जंगल में मोर नाचा, किसने देखा का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

जंगल में मोर नाचा, किसने देखा मुहावरे का अर्थ jungle me mor nacha kisne dekha muhavare ka arth – गुणों का प्रदर्शन अनुपयुक्त स्थान पर करना

दोस्तो आज के समय मे ‌‌‌जिस व्यक्ति मे कोई गुण होता है वह व्यक्ति बहुत ही महाना समझा जाता है । ‌‌‌जिसके कारण से उस व्यक्ति के गुणों को हर कोई जानना चाहता है । इस कारण से वह दुसरो के सामने अपने गुणो को दिखाता है तब उसके गुणो के बारे मे लोगो को और अधिक पता चलता है।

परन्तु इसके विपरीत जब ‌‌‌ऐसे व्यक्ति अपना गुण किसी को न दिखा कर ‌‌‌अकेले मे उसे दिखाता है तब उन गुणो का कोई महत्व नही होता है । ‌‌‌इस तरह से कह सकते है की वह व्यक्ति अपने गुणों का प्रदर्शन अनुपयुक्त स्थान पर करता है । ‌‌‌इसी तरह से जब कोई व्यक्ति किसी कारण से अपने गुणों का प्रदर्शन अनुपयुक्त स्थान पर करता है तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

जंगल में मोर नाचा, किसने देखा का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

जंगल मे मोर नाचा, किसने देखा मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग jungle me mor nacha kisne dekha muhavare ka vakya me prayog

  • ‌‌‌महेश बहुत ही अच्छी अच्छी कविताएं लिखता है परन्तु गाव मे रहने के कारण से कोई भी उसके इस गुण को नही जानता है ‌‌‌यही है जंगल मे मोर नाचा किसने देखा ।
  • लालू को पता नही अकेले मे पहलवानी करने पर कोई भी उसे पहलवान नही समझेगा बल्कि अखाडे मे उतरना ही पडता है , वरना वही बात रह जाती है जंगल मे मोर नाचा ‌‌‌किसने देखा ।
  • चालूयादव ने अकेले ही अनेक हाथियो को मार गिराया परन्तु उसकी इस काला को किसी ने नही दिखा सच कहा जंगल मे मोर नाचा किसने देखा ।
  • भले ही तुम्हारे पास खजाना हो पर तुमने किसी को अभी तक अपना खजाना नही दिखाया जिसके कारण से कोई भी तुम्हारी बात पर विश्वास नही करेगा यही है जंगल मे ‌‌‌मोर नाचा किसने देखा ।
  • रामू को जितना ज्ञान है उतना गाव के किसी के पास नही है पर उसने किसी को इस बारे मे पता नही है यही है जंगल मे मोर नाचा किसने देखा ।
  • अगर इसी तरह से तुम अपने इस गुण को दबा कर रखोगे तो कोई फायदा नही होगा क्योकी ‌‌‌यह तो वही होगा जंगल मे मोर नाचा किसने देखा ।

‌‌‌जंगल मे मोर नाचा किसने देखा मुहावरे पर कहानी jungle me mor nacha kisne dekha muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक माली रहा करता था । माली बहुत ही सरल स्वभाव का था और ‌‌‌पक्षियों से बहुत प्रेम करता था । अगर कोई पक्षी उसकी फसल को नष्ट भी कर रहे होते तो माली उन्हे मारने के बारे मे नही सोचता था ।

बल्कि उनके लिए अलग से फसल तैयार ‌‌‌रखता था । इस तरह से वह रोजाना पक्षियों के लिए सब्जिया और अनाज अपने किसी स्थान पर रख देता था । जिसके कारण से पक्षी वहा पर आकर अनाज खाते और अपना पेट भर लेते थे ।

उस समय माली के गाव मे इतने अधिक पक्षी भी नही हुआ करते थे । जिसके कारण से सभी छोटे मोटे पक्षी माली के पास आते थे । इस तरह से उन पक्षियो ‌‌‌को माली से बिलकुल भी खतरा नही था ।

