक हो जाते तो फकिरचंद उन पैसो से एक लॉटरी की टिगट खरीदता था ।

इस तरह से उसे लॉटरी की टिगट खरीदते हुए चार वर्ष बित गए पर उसे अभी तक लॉटरी नही मिली थी । पर अगले वर्ष वह निराश हो गया था फिर भी ‌‌‌उसने एक बार और लॉटरी की टिगट खरीदने की शोची और टिगट खरीद ली ।

जल में रहकर मगर से बैर मुहावरे का मतलब और वाक्य में प्रयोग

तीन लोक से मथुरा न्यारी का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

आगे नाथ न पीछे पगहा का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

आसमान से गिरा खजूर में अटका मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नौ नकद, न तेरह उधार मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

इस बार फकिरचंद की लॉटरी लग गई जिसके कारण से उसके पास धन की कोई कमी नही रही । अब इतना धन हो जाने के कारण से फकरीचंद ने उस धन से अपने लिए एक हवेली खडी कर ली और उसमे नोकर चाकर रखने लगा और साथ ही वह काम करने के लिए नही जाता था ।

इसी ‌‌‌तरह से उसके स्वभाव मे पूरी तरह से बदलाव आ गया था । अब जो भी कोई उसके पास ‌‌‌जाता तो वह उससे सही तरह से बात भी नही करता था । क्योकी वह गाव का सबसे अमीर आदमी बन गया था ।

पर पैसा कितने दिनो तक टिका रह सकता है यह सभी को मालूम था पर फकिरचंद को इस बारे मे पता नही था । बल्की वह तो अपने आज के जीवन मे ‌‌‌आई खुशियों के कारण से उछल रहा था ।

इस तरह से उसे पूरा एक वर्ष बित गया तब एक दिन गाव का एक आदमी उसके पास किसी कार्य मे मदद के लिए आया । तब फकिरचंद ने उस आदमी की बुरी तरह से बेइज्जती कर कर अपने घर से निकाल दिया ।

वह आदमी बहुत ही गरीब था पर अपनी बेईज्जती होते देख कर ‌‌‌उसने फकिरचंद को कहा की आज ‌‌‌तुम्हारे अपने जीवन मे पैसे होने के कारण से ‌‌‌तुम उछल रहे हो पर तुम्हे पता नही चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात

इस तरह से कहने पर फकिरचंद को कुछ समझ मे नही आया था । इस बात को 6 माह ही बिते थे की फकिरचंद के पास जो धन था उसमे कमी होने लगी थी । फिर भी फकिरचंद अपने आप मे मस्त रहता था ।

इस तरह से ‌‌‌जब उसका जीवन दो महिने तब और चला तो उसके पास जो धन था वह ‌‌‌सब खत्म हो गया । अब उसके पास हवेली के अलावा कुछ नही रहा था । इस तरह से अपने पैसो पर अपना जीवन गुजारने के कारण से उसे गरीबो की तरह जीवन गुजारने मे परेशानी होने लगी ।

इस कारण से उसने अपनी हवेली को भी गिरवी रख दिया और अपना जीवन गुजारने ‌‌‌लगा और कुछ पैसो से लॉटरी की टिगट फिर से खरीदनी चालू कर दी । पर अब उसकी लॉटरी लग नही रही थी और उसके पास पैसे भी नही थी ।

इस कारण से एक महिने के बाद मे उसकी हवेली भी बिक गई । अब उसकी हालत पहले से भी खराब हो गई थी। क्योकी उससे काम कुछ हो नही रहा था और आराम से जीवन गुजार नही सकता था ।

‌‌‌जब वह आदमी फकिरचंद के पास गया (‌‌‌वह आदमी जो फकिरचंद से पहले मदद मागने के लिए गया था) तब उसने कहा की फकिरचंद मैने पहले ही कहा था की तुम आज अपने पैसो के कारण से अच्छी तरह से जीवन गुजार रहे हो पर आने वाले समय मे तुम्हारे पास पैसे भी नही रहेगे तो तुम पर कष्टो का छाया छा जाएगा ।

‌‌‌4 दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात मुहावरे पर कहानी 4 din ki chandni phir andheri raat muhavare par kahani

