जहाँ चाह वहाँ राह का मतलब और वाक्य व कहानी

जहाँ चाह वहाँ राह मुहावरे का अर्थ jahan chah wahan raah muhavare ka arth – ‌‌‌जिस कार्य को व्यक्ति अपनी दृढ इच्छा के साथ करता है तो उस कार्य के पूरा होने का रास्ता मिल ही जाता है ।

दोस्तो आज के समय मे मनुष्य के जीवन मे सभी कार्य उपयोगी है परन्तु उन कार्यो मे से कुछ ऐसे कार्य है जिसे मनुष्य अपना पुरा मन लगा कर करता है ‌‌‌। इस तरह से मन लगा कर काम करने के कारण से उस कार्य मे उसे सफलता मिलती है ।

मगर जिस कार्य मे उसका मन ही लगता उस कार्य मे वह सफल नही हो पाता है । इसी तरह से जब कोई मनुष्य अपने मन की इच्छा के कारण से कोई काम करता है और उसे उस कार्य ‌‌‌के पूरा होने का रास्ता मिल जाता है तब इसे जहाँ चाह वहाँ राह कहा जाता है ।

जहाँ चाह वहाँ राह का मतलब और वाक्य व कहानी

जहाँ चाह वहाँ राह मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग jahan chah wahan raah muhavare ka vakya me prayog

  • रामलाल बैंक मे नोकरी लगना चहता था तो उसने बहुत पढाई की और अंत मे नोकरी लग गया यही है जहाँ चाह वहाँ राह ।
  • अगर तुम्हारा कोई काम करने की इच्छा होगी तो तुम्हे वह काम करने का रास्ता अवश्य मिलेगा क्योकी जहाँ चाह वहाँ राह ।
  • ‌‌‌नटवरलाल ने अपने खेत मे आम के पेढ लागाने के लिए बहुत कोशिश की और अंत मे आम के पेड अच्छी तरह से लग गए जहाँ चाह वहाँ राह ।
  • आप लोगो को पता नही किसन ने किस तरह से पूरे मन के साथ काम किया और समय से पहले ही धनवान बन गया क्योकी जहाँ चाह वहाँ राह ।
  • पहाड के बिच से रास्ता काडने के लिए बलवंत ने पुरे मन ‌‌‌से काम किया और उसने रास्ता काड ही दिया यही है जहाँ चाह वहाँ राह ।
  • डाक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने दृढ इच्छा के साथ मिसाई बानानी शुरू की और अंत मे मिसाई बना ही दी यही है जहाँ चाह वहाँ रहा ।

जहाँ चाह वहाँ राह मुहावरे पर कहानी jahan chah wahan raah muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक राजा रहा करता था । राजा बहुत ही शांत स्वभाव का था । उसके घर मे उसकी पत्नी और दो बेटे रहा करते थे । राजा ने ऐसे गुरू से शिक्षा ली थी जो बहुत ही ज्ञानी थे और हर तरह की मुसीबत से निकलने के उपाय के बारे मे जानते थे ।

इसके अलावा उस गुरू को यह भी पता था की जीवन मे किसी कार्य मे सफल होने के लिए क्या करना चाहिए । यह गुरू अपना मंत्र ही मानते थे क्योकी वह अपने शिष्यो को यह बात बताता जिसके कारण से वे सफल हो सकते ।

क्योकी राजा इसी गुरू का शिष्य था इस कारण से उसे पता था की जीवन मे सफल होने के लिए क्या करना चाहिए ‌‌‌इस कारण से राजा जो भी कार्य करता तो वह ‌‌‌उसमे अपना पूरा जी जान लगा देता था । साथ ही अपनी सेना को भी इसी तरह से कार्य करने के लिए कहता था ।

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जिसके कारण से जब भी राजा के राज्य पर कोई वार करता तो राजा अपनी सेना को कहता की चाहे मुसीबत कितनी भी बडी हो अगर कोई चाहता है की हमरी ही जीत हो तो उसे अपनी ‌‌‌पूरी ताकत इस युद्ध को जीतने मे लगानी होगी और चाहे फिर सामने वाला कितना भी पावरफुल हो वह हार ही जाएगा ।

इस तरह से कहने के कारण से राजा की सेना मे जोस आ जाता और वह जोस के साथ अपना पूरा मन लगा कर युद्ध करते और सामने वाली सेना को पछाड देते थे । इसी तरह की एक बार की बात है । राजा अपने राज्य से बाहर ‌‌‌जा रहा था ।

इस कारण से उसने अपने दोनो बेटो को अपने पास बुलाया और अपनी सेना के सामने ऐलान कर दिया की जब तक मैं वापस नही आ जाता तक तक मेरा बडा बेटा आपका राजा और छोटा बेटा उसका मंत्री है ।

इस तरह से कहने के बाद मे राजा अपने बेटो से कहने लगा की बेटो मेरे जाने के बाद मे अगर कोई मुसीबत हो तो उससे ‌‌‌छुटकारा माने का एक ही रास्ता है । यह सुनते ही राजा के बेटो ने कहा की क्या है वह रास्ता ।

तब राजा ने कहा की अगर तुम किसी मुसीबत से सच मे छुटकारा पाना चाहते हो तो उसके लिए आपको पुरे मन के साथ काम करना होगा । इस तरह से कहते हुए राजा ने युद्ध का उदहारण दिया और कहा की अगर सभी युद्ध जितने ‌‌‌की ठान कर युद्ध करगे तो वह युद्ध जित ही जाएगा क्योकी जहाँ चाह वहाँ रहा

