आँख का अंधा गाँठ का पूरा का अर्थ और वाक्य में प्रयोग व कहानी

आँख का अंधा गाँठ का पूरा मुहावरे का अर्थ aankh ka andha ganth ka pura muhavare ka arth – ऐसा मुर्ख व्यक्ति जो धनवान हो

दोस्तो जिस व्यक्ति के आंख नही होती है वह पूरे संसार को एकमात्र ही समझता है । यानि वह चारो तरफ ‌‌‌अंधकार समझता है । मगर जब इस तरह के व्यक्ति के ‌‌‌पास धन की कोई कमी न हो तब भी उस व्यक्ति के लिए वह धन बिल्कुल अंधेरे के समान ही होगा ।

इसी तरह से जब किसी मुर्ख व्यक्ति के पास धन होता है तो वह बिना सोचे समझे ही उसे खर्च करने लग जाता है । बिल्कुल एक अन्धे व्यक्ति की तरह । इसी कारण से ऐसा मुर्ख व्यक्ति जो धनवान होता है उसके लिए ‌‌‌इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

आँख का अंधा गाँठ का पूरा का अर्थ और वाक्य में प्रयोग व कहानी

आँख का अंधा गाठ का पूरा मुहावरे का वाक्य में प्रयोग aankh ka andha ganth ka pura muhavare ka vakya me prayog

  • किशोर के पास इतना धन होने के बाद भी वह फटे पुराने कपडे पहनता है यह तो आंख का अंधा गाठ का पूरा है ।
  • जब सेठ ने भिखारी को दान मे हजार रूपय दे दिए तो मैं समझ गया की सेठ आंख का अंधा गाठ का पूरा है ।
  • ‌‌‌हर बार रामू दुकानदार के बहकावे मे आकर अनउपयोगी वस्तु खरीद कर ले आता है यही है आंख का अंधा गाठ का पूरा ।
  • ‌‌‌कुसल को ठगना इतना आसान नही है जितना तुम सोच रहे हो क्योकी वह आंख का अंधा गाठ का पूरा नही है ।
  • जब किसन ने बिना गलती के लोगो को पैसे दे दिए तो मैं समझ गया की यह आंख का अंधा गाठ का पूरा ‌‌‌है ।
  • राजेश शहर से मिठाई लाने के लिए गया था पर पैसे सब खर्च कर कर आ गया आंख का अंधा गाठ का पूरा ।

‌‌‌आंख का अंधा गाठ का पूरा मुहावरे पर कहानी aankh ka andha ganth ka pura muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक सेठ रहा करता था । सेठ के एक लडकी और एक लडका था । सेठ के लडके का नाम रामू था । सेठ जिस गाव मे रहता था उस गाव का बाजार बहुत ही रोनक सोनक लीए हुए लगा रहता था ।

जब भी कोई व्यक्ति वहा से कोई वस्तु खरीदने के लिए जाता ‌‌‌तो बाजार की सुंदरता उन्हे मोहित कर लेती और बहुत अधिक पैसे खर्च करवा देती थी । मगर सेठ बाजार की चमक से बचा रहता था । वह जानता था की इस तरह से बवजह पैसे खर्च करने से कोई फायदा नही होगा ।

इस कारण से सेठ अपने मन मे जिस वस्तु को लेने के लिए जाता उसी के बारे मे ख्याल रखता था । और जब वह वस्तु ‌‌‌खरीद लेता तो वह अपने घर आ जाता था । इस तरह से सेठ बाजर मे जाकर भी बहुत कम पैसे खर्च करता था ।

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इस बात के बारे मे आस पास के लोग जानते थे जिससे वे लोग कभी कभार पूछ लेते की आप बाजार मे जाकर भी पैसे खर्च कर कर नही आते हो यह क्या कैसे होता है । तब सेठ उन्हे एक ही बात कहता की बाजार मे जो लोग अपनी ‌‌‌वस्तु बेचते है वे दिखावा तो करेगे ही ।

क्योकी अगर वस्तु के चारो और सुंदरता नही होगी तो लोगो का वहा जाने का मन नही करेगा । मगर जब चारो ओर बहुत सुंदरता होती है तो सभी वहा चले जाते है और अनउपयोगी वस्तु भी वहा से खरीद कर ले आते है । यह सुन कर गाव के अनेक लोग उस सुंदरता से दूर हो जाते ‌‌‌थे । धिरे धिरे समय के साथ रामू बडा हो गया ।

तब रामू के पिता यानि सेठ के पास बहुत पैसे थे । जिसके कारण से रामू उन पैसो पर ऐस करता था और जहां पर भी खर्च करने को मोका मिल जाता वहां खर्च कर दिया करता था । इस तरह से पैसे खर्च करते रहने पर सेठ ने उसे कई बार समझाया भी था परन्तु उसने अपने पिता की ‌‌‌बात नही मानी ।