इस तरह से फिर फकिरचंद को समझ मे आ गया ‌‌‌की चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात । इसके बाद मे फिर फकिरचंद को ‌‌‌अपना जीवन फकिर की तरह ‌‌‌ही बिताना पडा । पर ‌‌‌अब जब कोई खुशी की बात होती तो वह खुश नही होता था बल्की अपने आने वाले दुखो के बारे मे सोचता था ।

इस तरह से वह अपना जीवन गुजारता न कभी सुख आने पर खुश होता और न दुख आने पर दुखी होता था । इस तरह से आपको ‌‌‌इस कहानी से समझ मे आ गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात मुहावरे पर निबंध chaar din ki chandni phir andheri raat muhavare par nibandh

साथियो आपने देखा होगा की जब पूर्णिमा आने लगती है तो पृथ्वी पर अधेरा खत्म होने लगता है और रोशनी छा जाती है । यानि पृथ्वी पर चांदनी छा जाती है । पर जैसे ही पूर्णामा खत्म होने ‌‌‌लगती है तो उसकी चांदनी भी खत्म होने लगती है और अमावश्या के निकट पहुचते पहुंचते अंधकार छा जाता है ।

इस तरह से चांदनी आने के बाद मे अंधेरी भी आती है । इसी तरह से सुख आने के बादमे दुख भी आते है । ‌‌‌इस तरह से मनुष्य के जीवन मे सुख आते है तो दुख भी आते है । इसी तरह से जब कभी सुख आने के बाद मे दुख आते है तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है यानि इसे चार दिन की चांदनी और फिर अंधरी रात कहा जाता है ।

4 दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of chaar din ki chandni phir andheri raa in Hindi

दोस्तो मुहावरे से यह तो समझ ही सकते है की चांदनी की बात की जा रही है जब सूर्य की रोशन न होकर रात के समय में चांद की रोशनी होती है और यह चांद की रोशनी कुछ ही समय के लिए होती है क्योकी दिन बितने के साथ ही अंधेरी रात आ जाती है जिसमे चांद की रोशनी नही होती है और यह आपको पता है ।

तो इस बात का मतलब हुआ की चांदनी कुछ ही दिनो की है और फिर अंधेरी रात चलती रहती है । और ऐसा माना जाता है की चांद की रोशनी ज्यादातर चार दिनो तक अधिक रहती है और यही कारण है की चार दिन की चांदनी कही गई है।

मगर वही पर अंधेरी रात बहुत दिनो की होती है। ठिक वैसे ही मानव के जीवन में सुख कुछ ही दिनो के होते है वही पर दुख काफी दिनो के होते है और इस बात से आप समझ सकते है की chaar din ki chandni phir andheri raat muhavare ka arth – कुछ समय का सुख और फिर दुख आना होता है ।

very very most important hindi muhavare

शेखी बघारना मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

शह देना का अर्थ, वाक्य मे प्रयोग व निबंध

नाक पर मक्खी न बैठने देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ठहाका लगाना का अर्थ और वाक्य व कहानी

दूध के दांत न टूटना मुहावरे का मतलब व वाक्य मे प्रयोग

पेट पर लात मारना का मतलब, वाक्य मे प्रयोग व निबंध

दबे पाँव आना मुहावरे का मतलब व वाक्य मे प्रयोग

दिल बाग बाग होना मुहावरे का मतलब व वाक्य और कहानी

आसमान टूट पडना मुहावरे का मतलब, वाक्य व कहानी

तिलमिला उठना मुहावरे का मतलब व वाक्य मे प्रयोग व निबंध

ठन ठन गोपाल का अर्थ, वाक्य मे प्रयोग और कहानी

जमीन पर पाँव न पड़ना का अर्थ, वाक्य व कहानी

जान के लाले पड़ना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दिन रात एक करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दुम दबाकर भागना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दिन में तारे दिखाई देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

छाती पर पत्थर रखना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चंपत हो जाना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ख्याली पुलाव पकाना का अर्थ, वाक्य व कहानी

गले का हार होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँच न आने देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कलेजा मुँह को आना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कलेजे पर साँप लोटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य ‌‌‌व कहानी

कलेजा ठंडा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आ बैल मुझे मार का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कान में तेल डालना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँख मारना मुहावरे का अर्थ, वाक्य व कहानी

आम के आम गुठलियों के दाम का अर्थ, वाक्य व कहानी

आसमान पर चढ़ना का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।