‌‌‌तीन लोक से मथुरा न्यारी का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

तीन लोक से मथुरा न्यारी मुहावरे का अर्थ teen lok se mathura nyari muhavare ka arth – दुसरो से भिन्न या अलग होना

दोस्तो देवलोक, भूलोक तथा पाताल लोक ये ऐसे तिन लोग है जहा पर भगवान विष्णु का बोलबाल है । साथ ही इन तिनो लोगो को ही सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है । मगर भगवान ‌‌‌विष्णु ने जब मथुरा मे कृष्ण के रूप मे जन्म लिया तो मथुरा भी इन लोको के समाना पहुंच गया और कृष्णजी का वही पालन-पोषण हुआ इस कारण से मथुरा इन तिनो लोको से कुछ अलग हो गया । यानि तिनो लोको से मथुरा भिन्न है । इस तरह से जब कोई व्यक्ति किसी कार्य मे अन्य व्यक्तियों से भिन्न होता है ‌‌‌तब इसे तीन लोक से मथुरा न्यारी कहा जाता है ।

‌‌‌तीन लोक से मथुरा न्यारी का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

तीन लोक से मथुरा न्यारी मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग teen lok se mathura nyari muhavare ka vakya me prayog

  • जगदीश प्रसाद के 3 बेटे है जो एक दुसरे से ‌‌‌बढ़ कर है मगर बिच वाला बेटा तीनो लोक से मथुरा न्यारा है।
  • महेशपूर के अंदर आपको एक से बढ कर एक ‌‌‌लोग देखने को मिल जाएगे पर वहा हरमानाराम तीनो लोक से मथुरा न्यारा है ।
  • ‌‌‌आस पास घुमने के ‌‌‌बाद श्याम आखिर मे कहने लगा की शिमला की तो बात ही क्या वह तो तीनो लोक से मथुरा न्यारी है ।
  • किसनलाल के परीवार मे सभी बदमाश है पर रामलाल भला मानुस निकला इसे कहते है तीनो लोक से मथुरा न्यारी ।
  • सरला को देखते ही मैं समझ गया की यह अपने परीवार से तीनो लोक से मथुरा न्यारी है ।
  • हजारीमल का तो कहना ही क्या ‌‌‌उसके जैसा इस गाव मे नही मिलेगा ‌‌‌वह तो तीनो लोक से मथुरा न्यारा है ।

‌‌‌तीनो लोक से मथुरा न्यारी मुहावरे पर कहानी teen lok se mathura nyari muhavare par kahani

‌‌‌प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे रामलाल नाम का एक आदमी रहता था । रामलाल के चार बेटे थे जो बहुत ही होशियार थे । रामलाल एक अमीर आदमी था इस कारण से उसने अपने बेटो का बहुत ही अच्छी तरह से ध्यान रखा और अच्छी तरह से परवरिश कर कर उन्हे पढाई भी करवाई थी ।

रामलाल जीस गाव मे रहता था उस गाव के ‌‌‌ज्यादातर लोग पढे लिखे थे और सभी बहुत ही अच्छे और नेक दिल थे । इस तरह से उस गाव मे सभी एक दुसरे से बढ चढ कर ही मिलते थे । इनके बिच मे रामलाल और उसका परीवार रहकर अपना जीवन गुजारता था ।

रामलाल के चारो बेटे जब भी किसी को मुसीबत मे देखते तो उसे मुसीबत से छुटकारा दिलाने  के लिए उसकी मदद कर ‌‌‌दियाकरते थे । इस तरह से रामलाल और उसके परिवार के सभी लोग दूसरो की मदद करते थे । इसी तरह से एक बार की बात है रामलाल के चारो बेटे अपने गाव मे घुम रहे थे तभी उन्हे अपने गाव का एक आदमी रास्ते पर पडा मिल गया था ।

आगे नाथ न पीछे पगहा का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

आसमान से गिरा खजूर में अटका मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नौ नकद, न तेरह उधार मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मान न मान मैं तेरा मेहमान का अर्थ और वाक्य व निबंध

न ऊधो का लेना न माधो का देना मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