इसी तरह से रामू का जीवन चलता रहा और एक दिन अचानक सेठ की मृत्यु हो गई । सेठ की मृत्यु हो जाने के बाद मे घर की सारी जिमेदारीया रामू पर आ गई और सेठ का सारा धन भी रामू ‌‌‌का बन गया । सेठ के अनेक तरह के कार्य चला करते थे, जिससे बहुत धन प्राप्त होता था ।

इस तरह से रामू को कभी धन की ‌‌‌कमी नही हुई । जिससे वह पहले की तरह की अपना धन उडाता रहता था । एक बार की बात है गाव के सभी लोग बाजार जा रहे थे । तब उनके साथ रामू भी गया हुआ था । क्योकी रामू के पास बहुत पैसे थे इस कारण से उसने बाजार से बहुत अधिक ‌‌‌वस्तु खरीद लिया था ।

जिसे देख कर गाव के सभी लोग चोक गए । क्योकी रामू ने ऐसी ऐसी ‌‌‌वस्तु खरीदी थी जिसे उसकी कोई जरूरत नही थी । तब यह देख कर लोगो आपस मे बात करने लगे की सेठ का बेटा रामू उनकी तरह बिल्कुल नही है यह तो आंख का अंधा गाठ का पूरा है ।

क्योकी यह अंधे की तरह अनउपयोगी वस्तु खरीद कर अपने घर ले जा रहा है । जब रामू यह सब वस्तु घर लेकर चला गया तो घर मे बहन ने कहा की ‌‌‌इन वस्तुओ की हमे कोई जरूरत नही है । तुम यह किस कारण से खरीदकर लेकर आए हो ।

‌‌‌आंख का अंधा गाठ का पूरा मुहावरे पर कहानी aankh ka andha ganth ka pura muhavare par kahani

तब जाकर रामू को समझ मे आया की वह अनउपयोगी वस्तु खरीद कर ले आया । तब बहन ने कहा की तुमने तो आज आंख का अंधा गाठ का पूरा होने वाली बात कर दी। तब बहन ने रामू को समझाया की बाजार मे किस तरत से सुंदरता दिखा कर लूटा जाता ‌‌‌है ।

पर रामू ठहरा मुर्ख उसे अपनी बहन की एक भी बात समझ मे नही आई । और वह इसी तरह से अन्य कार्य करता था । इस तरह से रामू ने अपने जीवन मे बेवजह खुब पैसे खर्च किय । इस तरह से आपको समझ मे आ गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

आंख का अंधा गाठ का पूरा मुहावरे पर निबंध aankh ka andha ganth ka pura muhavare par nibandh

साथियो आपने उपर दी गई ‌‌‌कहानी में पढा था की किस तरह से रामू मुर्ख की तरह अनउपयोगी पैसे खर्च कर रहा था । क्योकी वह एक धनवान था इस कारण से उसे पैसो के बारे मे सोचना नही पडता था ।

इसी तरह के व्यक्तियों के लिए जो मुर्ख और धनवान होते है उनके लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । क्योकी मुर्ख व्यक्ति एक अंधे ‌‌‌के समान ही होता है । जिसके सामने कुछ भी किया जाय उसे पता भी नही चलता है । इस तरह के लोगो की इस संसार मे कोई कमी नही है ।

कुछ लोग तो ऐसे भी है जो धनवान है और मुर्ख ‌‌‌होते है इस कारण से पैसो के मोह मे बेवजह पैसे खर्च रकते है । ‌‌‌ऐसे लोग ही आंख का अंधा गाठ का पूरा ‌‌‌होते है । इस तरह से आपको इस मुहावरे के बारे मे बहुत कुछ पता ‌‌‌चल गया होगा कमेंट कर कर बताए ।

आँख का अंधा गाँठ का पूरा मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of aankh ka andha ganth ka pura in Hindi

दोस्तो वर्तमान में हर कोई व्यक्ति धनवान बनना चाहता है । अभी आपकी बात नही करेगे बल्की स्वयं की कर लेते है जो की मैं अभी धनवान बनना चाहता हूं और मेरी तरह ही अन्य सभी है जो की धनवान बनना चाहते है ।

मगर कुछ व्यक्ति ऐसे होते हे जिनके पास धन होता है और उसी धन के कारण से वे जाने जाते है । मगर धन को एक साइड में रखते है और उन व्यक्ति के बारे में बात करे तो वे मुर्ख व्यक्ति है ।

हालाकी यह जरूरी नही है की सभी धनवान लोग मुर्ख है बल्की कुछ ऐसे होते है जिन्हे ऐसा मुर्ख व्यक्ति जो धनवान हो कहा जाता है ।

और असल में यह जो मुहावरा है वह इसी तरह के लोगो के लिए प्रयोग में लाया जाता है और इसी बात का मतलब हुआ की aankh ka andha ganth ka pura muhavare ka arth – ऐसा मुर्ख व्यक्ति जो धनवान हो होता है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।