तिल तिल मिटना मुहावरे का अर्थ

तिल तिल मिटना मुहावरे का अर्थ til til mitna muhavare ka arth – धीरे-धीरे मृत्यु के करीब जाना ।

दोस्तो इस संसार में जो भी जन्म लेता है उसका एक दिन अंत जरूर होता है । यानि उसकी मृत्यु जरूर होती है । और मृत्यु होने पर उसके लिए कहा जाता है की यह तो मिट गया है । यानि जब आप किसी को मिटाते हो‌‌‌ तो इसका मतलब होता है की वह खत्म हो जाता है । और इसी तरह से व्यक्ति की मृत्यु होने पर वह खत्म हो जाता है तो मृत्यु होने को मिटना कहा जा सकता है ।

और जब कोई व्यक्ति धिरे धिरे अपनी मृत्यु के करीब जाता रहता है तो उसके लिए कहा जाता है की वह तो धिरे धिरे मिट रहा है । और इस तरह से ‌‌‌धिरे धिरे मृत्यु के करीब जाने को ही तिल तिल मिटना कहा जाता है । और इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ ‌‌‌धिरे धिरे मृत्यु के करीब जाना हो जाता है ।

तिल तिल मिटना मुहावरे का अर्थ

‌‌‌तिल तिल मिटना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

  • महेश का पिता तो काफी उम्र ले चुका है और अब तिल तिल मिटने लग गया ।
  • हमारे पास का ही एक व्यक्ति तिल तिल मिट रहा है ।
  • जब से रामू का ऐक्सीडेंट हुआ है तब से वह तिल तिल मिट रहा है ।
  • हजारी ने लोगो को खुब परेशान किया था मगर ‌‌‌जब से उसे कैंसर हुआ है तब से वह तिल तिल मिटने लगा है ।
  • कैंसर के कारण से आज हर कोई तिल तिल मिटने लगा है ।
  • जब से लोगो को कोरोना होना शुरू हुआ तो लो तिल तिल मिटने लगे ।

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‌‌‌तिल तिल मिटना मुहावरे पर कहानी

दोस्तो प्राचीन समय की बात है किसी नगर में एक धनवान सेठ रहा करता था । उसके पास धन की कोई कमी नही थी और सेठ दिल का भी नेक था । उसके कई तरह के कारोबार थे जिसके कारण से उसका अच्छा घर चलता और बाकी धन भी खुब कमाता रहता था ।

मगर सेठ ने कभी अपने धन के कारण से ‌‌‌घमण्ड नही किया था । और सेठ की यही बात मुझे सबसे अच्छी लगती है । क्योकी आज के समय में जरा से पैसे क्या आ जाते है लोग इस तरह से घमण्ड दिखाने लग जाते है जैसे की मानो उन्होने पूरे देश पर राज कर लिया हो ।

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खैर जो भी हम कहानी पर आते है । सेठ ऐसा आदमी था जो की लोगो के बारे में सोचता था और अपने ‌‌‌धन का 30 प्रतिशल लोगो के जीवन पर लगाता था । हालाकी अगर सेठ ऐसा न करे तो भी उसे कोई नही कह सकता था । मगर वह अपनी इच्छा के कारण से लोगो की खुब सेवा किया करता  था ।

उसका मानना था की जीवन में धन इस भौतिक दूनिया की माया है और मरने के बाद में इसे साथ नही लेकर जाया जाता है । तो कर्म कमाना होगा और ‌‌‌उसके लिए धन मेरे पास है जिसके कारण से मैं अच्छा कर्म कमा सकता हूं । हालाकी सेठ ने ऐसा भी नही किया की लोगो को जाकर धन देने लग जाए ।

क्योकी ऐसा करने के कारण से लोगो को फ्री का मिलने लग जाता है और फ्रि की कोई कदर नही होती है और यह बात सेठ को अच्छी तरह से मालूम थी । बल्की सेठ एक ऐसा काम करता ‌‌‌जिससे किसी एक का फायदा नही होता था बल्की सभी का फायदा हो । और इसी कारण से सेठ सभी लोगो से उच्चे कद पर पहुंच गया था ।

अब आप ही बताओ की कोई व्यक्ति अपने पैसे खर्च कर कर हमारी मदद करता है तो हम उसे महान नही कहेगे तो क्या कहेगे । हा सरपंच और जैसे सरकारी अधिकारी का तो यह काम होता है । और वे ‌‌‌जो भी करते है वे अपने बजट से नही करते है बल्की सरकारी बजट से करते है । तो उनको माहन नही कहा जाता है ।