 इस तरह से कहने के कारण से राजा के दोनो बेटो को समझ मे आ गया । इतना कहने के बाद मे राजा अपने राज्य से रवाना हो गया था । जब राजा को अपने राज्य से गए हुए एक दिन हुआ तो अचानक उनके राज्य पर राजा हरीदास ने हमला कर दिया ।

जैसे ‌‌‌ही ‌‌‌हमले की खबर राजा के बेटो के पास पहुंची तो राजा के बेटो ने तुरन्त सभा बुलाई और कहा की आपको पता है की राजा ने कहा था की हमे दृढं इच्छा के साथ युद्ध को लडना है । तब जाकर हम युद्ध जीत सकते है । इतना कहने के बाद मे सेनापति बोल पडा की यह बात सभी को भली प्रकार से पता है ।

इस तरह से फिर सभी युद्ध ‌‌‌स्थल पर चले गए । वहां जाकर देखा तो सभी के छक्के छुट गए क्योकी सामने वाली सेना काफी अधिक विशाल थी । यह देखकर तो राजा के दोनो बेटो को भी लगा की वे युद्ध हार जाएगे । तभी सेनापति बोल पडा की राजा का कहा हुआ है की जब भी ऐसी परिस्थिति आए तो हमे पूरे मन के साथ और ताकत लगा कर युद्ध करना है ।

‌‌‌यह सुनने के बाद मे राजा की सेना आगे बढने लगी और धिरे धिरे सामने वाली सेना को पछाडने लगी । यह देख कर राजा के बेटो को भी जोस आने लगा और उन्होने युद्ध जितने के लिए अपनी ताकत और मन दोनो लगा दिए ।

इस तरह से रात्री होने से पहले ही युद्ध खत्म हो गया और राजा हरीदास वहाँ से भाग गया । इस तरह से फिर ‌‌‌राजा के दोनो बेटे और बाकी सेना युद्ध जीतने का जसन मानाने लगे थे । इस तरह से युद्ध जीत जाने के बाद मे राजा के दोनो बेटो को पता चल गया की जहाँ चाह वहाँ राह ‌‌‌होती है।

जहाँ चाह वहाँ राह मुहावरे पर कहानी jahan chah wahan raah muhavare par kahani

जब राजा अपने राज्य ‌‌‌मे आया तो उसे इस बारे मे पता चला तब वह भी बहुत खुश हुआ और अपनी गैरमौजूदगी मे सेना का ऐसा कार्य देख कर सभी को मुठ्ठी भर कर ‌‌‌सोना चांदी दिया।

इस तरह से फिर सभी को पता चल गया था की चाहे जो भी कार्य हो उसे करने की ठाल लने पर वह कार्य जरूर होता है । इस तरह से आपको भी पता चल गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

जहाँ चाह वहाँ राह मुहावरे पर निबंध jahan chah wahan raah muhavare par nibandh

साथियो इस मुहावरे को पढने से पता चलता है की जहाँ किसी कार्य को करने की ‌‌‌चाह होती है तो उस कार्य को करने का रास्ता निकल आता है । चाहे फिर वह कार्य कितना भी कठिन क्यो न हो ।

क्योकी आज कल सभी को पता है की जिस कार्य मे मनुष्य मन लगा लेता है तो वह कार्य जरूर पूरा होता है । इसका उदाहरण आज चारो ओर देखने को मिलता है क्योकी मनुष्य चांद तक भी पहुंच जाता है तो इस ‌‌‌पर जो कार्य हो रहे है उनमे तो वह सफल हो ही जाता है।

इस तरह से कह सकते है की ऐसा कोई भी कार्य नही है जो मनुष्य के लिए नामुमकिन हो । परन्तु उस कार्य को करने की इच्छा होनी बहुत जरूरी है । इसी तरह से जब कोई व्यक्ति पहाड को भी फोडने की ठान लेता है तो वह उस पहाड को फोड कर ही दम लेता है ।

यानि ‌‌‌पहाड जैसे विशाल को भी पल भर मे चकना चुर कर सकता है । इसका उदहारण विज्ञान मे बहुत है क्योकी विज्ञान के कारण से आज अनेक कार्य आसन हो गए है ।

अंत मे कह सकते है की मनुष्य के लिए कोई भी कार्य नामुमकिन नही है बल्की उन कार्य को करने के लिए दृढ इच्छा होनी जरूरी है । इस तरह से आप ‌‌‌जहाँ चाह वहां रहा के बारे मे अच्छी तरह से जान गए होगे ।

जहाँ चाह वहाँ राह मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of jahan chah wahan raah in Hindi

अगर आप किसी कार्य को पूरा करने की इच्छा रखते है और आपको पता नही है की वह कार्य कैसे पूरा करना है मतलब आपको किसी प्रकार का कोई रास्ता नजर नही आता है तो ऐसे में कहा जाता है की अगर आप मन से किसी कार्य को पूरा करने की इच्छा रखते है तो वह कार्य पूरा होने के लिए किसी न किसी तरह का रास्ता आपको जरूर मिल जाता है ।

जैसे की मान ले की आप अपने व्यापार में सफल होना चाहते है मगर यह कैसे होना है यह आपको पता नही है । मगर फिर भी सफल होने की आपकी चाह है और आप इसी चाह के कारण से दिन रात मेहनत पर मेहनत करते जा रहे है और यही पर इस मुहावरे का फिर वाक्य में प्रयोग किया जा सकता है ।

तो इस बात से आप यह समझ सकते है की jahan chah wahan raah muhavare ka arth – ‌‌‌जिस कार्य को व्यक्ति अपनी दृढ इच्छा के साथ करता है तो उस कार्य के पूरा होने का रास्ता मिल ही जाता है होता है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।