न रहेगा बाँस न बजेगी बांसुरी का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

रहेगा बाँस बजेगी बांसुरी मुहावरे का अर्थ na rahega baans na bajegi bansuri muhavare ka arth- झगडे या मुसीबत के मुल कारण को नष्ट कर देना ।

दोस्तो दो लोगो के बिच मे जब किसी कार्य को लेकर झगडा होने लगती है और उस झगडे का अंत नही आ रहा है तो उस झगडे को रोकने के लिए‌‌‌ उस कार्य को ही नष्ट कर देत है ‌‌‌जिसके कारण से झगडा हो रहा है । तब दोनो व्यक्ति झगडा नही करते है क्योकी जिस कारण से वे झगडा कर रहे थे वह कारण ही नही रहा ।

इसी तरह से जब बांसुरी को लेकर किसी के बिच मे झगडा होने लगे और फिर उस झगडे को रोकने के लिए बाँस के पेड को ही काट ‌‌‌दाया जाए ताकी बाँस न रहे और बासुरी को लेकर झगडा न हो । इस तरह से ये दोनो बाते एक ही होती है इसी कारण से जब मुसीबत के कारण को ही समाप्त कर दिया ‌‌‌जाता है । ‌‌‌तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाने लगा ।

न रहेगा बाँस न बजेगी बांसुरी का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

रहेगा बाँस बजेगी बांसुरी मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग na rahega baans na bajegi bansuri muhavare ka vakya prayog

  • साईकिल चलाने के दिए दो बच्चे लड रहे थे उन्हे लडने से रोकने के लिए राम साईकिल लेकर चला गया जिससे दोनो लडके चुप हो गए इसे कहते है न रहेगा बाँस न बजेगी बासुरी ।
  • ‌‌‌मां के सोने के हार को लेने के लिए दो बहने लड रही थी तब उसके भाई ने उस हार को सुनार को बेच दिया , न रहेगा बांस न बजेगी बासुरी ।
  • टिवी देखने के लिए दोनो भाई लड रहे थे तो उनके पिताजी ने उस टिवी को ही उठाकर उपर रख दिया इसे कहते है न रहेगा बाँस न बजेगी बासुरी ।
  • राजा ने पूरे ‌‌‌नगर मे आदेश दे दिया की कोई भी यहां बासुरी नही बजाएगा पर कुछ लोग नही माने तो अंत मे राजा ने बाँस के पेडो को ही नष्ट करवा दिया यही है न रहेगा बाँस न बजेगी बासुरी ।
  • जब राज्य मे जगह जगह चोरिया होने लगी तो राजा ने चोरो को अपना सेनिक बनाकर चोरो को ही नष्ट कर दिया जिसके कारण से राज्य मे फिर ‌‌‌कभी चोरी नही होती , न रहेगा बाँस न बजेगी बासुरी ।
  • राजकुमार ‌‌‌के बासुरी बजाने से परेशान होकर राजा ने बाँस के पेडो को ही उखाड दिया न रहेगा बाँस न बजेगी बासुरी ।

रहेगा बाँस बजेगी बासुरी मुहावरे पर कहानी na rahega baans na bajegi bansuri muhavare par kahani

‌‌‌प्राचिन समय की बात है किसी नगर में एक राजा रहा करता था । राजा बहुत ही धनवान और दयालू था । वह अपने राज्य मे कभी भी किसी को परेशान नही ‌‌‌देखना चाहता था । इस कारण से ‌‌‌वह राज्य के लोगो की हर समस्या सुलझाता रहता था ।

अगर कभी वर्षा न होने के कारण से राज्य के लोगो को फसल अच्छी नही ‌‌‌मिलती तो राजा ‌‌‌उनके इस दुख को दूर करने के लिए उनसे टेक्स लेने की बजाए अपने पास जो अनाजा होता मदद के लिए दे देता था । इसी तरह से जब वर्षा अधिक होती तो राजा लोगो से टेक्स के तोर पर फसल लेता था ।