हालाकी अगर कोई अपने पैसे को ही खर्च कर कर सेठ की तरह काम करे तो उसे महान ही कहेगे । और इसी तरह से सेठ को लोग महान मानते थे । हालाकी सेठ के पास जो भी जाता तो उसकी मदद जरूर करता था मगर पैसे नही ‌‌‌देता था । अगर किसी तरह की वस्तु या समस्या है तो उसका निवारण सेठ कर दिया करता था ।

क्योकी सेठ को मालूम था की लोग फ्रि में पैसे लेने के लिए किसी भी हद तक गिर सकते है । तो उसने केवल लोगो की मदद करनी चाहिए न की उन्हे पैसे देना चाहा । अब आप समझो की दस पंद्राह घर है और वहां पर पानी की कमी हो ‌‌‌रही है तो वहां पर पानी की कमी को दूर कर दिया जाए तो यह एक अच्छा काम होता है । और इस बारे में आपको पता है ।

‌‌‌तिल तिल मिटना मुहावरे पर कहानी

दूसरी बात जब कोई यह अपने पैसो से करता है तो वह तो महान होगा ही । ओर इसी तरह से सेठ करता था । इसमें किसी एक का फायदा भी नही हो रहा है बल्की बहुत से लोगो का फायदा हो जाता है । तो एक काम कर ‌‌‌कर सेठ ने से भी के लोगो के दिल में जगह बना ली थी । और इसी तरह से सेठ हमेशा करता रहता था ।

अब एक ऐसी ही बात है जिसमें सेठ का ही नही बल्की पूरे गाव का फायदा हुआ था । दरसल एक बार सेठ के पास ही कोई गरीब व्यक्ति रहा करता था । और अचानक उसकी बेटी बीमार हो गई । अब गाव था शहर से काफी दूरी पर । और ‌‌‌इतनी दूरी पर बच्ची को लेकर जाना भी आसान नही था । तभी उस गरीब ने सेठ से मदद मागी । तब सेठ ने भी काफी कोशिश की और एक बेलगाड़ी मगवाई । उस समय यही वाहन था । तो बेलगाड़ी पर बच्ची को लेकर शहर की तरफ चले गए । मगर आधे रास्ते पर पहुंचे ही थे की बच्ची ने दम तोड़ दिया ।

‌‌‌यह देख कर सेठ को काफी दुख हुआ । उसे लगा की आज उसके पास इतना धन है मगर फिर भी वह किसी को बचा नही सकता है । और इस तरह से सेठ दो दिनो तक काफी पेरशान रहा था । मगर समय के साथ सेठ को इसका उपाय सुझ गया था ।

जब उसने अपने पैसे खर्च कर कर एक छोटा असपताल बना दिया । जिसमें लोग अपनी बीमारी का इलाज करवा ‌‌‌सकते है । और अपने पैसे खर्च कर रक वहां पर एक सरकारी डॉक्टर की व्यवस्था भी कर दी थी । मगर तब उस डॉक्टर ने कहा की यहां पर सुविधा की कमी हमेशा रहेगी । जिसके कारण से कुछ ऐसे वाहन की पूर्ती करे जिससे अगर कोई बीमार व्यक्ति ज्यादा बीमार होता है तो उसे जल्द से जल्छ शहर में भेज दिया जाए ।

‌‌‌डॉक्टर की बात सुन कर सेठ ने काफी दिमाग लगाया । तब उसे घुड़सवारी के बारे में पता चला । उसे पता चला की बेल की तुलना में घुड़सवारी सही रहती है  ।क्योकी घोड़े जल्दी भागने की ताक्त रखते है । तो सेठ ने दो घोड़ो को एक साथ कर कर घुड़सवारी का इंतजाम कर दिया । जो की असपताल के बाहर हमेशा रहता था ।

अब ‌‌‌इस बात को कुछ ही दिन बिते थे की आचान गाव में एक व्यक्ति बीमार हो गया और वह इतना बीमार था की उससे खड़ा नही हुआ जा रहा था । तो उसे जल्द से जल्द असपताल में लेकर चले गए । वहां पर डॉक्टर ने उसका इलाज करना शुरू कर दिया ।

‌‌‌तब डॉक्टर ने काफी कोशिश कर कर उस व्यक्ति को ठिक कर दिया औरवह दस दिनो के बार में चल फिर सकता था । इस तरह से फिर उस असपताल के कारण से बहुत से लोगो का फायदा हो गया था ।

