आधा तीतर आधा बटेर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आधा तीतर आधा बटेर मुहावरे का अर्थ aadha titar aadha bater muhavare ka arth – अजीब या बेढंगा होना

दोस्तो तीतर और बटेर दो अलग अलग प्राणी है जो अपना जीवन अगल अलग तरीके से जिते है और देखने मे भी अलग दिखते है । परन्तु जब किसी तीतर और बटेर को मिलाकर एक जीव बना‌‌‌ दिया जाता है तो वह दिखने मे अटपटा या बेढंगा लगता है । इसी ‌‌‌कारण से जब कोई व्यक्ति किसी कारण से बेढंगा या अनोखा या अजीब सा लगता है तब उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

आधा तीतर आधा बटेर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌आधा तीतर आधा बटेर मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग aadha titar aadha bater muhavare ka vakya me prayog

  • राजू ने कैसे कपडे पहने है जरा भी मेल नही खा रहे है यह तो वही बात हुई आधा तीतर आधा बटेर ।
  • महेश के घर मे आग लग जाने के कारण से महेश का आधा शरीर जल गया जिससे देखने मे महेश आधा तीतर आधा बटेर की तरह लगता है ।
  • ‌‌‌जब ‌‌‌कुशल बचपन मे था तो बहुत ही सुन्दर हुआ करता था पर उसके चेहरे पर ऐसिड गिर जाने के कारण से उसकी हालत आधा तीतर आध बटेर वाली हो गई ।
  • इतने पैसे होने के बाद भी रामनारायण आधा तीतर आधा बटेर की तरह रहता है ।
  • यह तो हमेशा से ही आधा तीतर आधा बटेर की तरह रहता है इसमे क्या नई बात है ।
  • ‌‌‌पिताजी के मर जाने के बाद मे हजारीलाल के सिर पर इतना कर्जा हो गया की बिचारा आधा तीतर आधा बटेर की तरह रहने लगा है ।
  • अगर आज तुमने मेरी बात नही मानी तो लोग तुम्हे आधा तीतर आधा बटेर से कम नही समझेगे ।

‌‌‌आधा तीतर आधा बटेर मुहावरे पर कहानी aadha titar aadha bater muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक राजा रहा करता था । राजा के ‌‌‌परिवार मे उसके माता पिता के अलावा राजा की पत्नी रहा करती थी । राजा का विवाह हुए काफी समय हो गया था फिर भी राजा के घर मे किसी संतान ने जन्म नही लिया । जिसके कारण से राजा बहुत ही ‌‌‌परेशान हो गया था ।

तब राजा के पिता ने उससे कहा की बेटा अगर कोई संतान नही हुई तो तुम दुसरा विवाह कर लो । क्योकी उस समय राजा कई विवाह कर सकता था । जिसके कारण से राजा ने बिना सोचे समझे दुसरा विवाह कर लिया था । इस कारण से फिर राजा अपनी दुसरी पत्नी के साथ ज्यादा समय बिताने लगा था ।

जब इस ‌‌‌बात को दो वर्ष हो गए तब भी राजा के कोई संतान नही हुई तो एक दिन राजा परेशान होकर यात्रा करने के लिए पास के ‌‌‌राज्य की तरफ निकल गया था । उस समय राजा के साथ कोई भी नही था ।

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इसी तरह से राजा यात्रा करता हुआ पास के राज्य मे पहुंच गया था । वहा पर राजा ने अपनी पहचान छुपा ली और एक साधारण व्यक्ति बन गया। ‌‌‌जब राजा साधारण तरह से रहने लगा तो उसे अनेक कठिनाईयो का सामना करना पडा था ।

इसी तरह से दो सप्ताह बित गए पर राजा अभी उसी राज्य मे था । तब उसे एक दिन पता चला की इस राज्य मे एक जंगल है जहा पर एक साधू रहता है । अगर साधू किसी को कुछ वर्दान देता है तो वह सच हो जाता है ।

यह जान कर राजा साधू से ‌‌‌मिलने के लिए जाने लगा था । पर उस राज्य के राजा ने साधू को रहने के लिए एक जंगल दे दिया था जिसमे कोई भी उन्हे परेशान करने के लिए नही जा सकता था । अगर कोई जाता हुआ पकडा जाता तो उस राज्य का राजा उसे सजा देता था ।

इस तरह से फिर राजा मन ही मन सोचने लगा की अगर मै किसी तरह से साधू के पास चला गया ‌‌‌तो मेरे घर मे भी संतान हो जाएगी । इस तरह से सोच कर राजा ने अपना ‌‌‌रूप इस तरह से बदल लिया की देखने वाला हर कोई उस पर हंसने लगा था ।

 क्योकी उसने निचे स्त्री के वस्त्र और उपर पुरूष के वस्त्र पहन लिए थे । जिसके कारण से दिखने मे राजा बेढंगा लगने लगा था । इस तरह से देख कर राजा ‌‌‌का उस राज्य के लोग मजाक बनाने लगे थे । जिसके कारण से राजा ने कई दिन ‌‌‌तक इसी तरह से अपना जीवन छुप कर बिताया परन्तु एक रात ‌‌‌वह मोके का फायदा उठा कर जंगल मे चला गया था ।

वहा पर जाने के बाद मे राजा ने देखा की साधू ध्यान मे लिन है । यह देख कर राजा ने बिना सोचे समझे साधू को ध्यान से ‌‌‌जगाने लगा । ‌‌‌इस कारण से जैसे ही साधू का ध्यान टुटा साधू को क्रोध आ गया और उसके सामने खडे राजा पर साधू ने अपने नेने खोल दिए । जिसके कारण से राजा बहुत ही बदसूरत बन गया ।

