घोड़े बेचकर सोना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

घोड़े बेचकर सोना मुहावरे का अर्थ ghode bechakar sona muhaavare ka arth – निश्चिंत होना ।

साथियो कुछ लोग ऐेसे होते है जिनको कुछ भी काम दिया जाए ‌‌‌और उसे करने के लिए कह देते है पर उस काम को न कर कर वे आराम से अपना जीवन गुजार देते है और सोचते है की अभी तो बहुत Time पडा है उस काम को ‌‌‌करने के लिए और ऐसा ही सोचकर वे सोते ही रहते है।

ऐसे Peoples के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है और ‌‌‌ऐसा कहा जाता है की मैंने जो काम दिया था उसे तुम पूरा न कर कर घोडे बेच कर ‌‌‌सो रहे हो अर्थात उस work के बारे मे नही सोच रहे हो बिल्कुल निश्चित हो कर आराम कर रहे हो ।

घोड़े बेचकर सोना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

घोड़े बेचकर सोना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || ghode bechkar sona use of idioms in sentences in Hindi

‌‌‌अरे नायलायक उठ कर पढ ले कल तेरी परिक्षा है और तु अभी घोडे बेंच कर ‌‌‌सो रहा है ।

रमेश अभी तेरे पैपर पुरे नही हुए है जो तुम घोडे बेच कर ‌‌‌सो रहे हो ।

आज तो बहुत थक गया इस कारण रोजेश घोडे बेच कर सो रहा है उसे ‌‌‌जगाना मत ।

रमेश घोडे बेच कर जब सोता है तो चाहे उसे जगाने के लिए कुछ भी कर लो पर वह नही जागता ।

‌‌‌अब यह नही जागेगा यह घोडे बेच कर सो रहा है ।

घोड़े बेचकर सोना मुहावरे पर story || ghode bechkar sona story on idiom in Hindi

‌‌‌प्राचिन समय की बात है एक गाव मे एक बुडिया रहती थी उसके दो बेटे थे । दोनो बेटो मे से एक तो अपना काम अच्छी तरह से कर अपना पेट भरता था पर उसका एक बेटा बहुत ‌‌‌बडा आलसी था । बडे बेटे का नाम महेश था और छोटे बेटे का नाम रमेश था और रमेश ही आलसी था । बचपन मे ही दोनो भाई school मे पढने के ‌‌‌लिए जाते थे तो रमेश उसी समय से ऐसा करता था ।

वह पढाई न कर कर आराम से पडा रहता था अगर उसके पेपर भी चले रहे होते तो वह आराम से पडा रहता था जैसे मानो उसे पेपर पुरी तरह से याद हो । इसी कारण उसका भाई व मा कहती की बेटा अगर तुम इसी तरह से सोते रहे तो आगे बढकर क्या करोगे । पर उस समय वह किसी की भी नही ‌‌‌सुनता था और जैसा चल रहा था वेसा ही चलता रहा ।

इसी तरह से कुछ class तो उसने पास कर ली थी पर एक बार वह एक class मे फेल हो गया इस कारण वह बादमे विधालय भी नही गया । इसी तरह से आज भी रमेश को जो भी काम दिया जाए वह पुरा नही करता और आराम से सोता ही रहता है । रमेश का भाई महेश काम करने के लिए जाया करता था ‌‌‌

उसने रमेश को भी काम दिलाने की सोची इस कारण उसने अपने सेठ से बात कि और कहा कि सेठ जी मै चाहता हूं की आप मेरे भाई को भी यहा work पर लगा ले । सेठ भी उसके काम से खुश था उसने सोचा की इसके जैसा ही मेहनती इसका भाई होगा

ऐसा सोचकर सेठ ने महेश से कहा की ठिक है कल से तुम अपने भाई को work पर ‌‌‌लेकर आ जाना । महेश ‌‌‌यह सुनकर खुश हो गया और जैसे ही अपने घर गया तो अपनी बुड्डी मा व रमेश से कहा की brother कल से तुम भी मेरे साथ काम पर चलना । ऐसा सुनकर ही रमेश बोला की मुझे और काम कोन देगा ।

तब महेश ने कहा की मेरा सेठ तुम्हे भी काम पर रख लेगा और तुम्हे कल से शुबह जल्दी उठ कर ही जाना है इस कारण आज जल्दी ही ‌‌‌‌‌‌सो जाना । इसी तरह से वे दोनो brother खाना खाकर सो गए और जब शुबह हुई तो महेश तो अपने समय पर उठ गया था पर रमेश अभी भी आराम से सो रहा था ।

तब महेश ने अपनी मा से कहा की मां रमेश को जगा देना तकी वह भी मेरे साथ work करने के लिए चला जाए । उसकी मा रमेश को जगाने लगी तो रमेश को जाग नही आ रही थी । इस कारण ‌‌‌रमेश की मा ने महेश से कहा की बेटा यह तो घोडे बेच कर सो रहा है लगता है की यह नही उठेगा ।