अब इस बात को कुल 20 वर्ष बित गए थे और अब सेठ एक दिन बीमार हो जाता है क्योकी सेठ की अब उम्र हो जाती है । जैसे ही लोगो ‌‌‌को पता चला की सेठ बीमार है तो तुरन्त वे सभी डॉक्टर के पास जाते है और डॉक्अर को इलाज करने के लिए कहते है । तब डॉक्टर उन्हे देखनेके लिए चली गई । मगर वहां पर जाने के बाद में डॉक्टर को पता चल गया की सेठ अब तिल तिल मिटने लगे है ।

और इस बारे में जब गाव के लोगो को कहा तो उन्होने डॉक्टर की ‌‌‌एक बात नही सुनी बल्की डॉक्टर से कहा की आपको इनका इलाज करना होगा । मगर फिर भी डॉक्टर ने कहा की अब कुछ नही हो सकता है सेठ जी की उम्र हो चुकी है । ओर अब से तिल तिल मिटने लगे है ।

लोगो ने ऐसी बाते सुनी तो काफी दुखी हो गए । और खाना पानी छोड कर सेठ के घर के बारह ही बैठे रहे थे । और लगातार दस ‌‌‌दिनो तक सेठ के बीमार रहने के बाद में उनकी मोत हो गई थी । तब पुरा का पूरा गाव ही काफी दुखी था । हालाकी ऐसा होता भी है क्योकी जो लोग सभी का भला करते है उनके लिए गाव के सभी लोग दुखी हो जाते है ।

तो इस तरह से डॉक्टर ने पहले ही कहा था की अब यह धिरे धिरे मृत्यु के करीब जा रहे है ।

हालाकी उम्र ‌‌‌होने के कारण से मृत्यु को टाला नही जा सकता है । और यह बात आपको पता है और मुझे भी ।

तिल तिल मिटना मुहावरे पर निबंध

दोस्तो इस मुहावरे को समझने के लिए आपको इस मुहावरे पर ही ध्यान देना चाहिए । क्योकी इसमें मिटने की बात की जा रही है । और आपको पता होना चाहिए की मिटने का मतलब होता है खत्म ‌‌‌होना या समाप्त होना । जैसे की हम एक लकीर खिचते है । और उसे मिटा देते है तो इसका मतलब हुआ की लकीर समाप्त हो गई ।

‌‌‌तिल तिल मिटना मुहावरे पर कहानी

इसे इस तरह से भी समझ सकते है की दो भाईयो मे बटवारा हो जाता है तो वे घर को आधा आधा बाटने के लिए बिच में लकीर खिचते है या यह चयनित करते है की इधर का हिस्सा मेरा है और उधर का ‌‌‌हिस्सा तेरा है तो यह जो बीच में रेखा बनती है वही लकीर होती है । और जब इस रेखा को समाप्त कर दिया जाए यानि मिटा दिया जाता है तो इसे कहा जाता है की रेखा मिट गई जिसके कारण से बटवारा खत्म हो गया ।

‌‌‌और जब इसे इंसान पर लागू करते है तो मिटने का मतलब मृत्यु होना होता है। यानि कहा जाता है की आज वह तो मिट गया । तो इसका मतलब है की उसकी मृत्यु हो गई ।

अब मिटने की बात तो हो रही है मगर यहां पर कहा जा रहा है की तिल तिल मिटना । तो इसका मतलब है की धिरे धिरे मृत्यु के करीब जाना । जैसे की ‌‌‌कोरोना काल में हुआ था । जिसके कोरोना हो गया था वह धिरे धिरे अपनी मृत्यु के करीब जाता रहता था । तो इस तरह से जो भी कोई व्यक्ति धिरे धिरे अपनी मृत्यु के करीब जाने लग जाता है तो इसे तिल तिल मिटना कहा जाता है। तो आप इस बात से समझ सकते है की इस मुहावरे का अर्थ क्याहै ।

हमे अशा है की आपका ‌‌‌दिमाग काफी ताक्तवर और समझदार है जो की अब तक इस मुहावरे को अच्छी तरह से समझ गया होगा। और आशा है की जीवन में कभी इस मुहावरे के बारे में पढने की जरूरत नही होगी ।

अगर आप फिर भी कुछ पूछना चाहते है तो निचे कमेंट कर देना ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।