तब कुछ समय के बाद मे साधू को पता चला की यह एक राजा है जो किसी कारण से मेरे पास आया है इस कारण से उसने राजा से पूछा की तुम मेरे पास किस ‌‌‌कारण से आए हो । तब राजा ने अपना दुख साधू के सामने रखा ।

जिसे सुन कर साधू को भी अपने आप पर पछतावा होने लगा था क्योकी उसने राजा जैसे निर्दोश को भद्दा बना दिया । तब साधू ने राजा से कहा की मेने तुम्हारे साथ ‌‌‌जो किया है मैं उसे वापस नही बदल सकता परन्तु तुम्हारे घर मे एक संतान बेटे के रूप मे जन्म ‌‌‌लेगी ऐसा मैं वर्दान देता हूं ।

यह सुन कर राजा बहुत खुश हो गया था परन्तु पल भर मे वह दुखी हो गया । तब साधू ने राजा से पूछा की तुम दुखी क्यो हो गए हो । तब राजा ने कहा की अगर मैं महल गया तो मेरे परीवार वाले मुझे नही पहचानेगे तो मै ‌‌‌कहा जाउगा । यह सुनते ही साधू समझ गया की मेरे कारण से इसका जो चेहरा ‌‌‌भद्दा हो गया, जिसके कारण से कोई भी इसे नही पहचान सकता है ।

इस तरह से सोचने के बाद मे साधू ने राजा से कहा की ठिक है तो फिर मैं तुम्हे इसका उपाय बताता हूं । इस तरह से कहकर साधू ने राजा से कहा की तुम एक महिने तक अपने पहले वाले रूप मे रहोगे परन्तु फिर तुम्हारा रूप बदलता जाएगा । इस तरह से ‌‌‌कह कर साधू ने उसे जाने को कहा था ।

अब राजा अपने राज्य मे अपने महल मे पहुंच गया था । इस तरह से एक महिने के बाद मे राजा की हालत आधा तीतर आधा बटेर की तरह होने लगी थी । तब राजा ने अपने पर बिती बात अपने परीवार को बता दी ।

इसी तरह से साधू के वर्दान के अनुसार नो महिने के बाद मे राजा की पहली पत्नी ‌‌‌की कोख से एक बेटे ने जन्म लिया । यह देख कर राजा बहुत ही खुश हो गया था । परन्तु अब तक राजा बहुत ही भद्दा दिखने लगा था । जिसके कारण से राज्य के लोग भी राजा को आधा तीतर आधा बटेर कहने लगे थे ।

‌‌‌आधा तीतर आधा बटेर मुहावरे पर कहानी aadha titar aadha bater muhavare par kahani

पर राजा फिर इस बात से बिल्कुल भी नही चिडता था बल्की अपनी हालत को स्वीकार कर कर ऐसे ही रहता था ‌‌‌। इसी तरह से फिर राजा ने अपना जीवन बिताया था । अब राजा के बेटे को देखने ‌‌‌से लगने लगा था की राजा और ‌‌‌उसके बेटे मे बुहत ‌‌‌फर्क है क्योकी राजा का बेटा बहुत ही सुन्दर है और राजा बहुत की भद्दा था ।

इस तरह से फिर राजा के मरने के बाद मे राजा का बेटा ही उस राज्य का नया राजा बन गया और पूरे राज्य के ‌‌‌के लोगो की अच्छी सेवा करने लगा था । इस तरह से आपको इस कहानी से पता चल गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

आधा तीतर आधा बटेर मुहावरे पर निबंध aadha titar aadha bater muhavare par nibandh

साथियो माना जाए की कोई व्यक्ति बहुत ही सुन्दर है वह बहुत ही अच्छी अच्छी पोसाके पहनता है । इस कारण से देखने वाला उसे बहुत ही महान और सुन्दर ‌‌‌कहता है । क्योकी उसके शरीर और पोसाको का एक जैसा रहना बहुत ही सुन्दर लगता है ।

इसी के विपरीत किसी व्यक्ति के हाथ पैर जले हुए कान कटे हुए यानि दिखने मे जब कोई अजीब या बेढंगा सा लगे तो इसे भद्दा कहा जाता है । इसी तरह से कोई व्यक्ति अच्छा होने के बाद भी इस तरह से भद्दा दिखता है की देखने ‌‌‌वाला कहता है की यह अजीब क्यो लग रहा है ।

इसी तरह के भद्दे या अजीब दिखने वाले लोगो के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है क्योकी आधे तीतर और आधे बटेर को मिलाने पर वह अजीब ही लगता है । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ अजीब या बेढंगा होना होता है । इस तरह से आप इस मुहावरे के बारे मे समझ गए होगे ।

आधा तीतर आधा बटेर मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of aadha titar aadha bater in Hindi

दोस्तो अगर आप पक्षी के बारे में जानकारी रखते है तो आपको तीतर और बटेर के बारे मे जरूर पता होगा । अगर तीतर की बात करे तो इनके बारे में बहुत से लोगो को पता है मगर वही पर बटेर की बात करे तो इसके बारे में कम ही लोगो को पता है । अगर आप भी बटेर के बारे में नही जानते है तो इतना समझ ले की यह तीतर से अलग तरह का पक्षी है ।

क्योकी बेटर और तीतर दो अलग अलग तरह के पक्षी है और फिर दोनो को दोनो को आधा आधा मिला लिया जाए तो फिर जो एक पक्षी बनता है वह देखने में अजीब या बेढंगा लगता है । और यह पूरी तरह से सच है ।

तो यह मुहावरा असल में आधा तीतर और आधा बटेर होने के बारे मे बात कर रहा है और इसका मतलब हुआ की किसी अजीब या बेढंगा पक्षी की बात कर रहा है और असल में यही इस मुहावरे का सही अर्थ है यानि अजीब या बेढंगा होना ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।