तब महेश ने उसे जगाने की try की तो किसी तरह से वह उठ गया और उसे नहला कर वह अपने साथ सेठ के पास ले गया था । सेठ की बहुत shops थी तो सेठ ने एक shop मे रमेश को भी काम दे दिया । सेठ को लगा की महेश की ‌‌‌तरह ही उसका भाई है इस कारण सेठ रमेश को कभी कभी ही देखता था की वह काम करता है की नही ।

जब सेठ आता था तो रमेश work करने लग जाता था नही आराम करने लग जाता था। इस बारे मे सेठ को कुछ भी पता नही था । एक बार सेठ ने रमेश को कुछ work दिया और कहा की इसे कल तक पुरा कर देना । रमेश ने सेठ से कहा की ठिक है मै इस ‌‌‌काम को कर दुगा ।

इतना कह कर सेठ तो वहा से चला गया और पिछे से रमेश हमेशा की तरह ही उस work को न कर कर आराम करने ‌‌‌के लिए सो गया । जब Night होने लगी तभी भी वह rest कर रहा था । तभी सेठ वहा पर आया तो उसने देखा की ‌‌‌ ‌‌‌रमेश तो यहां सो रहा है । सेठ के बहुत प्रयास करने के बार रमेश को जाग आई तब सेठ ने  कहा की ‌‌‌मैने जो काम दिया ‌‌‌था वह पुरा हो गया क्या ।

घोड़े बेचकर सोना मुहावरे पर story

रमेश यह सुनकर कुछ भी नही बोला और सेठ के फिर से पुछने के बाद रमेश ने कहा की नही कल तक कर दुगा । तब सेठ को पता चल गया था की यह तो कोई भी काम करने के लायक नही है यह इसी तरह से आराम करता रहता है । तब सेठ ने कहा की कल तक वह काम पुरा नही हुआ तो job से निकाल दूगा । रमेश ने ‌‌‌कहा की ठिक है कल तक वह काम पुरा हो जाएगा ।

सेठ के इतना कहने पर भी रमेश को होस नही आया और वह निश्चित होकर फिर से सो गया । जब शुबह हुई तो सेठ को work किया हुआ नही मिला तो सेठ ने उसे work से निकाल दिया और महेश को भी बहुत सुनाया । इस तरह से रमेश के घोडे बेचकर सोने के कारण उसकी नोकरी व उसके भाई की ‌‌‌ईज्जत गई । ‌‌‌इस तरह से आप इस story का अर्थ समझ गए होगे ।

घोड़े बेचकर सोना मुहावरे पर निबंध || ghode bechkar sona essay on idioms in Hindi

दोस्तो अगर कोई ऐसा हो जिसको कोई भी work दिया जाए पर वह उस work को न कर कर उस काम से निश्चित होकर rest से सोते रहेते है तो ऐसे Peoples के लिए कहा जाता है की यह तो उस work को न कर कर घोडे बेचकर सो रहा है । इस तरह से अनेक people होते है जो अपना काम न कर कर rest से सोते रहते ‌‌‌इस तरह के people कोई भी हो सकते है

‌‌‌‌‌‌ह से शुरु होने वाले मुहावरे list-1‌‌‌

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‌‌‌‌‌‌श से शुरु होने वाले मुहावरे list -1

‌‌‌‌‌‌ष से शुरु होने वाले मुहावरे

यहां तक की पढने वाला child भी हो सकता है क्योकी जब भी इस तरह के बच्चो की exam होती है तो वे इसी तरह से आराम से सोते रहते है और अपने exam की कोई भी परवा नही होती इस कारण इस तरह के बच्चो के लिए भी इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है ।

इस world मे ज्यादा ‌‌‌लोग इसी तरह के मिलते है । जिस तरह से exam की परहवा न कर कर रमेश घोडे बचकर सोता रहा और exam मे फेल हो गया । इसी तरह से इस मुहावरे का ऐसे बच्चो व Peoples पर प्रयोग किया जाता है इस तरह से आप इस मुहावरे का meaning समझ गए होगे ।

घोड़े बेचकर सोना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of ghode bechkar sona in Hindi

दोस्तो कहते है की जब भी सोना होता है तो मानव को निश्चित हो जाना चाहिए और निश्चित होकर केवल एक घंटा भी सोया जाता है तो इससे काफी अच्छी निंद आती है और काफी बेहतर ताक्त मितली है । मगर इसके लिए निश्चित होकर सोना होता है ।

मगर आपको भी पता है और हमे भी पता है की निश्चित होकर सोने के लिए जो भी टेंसन होती है या परेशानी होती है उन्हे भूलाना होता है और तभी निश्चित होकर सोया जा सकता है ।

मगर जब कोई इस तरह से सोता है तो उसके लिए घोड़े बेच कर सोना मुहावरे का प्रयोग होता है । ऐसा इस कारण से होता है क्योकी इस मुहावरे का जो अर्थ होता है वह असल में निश्चित होकर सोना ही होताप है ।
अब आपको बता दे की आज जिसके लिए भी इस मुहावरे का प्रयोग करना चाहते है वह निश्चित होना चाहिए । हालाकी किसी भी कार्य में अ​गर पूरी तरह से निश्चित है तो उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते है और यह आप अच्छी तरह से समझते है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।