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इस कारण से पक्षी हर दम माली के साथ रहा करते थे । साथ ही जब भी माली किसी पक्षी को मुसीबत मे देखता तो उसकी मदद करने के लिए उसे अपने घर मे लेकर आ जाता था और उसकी मदद करता था । इस तरह से एक बार की बात है माली अपने ससुराल से अपने गाव मे आ रहा था ।

तभी उसे रास्ते ‌‌‌मे मोर मिला जो झाडियो मे फस गया था और उसका एक ‌‌‌पैर कट गया था । उस समय मोर के पैर से काफी अधिक रक्त बह रहा था। यह देख कर माली की आखो में आसु आ गए ।

तब माली ने उस मोर को झाडियो से बाहर निकाला और उसके पैर पर एक पट्टी बाध दी और फिर उसे अपने घर ले गया । घर जाते ही माली की पत्नी ने कहा की इस मोर ‌‌‌को क्या हुआ । यह इतना अधिक तडप क्यो रहा है तभी उसे मोर के पैर से रक्त बहता हुआ दिखाई दिया ।

यह देख कर माली की पत्नी उस मोर का इलाज करने के लिए तेल गर्म कर कर ले आई और हल्दी तेल मिलाकर उसके पेर पर पट्टी बाध दी थी । जिसके कारण से मोर के पेर से रक्त बहना बंद हो गया था । इस तरह से ‌‌‌तिन दिनो के बाद मे मोर पूरी तरह से ठिक हो गया था ।

इस कारण से फिर माली जब भी अपने खेत मे जाता तो वह मोर भी उसके साथ साथ चला जाता था । इस तरह से मोर फिर माली का साथ छोडने को तैयार भी नही था । जिससे मोर हमेशा माली की आखो के सामने रहा करता था ।

इस तरह से समय बितता गया और जब मोर पूरी तरह से ‌‌‌ठिक हो गया तो एक दिन मोर माली के साथ उसके खते मे गया । तब मोसम भी अचानक बदलने लगा था बरसात आने वाली थी जिसके कारण से मोर नाचने लगा था ।

यह माली ने देखा तो वह हक्का बक्का रह गया । क्योकी उसने इस तरह का नाच पहले कभी नही देखा था । जब इस बारे मे माली ने अपनी पत्नी से कहा तो माली की ‌‌‌पत्नी कहने लगी की आप झुठ बोल रहे हो मोर भी भला इतना अच्छा नाच सकता है क्या ।

इस तरह से माली की पत्नी को विश्वास नही हो रहा था तो माली ने मोर को नाचने को कहा । परन्तु अब मोर नही नाच रहा था । जिसके कारण से माली बहुत ही परेशान हो गया था । अगले दिन फिर मोर खेत मे नाचने लगा था । तब ‌‌‌फिर माली ने अपनी पत्नी को यह बात बताई तो उसे फिर यकिन नही हुआ था ।

तब माली को समझ मे आ गया की मोर जब तक अपना गुण दुसरो के सामने नही दिखाएगा तो लोग इसके गुण के बारे मे ‌‌‌किसी को पता नही चलेगा । इस तरह से फिर कई बार माली ने ‌‌‌मोर को नाचते देखा तो उसने अन्य व्यक्तियो को बताया तो वे कहने लगे की जंगल मे मोर नाचा किसने ‌‌‌देखा ।

यह सुनते ही माली समझ गया की गुणों का प्रदर्शन अनुपयुक्त स्थान पर हो रहा है । इस तरह से एक दिन माली ने योजना बनाई और कुछ लोगो को अपने खेत मे लेकर चला गया । तब मोर के लिए वापस वर्षा का मोसम बन गया इस कारण से वह नाचने लगा था ।

इस बार जब लोगो ने अपनी आखो से मोर को नाचते देखा तो सभी को ‌‌‌यकिन हो गया की मोर भी इतना अच्छा नाचता है । तब उन लोगो ने कहा की जंगल मे मोर नाचा किसने देखा । यानि अगर मोर अनुपयुक्त स्थान पर अपने गुण दिखाएगा तो कोई भी विश्वास नही करेगा ।