इसी तरह से राजा अपने राज्य के लोगो की फसल खरीदता और फिर उस फसल को अन्य देश मे बेच कर अन्य देश की मुद्रा अपने देश मे लेकर आता था । ताकी उनका देश मजबुत होने लगे ।

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इसी तरह से कह सकते है की राजा बहुत ही दयालू और नेक दिल्ल था । एक बार की बात है राजा के राज्य मे अचानक चोरिया होने गली थी। ‌‌‌समय के साथ साथ राजा के राज्य मे चोरी की सख्या बढने लगी थी ।

जब इस बारे मे राजा को पता चला तो राजा को बहुत दुख हुआ की उसके राज्य का कोई भी व्यक्ति मुसीबत मे नही है फिर भी लोग चोरी कर रहे है । इस तरह से फिर राजा ने योजना बनाई की ‌‌‌उस चोर को कैसे ‌‌‌पकडा जाए ।

पर चोर अक्लमंद था इस कारण से वह राजा के हाथ नही ‌‌‌लगा था । चोर को इस तरह से पकडते हुए ‌‌‌बहुत समय बित गया पर चोर राजा के पकड मे नही आ रहा था । तब राजा ने सोचा की चोर बहुत ही अक्लमंद और चालाक है अगर मैं उस चोर को अपनी सेना मे भर्ती कर लूगा तो वह मेरे लिए फायदेमंद होगा जिससे न रहेगी बाँस और न बजेगी बासुरी ।

यह सोच कर राजा ने यह ‌‌‌ऐलान कर दिया की जो कोई इस राज्य मे चोरी करता है ‌‌‌वह बहुत ही अक्लमंद और चालाक है जिसके कारण से राजा उस चोर से बहुत प्रभावित हो गए है । इस कारण से राजा ने घोषणा की है की चोर को राजा अपनी सेना मे भर्ती करेगा ।

साथ ही यह भी कहा की चोर को राजा के पास आकर मिलना होगा । इस तरह का समाचार सुन कर उस राज्य के लोग चोक गए की राजा एक चोर को अपनी सेना मे ‌‌‌भर्ती ‌‌‌क्यो करना चाहता है । तब कुछ लोग सोचते की राजा जरूर उस चोर को पकडने के लिए ही ऐसा ऐलान किया है ।

पर कुछ लोग सोचते की राजा बहुत ही नेक आदमी है इस कारण से उसने जो ऐलान किया है वह सही किया है । इस तरह से अगले दिन राजा के राज्य से दस पंद्राह लोग राजा के महल मे आकर कहने लगे की मैंने चोरी की थी मैंने की ‌‌‌थी ।

इस तरह से बहुत लोग कह रहे थे तब राजा समझ नही पा रहा था की आखिर असली चोर कोन है । इस बारे मे पता लगाने के लिए राजा ने कहा ‌‌‌की मैं चोर के बारे मे पता लगा लूगा अगर फिर कोई चोर नही निकला तो मैं उसे सजा दूगा और चोर को ‌‌‌सैनिक बना दुगा ।

इस तरह से कहने पर पांच व्यक्ति राजा से माफी माग कर चले गए अब बाकी दस व्यक्ति ‌‌‌बच गए थे । जो कह रहे थे की मैं ही चोर हूं । इस तरह से फिर राजा ने उन सभी से कहा की उस कमरे मे अनेक लोग विशराम कर रहे है जिनके पास बहुत धन है अगर तुममे से किसी ने उनके पास जा धन चुरा लिया तो वही चोर है ।

इस तरह से फिर एक एक कर कर चोरी करने के लिए जाता पर वापस आ जाता था । इस तरह से जब ‌‌‌आखिर मे एक व्यक्ति बचा वह चोरी करने के लिए गया तब उसने पल भर मे सभी का धन चुरा लाया ।