यह देख कर रामलाल के चारो बेटो ने उसे जल्दी से शहर लेजाकर हॉस्पिटल मे भर्ती करा ‌‌‌दिया था । जिस आदमी को उन चारो भाईयो ने भर्ती कराया था वह उनके गाव का नही था पर वे इस बारे मे नही जानते थे ।

इस कारण से फिर उन्हाने दिन रात उसके पास रहे और उसकी मदद करते रहे थे । इस तरह से जब डॉक्टरो ने देखा की ये चारो इस आदमी की बहुत मदद कर रहे है तब डॉक्टर ने उन ‌‌‌चारो से पूछा की आप चारो हो कोन ।

यह सुन कर चारो भाइयो ने कहा की हम इसे जानते ही नही है । यह सुनते ही वहा के डॉक्टर चोक गए और फिर उन्होने पूछा की आप इसे जानते ही नही हो तो फिर इसकी इतनी मदद कर कर इसका इलाज क्यो करा रहे हो ।

यह सुनते ही सबसे छोटा लडका बोल पडा की हम दुसरो की मदद करने के बारे ‌‌‌मे जरा भी नही सोचते है । यह सुन कर डॉक्टरो ने उन सभी को समझाया की अगर वे फिर कभी ऐसे आदमी को देखे तो उसे इसी तरह से हॉस्पिटल ‌‌‌नही लाना चाहिए।  

इस बारे मे बताते हुए डॉकटरो ने कहा की अगर कभी वह आदमी गंभीर हालत मे होगा तो वह उसका जिमेदार आप ही हो ‌‌‌बताएगा । डॉक्टर की बात सुन कर चारो भाईयो मे ‌‌‌बडे तिनो भाई बोल पडे की डॉक्टर साहब आप सही कह रहे हो इस तरह से कभी हम मुसीबत मे भी फस सकते है ।

यह सुन कर सबसे छोटा भाई बोला की अगर मेरे सामने कभी ऐसा आदमी आएगा तो भी मैं उसकी मदद करूगा क्योकी उसकी मदद करना मेरा कृत्वय है चाहे फिर मै किसी मुसीबत मे भी क्यो न फंस जाओ । यह सुन कर डॉक्टर और ‌‌‌उसके भाई ने उसे समझाया ।

तभी उन चारो भाईयो को पता चला की जिसका वे इलाज करा रहे है उसे होस आ गया है । तब चारो भाईयो ने उससे बात की और फिर अपने गाव के लिए चले गए । इस तरह से उन सभी को चार दिन उस आदमी का इलाज करवाने बित गए ।

इस तरह से चारो भाई घर जा रहे थे तभी उन्हे एक आदमी दिखा जो खुन मे लतपत था । यह देख कर छोटा भाई उसकी मदद करने के लिए उसे हॉस्पिटल मे ले जाने के लिए आगे बडा तो उसके बाकी भाईयो ने उसे समझाया की वह अगर इसकी मदद करेगा तो किसी मुसीबत मे फंस जाएगा ।

इस तरह से फिर भी उसने अपने भाईयो की बात नही मानी तो उन्होने कहा की तो फिर हम तुम्हारे साथ नही जाएगे । इस तरह से ‌‌‌फिर छोटे भाई ने ही उसका इलाज करवाया । जिसके कारण से उसे पुलिस ने भी पकड लिया ।

पर जब उस आदमी को होस आया तो रामलाल के छोटे बेटे को पता चला की वह उसके पिता ‌‌‌का मित्र है । साथ ही उसने पुलिस को बयान मे कहा की इसने तो मेरी जान बचाई है । इतना कहने के कारण से पुलिस ने रामलाल के छोटे बेटे को रिहा ‌‌‌कर दिया ।

‌‌‌तीनो लोक से मथुरा न्यारी मुहावरे पर कहानी teen lok se mathura nyari muhavare par kahani

इस तरह से फिर उस आदमी ने रामलाल के छोटे बेटे के बार मे डॉक्टरो से कहा की इसके बाकी भाई भी इसी तरह के है जब भी किसी को मुसीबत मे देखते है तो मदद कर देते है पर यह तो तीनो लोक से मथुरा न्यारी है ।