इस तरह से फिर माली ने धिरे धिरे मोर के बारे मे लोगो को बताना शुरू किया और लोग भी उसकी इस कला को जानने लगे थे । ‌‌‌जिसके कारण से मोर पर्शीद हो गया था और सभी मोर की इस कला के दिवाने हो गए थे । इस कारण से हर कोई उसकी इस कला को देखने के लिए दूर दूर से आने लगे थे ।

‌‌‌जंगल मे मोर नाचा किसने देखा मुहावरे पर कहानी jungle me mor nacha kisne dekha muhavare par kahani

मगर जो भी कोई पहले मोर के बारे मे कुछ सुनता तो वह यही कहता की अगर मोर हमारे सामने नही नाच रहा है तो उसका नाचना बेकार है यानि हमे क्या पता की मोर नाचता है की नही ।

इस तरह से पहले कोई भी मोर के नाचने के बारे मे विश्वास नही करता था । परन्तु अपनी आंखो से देखने पर सभी को विश्वास हो जाता था । इस तरह से आपको समझ मे आ गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

‌‌‌जंगल मे मोर नाचा किसने देखा मुहावरे पर निबंध jungle me mor nacha kisne dekha muhavare par nibandh

साथियो मोर का नाचना सभी को अच्छा लगता है इस कारण से हर कोई मोर का नाचना देखना चाहता है । परन्तु मोर ‌‌‌ऐकांत मे नाचने वाला प्रणी है इस कारण से वह किसी के सामने नही नाचता है ।

‌‌‌क्योकी जंगल ‌‌‌ऐकांत का स्थान है इस कारण से जब मोर जंगल मे नाचता है तो ‌‌‌उसे कोई नही देखता है । इस तरह से जब मोर को नाचता हुआ कोई नही देखता है तो उसके इस गुण ‌‌‌का कोई महत्व नही रहता । यानि लोग उसके इस गुण के बारे मे नही जानते है । क्योकी वह अपने इस गुण का प्रदर्शन अनुपयुक्त स्थान पर कर रहा है ।

इसी तरह से जब कोई व्यक्ति अपने गुणो का प्रदर्शन अनुपयुक्त स्थान पर ‌‌‌यानि किसी के सामने नही करता है तब इसे जंगल मे मोर नाचा किसने देखा कहा जाता है क्योकी दोनो बाते एक समान हो जाती है । इसी तरह से आपको इस मुहावरे के बारे मे बहुत कुछ पता चल गया होगा ।

जंगल में मोर नाचा, किसने देखा मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of jungle me mor nacha kisne dekha in Hindi

मोर का नाच अगर आपने देखा है तो कमेंट में बताना, और जिस किसी ने यह मोर का नाच देखा है उसे यह पता है की सच में मोर काफी अच्छा नाचता है और उसके पास इस तरह की नाच का एक अच्छा गुण है ।

और अपने इसी गुण के कारण से आज मोर बहुत ही अधिक प्रसिद्ध भी है और यह आपको पता होना चाहिए । अगर कभी आपके घर में मोर आता है और वह नाचता है तो उसकी इस नाच पर जरा गोर दे और देखे की मोर के पास कितना अच्छा गुण है ।

वैसे यह भी देखा जाता हैकी जब मोर नाचता है तो उसे देखने वाले लोगो की संख्या काफी बढ  जाता है । मगर वही मोर अगर जंगल में नाचता है तो उसे वहां पर देखने वाला कोई नही होता है और इसका मतलब हुआ की मोर अपने  गुणों का प्रदर्शन अनुपयुक्त स्थान पर कर रहा है और इसी बात से आप समझे की jungle me mor nacha kisne dekha muhavare ka arth – गुणों का प्रदर्शन अनुपयुक्त स्थान पर करना होता है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।