यह देख कर राजा चोक गया क्योकी अब तक लोगो को पता चल गया था की कोई उनका धन चुराने के लिए आ रहा है फिर भी इस व्यक्ति ने चोरी कर ली ।

इस तरह से फिर राजा ने उसे ही चोर माना और उसे ही अपनी सेना मे भर्ती ‌‌‌कर लिया और बाकी लोगो को एक महिने तक महल मे काम करने की सजा मिल गई थी क्योकी वे राजा के न्याय मे बिच मे आ रहे थे । जब लोगो ने राजा से कहा की आपने एक चोर को नोकरी पर रख लिया उसे सजा क्यो नही दी ।

तब राजा ने कहा की वह चोरी इसी कारण से करता था क्योकी उसके पास समय पर खाने को नही आता था और जब ‌‌‌वह एक सेनिक बन ‌‌‌जाएगा तो उसे आराम से खाने को मिलेगा । इस कारण से फिर वह कभी चोरी नही करेगा ।

न रहेगा बाँस न बजेगी बासुरी मुहावरे पर कहानी na rahega baans na bajegi bansuri muhavare par kahani

तभी राजा के मंत्री ने कहा की यही है न रहेगा बाँस न बजेगी बासुरी । इस तरह से फिर लोगो को समझ मे आ गया की राजा बहुत ही अक्लमंद है उन्होने चोर के चोरी करने के कारण को ही खत्म कर दिया है ।

इसी तरह से हर समस्या ‌‌‌का निवारण करने के लिए राजा मुल कारण को नष्ट करता था । इस तरह से आपको समझ मे आ गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

न रहेगी बाँस न बजेगी बासुरी मुहावरे पर निबंध na rahega baans na bajegi bansuri muhavare par nibandh

साथियो आपने उपर दी गई कहानी मे पढा था की किस तरह से राजा ने एक चोर के चोरी करने के कारण को नष्ट कर दिया था । जिसके कारण से ‌‌‌फिर वह चोर चोरी नही करता था ।

उसी तरह से जब किसी कारण से दो व्यक्तियों मे लडाई होती है तब उस कारण को नष्ट कर देने को न रहेगा बाँस न बजेगी बासुरी कहा जाता है । इस तरह से इस मुहावरे के बारे मे आपको अच्छी तरह से पता चल गया होगा ।

न रहेगा बाँस न बजेगी बांसुरी मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of in Hindi

दोस्तो बांसुरी हमेशा से बांस की बनती है और यह आपको पता है । तो अगर यह बांसुरी को नष्ट करना है तो इसका एक ही तरीका हो सकता है जो की बांस को ही नष्ट कर देना होगा । मतलब अगर बांस नही होगा तो बांसुरी बनेगी नही और बांसुरी बजेगी नही । तो इस तरह से बांसुरी के मुल कारण को नष्ट किया जा रहा है ।

ठीक ऐसे ही अगर किसी दो लोगो के बिच मे किसी बात को लेकर झगड़ा होता है तो जब तक वह बात रहेगी तब तक झगड़ा शांत नही होगा । जैसे की मान लो की आपके और आपके मित्र को रास्ते में 50 रूपय मिल गए और दोनो इस बात को लेकर लड़ने लग गए की यह 50 रूपय मैं लूगा ।

मगर अचानक से जब यह 50 रूपय फट जाते है तो अपने आप झगड़ा खत्म हो जाता है । तो इसका मतलब हुआ की जब झगड़े का मुल कारण ही नष्ट हो जाता है तो झगड़ा नही होगा और इसी बात से आप समझ ले की मुहावरे का अर्थ झगडे या मुसीबत के मुल कारण को नष्ट कर देना होता है ।

‌‌‌ऐसे मुहावरों की लिस्ट की लींक निचे दी जा रही है जो बहुत बार अनेक स्थानो पर प्रयोग मे बाती है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।