इसी तरह से फिर रामलाल का छोटा बेटा उसे अपने पिता के पास लेकर चला गया । ‌‌‌जिससे घर जाने के बाद मे रामलाल ने उसे बहुत डाटा और कहा की इस तरह से किसी की भी मदद नही करनी चाहिए ।

तभी रामलाल को अपना मित्र दिखा तो उसने अपने मित्र का हालचाल पूछा तब मित्र ने कहा की रामलाल तुम्हारे गाव मे सब एक दूसरे से बढ चढ कर है और तुम्हारे चारो बेटे भी बहुत होसियार और ज्ञानी है ‌‌‌। साथ ही तुम्हारे बेटो मे अनेक गुण है फिर भी तुम्हारा छोटा बेटा तिनो लोक से मथुरा न्यारी है ।

इतना कहने के बाद मे मित्र ने रामलाल से कहा की इसने जिसकी मदद की है वह मैं ही था । इस तरह से फिर रामलाल को समझ मे आ गया की इसके इस तरह से मदद करने के कारण से आज उसके मित्र की जान बच गई है ।

इस तरह ‌‌‌फिर रामलाल अपने बेटे को कभी भी किसी कार्य के लिए मना नही करता था और उसका छोटा बेटा भी इसी तरह से दूसरो की मदद करता रहता था ।‌‌‌ इस तरह से आपको इस कहानी से समझ मे आ गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

तीन लोक से मथुरा न्यारी मुहावरे पर निबंध || teen lok se mathura nyari essay on idioms in Hindi

दोस्तो तीन लोको के बारे में आपको पता है मगर जिसे हम मथुरा के नाम से जानते है वह भगवान श्री कृष्ण जी से जुड़ा है और यही कारण है की इस मथुरा को तीनो ही लोक में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है । और तीनो लोक में श्रेष्ठ होने के कारण से मथुरा तीनो लोक से न्यारी हो गई ।

क्योकी न्यारी होने का मतलब अलग होना होता है और इस बात से आप समझ सकते है की मुहावरे का अर्थ दुसरो से भिन्न होना होता है और इस बारे में आपने उपर समझ भी लिया है ।

अब अगर किसी के बारे में दूसरो से भिनन होने के लिए प्रयोग में लाया जाता है तो उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है और उसके लिए कहा जा सकता है की यह तीनो लोक से मथुरा न्यारी है ।

जैसे की मान ले की आपका एक मित्र है जो की सभी से अलग तरह का है तो उसके लिए आप इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते है ।

very very most important hindi muhavare

नाक पर मक्खी न बैठने देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ठहाका लगाना का अर्थ और वाक्य व कहानी

दूध के दांत न टूटना मुहावरे का मतलब व वाक्य मे प्रयोग

पेट पर लात मारना का मतलब, वाक्य मे प्रयोग व निबंध

दबे पाँव आना मुहावरे का मतलब व वाक्य मे प्रयोग

दिल बाग बाग होना मुहावरे का मतलब व वाक्य और कहानी

आसमान टूट पडना मुहावरे का मतलब, वाक्य व कहानी

तिलमिला उठना मुहावरे का मतलब व वाक्य मे प्रयोग व निबंध

ठन ठन गोपाल का अर्थ, वाक्य मे प्रयोग और कहानी

जमीन पर पाँव न पड़ना का अर्थ, वाक्य व कहानी

जान के लाले पड़ना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दिन रात एक करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दुम दबाकर भागना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दिन में तारे दिखाई देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

छाती पर पत्थर रखना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चंपत हो जाना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ख्याली पुलाव पकाना का अर्थ, वाक्य व कहानी

गले का हार होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँच न आने देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कलेजा मुँह को आना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कलेजे पर साँप लोटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य ‌‌‌व कहानी

कलेजा ठंडा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आ बैल मुझे मार का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कान में तेल डालना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँख मारना मुहावरे का अर्थ, वाक्य व कहानी

आम के आम गुठलियों के दाम का अर्थ, वाक्य व कहानी

आसमान पर चढ़ना का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

तिल का ताड़ बनाना का अर्थ और वाक्य व कहानी

दिमाग सातवें आसमान पर होना का अर्थ , वाक्य व कहानी

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।